Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 02:07 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
सबा के दबाने से मेरा लंड फिर से हार्ड हो चुका था…”ठीक है…चलना कब है…” मैने भी हाथ बढ़ा कर सबा के मम्मे को कमीज़ के ऊपेर से पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया….”तीन दिन बाद जिस दिन फ़ैज़ अपने दोस्तो के साथ घूमने कराची जाएगा….उसी दिन चलेंगे….”

मैं: ठीक है….

इतने में सामने बाथरूम का डोर खुला तो, सबा ने मेरा लंड छोड़ा और अपने रूम में चली गयी….फ़ैज़ अंदर आकर बैठ गया…..और हम इधर उधर की बातें करने लगे….सबा खुद तो अंदर चली गयी थी…पर इधर मेरा लंड बैठने का नाम नही ले रहा था…मैं उसे किसी तरह अपनी टाँगो के दरमियाँ दबाए बैठा था…मैं थोड़ी देर और वहाँ बैठा….फिर फ़ैज़ से इज़ाज़त लेकर वहाँ से निकल कर घर की तरफ जाने लगा…जैसे ही मैं अपनी गली में पहुँचा तो, मुझे सुमेरा दुकान से बाहर आती हुई नज़र आई….उसने मुझे देख कर स्माइल की…और फिर मेरे साथ-2 चलने लगी… “कहाँ रहते हो समीर…..आज कल नज़र ही नही आते….”

मैं: जी मैने कहाँ जाना है….सुबह से दोपहर तक कॉलेज और फिर घर पर…

सुमेरा ने इधर उधर देखा और फिर सरगोशी से भरी आवाज़ में बोली…” घर आओ घर पर कोई नही है….?”

मैं: रीदा और उसके बच्चे कहाँ गये है….

सुमेरा: वो अपने मायके गये है….साथ ये (फ़ारूक़) भी गये है छोड़ने के लिए… तुम्हारा दिल नही करता अब वो सब करने का…या फिर तुम्हे कोई और देने वाली मिल गयी है….

मैं: नही ऐसी कोई बात नही है…(मैने मुस्कराते हुए कहा…)

सुमेरा: अच्छा ठीक है…तो चलो फिर…. 

मैं सुमेरा के साथ उसके घर चला गया….घर के अंदर पहुचते ही सुमेरा ने गेट की कुण्डी लगाई…और सुमेरा ने मुझे वही गेट के पास ही अपनी बाहों मे ले लिया….सुमेरा मुझसे एक दम चिपक गये….मेने भी सुमेरा को अपनी बाहों में भर लिया..और उनके होंटो को चूसने लगा…और एक हाथ नीचे लेजा कर उनकी फुद्दि को सलवार के ऊपेर से मसलने लगा…

सुमेरा के मूह से मस्ती भरी सिसकी निकल गयी….उसने अपना एक हाथ नीचे लेजा कर शलवार के ऊपेर से मेरे लंड को पकड़ लिया…और उससे धीरे-2 दबाने लगी…सुमेरा ने अपने होंटो को मेरे होंटो से अलग किया और नीचे पैरो के बल बैठते हुए मेरी शलवार को नीचे सरका दिया….और फिर अंडरवेर को भी नीचे मेरी थाइस तक सरका दया….जैसे ही मेरा लंड बाहर आया…सुमेरा ने उसे मुट्ठी में भर लिया. और टोप्पे की चमड़ी को पीछे की ओर सरका दिया….गुलाबी कॅप देखते ही सुमेरा के होंटो पर तीखी मुस्कान फेल गयी….

सुमेरा ने ऊपेर मेरी ओर देखते हुए अपने हाथ के अंगूठे से मेरे लंड के कॅप पर अपने अंगूठे को गोल गोल घूमाते हुए, लंड की कॅप को कुरेदना शुरू कर दिया… मैं एक दम से सिसक उठा….सुमेरा आज कुछ ज़यादा ही गरम लग रही थी….सुमेरा ने लंड की कॅप पर अपने होंटो को रगड़ा और फिर अपने गालो को मेरे लंड पर रगड़ने लगी….सुमेरा की आँखे बंद हो चुकी थी….मेने सुमेरा के बाल पकड़ कर उनके सर को ऊपेर की ओर उठाया…और अपने लंड को पकड़ कर सुमेरा के होंटो पर लगा दिया….

सुमेरा ने अपनी वासना से भरी आँखो को खोल कर मेरी तरफ देखा और फिर मेरे लंड के मोटे गुलाबी कॅप को मूह मे ले लिए….आज सुमेरा कुछ और जोश के साथ मेरे लंड के कॅप को चूस रही थी….सुमेरा ने लंड का कॅप चूस्ते हुए आधे कॅप को होंटो से बाहर निकल लिए…और फिर कॅप के अगले हिस्से को अपने दाँतों के बीच दबाते हुए मेरी ओर देख कर मुस्कुराने लगी….मैं सुमेरा की हर हरकत से और ज़्यादा गरम होता जा रहा था…सुमेरा ने कॅप को दाँतों के बीच मे दबाए लंड के पेशाब वाले छेद को अपनी जीभ को नोकदार बनाते हुए, रगड़ना शुरू कर दिया….

मेरे पूरी बदन में झुरजुरी सी दौड़ गयी…..सुमेरा लंड के कॅप को दाँतों मे दबाए हुए मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए हंस रही थी….मेने भी सुमेरा के बालो को पकड़ कर आगे की तरफ अपने लंड को दबाया तो मेरा आधे से ज़्यादा लंड सुमेरा के मूह में चला गया.. सुमेरा मेरी इस हरक़त से घबरा गयी…उसने मेरे लंड को मूह से बाहर निकाला और बनावटी गुस्सा दिखाते हुए बोली….”समीर “ मैं सुमेरा की हालत देख कर मुस्कुरा कर रह गया….सुमेरा ने फिर से मेरे लंड को मूह में लेकर सक करना शुरू कर दिया…सुमेरा के मूह से सुर्प-2 की आवाज़ आ रही थी….सुमेरा के थूक से मेरा लंड एक दम गीला हो चुका था…..सुमेरा ने नीचे बैठे-2 मेरी शलवार को पैरो से निकाल कर पकड़ा और खड़ी हो गयी…”चलो अंदर चलते है….” वो मुझे अंदर बरामदे मे लेकर आ गई..और मुझे वहाँ सोफे पर बैठा कर खुद मेरे सामने खड़ी हो गयी…..

सुमेरा मेरे सामने खड़ी थी….सुमेरा ने अपनी सलवार का नाडा खोल कर अपनी सलवार नीचे कर दी….फिर सुमेरा सोफे पर मेरी टाँगो के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हुई, झुक कर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी फुद्दि के नीचे लाते हुए धीरे-2 नीचे बैठने लगी. जैसे ही सुमेरा मेरी थाइस के ऊपेर आई….सुमेरा की फुद्दि का छेद मेरे लंड के कॅप पर दबाने लगी….और अगले ही पल सुमेरा ने नीचे की ओर बूँद को दबाया तो लंड सुमेरा की फुद्दि के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया….

जैसे ही मेरा आधे से ज़्यादा लंड सुमेरा की फुद्दि में गया…सुमेरा ने मेरे कंधो के ऊपेर से अपनी बाहों को डालते हुए अपनी बाहों को कस लिया…और फिर से अपनी बुन्द को मेरे लंड पर तेज़ी से पटका…लंड पच की आवाज़ से सुमेरा की फुद्दि की गहराइयों में समा गया….मेने अपने हाथों को पीछे लेजा कर सुमेरा की बुन्द को दोनो तरफ से पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया….
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03-08-2019, 02:07 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
सुमेरा अब तेज़ी से अपनी बुन्द को मेरे ऊपेर नीचे करते हुए मेरे लंड पर अपनी फुद्दि को पटकने लगी….”ओह्ह्ह समीरर तूने तो मेरी फुद्दि को आग लगा दी है…हाई समीर मैं तुम्हारे लंड अपनी फुद्दि में लिए बिना नही रह सकती….क्या लौडा है तेरा समीर….देख ना तेरी सुमेरा की फुद्दि कैसे पानी छोड़ रही है…”

मैं: हां सुमेरा तुम्हारी फुद्दि सच में बहुत पानी छोड़ रही है….देख ना साली ने मेरे टटटे भी गीले कर दिए….

