Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 02:55 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
नीलम शरमा कर मुस्कुराने लगी… और शरमाते हुए बोली…” नीचे काम ख़तम करने के बाद मैने छत पर कपड़े धोने जाना है…” मैं नीलम की बात सुन कर मुस्कुराने लगा…..और किदिन से बाहर आकर नजीबा के पास बैठ गया….और इधर उधर की बातें करने लगा…नीलम घर के कामो में मसरूफ़ थी…बीच-2 वो नज़र बचा कर मेरी तरफ देख कर स्माइल कर देती…..मैं भी उसे काम करते हुए देख रहा था…टीवी देखते और बाते करते-2 9 बज गये…..


थोड़ी देर बाद नीलम फारिघ् होकर आई….और मुझे देखते हुए बोली…..” समीर अपने धुलने वाले कपड़े दे दो…में ऊपेर कपड़े धोने जा रही हूँ,….” मैने एक बार नजीबा की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोला…”नजीबा तुम बैठ कर टीवी देखो… मैं मामी जी को कपड़े देने है….और फिर पढ़ाई भी करनी है….अब दोपहर को नीचे आउन्गा…”

नजीबा: जी…..

नीलम मेरी तरफ देख कर मुस्कुराइ और कपड़ों की बालटी भर कर ऊपेर जाने लगी…. मैं भी उसके पीछे ऊपेर आ गया….जैसे ही हम दोनो रूम में पहुँचे तो, मैने नीलम को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया….”क्या कर रहे हो समीर उफ्फ थोड़ा सबर करो….” नीलम ने मुझसे अलग होते हुए कहा….तो मैं नीलम से अलग हो गया,…..”पहले अपने कपढ़े दो और मेरे साथ ऊपेर आओ….” मैने बॅग में से धुलने वाले कपड़े निकाले और बालटी में रख दिए….हम दोनो ऊपेर छत पर आ गये….ऊपेर एक छोटा सा स्टोर रूम था….जो सीढ़ियों की मम्टी के साथ था….नीलम ने उस रूम का डोर खोला…और अंदर जाकर मुझे आवाज़ दी….मैं जब अंदर पहुँचा तो, नीलम ने मुस्कुराते हुए कहा….”चलो पहले मेरे साथ ये मशीन को बाहर निकलवाओ….”मैने एक तरफ से वॉशिंग मशीन को पकड़ा और दूसरी तरफ से नीलम ने… फिर उसे बाहर लाकर स्टोर रूम की दीवार के साथ डोर के पास रख दिया….

नीलम ने मशीन की केबल प्लग में लगाई और टॅप से पाइप लगा कर उसमे पानी भरने लगी….मैं वही खड़ा नीलम को देख रहा था….आज उसने पिंक कलर की शलवार कमीज़ पहना हुआ था….जिसमे से उसके ब्लॅक कलर की ब्रा सॉफ नज़र आ रही थी….उसके बड़े-2 फूटबाल जैसे मम्मे देख-2 कर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था….पानी भरने के बाद नीलम ने मशीन मे सर्फ और कपड़े डाले और मशीन ऑन कर दी….फिर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली…”बस हो गया…” 

मैं नीलम की तरफ बढ़ा…और नीलम की कमर में बाहें डाल कर उसके होंठो को किस करने लगा…नीलम भी मेरा पूरा साथ दे रही थी… में नीलम के होंठो को चूस्ते हुए…अपने एक हाथ को उसकी कमीज़ के ऊपेर से मम्मे पर ले गया…और धीरे-2 उसके मम्मे को मसलने लगा…

नीलम गरम होने लगी….नीलम ने अपने होंठो को मेरे होंठो से हटाया…और काँपती हुई मदहोशी से भरी आवाज़ में बोली….

नीलम: समीर अंदर चलो….

मैं नीलम की बाज़ुओं में लिए हुए नीचे झुक कर उसको अपनी बाहों में उठा लिया….

नीलम: ओह ओ समीर ध्यान से ध्यान से

में: कुछ नही होगा में आप को गिरने नही दूँगा.

और मेने नीलम को अपने बाहों में उठा लिया और दोनो हाथों से उसकी बुन्द के दोनो पार्ट्स को खोल कर दबाते हुए उसे स्टोर रूम में लेकर जाने लगा,…. “सीईइ समीर ये क्या कर रहे हो…आह समीर तुम तो बड़े बेशर्म हो….” जैसे ही में नीलम को उठा कर स्टोर रूम में पहुँचा….स्टोर रूम में एक सिंगल बेड था…. में नीलम को नीचे उतार दिया. और रूम की लाइट ऑन कर दी.

जैसे ही रूम में ट्यूब लाइट की रोसनी चारो तरफ फैली. नीलम ने अपने सर को शरम के मारे झुका लिया. में नीलम के पास गया, और नीलम की कमर को अपनी बाहों में कस लिया. नीलम ने अपने आँखों को बंद कर लिया. 

में: क्या हुआ?नीलम जी आप तो अभी भी शरमा रही हो. मुझसे क्या शरमाना.

नीलम: (अपनी आँखों को खोलते हुए) अब अगर कोई *** साल का लड़का मेरे साथ ये सब करे तो मुझे शरम नही आएगी क्या.

