RE: Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ
"हाइईईईईईई, धीरे, आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह प्लीज़.आपका लंड बहुत बड़ा और मोटा है. मुझे दर्द हो रहा है, उईईईईईई माँ मररर्र्ररर गैिईईईईईईई आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मालकिंन्ननणणन् बचाओ " वो बिलबिलायी. उसकी बुर मेरे वृहत्काय लंड के ऊपर अप्राकृतिक आकार में फ़ैल गयी थी. उसके सारे शरीर में दर्द की लहर दौड़ गयी. वो छटपटाई और मुझ को धक्का देकर अपने से दूर करने के लिए हाथ फैंकने लगी.
मेरा लंड अब उसकी बुर में फँस गया था. मैने उसकी दोनों कलाई अपने एक विशाल हाथ में पकड़ कर उसके सिर के ऊपर स्थिरता से दबा दी और अपना भारी विशाल बदन का पूरा वज़न डाल उसके ऊपर लेट गया. वो अब मेरे नीचे बिलकुल निस्सहाय लेटने के कुछ और नहीं कर सकती थी. मेरा महाकाय शरीर उसे अब और भी दानवीय आकार का लग रहा था
वो अपने नीचे के होंठ को दातों से दबा कर आने वाले दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश के लिए तैयार होने का प्रयास करने लगी.
मैने अपनी शक्तिशाली कमर और कूल्हों की मांसपेशियों की सहायता से अपने असुर के समान महाकाय लंड को उसकी असहाय कुंवारी बुर में दो-तीन इंच और अंदर धकेल दिया. वो दर्द के मारे छटपटा कर ज़ोर से चीखी, "नहीं, नहीं , मास्टर जी, आपने मेरी बुर फाड़ दी. मेरी बुर से अपना लंड निकाल लीजिये. मुझे आपसे नहीं चुदवाना. आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मर गयी, मैं ...आह मेरीईई चू...ऊ ..ऊ ..त फ..अ..आ..त ग...यी."
वो पानी के बिना मछली के समान कपकपा रही थी.
मैने उसकी दयनीय स्तिथी और रिरियाने को बिलकुल नज़रंदाज़ कर दिया. वो बिस्तर में मेरे अमानवीय शक्तिशाली शरीर के नीचे असहाय थी. मैने उसकी बुर में अपने दानवाकारी लंड को पूरा अंदर डाल कर उसकी चुदाई का निश्चय कर रखा था.
उसकी आँखों से आंसू बहने लगे. मैने कहा "चुप बेटा..शुष.." की आवाज़ों से उसे असहनीय पीढ़ा को बर्दाश्त करने की सलाह सी दी.
अब सेठानी भी पास आ गई और उस लोन्डिया के आँसू पोंछ कर उसको प्यार से बोली '' बस बिटिया अब तो तुम्हारी बुर ने लंड का स्वाद चख लिया है थोड़ी देर मे दर्द ख़तम हो जाएगा थोड़ा हॉंसला रखो बिटिया '' और छोकरी के कच्चे अनारों को मीसने लगी जिससे लोन्डिया के शरीर में आनद की लहरें फिर से किलोल करने लगी .
जब सेठानी ने देखा लोन्डिया दुबारा से मस्ताने लगी है तो मुझे बोली '' मास्टर जी अब तुम अपना झंडा गाढ कर किला फ़तह कर लो ''
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