सुमेरा मेरी बात सुन कर मुस्कुराने लगी…और अपनी बुन्द को और तेज़ी से उछालने लगी. ओह्ह समीर ये तो कुछ भी नही….जब से तुम्हारे लंड से पहली बार चुदि थी..तब मेरी फुद्दि दिन रात पानी बहाती रही है…दिन मे चार बार पैंटी बदलती थी…” सुमेरा की बात सुन कर मैं और जोश में आ गया….और सुमेरा की बूँद को दबाते हुए, अपनी एक उंगली सुमेरा की बुन्द के छेद में घुसने लगा…मेरी उंगली का अगला हिस्सा सुमेरा के उछलने से सुमेरा की बुन्द के अंदर बाहर होने लगा….”

सुमेरा: ओह्ह्ह समीर हाआँ और ज़ोर से चोदो मुझे समीर….मेरी फुद्दि का पानी निकलने वाला है….

मैं: सुमेरा मेरा भी पानी निकलने वाला है….

सुमेरा ने मेरे सर को बाहों में कसते हुए उसे अपनी कमीज़ मे कसी हुई मम्मो पर दबा दिया…सुमेरा का बदन एक दम से अकड़ने लगा…और फारिघ् होते हुए उसकी कमर झटके खाने लगी….मैं भी सुमेरा के साथ ही फारिघ् हो गया…थोड़ी देर बाद सुमेरा मेरे ऊपेर से उठी, तो मेरा लंड सुमेरा की फुद्दि से पक की आवाज़ से बाहर आ गया…जैसे ही सुमेरा खड़ी हुई, सुमेरा की फुददी से मेरे लंड की मालाई की पतली से धार बह कर नीचे फरश पर गिरी….

सुमेरा ने वहाँ पड़े एक पुराने कपढ़े से अपनी फुद्दि को सॉफ किया और फिर मेरे लंड को….”समीर तुम्हारा लंड तो अब और ज़यादा माल छोड़ने लगा है…इतने माल से तो 4 औरतों को प्रेगनेंट कर दो…..” मैं सुमेरा की बात सुन कर मुस्कुराने लगा..और फिर अपनी शलवार और अंडरवेर पहन कर वहाँ से निकल कर ऐसे ही इधर उधर घूमने लगा…

शाम को 5 बजे मैं घर वापिस आया….उस दिन और कोई ख़ास बात ना हुई, नाज़िया अब मुझसे बात नही कर रही थी…रात को भी उसने टेबल पर खाना लगा दिया था..पर उसने मुझे खाने के लिए नही कहा था….मैने खाना खाया और खा कर सो गया…..अगली सुबह जब उठा तो, अब्बू का फोन आया…मैने उनसे बात की तो, उन्होने कहा कि, नाज़िया अपनी अम्मी के पास कुछ दिनो के लिए जा रही है….तुम घर अकेले हो तो, अपना और घर का ख़याल रखना….

अब्बू से बात करके जब मैं रूम से बाहर आया तो, देखा कि नाज़िया बाहर बरामदे में अपने सूटकेस पॅक कर रही थी….उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर अपना सूटकेस उठा कर बाहर चली गये…मैने टाइम देखा तो, अभी सिर्फ़ 8 बज रहे थे… कल रात से मेरा पूरा फुल मूड बना हुआ था….कि, आज घर पर कोई नही होगा तो सब्बा सुमेरा रीदा में से किसी को भी बुला कर आराम से फुद्दि मारूँगा….पर उससे पहले मुझे अपने दोस्तो की बाइक वापिस करने जाना था….इसलिए मैं फ्रेश होकर तैयार हुआ… और बाइक बाहर निकाली और घर को लॉक करके दोस्त के घर की तरफ चल पढ़ा….उसका घर सिटी में ही था….जैसे ही मैं गाओं से बाहर मेन रोड की तरफ जाने वाले रोड पर पहुचा तो देखा कि सामने से नजीबा चली आ रही थी….उसने वाइट कलर की शलवार कमीज़ पहनी हुई थी…और ऊपेर ग्रीन दुपट्टा फोल्ड करके लिए हुए था…. मैने उसके पास जाकर बाइक की ब्रेक लगाई…तो उसने मुस्कुराते हुए कहा….” सलाम ख़ान साहब….”

मैं: सलाम….क्या हुआ….स्कूल नही जाना….

नजीबा: नही….वो मैं घर जा रही हूँ….

मैं: पर घर पर तो कोई भी नही है तुम्हारी अम्मी तो सुबह 8 बजे ही चली गयी.. तुम्हारी नानी के घर…

नजीबा: मुझे पता है…..

मैं: तो चलो फिर मैं तुम्हे स्कूल छोड़ देता हूँ….मैं भी सिटी जा रहा था… दोस्त की बाइक वापिस करने….

नजीबा: अगर मुझे स्कूल जाना होता…..तो मैं यहाँ बस से क्यों उतरती….

मैं: तो फिर….

नजीबा: मैं तो स्कूल बंक करके आपसे मिलने आई थी…..(नजीबा ने शरमाते हुए कहा….)

मैं: अच्छा…..(मैने नजीबा की आँखो में देखा तो, उसकी आँखो में खुमारी छाइ हुए थी….) अच्छा ये लो घर की चाबी….मैं दोस्त को बाइक वापिस करके आता हूँ……
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03-08-2019, 02:07 PM,
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नजीबा ने मेरे हाथ से घर की चाभियाँ ली और जाने लगी…”सुनो…..” नजीबा ने मेरी तरफ पलट कर देखा…..”घर जाकर किचन में देख लेना कि, तुम्हारी अम्मी नाश्ता बना कर गयी है या नही….नही तो मेरे लिए कुछ बना लेना….”

नजीबा: जी….

मैं: हां एक बात और….आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो…….

नजीबा मेरी बात सुन कर शरमाने लगी…मैने बाइक स्टार्ट की और चल पढ़ा…20 मिनिट में ही मैं दोस्त के घर पहुच गया….ये उसी दोस्त का घर था…जहाँ पर मैं फ़ैज़ के साथ ब्लू फिल्म देखने गया था….मैने जाकर डोर बेल बजाई तो थोड़ी देर बाद उसने गेट खोला….मैने बाइक बाहर खड़ी कर दी थी….मैने उसे बाइक की चाबी दी…तो उसने मुझे अंदर आने को कहा….पर मैने मना कर दिया….मैं वापिस जाने के लिए जैसे ही मुड़ा तो, पता नही मेरे दिमाग़ में कहाँ से आया….मैं उसकी तरफ दोबारा मुड़ा और उससे पूछा…”यार उस दिन जो हम ब्लू फिल्म देख रहे थे…क्या वो डीवीडी अभी भी तुम्हारे पास है….” मेरा दोस्त मेरी बात सुन कर मुस्कुराता हुआ बोला….”क्या हुआ…तुम्हे क्या ज़रूरत पड़ गयी….”

मैं: कुछ नही यार आज कॉलेज नही जा रहा तो घर पर अकेला हूँ….सोचा टाइम पास हो जाएगा….

दोस्त: अच्छा ठीक है तुम रूको मैं लाकर देता हूँ….

वो अंदर गया और थोड़ी देर बाद जब बाहर वापिस आया तो, उसके हाथ में एक न्यूज़ पेपर था…जिसके अंदर वो डीवीडी को कवर करके लाया था…”ये लो भाई…दो है…” मैने उसे थॅंक्स कहा…और फिर इज़ाज़त लेकर बस स्टॅंड पर आ गया…वहाँ से बस पकड़ी और गाओं लौट आया…जब मैं बस से उतर कर घर की तरफ जा रहा था…मैं बहुत ज़यादा एग्ज़ाइटेड हो गया था…अभी 10 भी नही बजे थे….और मेरे पास नजीबा के साथ बिताने के लिए 2 बजे का टाइम था…
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03-08-2019, 02:07 PM,
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रास्ते मैं मेडिकल स्टोर से मैने प्रेग्नेन्सी रोकने वाली टॅब्लेट्स खरीदी और मैं उड़ता हुआ घर पहुँचा…… और घर के गेट के बाहर बाइक का हॉर्न मारा तो थोड़ी देर बाद नजीबा ने गेट खोला….मैने बाइक अंदर की और उतर कर बाइक स्टॅंड पर लगा कर जैसे ही नजीबा की तरफ मुड़ा तो, उसने शरमाते हुए सर झुका लिया…और सर झुकाए अंदर जाने लगी…..जैसे ही वो मेरे पास से गुज़री, तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया….