में: तो सुबह शरम नही आ रही थी…

नीलम: आ रही थी.पर जब से तुम यहाँ आए हो. मेरा नींद हराम कर रखी है तुम्हारे इस हथियार ने (नीलम ने अपने हाथ को नीचे लेजा कर शलवार के ऊपेर से मेरे लंड पर दबाते हुए कहा…

मैने नीलम को अपनी बाहों में कस लिया. मेरे हाथ नीलम की कमर को सहला रहे थे.में नीलम की आँखों में देख रहा था. जो नीलम के गरम होने की वजह से बंद हुई जा रही थी. में अपने होंठो को नीलम के होंठो की तरफ बढ़ाने लगा. नीलम ने अपने दोनो हाथों से मेरी शर्ट के कोल्लेर्स को कस के पकड़ लिया. और अपनी आँखे बंद करके अपने होंठो को मेरे होंठो की तरफ बढ़ाने लगी.

नीलम की तेज़ी से चल रही गरम साँसे में अपने फेस और होंठो पर महसूस कर रहा था. में नीलम की उतेजना और वासना के कारण लाल सुर्ख हो कर दहक रहे फेस को देख रहा था. मेरी नज़र उसके फेस से हट नही रही थी…नीलम के काँपते होंठो बेसबरे से मेरे होंठो के मिलन का इंतजार कर रहे थे.जब मैने थोड़ी देर तक उसके होंठो को नही चूमा तो वो सरगोशी से भरी हुई काँपति आवाज़ में बोल पड़ी.

नीलम: ओह्ह समीर क्या सोच रहे हो. क्यों मुझे और मेरे होंठो को तड़पा रहे हो. 
Reply
03-08-2019, 02:55 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैने नीलम की बात को सुनते ही. नीलम के होंठो पर अपने होंठो को रख दिया.जैसे ही मेरे होंठ नीलम के होंठो से लगे. नीलम ने अपने हाथों को मेरे कोल्लेर से हटा कर. मेरे सर के पीछे लेजा कर कस लिया. और नीलम मुझसे एक दम चिपक गयी… नीलम के कसे हुए मम्मे मुझे कमीज़ के ऊपेर से अपनी चैस्ट पर महसूस हो रहे थे. में जवानी से भरपूर औरत को अपने बाहों में कसे हुए. उसके होंठो को चूस रहा था.

नीलम अपने होंठो को खोल कर मुझे अपने होंठो को आराम से चूसने दे रही थी. मैने नीलम के होंठो से अपने होंठो को हटा कर, उसके पूरे फेस और गालों को चूमने लगा.

नीलम: (मस्ती से भरी आवाज़ में) अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह समीर हन्णन्न् ऐसी हीए मुझी प्यार करो में बहुत तडपी हूँ अहह समीर. मुझे अपने साथ कहीं भगा कॅर्र ले चलो.

में नीलम की बातों पर ध्यान नही दे रहा था. में जानता था कि वो इस वक्त हवस के नशे में चूर हैं. में अपने दोनो हाथों से नीलम की बुन्द को साहवलर के ऊपेर से दबा रहा था. बूँद के दबाने के कारण नीलम मुझसे और चिपके जा रही थी.

में नीलम को चूमता हुआ नीचे आने लगा. नीलम का दुपट्टा सरक कर नीचे गिर चुका था. नीलम के मम्मे कमीज़ की क़ैद से निकलने को छटपटा रहे थे. में नीलम की नेक को किस करता हुआ. नीलम के मम्मो के बीच की दरार में अपनी जीभ से चाटने लगा. 

नीलम नीलम अपने दोनो हाथों से मेरे सर को कस के पकड़े हुए थी. नीलम के हाथों की उंगलियाँ मेरे बलों में घूम रही थी. में नीलम के मम्मो को दोनो हाथों से मसलते हुए. नीलम की कमीज़ के ऊपेर से नीलम के मम्मो को मूह में भर कर चूसने लगा. मेरी उतेजना और अपनी मस्ती के कारण नीलम ने अपने हाथों को मेरे सर से हटा दिया. 

और अपनी कमीज़ पर ले आई. और तेज़ी से कमीज़ को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए अपने बदन से निकाल दिया…अब वो नीलम की ब्लॅक ब्रा में थे…..उसके दूध जैसे सफेद मम्मे देख कर में पागल हो रहा था..नीलम ने अपनी ब्रा के हुक्स खोले बिना ब्रा के कप्स को पकड़ कर ऊपेर उठा दिया. नीलम के गोरे रंग मम्मे उछल कर बाहर आ गये. और में किसी भूखे बच्चे की तरहा, नीलम के मम्मो पर टूट पड़ा. और नीलम के गुदाज मम्मो को अपने दोनो हाथों में लेकर मसलने लगा.

नीलम के मम्मो के निपल्स एक दम तने हुए थे. ब्राउन कलर के निपल्स को देख कर में एक दम से पागल हो गया. और नीलम के निपल को झुक कर मूह में ले लिया. नीलम ने मुझे अपने बाहों में कस लिया.उसके हाथ तेज़ी से मेरे सर और पीठ पर घूमने लगी. नीलम मुझे अपने बदन पर कस के चिपकाए हुए थी.

