RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
प्राची ने आँखे खोल कर शोभा की आँखों मे देखा. शोभा की आँखों मे झलक रहे प्रेम और उत्कट वासना के भाव देख कर उसकी रही सही हिचक भी जाती रही. उससे ना रह गया और अपने पैरों के पंजों के बल खड़े होकर मूह ऊपर करके उसने अपने होंठ शोभा के होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगी. शोभा ने चुंबन का उत्तर एक गहरे चुंबन से दिया तो प्राची
अपनी सहेली की गर्दन मे बाँहें डालकर उससे लिपट गयी. शोभा ने अपने हाथ प्राची के स्तनों पर से हट लिए और उसे बाहों मे कस कर भरकर प्राची के चुम्मे पर चुम्मे लेने लगी.
"
चल आराम से पलंग पर बैठते हैं" दो मिनिट बाद शोभा ने कहा. दोनो पड़ोसन एक दूसरे के चुंबन लेते हुए पलंग पर बैठ गयीं. प्राची को अब अपनी चूत मे से टपक रहे पानी से अपनी पैंटी भीग जाने का अहसास हो रहा था. इतनी उत्तेजित वह बरसों मे नही हुई थी. अब उसकी शरम भी धीरे धीरे कम हो रही थी. शोभा की बड़ी बड़ी चून्चियो को उसने अपने हाथों मे पकड़ा और झुक कर उन्हे चूमने लगी.
शोभा ने बड़े लाड से उसके बालों पर हाथ फेरते हुए अपनी एक घून्डि प्राची के मूह मे दे दी और प्यार से उसका सिर अपनी छाती पर दबा लिया. निपल चुसते चूसते प्राची के मूह से और सिसकारियाँ निकलने लगी और वह अपनी जांघें आपस मे घिसने लगी. उसकी हालत देखकर शोभा ने अपना निपल चुसाती प्राची को बिस्तर पर लिटा दिया और खुद उसके बाजू मे लेट गयी. अपने हाथ से उसने प्राची की साड़ी ऊपर की और प्राची की चिकनी जांघों को प्यार से सहलाता हुआ उसका हाथ जल्द ही प्राची की पैंटी तक पहून्च गया. पैंटी की क्राच एकदम गीली थी. पैंटी मे से प्राची की फूली मुलायम बुर का गुदाज मास उसके हाथ को लग रहा था.
प्राची के मूह से उसने अपना निपल निकाल दिया. प्राची ने मूह ही मूह मे बुदबुदाते हुए "दीदी, प्लीज़ ... चूसने दो ना ..." विरोध किया पर शोभा ने अपने मूह से उसका मूह बंद कर दिया. अपनी जीभ से प्राची के होंठ अलग करके शोभा ने प्राची के मूह मे अपनी जीभ डाल दी और अपनी उंगली पैंटी के ऊपर से ही प्राची की बुर की लकीर मे घुसा कर रगड़ने लगी. फिर पलटकर उसने प्राची को नीचे किया और खुद उसपर सो गयी. अपनी सहली पर चढ़ कर शोभा ने उसकी एक टाँग अपनी जांघों मे दबा ली और उसपर अपनी चूत रगड़ने लगी.
प्राची ने शोभा के स्तन अपने हाथों मे पकड़े और उन्हे दबाते हुए वह शोभा की जीभ चूसने लगी. शोभने प्राची के लंबे लंबे निपल मसलना शुरू कर दिया. दोनो की चूमा चाटी अब तेज़ी से चल रही थी. कभी शोभा प्राची की जीभ चूसति और कभी प्राची उसकी जीभ अपने मूह मे खींच लेती. स्तन मर्दन बराबर जारी था, शोभा अब तेज़ी से प्राची की चूत अपनी उंगली से
अपने ख़ास अंदाज मे घिस रही थी और खुद प्राची की जाँघ का घोड़ा बनाकर अपनी बुर उसपर रगड़ रगड़ कर स्वमैथुन कर रही थी. चुम्मो की 'पुच' पुच' आवाज़ से और 'आह' 'ओह' 'उई' की किलकारियों से बेडरूम भर गया था.
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