”मैं खाना बना रही हूँ….अंदर गॅस स्टोव ऑन है….” नजीबा ने दिलकश नज़रों से मेरी तरफ देखा….नजीबा बेहद नर्वस लग रही थी… उसके गुलाबी रसीले होंटो चमक रहे थी….शायद उसने लिप्स ग्लॉस लगाया हुआ था….उसके लाल सुर्ख हो रहे चेहरे को देख कर मुझसे रहा ना गया….मैने नजीबा को अपनी बाहों में भर लिया….और उसके होंटो को अपने होंटो में लेकर सक करना शुरू कर दिया… 

नजीबा मेरी बाहों में आते ही पिघल गयी….उसने अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया… मैने पूरे जोश ख़रोश के साथ उसके होंटो को चूसा और जब उसके होंटो से अपने होंटो को अलग किया तो, उसकी साँसे मजीद तेज चल रही थी….उसने अपनी नज़रे झुकाई हुई थी…मैने उसकी चिन को हाथ से पकड़ कर उसके फेस को ऊपेर किया और उसकी आँखो में देखते हुए बोला….”मेरा पैट तो तुम्हारे होंटो का रस पी कर ही भर गया….” मेरी बात सुन कर नजीबा ने शरमाते हुए सर झुका लिया…और सरगोशी से भरी काँपती आवाज़ में बोली….

नजीबा: मुझे खाना बनाना है…

मैं: अच्छा ठीक है…..

मैने नजीबा को छोड़ते हुए कहा….और उसके साथ अंदर के तरफ आ गया…नजीबा किचन में चली गयी….और मैं अपने रूम में आ गया….और डीवीडी प्लेयर को टीवी के साथ अटॅच करके ऑन किया…और फिर दोनो डीवीडी चेक की….एक तो नॉर्मल डीवीडी थी…जिसमे 4-5 सेक्स सीन्स थे….और एक वही थी….जिसमे एक लड़के और उसकी सास और वाइफ के बीच थ्रीसम दिखाया गया था…पर आज इसका काम नही था…मैं चाहता थे कि धीरे-2 मेरे साथ फ्री हो जाए….मैने उस डीवीडी को अपनी अलमारी में रखा और नॉर्मल वाली डीवीडी प्लेयर में लगा दी….और फिर ऑफ करके बाहर आया…जब मैं बाहर आया तो देखा नजीबा टेबल पर खाना लगा रही थी…..मैं जाकर चेअर पर बैठ गया….तो नजीबा मेरे साथ वाली चेर पर बैठ गये……मैने खाना खाना शुरू किया….

मैं: नजीबा एक बात पूछूँ तुमसे….?

नजीबा: जी……

मैं: तुमने कभी वो वाली फिल्म देखी है….?

नजीबा: कॉन सी…..

मैं: वो ब्लू फिल्म एक्सएक्सएक्स और क्या कहते हां पॉर्न वीडियो देखी है कभी….

नजीबा: नही नही…मेने कभी नही देखा….

मैं: अच्छा अच्छा ठीक घबरा क्यों रही हो….

मैं थोड़ी देर चुप रहा और खाना ख़ाता रहा….नजीबा कभी मेरी तरफ देख कर मुस्करा देती और जब मैं उसकी तरफ देखता तो, वो सर झुका लेती….

मैं: देखना चाहोगी….?
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03-08-2019, 02:08 PM,
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नजीबा ने चोंक कर मेरी तरफ देखा, जैसे आँखो से पूछ रही हो, ये आप क्या कह रहे है….”बोलो देखोगी साथ में देखते है” इस बार मेने थोड़ा बोल्ड होते हुए कहा, तो उसने शरमाते हुए नज़ारे झुका ली….मैं थोड़ा सा नजीबा की तरफ झुका और धीरे से कहा, “तुम्हे पता है उसमे वो सब करते हुए दिखाया जाता है…बोलो दिखाऊ….?”

नजीबा सोच में पड़ी थी…..पता नही उसके दिमाग़ मे क्या चल रहा था……वो कुछ बोल नही पा रही थी….”बोलो देखनी है या नही….…” मैने खाना ख़तम किया….और चेर से उठ कर खड़ा हुआ….” प्लेट्स को किचन में रख कर रूम मे आ जाओ…” मैने अपने रूम की तरफ जाते हुए कहा….और अपने रूम में आ गया….वहाँ मैने पहले से ही सब सेट कर रखा था…मैने बेड पर पड़ी रज़ाई को इकट्ठा करके बेड की पुस्त के साथ लगा दिया….कि मैं और नजीबा उस नरम -2 रज़ाई पर पीठ टिका कर आराम से वीडियो देख सके….मैने टीवी और डीवीडी प्लेयर ऑन किया और फिर दोनो रिमोट को लेकर बेड पर आ गया….और वीडियो को स्टार्ट पर पॉज़ करके बेड पर बैठ कर नजीबा का वेट करने लगा….पर नजीबा शायद झिझक रही थी….जब वो काफ़ी देर तक अंदर नही आई….तो मैने अंदर से ही नजीबा को आवाज़ लगाई….

मैं: नजीबा यार पानी की बॉटल ला दो ज़रा बहुत प्यास लगी है….

नजीबा: जी…..

थोड़ी देर बाद नजीबा पानी की बॉटल ले आई….मैं बेड पर रज़ाई पर पीठ टिका कर बैठा था….और कमर तक अपने आप को कंबल से कवर किया हुआ था….उसके अंदर आने से पहले मैने अपने पाजामा उतार दिया था…अब मेरे जिस्म पर सिर्फ़ एक फुल सेलीवे टीशर्ट थी….जो काफ़ी गरम थी….और नीचे अंडरवेर पहना हुआ था…नजीबा ने बेड के पास आई…और मेरी तरफ आकर खड़ी होकर उसने पानी की बॉटल को मेरी तरफ बढ़ाया….तो मैने उसके हाथ से बॉटल लेकर बेड के पुस्त पर रख दी….और नजीबा का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर खेंचते हुए बोला….”मेरी जान मेरी प्यास इस पानी से कहाँ बुझेगी…..इस प्यास को तो सिर्फ़ तुम्हारे रसीले होन्ट ही बुझा सकते है…”

नजीबा मेरी बात सुन कर मुस्कराने लगी…..वो बीच -2 में टीवी स्क्रीन पर देख रही थी…जैसे ही वो बेड पर आई….मैने एक साइड से कंबल उठा कर उसे भी कंबल के अंदर कर लिया…और उसकी दोनो बगलो से हाथ डाल कर उसे खींच कर सीधा अपनी गोद में बिठा लिया….अब सीन ये था कि, मैं बेड की पुस्त के साथ लगाई रज़ाई के साथ पीठ टिका कर आधा बैठा और आधा लेटने वाले अंदाज़ में था…और नजीबा मेरी गोद में थी…उसकी पीठ मेरी चेस्ट के साथ लगी हुई थी….उसकी बुन्द ठीक मेरे लंड के ऊपेर थी….जो पहले से एक दम सख़्त खड़ा था….मेरी टांगे घुटनो से मूडी हुई थी……मैने नजीबा की दोनो टाँगो को उसकी रानो से पकड़ा कर खोला और अपनी दोनो टाँगो के दोनो तरफ कर दिया…जैसे ही नजीबा की टांगे खुली… मेरा लंड जो उसकी बूँद के नीचे दबा हुआ था…वो खिसक कर नीचे से शलवार के ऊपेर से उसकी फुद्दि पर जा लगा….