नीलम: अहह समीर और्र्रर चूसो अहह और चूसो बहुत मज्जाआअ रहा हाईईइ और ज़ोर सीए चूसो अह्ह्ह्ह समीररर

में नीलम के दोनो मम्मो को बारी-2 चूस रहा था.नीलम पूरी तरहा गरम हो चुकी थे.और वो छटपटाए जा रही थी.

नीलम: ओह्ह्ह्ह समीर अब और बर्दास्त नही होता….

तभी मेरे मोबाइल की रिंग बजी….मैं नीलम से अलग हुआ….और मैने अपना मोबाइल निकाल कर देखा तो, ये नीलम के घर के लॅंडलाइन से ही कॉल आ रही थे….शायद नजीबा ने कॉल की थी….मैने कॉल पिक की…..”हैल्लो…..”

नजीबा: समीर प्लीज़ मामी को ऊपेर जाकर नीचे भेज दो…मुझे टाय्लेट जाना है…

मैं: अच्छा ठीक है…में भेजता हूँ…

मैने कॉल कट की तो, नीलम ने सवालिया नज़रो से मेरी तरफ देखा….”नजीबा की कॉल थे….उसे टाय्लेट जाना है….

नीलम: समीर जल्दी करो…..अब मुझसे बर्दास्त नही होगा….
Reply
03-08-2019, 02:56 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
नीलम ने जल्दी से अपनी शलवार का नाडा खोला और बेड के किनारे पर लेटते हुए, अपनी शलवार को घुटनो तक उतार कर अपनी टाँगो को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा लिया… मैने भी जल्दी से अपनी शलवार खोल कर नीचे की और कमीज़ को चिन के नीचे दबा कर लंड को बाहर निकाल कर बेड के किनारे खड़ा हो गया. और अपने लंड के कॅप को नीलम की फुद्दि के सूराख पर लगा कर, बिना एक पल देर किए एक धक्का मारा. नीलम की फुददी उसके काम रस से भीगी हुई थी. मेरे लंड का कॅप नीलम की गीली फुद्दि में फिसलता हुआ अंदर घुस गया. नीलम के मुँह से आह निकल गयी..

जैसे ही मेरे लंड का कॅप नीलम की फुद्दि में गया. नीलम ने मुझे मेरी शर्ट से पकड़ कर अपने ऊपेर खींच लिया. और अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख कर पागलों की तरह चूमने लगी…में किसी औरत को पहली बार इतना गरम देख रहा था. नीलम ने अपनी बाहों को मेरी पीठ पर कस लिया. और मेरे होंठो को चुस्ती हुई. अपनी बुन्द को ऊपेर के और उछल-2 कर अपनी फुद्दि को मेरे लंड पर पटाकने लगी. फुद्दी गीली होने के कारण मेरा लंड कुछ ही पलों में जड तक नीलम की फुद्दि में जड तक समा गया.जैसे ही मेरे लंड का कॅप नीलम की बच्चेिदानी से जाकर टकराया. नीलम ने अपने होंठो को मेरे होंठो से हटा लिया. और तेज़ी से हानफते हुए बोली.

नीलम: अहह समीर अब करो ना देखो में कैसी तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही हूँ. अब और ना तड़पाओ.

मैने नीलम और मोके की नाज़ुकता को समझते हुए अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से जोरदार शॉट लगा कर अंदर कर दिया. नीलम की फुद्दि उसके काम रस से भीगी हुई थी. में अपने लंड को तेज़ी से नीलम की फुद्दि के अंदर बाहर करने लगा. नीलम भी अपनी जाँघो को पूरी खोल कर अपनी बुन्द को ऊपेर उछाल-2 कर मेरे लंड को फुद्दि में ले रही थी.

नीलम: अहह समीर और जोर्र्र्रर सीईईई अहह समीर और तेज और ज़ोर सीए मारो मेरी फुद्दि आह अहह हां आईसीए हीई अहह अहह अहह अह्ह्ह्ह

में नीलम की फुद्दि में ताबडतोड धक्के लगा रहा था. नीलम मुझे अपनी बाहों में कसे हुए नीचे से अपनी कमर हिला कर मेरे लंड को अपनी फुद्दि में लेकर चुदवा रही थे. लंड फॅक-2 की आवाज़ से अंदर बाहर हो रहा था. और मेरे लंड का कॅप नीलम की फुद्दि की गहराइयों में चोट कर रहा था.

नीलम: अहह समीर मेरा निकलने वाला हाईईइ… अह्ह्ह्ह समीर और ज़ोर से आ सबाश समीर और ज़ोर लगा दो…हह समीर में तुम्हे बहुत मिस करूँगी.. अहह और ज़ोर से.

में पसीने से तरबतर हो कर नीलम की फुद्दि की अपने मोटे लंड से ठुकाई कर रहा था. नीलम की सिसकारियाँ और फॅक-2 की चुदाई की आवाज़ पूरे रूम में गूँज रही थी. तभी फिर से मेरा मोबाइल बजने लगा…..

नीलम: (हान्फते हुए) समीर जल्दी करो…. मैने नीलम की टाँगों को पकड़ कर अपने कंधों पर रख लिया. और पूरी रफ़्तार के साथ अपने लंड को नीलम की फुद्दि के अंदर बाहर करने लगा. नीलम अपने होंठो को दाँतों से काटने लगी.

