RE: Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ
कुछ देर बाद जब वो अपने ओर्गज्म बाहर निकली तो मुझ से कस कर लिपट गई
'' मास्टर जी आप ने हमें बहुत मज़ा दिया !” उसने कमजोर सी आवाज में कहा उसकी आवाज में वो दृढ़ता नहीं थी
'' मीना, कितनी प्यारी प्यारी हो न तूम. .” मैंने प्यार से उसे चूमते हुए कहा;
मीना बेटा एक बात और मान ले जल्दी से!” मैंने कहा तो उसने प्रश्नवाचक दृष्टि से मुझे देखा.
''अब तुम मेरे लंड को चूस कर शांत कर दो . देखो कितना तड़प रहा है .” मैंने उसे अत्यंत प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा.
“अच्छा ठीक है, आज आप मुझे पूरा बेशर्म बना कर ही छोड़ना.” वो बोली और अपने हाथ मेरे लंड पर रख दिए
मैं उसकी मासूमियत पर मुस्कुरा उठा और गोद में बैठी मीना के होंठों को चूम लिया. मीना के नर्म और सुन्दर होंठ इतने कमाल के थे कि मुझे तो मीठे ही लग रहे थे, मैंने उसके रसीले मीठे होंठों को बहुत देर तक चूमा और उसने भी मेरे होठों को चूमा, मेरी जीभ को अपने मुंह में ले कर चूसा.
और फिर उसने मेरी जीन्स घुटनों तक खिसका कर अंडर वियर के ऊपर से लंड को मसलना शुरू किया.
मेरा लंड पूरा बारह बजे की सलामी दे रहा था और मीना उसे ऐसे घूर रही थी जैसे आज तो निचोड़ ही देगी. मीना ने मेरे लंड को अपनी आँखें बंद कर के सूंघा और आँखें बंद किए किए ही उसने मेरे लंड पर अपने होंठ फिराने शुरू कर दिये, मीना मेरी अपेक्षाओं के बिल्कुल उलट एक हॉर्नी लड़की की तरह बर्ताव कर रही थी और अब वो मेरे लंड को अपने चेहरे पर फिराने लगी, उसने मेरा लंड अपने माथे पर फिर आँखों फिर नाक गालों होठों और ठोड़ी पर फिराया.
अब उसने मेरे लंड को फिर से चूमना शुरू किया और चूमते चूमते उसने मेरा लंड मुंह में ले लिया, पहले तो सिर्फ काफी देर तक लंड के टोपे को ही चूसती रही. फिर एकाएक उसने मेरे लंड को अपने गले तक अन्दर उतार लिया. मैंने भी उसके मुंह में धक्के लगाने शुरू किए तो उसने मुझे पीछे धकेल कर कहा- मास्टर जी साँस रूकती है, आप मत करो कुछ भी, मुझे ही सब करने दो न!
मैं मुस्कुराया और कहा- जो भी कर रही हो, बड़ा ही मजेदार है, अब तुम्ही करो, मैं कुछ नहीं करूँगा.
मीना ने मेरे लंड को अपने मुंह में रखा और हाथ से पकड़ कर जैसे मंजन कर रही हो, ऐसे दाँतों पर रगड़ने लगी, फिर उसने मेरे लंड की लम्बाई पर अपने मुंह को ऐसे लगा लिया जैसे बांसुरी बजा रही हो और ऐसे ही अपना मुंह मेरे लंड पर रगड़ने लगी.
मैं मीना के इस लंड चूसने की कलाकारी को मुस्कुराते हुए देख रहा था और उसके बालों में हाथ भी फिरा रहा था.
उसने कहा- मास्टर जी, आपको मज़ा तो आ रहा है न?
तो मैंने भी मुस्कुरा कर कहा- मेरी जान, ऐसा मज़ा आज तक नहीं आया, तुम बस चूसती रहो.
मीना अपनी जीभ से मेरे लंड को ऐसे चाट रही थी जैसे कोई लोलीपॉप या चुस्की गोला हो और उसने अपनी इस कलाकारी से मेरे लंड के टोपे के साथ साथ मेरे पूरे लंड को लाल कर दिया था, अब मेरे लंड की एक एक नस खिंची हुई और साफ़ साफ़ नज़र आ रही थी.
लेकिन मीना का तो जैसे मेरे लंड से मन ही नहीं भर रहा था और उसने मेरा लंड चूसना जारी रखा, उसके थूक से लबरेज़ मेरे लंड पर उसने अपने हाथ का मूवमेंट और तेज़ कर दिया और बस मेरे शरीर में एक तेज़ गनगनाहट हुई, फिर मेरा सारा वीर्य उसके चेहरे पर, गले पर, चुचों पर गिर गया और कुछ को वो वक़्त रहते पी गई या चाट गई
कुछ देर तक हम आराम करते रहे फिर मैने और मीना ने जल्दी से अपने अपने कपड़े ठीक किए और नौर्मल बात करने लगे
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