नजीबा अपने आप को इस हाल और पोज़िशन में पाकर बेहद शर्मिंदा हुए जा रही थी…उसने अपने चेहरे को अपने हाथो से छुपा लिया था….मैने नजीबा की टाँगो से हाथ हटा कर उसके पेट पर हाथ फेरना शुरू कर दिया…..”हाँ अब बोलो मूवी देखें वो वाली……” मैने दूसरे हाथ से नजीबा के फेस को पकड़ कर पीछे अपनी तरफ घूमाते हुए कहा……तो मैने देखा कि उसने अपने आँखे बंद कर रखी है…. “नजीबा प्लीज़ अपनी आँखे खोलो…..” जैसे ही मैने कहा तो, नजीबा ने शरम से डूबी हुई अपनी आँखे खोल कर मेरी तरफ देखा……उफ़फ्फ़ मैं तो उसी वक़्त मर जाता…. पर शायद नजीबा के जिस्म की तपिश ने मेरी जान बचा रखी थी…..बोलो देखें…” 

नजीबा ने एक बार मेरी आँखो में देखा और फिर हां में सर हिला दिया….मैने उसके पेट से हाथ हटा कर रिमोट को उठाया और मूवी ऑन कर डी…..पहले तो स्टार कास्ट के नाम डिसप्ले हुए…..फिर पहला सीन शुरू हुआ….तो मैने रिमोट को नीचे रख दिया….और अपने दोनो हाथो को नजीबा के पेट पर रख कर धीरे-2 उसके पेट पर फेरने लगा…..नजीबा अभी भी स्कूल की यूनिफॉर्म में थी….पहला सीन शुरू हुआ…..उसमे एक औरत बेड पर लेटी हुई थी….औरत ने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी पहनी होती है..

और एक उँचा लंबा मस्क्युलर बॉडी वाला आदमी रूम में एंटर होता है….और बेड पर चढ़ कर वो आदमी उसके पेट पर हाथ फेरता हुवा उस की गर्दन तक ले जाता है और साथ ही अपना फेस उस के करीब ले आता है उस के होंतों से होन्ट जोड़ कर किस करते हुवे उस के बूब्स प्रेस करता है…..फिर दोनो वाइल्ड्ली एक दूसरे के होंटो को चूस्ते है….मैने नजीबा की आँखो में देखा तो, वो बड़े गोर से वो सीन देख रही थी….सीन अब ये था कि होंठो से किस करने के बाद उस ने उस औरत की ब्रा उतारी जब कि औरत उस की शर्ट उतारने लगी,इतनी देर में आदमी उस औरत के बूब्स पर आ कर उन को चूसने लगा..

और वो औरत अपने मम्मे और ज़यादा उसके मूह में धकेल रही थी….नजीबा को इस क़दर मोविए में खोया देख कर मैने अपना एक हाथ उसके पेट पर फेरते हुए नीचे लेजाना शुरू कर दिया….जैसे ही मेरा हाथ नजीबा की रानो के जोड़ पर पहुचा तो, नजीबा ने सिसकते हुए मेरे हाथ के ऊपेर अपना हाथ रख दिया…पर उसने मुझे रोका नही….फिर उस आदमी ने औरत के बूब्स पर किस करने के बाद उसकी पैंटी को उतारा और उसकी नाफ़ से अपने होंटो को रगड़ते हुए उसकी फुद्दि की तरफ जाने लगा….जैसे जैसे वो आदमी अपने होंटो को उस औरत की फुद्दि की तरफ बढ़ा रहा था…. नजीबा के हाथ की पकड़ मेरे हाथ पर कस्ति चली जा रही थी….और फिर उसने उसकी फुद्दि को सक करना शुरू कर दिया…
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03-08-2019, 02:08 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
इधर मैने भी अपने हाथ को नजीबा की फुद्दि पर पहुचा ही दिया….जैसे ही मैने शलवार के ऊपेर से नजीबा की फुद्दि को दबाया….तो नजीबा एक दम सिसक उठी…उसने अपना सर पीछे की तरफ गिरा दिया….अब उसका सर मेरे लेफ्ट कंधे पर था… मुझे उसकी फुद्दि से निकल रही गरमी का अहसास अपनी हथेली पर हो रहा था… नजीबा ने नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी….

“सीईईईई ओह……” नजीबा ने सिसकते हुए मेरे उस हाथ पर अपना हाथ रख दिया…..मैने दूसरे हाथ को उसके पेट से ऊपेर के तरफ सरकाते हुए, उसके लेफ्ट मम्मे को कमीज़ और ब्रा के ऊपेर से पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया….क्योंकि अब नजीबा ने अपने सर को मेरे लेफ्ट कंधे पर रखा हुआ था….इसलिए मुझे नजीबा की आँखे भी सॉफ नज़र आ रही थी….वो अपनी आधी खुली आँखो से टीवी स्क्रीन पर चल रहे सीन को देख रही थी….मैं धीरे एक हाथ से नजीबा के मम्मे को दबा रहा था…और दूसरे हाथ से शलवार के ऊपेर से उसकी फुद्दि को दबा रहा था…मुझे उसकी शलवार गीली होती हुई महसूस होने लगी थी….फिर जब उस आदमी ने फुद्दि खोल कर अंदर ज़ुबान डाल दी तो नजीबा के जिस्म ने झटका खाया…..तो उसने मस्ती और हवस में डूबी हुई आँखो से मेरी आँखो में देखा….और अपना एक हाथ उठा कर मेरे गाल पर रख कर अपने होंटो को मेरे होंटो के साथ लगा दिया,….

इससे जाहिर हो रहा था कि, नजीबा किस क़दर हॉट हो चुकी थी….वो एक पल के लिए मेरे होंटो को किस करती…और फिर अपने होंटो को मेरे होंटो से हटा कर गहरी और गरम साँस बाहर छोड़ती….और फिर से अपने होंटो को मेरे होंटो पर लगा देती…इस तरह उसने 30 सेकेंड में मुझे पता नही कितनी बार किस किया…और फिर से अपने सर को मेरे कंधे पर गिरा दिया….पर उसका हाथ मेरी गाल पर ही रहा…वो मूवी देखते हुए लगतार मेरे गाल पर हाथ फेर रही थी….मैने अब और तेज़ी से नजीबा की फुद्दि को शलवार के ऊपेर से रगड़ना शुरू कर दिया था….जिसका असर ये हुआ कि, नजीबा की कमर भी खुद बा खुद उस लय में हिलने लगी….उसके मूह से अब सीईईई सीयी उंह जयसए हल्की-2 सिसकारिया निकल रही थी…..मेरा लंड फटने को था…जो नीचे से शलवार के ऊपेर से नजीबा की फुद्दि पर लगा हुआ था….

कुछ देर बाद उस मेल ने फीमेल की टाँगे खोल कर लंड अंदर डाला…और आदमी ने जब अंदर डाल कर पूरे जोश से चुदाई की तो औरत ने आहह ओह्ह्ह्ह करना शुरू कर दिया “अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह य्स्स फक मी फक मी हार्ड ओह्ह्ह ल लव युवर बिग कॉक….अह्ह्ह्ह येस्स....”
कॅमरा सिर्फ़ फुददी और लंड के इन आउट होने का क्लोज़ सीन दिखा रहा था…. नजीबा की इंग्लीश वैसे ही बहुत अच्छी थी…..सीन में बोली जाने वाली वर्डिंग को वो अच्छी तरह से समझ रही थी….फिर एक दम से पता नही क्या हुआ….नजीबा ने मेरे गाल से हाथ हटा कर अपने दोनो हाथो को कंबल के अंदर डाला…और अपनी शलवार का नाडा खोलना शुरू कर दिया…..उसने जल्दी से अपनी शलवार का नाडा खोला और मेरे हाथ पकड़ कर अपनी शलवार के अंदर डाल कर अपनी फुद्दि के ऊपर रख दिया…

और जैसे ही मेरा हाथ नजीबा की गरम पानी से एक दम भीगी हुई नजीबा की फुद्दि पर लगा….तो नजीबा खुद ही सिसक उठी….उसकी फुद्दि से पानी का सैलाब बह रहा था…नजीबा एक दम हॉट हो चुकी थी….मैने एक दो बार नजीबा की फुद्दि पर हाथ फेरा और फिर अपना हाथ उसकी शलवार से बाहर निकाल लिया…और अपने दोनो हाथो से उसके शलवार को दोनो तरफ से पकड़ कर नीचे करने लगा…तो नजीबा ने खुद ही अपनी बुन्द को ऊपेर उठा लिया….मैने नजीबा की शलवार को निकाल कर बेड पर साइड में रख दिया….और फिर उसकी कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर करना शुरू कर दिया….कुछ ही पलो में उसकी कमीज़ भी उसके जिस्म से अलग होकर बेड पर उसकी शलवार के पास पड़ी थी….अब नजीबा के जिस्म पर ब्लॅक कलर की ब्रा ही रह गयी थी….जिसमे उसका गोरा जिस्म और ज़यादा निखर रहा था….मैने नजीबा के दोनो कंधो को पकड़ कर उसे थोड़ा सा आगे की तरफ किया….और उसकी नंगी पीठ पर अपने होंटो को रगड़ते हुए उसकी ब्रा के हुक्स खोलने लगा….जैसे ही मेरे सर्द होन्ट उसकी नंगी पीठ पर लगे…नजीबा का पूरा जिस्म कांप गया…मैने नजीबा के ब्रा को उसके जिस्म से निकाल उसके शलवार कमीज़ के पास फेंक दिया…..