नीलम: अहह ह समीर बुसस्स्स्स मेराअ होने वाला हाई. ओह समीर बस हो गयी अहह अहह ओह 

और नीलम का बदन ढीला पड़ गया. में ने भी दो चार और बार नीलम की फुद्दि में कस्के शॉट लगाए और मेरे लंड से मनी की बोछार नीलम की फुद्दि में निकल गयी. जैसे ही में फारिग हुआ…. मैने अपने लंड को नीलम की फुद्दि से बाहर निकाल लिया…नीलम जल्दी से खड़ी हुई….और अपनी शलवार ऊपेर करके नाडा बांधने लगी…मैने भी शलवार ऊपेर की और नाडा बांधने लगा….नीलम ने जल्दी से अपनी ब्रा को नीचे किया….और मेरी तरफ पीठ करते हुए बोली….”समीर जल्दी से ब्रा के हुक्स बंद करो…मैने ब्रा के हुक्स बंद किए..और नीलम अपनी कमीज़ पहन कर नीचे चली गयी….

मैं वहाँ से नीचे आया और बाथरूम में जाकर फ्रेश हुआ और फिर अपने रूम में आकर बैठ कर पढ़ने लगा….दोपहर का 1 बज रहा था…और में रूम में बेड पर लेटा हुआ था….की तभी मेरा मोबाइल बजा….मैने टेबल पर पड़े अपने मोबाइल को उठा कर देखा तो, फ़ैज़ के कॉल थे….मैने कॉल पिक की…..
Reply
03-08-2019, 02:56 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
फ़ैज़: हैल्लो समीर….

मैं: हां बोलो फ़ैज़….

फ़ैज़: यार आज आज़म का बर्तडे है….उसने घर पर पार्टी रखी है…हमे शाम को वहाँ जाना है….5 बजे तैयार होकर इधर आ जाना…हम दोनो यही से निकलेंगे….

मैं: नही यार मेरा मूड नही है…तुम चले जाओ…

फ़ैज़: देख समीर….अगर तूने नही जाना तो, मैने भी नही जाना है…उसने बड़े प्यार से कहा है….चल ना यार….

मैं: अच्छा ठीक है…मैं 4 बजे पहुँच जाउन्गा….

फ़ैज़: चल ठीक है…..

उसके बाद मैने कॉल कट की और बेड पर लेट गया….फिर पता नही चला कब आँख लग गयी…जब आँख खुली तो 3 बज रहे थे….मुझे याद आया कि, मुझे फ़ैज़ के साथ आज़म के घर उसकी बर्तडे पार्टी पर भी जाना है…मैं जल्दी से उठा और शवर लेकर तैयार होने लगा….अभी तैयार होकर नीचे जाने ही वाला था कि, फिर से फ़ैज़ की कॉल आई…

मैं: हां यार निकलने वाला हूँ….

फ़ैज़: अच्छा मैने तो ये कहने के लिए कॉल की थे कि, मैं मार्केट में आया हुआ था… सोचा आज़म के लिए गिफ्ट खरीद लूँ….तुम्हारी तरफ से कॉन सी गिफ्ट खरीदू…

मैं: यार कुछ भी खरीद ले…मैं वहाँ पहुँचा कर पैसे दे दूँगा…

फ़ैज़: ठीक है तुम घर पहुँचो….मुझे एक दो और ज़रूरी काम है…मैं वो निपटा कर आता हूँ….

मैं: ठीक है…

उसके बाद में नीचे आया…तो नीलम चाइ बना रही थी….जब मैने नीलम को बताया कि, मैं अपने दोस्त की बर्तडे पार्टी में जा रहा हूँ….तो वो बोली, कि चाइ पी कर जाउ…..उसके बाद मैने चाइ पी और फिर बाइक लेकर अपने गाँव की तरफ निकल पड़ा…20 मिनिट के बाद में सबा के घर पर था…मैने डोर बेल बजाई तो थोड़ी देर बाद सबा ने नीचे आकर गेट खोला….और मुस्कुराते हुए बोली…”आओ तुम्हारा ही इंतज़ार कर रही थी….” मैं अंदर आ गया,…सबा ने गेट बंद किया पर कुण्डी नही लगाई….हम दोनो ऊपेर आ गये….

सबा: बैठो….(सबा ने मुझे बैठने के लिए कहा….तो मैं सोफे पर बैठ गया….सबा भी साथ में बैठ गयी….)

सबा: अब नजीबा कैसी है….?

मैं: ठीक है…प्लास्टर लगा है उसके पैर पर….

सबा: डॉक्टर क्या कहते है….?

मैं: कहते है कि, 1 माह बाद प्ल्सटेर खुल जाएगा,….और वो चलने फिरने लगी….

सबा: चलो खुदा का शुकर है….ज़्यादा चोट नही आई…..अच्छा तुम बैठो में चाइ बना कर लाती हूँ…..

मैं: नही रहने दो….मैं चाइ पीकर ही वहाँ से निकला था….

सबा: तो फिर क्या खातिरदारी करें जनाब भी…..(सबा ने मुस्कुराते हुए कहा….)

मैं: कुछ नही….फ़ैज़ कितनी देर में आएगा…..

