Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
05-31-2019, 12:05 PM,
#34
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
ससुर ने नीचे झाँक कर देखा…ओर बहुत बारीक छेद को देख कर मुस्कुराते हुए बोले…हाई बेटी…उसमें ज़रूर घुस सकता है…

भाभी…पर वो तो बहुत बारीक सा छोटा सा छेद है…इतना मोटा ओर लंबा साँप उसमें तो नहीं घुस सकता है…अपनी ही बात को सुधारते हुए बोली….

ससुर…मुस्कुराते हुए…आरे बेटी ये साँप बहुत खतेरनाक होते है…बड़े से बड़ा मोटा साँप एक छोटे से छेद में भी घुस जाता है…

इस पर भाभी एक बार फिर झेंप गई….ओर बोली पिताजी…आप मुझे बना रहे है..भला इतने छोटे छेद में…इतना मोटा ऑर लंबा साँप कैसे घुस सकता है…..

ससुर…घुस जाता है बेटी…ये तो तुम्हे भी पता होगा….ऑर मुस्कुराते हुए बहू की ओर देखा…ससुर जी का लंड एक बार फिर आगे को तंबू की तरह से निकल गया था…जिस पर नज़र पड़ते ही भाभी झेंप कर बाहर निकल गई….

भाभी समझा रही थी कि ससुर जी किस छेद ओर किस साँप की बात कर रहे है……ससुर जी के लंड का बम्बू वो अभी देख कर आई थी…उसकी चूत में कुछ कुछ हो रहा था…उसने महसूस किया कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी….इस पर भाभी अचानक ही मुस्कुरा दी….थोड़ी देर के बाद जब भाभी…ससुर जी के कमरे में गई….तो ससुर जी सीधे लेटे थी…उनकी आँखें बंद थी…उनका लंड खड़ा तो नहीं था….पर धोती के उभार से उसके साइज़ का अनुमान लगाया जा सकता था…..

भाभी…पिताजी..अब कैसी तबीयत है….

ससुर…आँखें खोलते हुए….बस थोड़ा से पैरों में दर्द है…बाकी तो सब ठीक है…ये भी ठीक हो जाएगा….

भाभी…क्या में दबा दूं पिताजी….

ससुर अरे नहीं…तुम्हे ओर बहुत काम होते है…दिन भर में थक जाती हो…ये अपने आप ही ठीक हो जाएगा…

भाभी…इस समय तो में खाली हूँ…थोड़ी देर दबा देती हूँ..आराम आ जाएगा…

ससुर…ठीक है बहू जैसी तुम्हारी इच्छा….

भाभी…अपने ससुर जी के पलंग पर ससुर के पैरों के पास बैठ गई ऑर धीरे धीरी ससुर के पैरों को दबाने लगी…पर भाभी का ध्यान ससुरजी के लंड पर ही टिका था..जो अभी तक सो रहा था…पर भाभी के नाज़ुक मुलायम हाथ पेरों पर पड़ने के कारण ससुर जी के सरीर में कुछ सुरसूराहट होने लगी थी ऑर लंड महाशय में भी दम आने लगा था…भाभी ससुर जी के लंड में होने वाली हलचल को महसूस कर रही थी….ऑर ससुर जी का लंड उपर को उभार लेने लगा था…भाभी अभी तक ससुर के घुटनो तक ही दबा रही थी….ससुरजी ने अपना दायां हाथ अपनी आँखों पर रख लिया था…पर उनके होंठों पर जो दबी हुई मुस्कान थी…वो भाभी से नहीं छुपी थी…

अब ससुर जी का लंड उठक-बैठक करने लगा था…ऑर उसे देख कर भाभी…भी मस्ती में पैरों को दबा रही थी….उसकी चूत भी गीली होने लगी थी…पर उसी समय…..बाहर में गेट के खुलने की आवाज़ आई ऑर भाभी जल्दी से कमरे से बाहर निकल आई……..

ये भाभी के पड़ोस में रहने वाली जेठानी लता थी….भाभी ने महसूस किया कि लता को चलने में कुछ परेशानी सी हो रही है…वो बड़ी सम्भल सम्भल कर चल रही थी….

भाभी….आओ लता दीदी…कैसी हो….

लता…ठीक हूँ….सोचा कि कुछ देर तुम्हारे पास बैठ आउ…

भाभी…तुमने बहुत आच्छा किया….ऑर तबीयत तो ठीक है…

लता..हैं तबीयत तो ठीक है….बस सुबह-सुबह इतना काम हो जाता है कि थक जाती हूँ…..

भाभी…हां ये तो लग रहा है…कि आज आप काफ़ी थकि हुई से है….बैठ जाओ में चाइ (टी) बना लाती हूँ….ऑर बही…किचन की ओर जाने लगी….लता भी भाभी के पीछे पीछे…किचिन में आ गई….

भाभी…क्या आज बहुत ज़्यादा काम था….