अब नजीबा एक दम नंगी मेरी गोद में बैठी हुई थी….मैने अपने दोनो हाथो को अपने अंडरवेर के इलास्टिक में डाल कर अपने अंडरवेर को भी नीचे करते हुए निकाल दिया…जैसे ही मेरा लंड अंडरवेर की क़ैद से उछल कर बाहर आया…..लंड सीधा नजीबा की फुद्दि पर जा लगा….” नजीबा का जिस्म ऐसे कांपा….मानो उसके बदन से नंगे करेंट के तार टच हो गये हो……

मेने नजीबा का राइट हॅंड पकड़ कर अपने लंड पर रखते हुए कहा, तो नजीबा एक दम से डर के मारे कांप उठी, तो उसने अपना हाथ पीछे खेंचना चाहा…”प्लीज़ नजीबा इसे पकड़ लो ना….देखो कितना हार्ड हो चुका है…प्लीज़ मेरी इतनी सी भी बात नही मनोगी…..पकडो ना…..? मेरी बात सुन कर नजीबा ने एक बार मेरी आँखो मे देखा और फिर अपने हाथ की तरफ जो मेरे लंड के ऊपेर था…..उसने फिर से ना मे सर हिला दया…..

मैं: प्लीज़ पकड़ लो….वरना आज के बाद मैं तुम्हे कभी बुलाउन्गा भी नही….प्लीज़. तुम्हे मेरा लंड पसंद नही आया…बोलो….

नजीबा ने नज़रें झुकाए हुए, धीरे-2 मेरे लंड पर उंगलियों को कसना शुरू कर दिया… “अह्ह्ह्ह नजीबा तुम्हारे हाथ कितने सॉफ्ट है….हां ऐसे ही पकडो…..” नजीबा ने अब मेरे लंड को मुट्ठी मे पकड़ रखा था….”प्लीज़ इसे हिलाओ ना….देखो जैसे लड़की हिला रही है…. मेने स्क्रीन पर चल रही क्लिप को देखते हुए कहा. नजीबा कुछ देर ऐसे ही मेरे लंड को पकड़े बैठी रही….उधर जैसे क्लिप मे वो औरत घुटनो के बल बैठी उस आदमी के लंड को चूमते हुए चुप्पे लगा रही थी….उसे देख कर वैसे ही नजीबा की पकड़ मेरे लंड पर और कस गयी….मैं भी बहुत ज़्यादा गरम हो चुका था…मैने नजीबा को बाहों में भर करके एक साइड किया और फिर थोड़ा सा करवट के बल होते हुए उसकी पीठ को पीछे रखी रज़ाई के ऊपेर टिका दिया….उसकी बुन्द अभी भी मेरी गोद में ही थी….और मेरा 120 डिग्री के अंगल से खड़ा लंड नजीबा की फुद्दि पर दबा हुआ था….मैने झुक कर नजीबा के राइट मम्मे को जैसे ही मूह में लेकर सक करना शुरू किया…..नजीबा इन्थाह मस्ती मे सिसक उठी….. उसने अपनी दोनो बाजुओं को मेरे सर पर कस लिया…
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03-08-2019, 02:08 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैं पागलो की तरह उसके राइट मम्मे को चूस रहा था….और नजीबा की मस्ती से भरी सिसकारियाँ पूरे रूम में गूँज रही थी….मैने अपने एक हाथ को नीचे लेजा जर अपने लंड को पकड़ कर ऊपेर की तरफ नजीबा की फुद्दि पर दबाया…और नीचे से अपनी कमर हिला कर उसकी फुद्दि के लिप्स के दरमियाँ अपने लंड को टोपे से लेकर जड तक रगड़ने लगा…..”सीईईईई ओह ख़ान सहाब…मैं पागल हो जाउन्गि….मुझे कुछ हो रहा है…जीए अह्ह्ह्ह ओह मैं…..” नजीबा बहुत ज़यादा हॉट हो चुकी थी…और खुद भी अपनी बुन्द को हिलाते हुए मेरे लंड पर अपनी फुद्दि को रगड़ रही थी…फिर वो लम्हा आया…कि इस कारगुजारी में मेरे लंड का कॅप नजीबा की दहक्ती हुई फुद्दि के सूराख पर जा लगा….तो नजीबा के बदन ने जबरदस्त झटका खाया…”सीईईईईईईईईई ओह्ह्ह्ह जीए….”नजीबा ने सिसकते हुए मेरे सर को पकड़ अपने मम्मे पर मजीद दबा दिया…

पर वही यही वो लम्हा था….जिससे मेरे आगे आने वाली जिंदगी का फैंसला होना था… जो आगे चल कर मेरी तकदीर में क्या लिखा है….जो खवाब मैं सोते जागते उठाते बैठते कई दिनो से देखता आ रहा था….आज उसका फैंसला हो जाना था….मैने एक दम से नजीबा के मम्मे से अपने मूह को हटा लिया…और नजीबा की कमर से पकड़ कर उसे पूरी तरह बेड पर लिटा दिया….और खुद उससे अलग होकर अपना अंडरवेर पहनने लगा….नजीबा हैरत से मेरी तरफ देख रही थी…मैने अंडरवेर पहना और बेड से उतरते हुए बोला….”आइ आम सॉरी नजीबा….मैं बहक गया था….मुझे तुम्हारे साथ ये सब नही करना चाहिए था….मैं तुम्हारे लायक नही हूँ….” मैं नजीबा से थोड़ा फाँसला बना कर बेड पर बैठ गया….

नजीबा: समीर मैं सच में आपसे प्यार करती हूँ…अब मुझे समझ में नही आ रहा कि, मैं आप को कैसे यकीन दिलाऊ….कि आप जैसे भी हो….मैं आपको बहुत प्यार करती हूँ….

नजीबा ने मेरे गाल पर हाथ रख कर मेरे फेस को अपनी तरफ घूमाते हुए कहा…” समीर क्या तुम मुझसे प्यार नही करते…..?” मैने नजीबा की आँखो में देखा तो उसकी आँखे नम हो चुकी थी…. “करता हूँ….अपनी जान से भी ज़्यादा पर…” इससे पहले कि मैं कुछ बोलता…नजीबा ने मेरे होंटो पर उंगली रखते हुए मुझे चुप रहने के लिए कहा….और फिर धीरे-2 अपने होंटो को मेरे होंटो के तरफ बढ़ाते हुए सरगोशी भरी आवाज़ मे बोली….”समीररर मैं तुम्हारे पास अपनी अम्मी मामी को धोका देकर आई हूँ….प्लीज़ समीर आज मुझे अपने प्यार से भर दो…मुझे प्यार करो समीर…..” ये कहते हुए नजीबा ने अपने होंटो को मेरे होंटो पर लगा दिया….