सबा: क्यों क्या हुआ….आज बड़ी जल्दी है तुम्हे…मुझसे दिल भर गया क्या….

मैं: नही ऐसी बात नही है…

सबा मेरे पास सोफे पर बैठ गयी….और पेंट के ऊपेर से मेरे लंड पर हाथ रख कर हाथ फिराते हुए मेरी तरफ देखने लगी….इससे पहले कि वो कुछ करती…बाहर कार का हॉर्न बज़ा तो, सबा मुस्कुराते हुए खड़ी हो गयी….”लगता है फ़ैज़ आ गया….” और वो उठ कर किचिन में चली गयी….थोड़ी देर बाद हॉल का डोर खुला और फ़ैज़ अंदर दाखिल हुआ….उसने हाथ में शोप्पेर पकड़े हुए थे….”ये लो समीर ये तुम आज़म को गिफ्ट कर देना….”

मैं: ठीक है कितने पैसे लगे….

फ़ैज़: यार पैसे वैसे बाद में कर लैंगे…अभी चल बहुत देर हो रही है….तुम अपनी बाइक अंदर कर दो…..

मैं: नही यार में बाइक साथ में लेकर जाउन्गा….वहाँ से सीधा नजीबा की मामी के घर चला जाउन्गा….यहाँ आया तो देर हो जाएगी….

फ़ैज़: चल ठीक है….मैं भी अपनी बाइक ही ले लेता हूँ….

उसके बाद में और फ़ैज़ घर से निकल कर सिटी की तरफ चल पड़े…..आज़म हमारी क्लास में पड़ता था…उसका घर सिटी में ही था….हम पूरे 4 बजे आज़म के घर पहुँच गये….आज़म की फ़ैज़ के साथ काफ़ी बनती थी….पर मेरी बात उससे हाई हैल्लो तक ही होती थी…जब हम वहाँ पहुँचे तो, क्लास के कुछ और लड़के भी वहाँ माजूद थे…पार्टी का पूरा महॉल जमा हुआ था….अंदर लाउड म्यूज़िक चल रहा था…विस्की चल रही थी…..वहाँ एक लड़का जो शायद आज़म के घर का नौकर था…वो सब के लिए खाने पीने का इंतज़ाम कर रहा था….हम भी वहाँ बैठ गये….

वैसे तो में शराब नही पीता…पर दोस्तो के कहने पर एक आधा पेग लगा लिया…सभी खा पीकर मोज मस्ती कर रहे थे….तभी आज़म ने घड़ी में देखा तो, 5 बज रहे थे….उसने अपने नौकर को आवाज़ दी….”अहमद जल्दी कर अम्मी आने वाली है….ये सारी बोतले उठा कर बाहर फैंक…..अगर उन्होने देख लिया तो, नाराज़ हो जाएँगी….” अहमद जल्दी से बॉटल्स को उठा कर बाहर ले गया….उसने कुछ ही पलों में उस हॉल का नक्शा ऐसा कर दिया…..जैसे यहाँ कुछ हुआ ही नही हो….आज़म हमारे पास आकर बैठ गया….थोड़ी देर बाद आज़म की अम्मी घर पहुँच गयी… उसने अपनी अम्मी से हम सब दोस्तो को मिलवाया….

और फिर उसके अम्मी हमें ये बोल कर अपने रूम में चली गयी….कि आप सब लोग एंजाय करो…फिर आज़म ने बर्तडे केक काटा….और उसके बाद धीरे-2 सब जाने लगे….मैने आज़म को उसका गिफ्ट दिया….और फ़ैज़ को कहा कि, यार अब मुझे चलना चाहिए….अंधेरा भी हो रहा है…में फ़ैज़ को बता कर जैसे ही घर से बाहर निकल कर अपनी बाइक पास पहुँचा तो, अंदर से आज़म की अम्मी बाहर आई….”आज़म की अम्मी की उम्र तकरीबन 36-37 साल के करीब थी…उसकी हाइट भी काफ़ी लंबी थी….तकरीबन 5, 7 इंच के करीब होगी….पर्सनॅलिटी बहुत ज़्यादा थी…दूर से ही पता चलता था कि, किसी रहीस खानदान की औरत है…
Reply
03-08-2019, 02:56 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
वो अंदर से आई….और अपनी कार में बैठ कर बाहर चली गयी…..मैने भी अपनी बाइक स्टार्ट की और नजीबा के गाँव की तरफ चल पड़ा….अभी में सिटी से बाहर ही आया था कि, मेरी नज़र आज़म की अम्मी की कार पर पड़ी…जो रोड के साइड पर खड़ी थे….मैं अभी कुछ फाँसले पर ही था कि, अचानक से मेरी नज़र एक सख्श पर पड़ी….जिसे देख कर में एक दम से चोंक गया….वो सख्स कोई और नही अब्बू थे….और जैसे ही वो कार के नज़दीक पहुँचे तो, दूसरी तरफ का डोर खुल गया…और अब्बू कार में बैठ गये….एक पल के लिए मुझे लगा कि शायद मुझे कोई ग़लत फ़हमी हुई है….पर ऐसा कैसे हो सकता था कि, में अपने अब्बू को पहचाने में ग़लती कर दूं…मैने फॉरन बाइक रोकी…..तब तक वो कार चल पड़ी थी….मैने अपना मोबाइल निकाला और अब्बू को कॉल की….थोड़ी देर बाद अब्बू ने कॉल पिक की …..”हां समीर बोलो कैसे हो;…..”