लता…हैं कुछ ज़्यादा ही था…वे सुबह 4 बजे….बाहर गये है…कुछ दिनों के लिए ऑर रात भर नहीं सोने दिया….कहने लगे कि फिर तो कई दिनो तक नहीं मिलेगी…आज पूरा मज़ा ले लूँ….ऑर हंस पड़ी…

(आपको बता दूं कि भाभी ऑर लता अच्छी फ्रेंड्स बन गई थी…ऑर आपनी सेक्षुयल बाते शेर कर लिया करती थी…ऑर घर वगेरह की बाते भी…खुलकर करती थी…)

भाभी…फिर तो पूरी रात मस्ती में बीती है दीदी….

लता…हैं उन्होने तीन बार जम कर चुदाई की…अंग अंग दुख रहा था…फिर जब वो चले गये तो ……..

भाभी…फिर क्या हुआ…लता दीदी…

लता….अरी कुछ नहीं…बस यूँ ही…

भाभी…बताओ ना दीदी….फिर क्या कुछ खास हुआ….

लता….आरेई वो मेरा देवर है ना…में सोई ही थी.. कि वो पास आकर लेट गया ऑर तुम तो जानती ही हो…जब मर्द चुचियों को मसल्ने लगे तो कहीं रुका जाता है….बस मेरी चूत फिर तय्यार हो गई…ऑर उसके जवान लंड ने फिर से दो बार चोद दिया….बस मेरी चूत की बुरी हालत कर दी…

भाभी…में भी सोच रही थी…कि क्या बात है…आज तुम ठीक से चल नहीं पा रही हो दीदी….अब पता चला कि आज मेरी दीदी ने जम कर चुदाई के मज़े लिए है……

लता….अब तुमसे क्या चोरी…वैसे तो मेरी पति का लंड भी काफ़ी भारी है पर देवर का जवान भारी लंड ओर उपर से ससुर……..वो…वो….

भाभी….वो वो क्या…ससुर का…वो…वो…सच सच बताओ ना दीदी…ससुर का वो क्या…..

लता….आरे एक बार ना जाने कैसे ससुर के साथ संबंध बन गए थे…ऑर मेरे ससुर का लंड तो बहुत ही भयंकर है….देवर के जाने के बाद…एक बार ससुर ने भी आज चोद दी है…बस पूछो मत मेरी चूत का बूरा हाल है….अगर तुम देख लोगि तो घबरा जाओगी…बस ये मान लो कि फटी हुई है…..अभी अभी गरम पानी से सॉफ करके आई हूँ फिर भी ठीक से चला नहीं जा रहा है……

भाभी…पर तुम्हे डर नहीं लगता लता दीदी….तुम्हारी चूत का ये हाल हो गया…कहीं तुम्हारे पति को पता चल गया तो….

लता…आरे मर्द जब चुदाई के मूड में होता है….तब वो चूत का साइज़ नहीं देखता…बस अंदर घुसाने की जल्दी में होता है…फिर वो कई दिनो के बाद आने वाले है….एक बार फिर ससुर से चुदवा लूँगी तो ठीक हो जाएगी….जैसे लोहे को लोहा काटता है वेसे ही चुदाई का दर्द चुदाई से ही जाता है….ऑर लता ये कह कर हंस पड़ी….

भाभी फटी फटी आँखों से लता दीदी को देखती ही रह गयी………..

लता…क्या देख रही हो…रानी जी…..

भाभी…कुछ नहीं बस सोच रही हूँ कि तुम्हारी हिम्मत है….तुमने एक ही रात में कितनी चुदाई करवा ली…कि चूत तक फडवा ली…में तो अपने पति के साथ बस एक बार में ही थक जाती हूँ…..

लता…जब एक बार चुदाई का चस्का लग जाता है तब पता चलता है…कि चुदाई में जो आनंद है वो किसी ऑर चीज़ में कहाँ….रानी….

भाभी….पर इतनी चुदाई…..कि चूत तक फडवा ली……

लता….अरी रानी ऐसा तो पहली कई बार हो चुका….आज पहली बार थोड़े ही…जब मेरे ससुर ने मुझे पहली बार चोदा था.. तो इससे भी बुरी हालत हो गई थी….बस बाद में सब ठीक हो गया….रानी…जो मज़ा मोटे लंड से चुदाई में आता है…उसके सामने तो तखतो ताज भी बेकार है….बस सारी जन्नत एक तरफ….ऑर मोटे लंबे लंड से चुदाई एक तरफ….मुझे तो बस चुदाई में ही मज़ा आता ही….ये चूत शिरफ़ चुदाई के लिए ही है……

भाभी…पर क्या जो भी मिल गया उसी से चुदवा ले……

लता…हाई रानी…चुदाई का तो मौका तलाश लो…जब भी मौका मिले चुदवा लो…यही तो जिंदगी का मज़ा है…..

भाभी…तुम्हे शर्म नहीं आती क्या लता दीदी….