नजीबा के सर्द होंटो को अपने होंटो पर महसूस करके, मैं एक दम से मदहोश सा होने लगा….जिसके लिए मैं सारी दुनिया से लड़ सकता था….वो आज मेरी बाहों में समाई हुई थी…मैने नजीबा के नीचे वाले होन्ट को अपने होंटो मे लेकर धीरे-2 चूसना शुरू कर दिया….तो नजीबा का पूरा बदन थरथरा गया….वो तड़पते हुए मुझसे लिपट गयी….और अपने होंटो को खोल कर ढीला छोड़ दिया….पर पता नही क्यों मेरा मन एक दम से बेचैन हो उठा…मैने नजीबा के होंटो से अपने होंटो को अलग क्या 

नजीबा ने मेरे पास आकर मेरे कंधे पर हाथ रखा…..तो मैने पलट कर उसकी तरफ देखा…..”क्या हुआ समीर……?” नजीबा ने मेरी आँखो में झाँकते हुए कहा…. “कुछ नही….” मैने फिर से टीवी की तरफ देखना शुरू कर दिया….. “ 

नजीबा: समीर आप एक बार कुछ कहो तो सही….ऐसे चुप ना रहो…मेरे जान निकली जा रही है….

मैं: नजीबा तुम नही जानती मैं कितना बुरा इंसान हूँ….और तुम हो कि, मुझे इस क़दर प्यार करती हो…कि मेरे सारी बुराइयों को जानते हुए भी तुम मुझे अपना सब कुछ देने के लिए तैयार हो….शायद तुम सोच रही होगी कि, तुम मुझे अपने प्यार से बदल दोगि….पर अगर मैं नही बदला तो….

नजीबा: समीर मुझे अपने प्यार पर पूरा भरोसा है…कि मेरा प्यार तुम्हे बदल देगा….और अगर ना भी बदल सका तो….आप जैसे भी हो मुझे मेरी जान से ज़्यादा प्यारे हो…और मैं आप से दूर होने के बारे में सोच भी नही सकती….

मैं: एक बार फिर सोच लो….क्या तुम ये बर्दास्त कर पाओगी कि, शादी के बाद भी अगर मैं किसी और औरत या लड़की के चक्कर में रहूं….

नजीबा: अगर आप इसमे खुश हो तो, मैं भी खुश हूँ आपकी खुशी मे….बस मुझे कभी छोड़ना नही….प्लीज़ समीर मेरा यकीन करो…मैं आप से बेइंतिहा प्यार करती हूँ…मैं अगर आप से अलग हुई तो, मैने मर जाना है……

मैं: नजीबा शायद तुम मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही अट्रेक्टिव हो गयी हो….ये सिर्फ़ अट्रॅक्षन है और कुछ नही…अच्छा एक बात बताओ अगर मैं कहूँ कि, मुझे तुम्हारे साथ और एक लड़की के साथ एक साथ सेक्स करना है तो, क्या तुम मान जाओगी….

नजीबा: पर ये कैसे पासिबल है….कोई भी बीवी अपने शोहार को किसी और के साथ नही देख सकती…और आप तो मुझे भी साथ इन्वॉल्व होने को कह रहे हो…

मैं: इसलिए कह रहा हूँ….मैं तुम्हारे लायक नही हूँ….तुम मुझे भूल जाओ… मैं जो हूँ वो तुम्हे बता दिया….मेरा एक औरत के साथ गुज़ारा नही हो सकता….
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03-08-2019, 02:31 PM,
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पता नही क्यों मुझे पूरा यकीन था कि, नजीबा मुझे किसी भी कीमत पर नही छोड़ेगी…..पता नही उसके दिल में मेरे लिए इतना प्यार कैसे भर गया था…पता नही क्यों मुझ पर इतना भरोसा करती थी….मेरी हर खुशी के लिए जीती थी…. नजीबा मेरी बात सुन कर सोच में पड़ गयी….

नजीबा: ठीक है ख़ान साहब अगर आप यही चाहते है तो यही होगा… आप जैसे कहेंगे में करने के लिए तैयार हूँ….प्लीज़ अब मुझे और नही तड़पाए… में आज हमेशा-2 के लिए आप की हो जाना चाहता हूँ…

मैं: पर नजीबा मैं तुम्हारी लाइफ बर्बाद नही करना चाहता…..

नजीबा: ओह्ह तो जनाब को मेरी इतनी फिकर है…..

मैं: हां है….तुम्हे नही लगता…..?

नजीबा: अच्छा आप नही चाहते….पर मेरा दिल तो चाहता है नही कि…..

मैं: क्या…?

नजीबा: क़ी आज मुझे अपनी बना लो….हमेशा-2 के लिए…..(नजीबा ने मुझसे लिपटाते हुए कहा….) 

जैसे ही नजीबा के नरम मम्मे मेरे सीने से लगे, मेरा पूरा जहाँ काँप उठा…..उस समय मेने नीचे अंडरवेर पहन रखा था….ऊपेर सिर्फ़ गरम टी-शर्ट पहना हुआ था…..”समीर प्लीज़ आज मुझे अपना बना लो. अपनी नजीबा को अपना बना लो प्लीज़ समीर…..” ये कहते हुए नजीबा ने मेरी टी-शर्ट को दोनो हाथो से पकड़ कर उतार दिया…और अपने होंठो को मेरे निपल पर लगाया तो में एक दम से सिसक उठा…. 
पता नही आज नजीबा किस मूड में है. में उसके साथ ये सब करके उसके लिए कोई प्राब्लम क्रियेट नही करना चाहता था. अभी में यही सब सोच रहा था कि, नजीबा ने मेरा हाथ पकड़ा 

….और मेरे हाथो को पकड़ कर अपनी कमर में डालते हुए खुद धीरे-2 पीछे होती चली गयी…मेरे हाथ जो कि अब उसकी पतली बल खाती कमर पर थी….नजीबा ने उसे अपने हाथो से पकड़ रखा था…और मुझे भी उसके साथ -2 लेटना पड़ रहा था….वो धीरे-2 पीछे होते हुए बेड पर लेट गयी….

नजीबा: समीररर प्लीज़ मुझे इस तरह नही तरसाओ….क्या तुम मुझे प्यार नही कर सकते.

नजीबा की आँखो में वासना के लाल डोरे तैर रहे थे….उसके तने हुए मम्मो को देख कर मेरा लंड फटने को हो रहा था….”किस मी समीर….” नजीबा ने मेरी आँखो में देखते हुए कहा….और फिर धीरे-2 अपने आँखे बंद कर ली…..अब में पूरी तरह बहक चुका था…मेने अपने होंठो को नजीबा के होंठो से लगा दिया….

और उसके होंठो को अपने होंठो में दबा -2 कर चूसना शुरू कर दिया….नजीबा ने भी देर नही करते हुए मेरा साथ देना शुरू कर दिया…..हम दोनो पागलो के तरह एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे…काट रहे थे…कभी -2 में नजीबा की जीभ को अपने होंठो में लेकर चूसने लगता तो, नजीबा एक दम से मचलते हुए मुझसे लिपट जाती…..

मेरा तना हुआ लंड अंडरवेर के अंदर से नजीबा के नाभि के ऊपेर रगड़ खा रहा था….और खुद उसके ऊपेर लेटते हुए, अपनी टाँगो को उसकी दोनो टाँगो के दरमियाँ करते हुए, उसके ऊपेर लेट गया…ताकि मेरा लंड उसकी फुद्दि पर रगड़ ख़ाता रहा…

मैं नजीबा के होंठो को चूसने में मस्त था, तो नजीबा भी अपने होंठो को चुस्वा कर मस्त हो चुकी थी...बीच-2 में जब में अपनी कमर को आगे की तरफ हिला कर अपने लंड को उसकी फुद्दि पर रगड़ता तो, नजीबा का पूरा बदन झटका खा जाता...मेने नजीबा के होंठो को चूसना छोड़ा और उसकी जाँघो के बीच घुटनो के बल बैठ गया... नजीबा मुझे अपनी अध खुली आँखो से देख रही थी

फिर मेने उसकी गर्दन पर अपने होंठो को लगा दिया. और उसकी गर्दन पर अपने होंठो को रगड़ने लगा…और उसकी गर्दन को चूमते हुए नजीबा ने सिसकते हुए मुझे अपनी बाहों में कस लिया…

नजीबा ने दोनो टाँगो को मेरी कमर के दोनो तरफ लप्पेट लिया…जैसे कि वो मुझे अपने से अलग नही होने देना चाहती हो…. मेने अपने दोनो हाथो को उसके पीठ के पीछे लेजाते हुए उसे अपने बाज़ुओं में कस लिया… नजीबा अपने नंगेपन के कारण शर्मा रही थी. और फिर जैसे ही मेने उसे अपनी बाहों में भर कर अपने साथ चिपकाया तो, उसके गोल-2 सख़्त मम्मे मेरे चेस्ट में धँस कर रगड़ खाने लगे…एक बार फिर से मेने नजीबा के होंठो को चूसना शुरू कर दिया था…मेने कुछ देर उसके होंठो को चूसा, और फिर वैसे ही उठ कर बैठ गया…..