मैं: जी में ठीक हूँ…..आप कैसे है….?

अब्बू: में भी ठीक हूँ….बोलो किस लिए कॉल की….

मैं: वो अब्बू आप इस वक़्त कहाँ पर हो….?

अब्बू: में क्यों….मैं तो लाहोर में हूँ…..क्या हुआ….

मैं: क कुछ नही….वो में पूछना चाहता क़ि, आप ने वापिस कब आना है….

अब्बू: बेटा अभी 10 दिन और लग जाएँगे….क्या हुआ सब ख़ैरियत तो है ना…?

मैं: जी अब्बू सब ठीक है….

उसके बाद मैने कॉल कट की…मुझे पीछे से कार के चलने की आवाज़ आ रही थी…. अब मुझे पूरा यकीन था कि, दाल में कुछ ज़रूर काला है…पर अब्बू मुझसे क्यों झूठ बोल रहे थे…मैने बाइक स्टार्ट की और फुल स्पीड से उस कार के पीछे जाने लगा…. थोड़ी देर बाद ही वो कार मुझे फिर से दिखाई देने लगी….मैने अपनी स्पीड कम कर ली….और उस कार से थोड़ा फाँसला बना कर बाइक चलाने लगा…20 मिनिट बाद वो मोड़ आ गया….जो नजीबा के गाओं की तरफ जाता था…

कार वो रोड भी क्रॉस कर गयी….मैं भी कार के पीछे बाइक चलाता रहा….तकरीबन 6-7 किमी बाद कार ने लेफ्ट की तरफ टर्न ली… ये रोड एक गाओं की तरफ जाती थी..मैने भी बाइक को उस कार के पीछे मोड़ दिया….और फिर गाँव से थोड़ी बाहर ही एक नहर के पास एक बड़ी सी कोठी के सामने वो कार जाकर रुकी….काफ़ी शानदार बंग्लॉ था….मैने उससे काफ़ी पीछे ही बाइक रोक दी….जैसे ही वो कार उस बड़े से मकान के सामने जाकर रुकी….तो अंदर से गेट खुला और कार अंदर हो गयी….
Reply
03-08-2019, 02:56 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैं जैसे ही वापिस जाने के लिए मुड़ने वाला था….कि तभी अहमद वही लड़का जिसको मैने आज़म के घर में देखा था…वो मुझे बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया….और अहमद वहाँ से निकल कर थोड़ी दूर एक शॉप में चला गया…मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि, आख़िर ये मसला क्या है….अब्बू यहाँ आज़म की अम्मी के साथ क्या कर रहे है…और ये अहमद ये यहाँ कैसे पहुँचा….मैं यही सब सोच रहा था….कि तभी आज़म उस दुकान से निकल कर बाहर आया…और उस मकान की तरफ बढ़ने लगा…. मैं वही खड़ा उसे देख रहा था…कि वो उस मकान को क्रॉस करके रोड की तरफ आने लगा….जिस तरफ में खड़ा था…मैने जल्दी से बाइक मोडी…और मेन रोड पर आकर अपने फेस को रुमाल से कवर कर लिया….

और उसके वहाँ आने का इंतजार करने लगा….वो मेन रोड पर पहुँचा और मेन रोड पर शराब के ठेके के अंदर चला गया….में थोड़ी देर वहाँ खड़ा उसके बाहर आने का वेट करता रहा….पर वो नही आया….मुझे समझने में देर नही लगी कि हो ना हो, वो ज़रूर अंदर जाकर शराब पी रहा होगा….मैने देखा कि मोका अच्छा है… में उस घर के अंदर जाकर देख सकता हूँ कि, आख़िर अब्बू अंदर कर क्या रहे है…मैने अपनी बाइक घुमाई…और उस मकान के पास चला गया…वहाँ थोड़ी-2 दूर पर बड़े -2 मकान थे….ऐसा लग रहा था….जैसे सारे अमीर लोग यही आकर बस गये हो…सारे घरो की चार दीवारी के अंदर छोटे-2 बगीचे बने हुए थे….मैने अपना मोबाइल निकाला और नजीबा की मामी के घर फोन करके नीलम को बता दिया कि, मुझे वापिस लौटने में देर हो जाएगी….

अंधेरा भी हो चुका था….इसलिए मैने उस मकान के आगे वाले मकान की साइड वाली दीवार के साथ अपनी बाइक खड़ी की…और उस घर के गेट के सामने आया…जो लॉक नही था..मैने धीरे से गेट खोला और अंदर दाखिल हुआ….उस घर की बिल्डिंग के आगे एक छोटा सा पार्क था…फिर दोनो साइड में हरी घास का लॉन था…अंदर तरह -2 के फुलो के पोधे लगे हुए थे….और पीछे की तरफ भी पार्क था..ऐसा लगता था… जैसे इस घर पर लाखों रूपाए खरच कर दिए हो…मैं घर के मेन डोर पर पहुँचा और डोर को खोलने के लिए धक्का दिया….पर डोर अंदर से लॉक था,….फिर में घर के साइड से होता पीछे की तरफ जाने लगा तो, मुझे एक विंडो से रोशनी बाहर आती नज़र आई….हो ना हो अब्बू और आज़म की अम्मी इसी रूम में है…पर वो दोनो यहाँ कर क्या रहे है….

