RE: Kamukta Story पड़ोसन का प्यार
पड़ोसन का प्यार – भाग 3
(लेखक – कथा प्रेमी)
रविवार दोपहर को प्राची और नेहा नासिक के लिए रवाना हुई. घर से निकलते समय नेहा ने एक आत्मीयता का अधिकार जताते हुए प्राची का हाथ पकड़कर रखा तो प्राची को बहुत अच्छ लगा. 'बड़ी स्मार्ट और अग्ग्रेसिव लड़की है, क्या करेगी आज रात क्या पता' उसके मन मे आया और वह रोमांचित हो गयी.
शोभा ने सोसाइटी के गेट तक जाकर उन्हे विदा किया और फिर घर पर आकर दर्शन की राह देखने लगी. उसे भी एक अजीब बेचैनी और उत्तेजना हो रही थी. बहुत दिन के बाद उसे मौका मिला था कि किसी जवान छोकरे को फँसाए और उसका उपभोग ले. ऐसा उसने बस एक बार और किया था, बीस साल पहले, अपनी मौसी के लड़के के साथ. उन मीठी यादों मे वह खो गयी.
दर्शन प्राइवेट क्लास से वापस आया. बेल बजाकर जब वो शोभा के घर मे आया तो बहुत शरमाया हुआ था पर काफ़ी खुश
दिख रहा था. शोभा ने उसे चाय बना दी और कॉलेज के बारे मे पुछा. उसने बताया कि तीन दिन कॉलेज मे छुट्टि है इसलिए घर पर ही पढ़ाई करनी पड़ेगी. वह शोभा से ज़्यादा देर आँखे नही मिला पा रहा था.
शोभा खुश थी 'बच्चे, मन मे चोर है तेरे, मुझसे इसी लिए आँख नही मिलाता' उसने सोचा. 'तीन दिन छुट्टि है याने यही रहेगा मेरे चंगुल मे'
दर्शन ने पुछा "आंटी, मैं पढ़ाई करने अपने घर जाउ? याने आप को यहाँ फालतू मे तकलीफ़ ...."
"तकलीफ़ वकलीफ़ कुछ नही, यही रहो, अपनी किताबे ले आ, नही तो मैं समझूंगी कि शोभा मौसी को तू पराया समझता है"
शोभा ने प्रेम की मीठी डान्ट लगाई.
दर्शन मान गया, चाहता वह भी यही थी. जाकर किताबे ले आया. शोभा ने उसे स्पेर बेडरूम दे दिया, जो असल मे नेहा के डॅडी का था. 'तीन दिन मेरे साथ है मेरे बच्चे, देख क्या हाल करती हूँ, आज किसी भी हालत मे शुरुआत करनी ही पड़ेगी, आज की रात बेकार नही जानी चाहिए" वह सोच रही थी. शोभा उसे अब चुप चाप नज़र बचाकर घूर रही थी और उसकी
उस किशोर जवानी का अंदाज़ा ले रही थी. 'कितना प्यारा लड़का है, एकदम गोरा और चिकना, अब तक दाढ़ी मूँछ भी उगना नही शुरू हुई. इसे चबा चबा कर खाने मे वो मज़ा आएगा, जैसे अध पके अमरूद को खाने मे आता है' उसने सोचा. उसकी चूत गीली होनी शुरू हो गयी थी.
दर्शन कुछ देर के लिए बाहर घूमने आया, अपने दोस्तों से मिल कर आता हूँ, कहकर. शाम को वापस आया. नहा कर वह
पढ़ाई करने बैठ गया. शोभा ने उसे कहा कि आराम से पढ़ाई कर ले, वह बस नहा कर आती है और फिर खाना बनाती है.
दस मिनिट बाद शोभा ने उसे आवाज़ दी "दर्शन बेटे, देख, मैं फिर अपना गाउन भूल गयी, ज़रा ला दे ना प्लीज़! मेरे बेडरूम मे जो अलमारी है उसके बीच वाले शेल्फ पर होगा, हल्के सफेद रंग का होगा देखना"
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