मेने झुक कर नजीबा के लेफ्ट मम्मे को जैसे ही मूह में भर कर सक करना शुरू किया तो, नजीबा एक दम से सिसकते हुए मुझसे कस्के लिपट गयी….उसकी कमर ने ज़ोर दार झटका खाया….”अहह उंह…शियीयीयैआइयैआइयैयीयीयियी…..” मेने नजीबा के मम्मे को मूह से निकाला और उसके कान के पास अपने होंठो को लेजा ते हुए धीरे से बोला….”नजीबा क्या तुम सच में ये सब करना चाहती हो…..” ये कहते हुए मेने फिर से उसके मम्मे को मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया 

और दूसरे मम्मे को अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू कर दिया….”अहह शियीयियीयियी उंह हाआँ समीर आज में हमेशा हमेशा के लिए तुम्हारी हो जाना चाहता हूँ….” 

नजीबा ने सिसकते हुए कहा…मैं एक दम से बेड से उतर कर नीचे खड़ा होकर अपने अंडरवेर उतारने लगा…..नजीबा मेरी तरफ पीठ करके करवट के बल लेटी हुई थी……शायद वो शरमा रही थी….

मैं: क्या हुआ मेरी तरफ पीठ क्यों कर ली…(मेने अपने अंडरवेर को उतारते हुए कहा….)

पर नजीबा शायद शरम की वजह से कुछ नही कर रही थी….में कुछ ही पॅलो में एक दम नंगा हो चुका था…में नजीबा की बगल में लेट गया….उसकी पीठ मेरी तरफ थी….मेरा तना हुआ लंड सीधा उसकी बुन्द की दरार में रगड़ खाने लगा तो, नजीबा सिसकते हुए मुझसे और चिपक गयी…मेने अपना एक हाथ नीचे लेजाते अपने लंड को पकड़ कर नजीबा की बुन्द की दरार में धंसा कर धीरे-2 रगड़ना शुरू कर दिया….जैसे-2 मेरे लंड का कॅप नजीबा की बुन्द के सूराख पर रगड़ ख़ाता तो, नजीबा एक दम मचल उठती….मुझे नजीबा की तेज चलती साँसे भी सॉफ सुनाई दे रही थी….
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03-08-2019, 02:31 PM,
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वो बुरी तरह से मचल उठी…..उसकी सिसकारी पूरे रूम में गूँज गये…मेरे लंड का मोटा कॅप उसकी बूँद के सूराख पर दबा हुआ था….और उसकी कमर धीरे-2 झटके खा रही थी…मेने अपनी गर्दन को थोड़ा सा ऊपेर उठा कर उसके कंधे पर अपने सर को रखा और फिर एक हाथ से उसके फेस को अपनी तरफ घुमाया तो, देखा उसकी आँखे बंद थी…..उसके रसीले होंठ तेज़ी से थरथरा रहे थे……उसके मम्मो के निपल्स तन कर किसी तीर की नोक की तरह तीखे हो गये थे….

काम में उसका दहकता हुआ लाल चेहरा देख कर में भी अपने होश खो बैठा…कितनी हसीन लग रही थी वो….एक कली फूल बनने के लिए तैयार थी….मेने उसकी कमर में हाथ डालते हुए उसे धीरे-2 सीधा करके पीठ के बल किया और अगले ही पल मेने उसकी टाँगो को बीच आते हुए, उसकी टाँगो को पकड़ कर फैला दिया….मेरा लंड उसकी फुद्दि के ऊपेर लहरा रहा था….नजीबा ने अपनी फुद्दि को अपने हाथो से ढकने के कॉसिश की, पर मेरे एक बार ही कहने पर उसने अपने हाथों को अपनी फुद्दि से हटा लिया……और आँखे बंद करके अपने फेस को एक साइड में कर लिया…..

नजीबा की कुँवारी फुद्दि जो एक दम क्लीन शेव्ड थी…देखते ही मेरे लंड ने झटके खाने शुरू कर दिए…मेने जैसे ही उसकी फुद्दि के ऊपेर अपना हाथ फेरा तो, नजीबा सिसकते हुए एक दम से मचल उठी….”शियीयीयैआइयैआइयीयीयियी उंह उन्न्ञनणणन्” उसके कमर ने हल्का सा झटका खाया “नजीबा तुम तैयार हो…..?”

नजीबा: (हां में सर हिलाते हुए….) ह्म उन्न्ञणणन्…..”

मैं: किस लिए…..बोलो नही…..प्लीज़…..(मेने नजीबा की फुद्दि को धीरे-2 दबाते हुए कहा तो वो काँपते हुए सिसकने लगी…पर बोली कुछ नही….”

मैं: बोलो नही किस लिए…मुझसे चुदवाने के लिए नही…..?

नजीबा : ह्म्म्म्म ….

मेने नजीबा की फुद्दि से हाथ हटाया और फिर उसके ऊपेर झुकते हुए, उसके मम्मो को चूसना शुरू कर दिया….और फिर धीरे-2 अपने होंठो को उसके बदन पर रगड़ते हुए धीरे-2 नीचे आने लगा….में जब उसकी नाभि के पास पहुँचा और उसकी नाभि के अंदर अपने जीभ को डाल कर चाटा तो, नजीबा बुरी तरह सिसक उठी…

उसने मेरे सर के बालो को कस्के पकड़ लिया…..”उंह ओह समीरररर हां खा जओव मुझे…ओह्ह्ह ख़ान सहाब….” नजीबा की उंगलियाँ तेज़ी से मेरे सर के बालो में घूमने लगी थी…

मैं 4-5 मिनिट तक उसके नाभि और पेट को चूमता रहा…और फिर धीरे-2 और नीचे आते हुए उसकी टाँगो की जडो पर अपनी जीभ को रगड़ना शुरू कर दिया….”सीईईईईई उंहझहह ओह्ह्ह्ह अहह समीराररररर हाां खा जाओ मुझीए अहह…” नजीबा की सिसकारियाँ अब और उँची और गरम होती जा रही थी….उसकी फुद्दि से निकल रहे काम रस से उसकी फुद्दि के लिप्स पूरी तरह गीले हो चुके थी…..उसकी फुद्दि के लिप्स आपस में जुड़े हुए थे….जैसे ही मेने उसकी टाँगों को फैला कर अपने मूह को उसकी फुद्दि के लिप्स के बीच लगाया….तो नजीबा एक दम से तड़प उठी… “ओह समीरार नही नही प्लीज़ उंह ओह…सीईईईई उंह समीराआर मेरीई जानंननणणन्……..” नजीबा ने सिसकते हुए, दोनो हाथो से तकिये और बेड से शीट को पकड़ लिया….

नजीबा का पूरा बदन मस्ती में कांप रहा था…उसकी कमर बुरी तरह झटके खा रही थी…..जब नजीबा से बर्दास्त नही हुआ तो, उसने मेरे कंधो को पकड़ कर ज़ोर से ऊपेर खेंचा और जैसे ही, में उसके ऊपेर आया तो, एक दम मदहोश हो चुकी नजीबा ने मेरे होंठो को अपने होंठो में लेकर पागलो की तरह चूसना शुरू कर दिया……”ओह्ह्ह्ह समीररर आइ लव यू समीर आइ लव यू….” फिर तो जैसे नजीबा ने अपने प्यार का खजाना मेरे ऊपेर लुटा दिया….

मेने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर लंड की कॅप को फुद्दि के सूराख पर सेट किया…और फिर उसके दोनो टाँगो को घुटनो से मोड़ कर अपने कंधो पर रख दिया….जिससे नजीबा की फुद्दि ऊपेर की तरफ खुल गयी…..मेने उसके मम्मो को चूसना छोड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर चूसना शुरू कर दिया. और साथ ही उसके दोनो कंधो को मजबूती से पकड़ते हुए एक ज़ोर दार झटका मारा….. “गतच की आवाज़ करता हुआ मेरे लंड का कॅप उसकी फुद्दि के टाइट सूराख को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा….