मैं धीरे-2 उस विंडो की तरफ बढ़ा…और जैसे ही मैने अंदर विंडो के ग्लास से अंदर देखा तो, सामने का नज़ारा देख कर मेरी आँखे फटी की फटी रह गये… अंदर अब्बू किंग साइज़ बेड पर पीठ के बल लेटे हुए थे…उनके जिस्म पर सिर्फ़ एक बनियान थी….और आज़म की अम्मी एक दम नंगी अब्बू के पैरो के दर्मियान अब्बू के लंड को पकड़े बैठी थी….वो धीरे-2 अब्बू के लंड को हिला रही थे…” आज आप क्यों नही आए….आज आज़म का बर्तडे था…” आज़म की अम्मी ने अब्बू के लंड को हिलाते हुए कहा और फिर झुक कर उसने अब्बू को लंड को मुँह में लेकर चुप्पे लगाने शुरू कर दिए…..”सीयी ओह्ह्ह नबीना…..यार मुझे अच्छा नही लगता…जब आज़म मुझे अंकल कहता है…आख़िर तुम उसे कब बताओगी…कि वो हमारा बेटा है…”

अब्बू की बात सुन कर तो मेरे पैरो के नीचे से ज़मीन ही निकल गयी…ये अब्बू क्या कह रहे है….मुझे तो कुछ समझ में ही नही आ रहा था… तो आज़म की अम्मी का नाम नबीना है….नबीना बेड से उठी….और अपनी बुन्द को हिलाते हुए एक ड्रॉयर के पास गयी…और उसे खोल कर उसमे से शराब की बॉटल निकाली और फिर ग्लास उठा कर पेग बना कर अब्बू को दिया…

नबीना: ख़ान सहाब जल्द ही बता दूँगी…उसके एग्ज़ॅम चल रहे है….एक बार एग्ज़ॅम ख़तम हो जाए…फिर सब बता दूँगी….वैसे आपने बताया नही कि, आपने नाज़िया से बात की या नही….

अब्बू: नही अभी नही की….वो अपनी अम्मी के पास गयी हुई है…उसको वापिस आने दो फिर बात करूँगा…

नबीना: अगर वो नही मानी तो,

अब्बू: देखो मैने उसे सॉफ-2 कह देना है कि, मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ… अगर वो तुम्हारे साथ रहने के लिए नही मानी तो, मैं उसे तलाक़ दे दूँगा…ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है….जब मेरी नाज़िया से शादी नही हुई थी…तब मैने तुमसे कितनी बाद कहा था कि, अपनी खाविंद को तलाक़ दे दो…और मुझसे शादी कर लो…. पर तुम ही नही मानी…

नबीना: अगर में उसे तलाक़ दे देती…तो ये सारी ज़्यादाद हमारे पास नही होती… मुझे पता था कि वो हार्ट पेशेंट है…कब तक जीते…पर आपने ही सबर नही किया….

अब्बू: अब तुम मुझ पर सारा इल्ज़ाम ना लगाओ…तुम्हे मुझसे ज़्यादा ये ज़मीन जायदाद प्यारी है….

नबीना: नही ऐसा तो नही है…वैसे भी भले ही दुनिया के लिए वो मेरा सोहर था…पर असल बात तो आप भी जानते हो…मैने अपना सारा कुछ शुरू से ही आपको दे दिया था…क्या आप को इसमे कोई शक है….

अब्बू: नही शक नही है नबीना…बस अब तुम जल्दी से आज़म से बात कर लो…. आज़म समझदार लड़का है…समझ जाएगा…

नबीना: हां मुझे भी लगता है कि वो मान जाएगा…
Reply
03-08-2019, 02:56 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैने देखा कि, अब्बू अब तक 4 पेग पी चुके थे…और पूरे नशे में थे… अब्बू बेड की पुष्ट के साथ पीठ टिका कर बैठे थे….और नबीना अब्बू की रानो के पास पेट के बल उल्टी लेटी हुई….अब्बू के लंड को धीरे-2 हिला रही थी…अब्बू की आँखे नशे में बंद होने लगी थे…धीरे-2 अबू को नशे में नींद आ गयी….नबीना जल्दी से खड़ी हुई और उसने अब्बू के ऊपेर रज़ाई डाली और अपनी शलवार कमीज़ पहनने लगी….

मैं एक दम हैरान परेशान बाहर खड़ा ये सब देख रहा था…आख़िर ये सब क्या है… क्या आज़म मेरा भाई है….और ये नबीना इसका अब्बू के साथ इतना पुराना चक्कर है.. और इसकी खबर हमें आज तक कैसे नही हुई….मैं यही सब सोच रहा था…कि मुझे बाहर के गेट के खुलने की आवाज़ आई…मैं वही अंधेरे में छुप कर बैठ गया… और फिर गेट बंद और लॉक होने की आवाज़ आई…. मैने अपना मोबाइल निकाला और उसे साइलेंट मोड़ पर करके फिर से पॉकेट में डाल लिया….