लता…अरी रानी चुदाई में शर्म कैसी…

फिर दोनो बैठ कर चाइ पीने लगी…ऑर चुदाई पर खूब चर्चा हुई…लता दीदी की बातें सुनकर भाभी…की चूत में भी खुजली होने लगी थी….पर वो इस बारे में खुलकर नहीं बोलना चाहती थी…इस लिए लता दीदी की बातों में ही मज़ा लेती रही……कुछ देर के बाद लता दीदी ये कहकर चली गई कि चलूं एक बार ससुर से चुदवा लूँ बस सब ठीक हो जाएगा ऑर मुस्कुराती हुई चली गई….

इसके बाद भाभी दूसरे काम निपटा कर अपने ससुर के रूम में चाइ लेकर गई…

भाभी…पिताजी चाइ पी लो….

ससुर…मेने तो सोचा था कि दूध पिलाओगी….पर लाओ चाइ ही पी लेते हे…ये कहते हुए चाइ का कप भाभी से ले लिया…

भाभी…तो चाइ रहने दो…पिताजी…में दूध ले आती हूँ….

ससुर…चलो अब तो चाइ ही पी लेता हूँ…बाद में दूध पी लेंगे

भाभी…लाओ में आपके पैर दबा देती हूँ….वो लता दीदी आ गई थी…

ससुर…बहुत देर तक बातें होती रही…क्या कह रही थी….

भाभी…कुछ नहीं पिताजी…बस वैसे ही आ गई थी….ऑर ये कह कर भाभी ससुर जी के पैर दबाने लगी….ससुर जी ने चाइ पीकर कप एक तरफ रख दिया…उनकी नज़र भाभी की चुचियों पर गई….वो भारी=भारी चुचियाँ पैर दबाते हुए हिल रही थी…जिससे ससुर जी के लंड में फिर चीटियाँ दौड़ने लगी…..ऑर उसमें हलचल होने लगी…ऑर उसकी हलचल को भाभी भी महसूस कर रही थी….पर भाभी कोई भी शुरुआत नहीं करना चाहती थी…भले ही वो ससुर जी के इस भारी लंड को लेने का मन बना चुकी थी..पर फिर भी वो कोई भी शुरुआत नहीं कर पा रही थी…उधर ससुर जी भी सोच रहे थे कि…आख़िर शुरुआत कैसे की जाए…

ससुर…बेटी फिर तो साँप नज़र नहीं आया……

भाभी…अचानक हुए इस सवाल पर भाभी चौंक गई…क्या जबाब दे ये सोच नही पाई….बस हड़बड़ा कर रह गई….

ससुर…बेटी तुमने जबाब नहीं दिया…वो मोटा लंबा साँप फिर तो नज़र नहीं आया….ससुर ने फिर से दोहरा दिया….

भाभी…अब तक अपने को संभाल चुकी थी….फिर भी सही जबाब नहीं सूझ रहा था…इस लिए नॉर्मली ही कह डी….नज़र तो आया पिताजी….पर कुछ देर बाद गायब हो जाता है…मुझे तो उसे बड़ा डर लगता है…..

ससुर…उससे क्या डर्ना…ये तो हमारे पास ही रहते है…कोई नुकसान नहीं पहुचाते है…..

भाभी…मेने कभी इतना मोटा ऑर लंबा साँप जो नहीं देखा है…इस लिए डर तो लगेगा ही ना….

ससुर…अरे नहीं बेटी…उस साँप से मत डर्ना…वो तो पालतू है…वो कोई नुकसान नहीं पहुचाएगा तुम्हे….

भाभी…पिताजी…उसका क्या भरोसा…मेरे रूम में आकर…किसी बिल में घुस गया तो….

ससुर…फिर भी मत डरना…अपना ही है…पालतू है ना…

भाभी..पिताजी मेरे रूम में सभी छेद बहुत छोटे है…वो वहाँ तो शायद घुस भी नहीं पाएगा…..

ससुर…अरे नहीं बेटी…ये साँप तो बारीक से बारीक छेद में भी घुस जाता है ऑर वही अपनी जगह बना लेता है…..अभी तक ससुर का लंड पूरा फूल कर कुप्पा हो चुका था…ऑर धोती में ऐसे खड़ा होकर झटके मार रहा था…जैसे दो देश की सीमा पर इंडियन झंडा लहरा रहा हो…..भाभी की नज़र उसी पर जमी थी….उनके सरीर में कॅंपन होने लगा था…ऑर डर भी लग रहा था…पर भाभी के हाथ….ससुर जी के पैरों को दबाते हुए कुछ उपर तक पहुँचने लगे थे….भाभी की चूत का भी बुरा हॉल था…भाभी को अब लग रहा था…कि उसके हाथ भी अब उसके कंट्रोल में नहीं रह गये है ऑर वो धीरे धीरे लंड के नज़दीक पैरों को दबा रहे है….ससुर का लंड ऑर मस्त होकर झूम रहा था…लंड में बेचैनी बढ़ेती जा रही थी…..

ससुर…क्या देख रही ही बेटी….

भाभी…हड़बड़ा कर…कुछ नहीं पिताजी….ऑर नीचे देखने लगी….

तभी…,,................
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला - by sexstories - 05-31-2019, 12:05 PM

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