नजीबा एक दम से तडपी….पर में जानता था कि, दर्द तो होना ही था….इसीलिए बिना उसके दर्द की परवाह किए बिना एक बार फिर से पूरी ताक़त से अपनी कमर को आगे की तरफ पुश किया….”उंघह” ये आवाज़ बयान कर रही थी कि, उस वक़्त नजीबा को कितना दर्द हो रहा होगा….जब मेने पूरी ताक़त के साथ झटका मारा था….नजीबा नीचे लेटी हुई दर्द से तड़प कर रह गयी…..में उसे मजबूती से पकड़े हुए था…और उसके होंठ मेरे होंठो के बीच में दबे हुए थे….उसके दोनो हाथ मुझे मेरे कंधो से कस्के पकड़े हुए थे…..मेरा आधा से ज़यादा लंड उसकी फुद्दि की सील तोड़ता हुआ अंदर जा घुसा था….और अब आख़िरी वार करने का वक़्त आ गया था…मेने अपनी सारी ताक़त इकट्ठी की और एक और जोरदार शॉट लगाया….”गतच” मेरा लंड इस बार उसकी फुद्दि की गहराईयो तक अंदर घुस चुका था….
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03-08-2019, 02:31 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मेने बड़ी मुस्किल से नजीबा को अब तक संभाला हुआ था….पर किसी तरह से उसने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग किया तो, मेने उसके फेस की ओर देखा, उसकी आँखो से तेज आँसू बह रहे थे….”उन्न्ञणणन्….समीर बहुत दर्द हो रहा है…..”नजीबा ने सूबकते हुए कहा, तो मेरा दिल पिघल गया….मेने उसकी आँखो से आँसू पोंछे…..

मैं: कुछ नही होता….जितना दर्द होना था….हो गया…..अब दर्द नही होगा….

नजीबा: (सूबकते हुए) मुझे पता है समीर….पर में इस दर्द को सहन करना चाहती थी….तुमने कभी भी मुझे कोई तकलीफ़ नही दी….बिना किसी लालच के मुझे प्यार करते रहे….और मेरी वजह से तुम्हे कितना दुख पहुँचा है....अब ये दर्द सहन करके में तुम्हे अपनी सबसे कीमती चीज़ तुम्हे देना चाहती हूँ….(उसने मुझे कंधो से पकड़ कर अपने ऊपेर झुकाते हुए कहा..)

मेने नजीबा के मम्मो को दबाना शुरू कर दिया….थोड़ी देर बाद नजीबा का दर्द कम होने लगा… मेने अपने लंड को आधे से ज़यादा बाहर निकल कर देखा तो देखा मेरा लंड उसकी फुद्दि के सील टूटने से निकले खून से सना हुआ था….पर ये बात नजीबा को बता कर में उसे डराना नही चाहता था…इसीलिए मेने उसके मम्मो को दबाते हुए उसके राइट निपल को मूह में लेकर सक करना शुरू कर दिया…और उसके लेफ्ट मम्मे के निपल को अपने हाथ की उंगलियों से दबाना शुरू कर दिया….

में कभी उसके लेफ्ट मम्मे को चूस्ता तो, कभी उसके राइट मम्मे को…..उसके हाथ जो मेरी कमर पर रखे हुए थे….अब धीरे-2 उसके हाथों की पकड़ मुझे मेरी पीठ और कमर पर कस्ति हुई महसूस होने लगी…मेने उसके मम्मो को चूस्ते हुए, उसकी आँखो की तरफ देखा, तो उसकी आँखे मस्ती में बंद हो चुकी थी…शायद अब उसका दर्द कम हो गया था….मेने वैसे ही उसके मम्मो को चूस्ते हुए, धीरे-2 अपने लंड को थोड़ा-2 बाहर निकाल कर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….

नजीबा: शियीयीयीयियी ह्म्म्म्म मममम धीरीई करो नही समीर ..प्लीज़….

मैं: अब कैसा लग रहा है मेरे जान दर्द तो नही हो रहा….?

नजीबा: थोड़ा सा है…..(नजीबा ने सिसकते हुए कहा तो, मुझे अहसास हो गया कि, अब ये चुदने के लिए पूरी तरह गरम हो चुकी है….)

मेने धीरे-2 अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए, उसके मम्मो को दबाना शुरू कर दिया…और उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर ज़ोर-2 से चूसने लगा…नजीबा भी गरम हो चुकी थी….इसलिए वो भी मस्त होकर मुझसे अपने होंठो को चुस्वा रही थी…..उसके दोनो हाथ मेरी पीठ पर घूम रहे थे…..मेने उसके होंठो से अपने होंठो को अलग किया….मेने अपनी कमर को और तेज़ी से हिलाते हुए उसकी फुद्दि में अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….अब मेरा लंड उसकी फुद्दि से निकल रहे पानी से पूरा गीला होकर अंदर बाहर हो रहा था….

नजीबा: शियीयीयीयियी ओह बहुत मज़ा आ रहा है….हां समीर ऐसे करते रहे आप सीईईईई ओह अहह…..

नजीबा ने सिसकते हुए खुद ही अपनी टाँगो को और ऊपेर उठा लिया…वो अब खुद भी धीरे-2 नीचे से अपनी बुन्द को ऊपेर कर रही थी….मेरा लंड उसकी फुद्दि के पानी से गीला होकर फॅच-2 की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था…”ओह्ह्ह नजीबा तुम्हारी फुद्दि बहुत टाइट है….बहुत मज़ा आ रहा है तेरी फुद्दि मारने में…..” अब मेने अपने लंड को कॅप तक बाहर निकाल-2 कर उसकी फुद्दि में घस्से लगाना शुरू कर दिया था….नजीबा भी मदहोश होकर अपनी बुन्द को धीरे-2 ऊपेर की और उछाल रही थी…..

मैं: नजीबा मुझे बहुत मज़ा आ रहा है….दिल कर रहा है कि रोज तुम्हारी ऐसे ही लिया करूँ….

नजीबा: हाआँ समीर जब मरज़ी ले लेना …..में मना नहिकरूँगी…ओह्ह्ह्ह अम्मी शीईईइ अह्ह्ह्ह ख़ान सहाब आज से में आपकी हूँ….

मैं: नजीबा क्या तुम अपनी मम्मी के सामने भी ये कह सकती हो….?

नजीबा: हां मम्मी के सामने भी कह दूँगी…..

में अब पूरी रफतार से नजीबा की फुद्दि में लंड अंदर बाहर करने लगा था….और नजीबा की सिसकारी पूरे रूम में गूँज रही थी….”ओह्ह्ह अहह ओह समीर अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हाईए मुझे कुछ हो रहा है….कुछ निकलने वाला है ओह” नजीबा ने सिसकते हुए मुझसे चिपकना शुरू कर दिया….”आह निकाल दे अपनी फुद्दि से हां मेरे लंड पर छोड़ दे रुकना नही अहह….”

नजीबा: अहह श्िीीईईईईईईईईईई ओह माँ……

नजीबा का बदन एक बार कुछ पॅलो के लिए ऐसे काँपा मानो जैसे उसके बदन में करेंट का झटका लग गया हो….उसकी फुद्दि ने अंदर-2 ही मेरे लंड को निचोड़ना शुरू कर दिया….मेने भी पूरे जोश में आते हुए ऐसे-2 शॉट मारे कि नजीबा मेरे बदन से काँपते हुए लिपट गये…और नजीबा की फुद्दि के पानी से मेरे लंड के अंदर से निकल रही बौछारो का मिलन शुरू हो गया…..

हम दोनो बुरी तरह हाँफ रहे थे…..जब वासना का नशा उतरा तो, सर्दी से बदन ठिठुरने लगा…नजीबा ने जल्दी से उठ कर बेड पर कंबल को उठा कर हम दोनो के ऊपेर सरका लिया…और मेरे ऊपेर लेटते हुए एक बार फिर से अपने रसीले होंठो को मेरे होंठो पर लगा दिया….उम दोनो मदहोशी के आलम में एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे…
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