में फिर से अंदर देखने लगा…अंदर नबीना ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी होकर अपने बालो को सवार रही थी…तभी डोर पर नॉक हुई…नबीना ने एक बार मुस्कुरा कर बेड पर सो रहे अब्बू की तरफ देखा और फिर डोर खोला ….सामने अहमद खड़ा था….उसने नबीना से कुछ कहा…और फिर वापिस चला गया…नबीना मूड कर अब्बू के पास आई…और एक बार फिर से अब्बू को चैक किया…और फिर लाइट ऑफ करके रूम से बाहर चली गयी…अब ये कॉन सा नया माजरा है…मैं जल्दी से घर के आगे की तरफ आया…घर के अंदर एक दम सन्नाटा छाया हुआ था…मुझे कुछ भी नज़र नही रहा था… आख़िर ये अहमद और नबीना कहाँ गये….मैने आगे आकर मेन डोर को पुश करके देखा तो, इस बार डोर अंदर की तरफ खुल गया…शायद जब अहमद वापिस आया था…तब वो डोर बंद करना भूल गया था…..

मैं अंदर दाखिल हुआ….अंदर एक दम अंधेरा था…तभी मुझे ऊपेर वाली मंज़िल से कुछ आवाज़ आई…मैने मन ही मन सोचा हो ना हो….वो दोनो ऊपेर है…” में धीरे-2 सीढ़ियाँ चढ़ता हुआ ऊपेर आया…तो मेरी नज़र सबसे पीछे वाले रूम पर पड़ी…अंदर लाइट ऑन थी….पर डोर बंद था…मैं धीरे-2 रूम के डोर की तरफ बढ़ा….और जैसे ही डोर के पास पहुँचा तो देखा कि नीचे की होल है…. मैने नीचे पैरो के बल बैठ गया….और अंदर देखने लगा….अंदर का मंज़र देख कर मुझे एक और दचका सा लगा….अंदर अहमद बेड पर पीठ के बल लेटा हुआ था…उसका सर डोर की तरफ था….अहमद बिल्कुल नंगा लेटा हुआ था…और अपने लंड को हाथ से हिला रहा था…नबीना बेड के किनारे खड़ी थी…ऊपेर से एक दम नंगी थी… और वो अपनी शलवार का नाडा खोल रही थी…..

शलवार का नाडा खोलने के बाद नबीना बेड पर चढ़ि और अपनी दोनो टाँगो के घुटनो को अहमद की कमर के इर्द गिर्द रख कर उस पर झुक गयी….और अपने एक मम्मे को हाथ से पकड़ कर अहमद के फेस के ऊपेर झुक गयी…अहमद ने भी एक पल जाया किए बिना नबीना के 36 साइज़ के मम्मे को मुँह में लेकर सक करना शुरू कर दिया….”सीईईईई ओह अहमद हाआँ चूसो….मेरे मम्मे चूस हां खा जा….पूरा मुँह में ले….”

अहमद ने नबीना के मम्मे को मुँह से बाहर निकाला…और नबीना के होंठो पर हाथ रखते हुए बोला….” बीबी जी मरवाना है क्या…..अगर फ़ाज़ल अंकल ने सुन लिया तो, “ नबीना अहमद की बात सुन कर ऐसे मुस्कुराइ…जैसे उसे किसी बात का खोफ़ ही ना हो….” वो तो अब सुबह तक नही उठता….तुम उसकी फिकर ना करो…तुम इसको चूसो… “ नबीना ने फिर से अपने मम्मे को पकड़ कर अहमद के होंठो पर दबा दिया… अहमद भी जैसे इसी पल का इंतजार कर रहा था….उसने अपना पूरा मुँह खोला और जितना हो सकता था…उतना नबीना के मम्मे को मुँह में लेकर सक करना शुरू कर दिया…नबीना अहमद के सर को पकड़ कर अपने मम्मे पर लगतार दबाए जा रही थी…उसकी आँखे मस्ती में बंद हो चुकी थी…और वो बार-2 अपने होंठो पर बड़ी अदा के साथ अपनी ज़ुबान फेर रही थी….

नबीना जैसी पर्सनॅलिटी वाली औरत को ये सब अहमद जैसे लड़के साथ करते देख कर मुझे जलन सी होने लगी…मेरा लंड पेंट में फुल हार्ड हो चुका था…नबीना अपने दोनो मम्मो को पकड़ कर बारी-2 उसके मुँह में डाल रही थे…और अहमद भी फर्मादार नौकर की तरह अपनी मालकिन के हुकम की तामील कर रहा था…फिर नबीना ने अपने मम्मे को अहमद के मुँह से बाहर निकाला और घुटनो के बल चलते हुए ठीक उसके फेस के ऊपेर पहुँच गयी….अब मंज़र ये था कि, नबीना की फुद्दि ठीक अहमद के फेस के ऊपेर थी….और नबीना अपने पैरो के बल उसके सर के दोनो तरफ पैर रख के बैठी हुई थी…
Reply
03-08-2019, 02:56 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
जैसे ही नबीना की फुद्दि अहमद के फेस के ठीक ऊपेर आई…नबीना ने दोनो हाथो से अहमद के सर के बालो को पकड़ा और बड़ी बहरामी से उसके होंठो को अपनी फुद्दि के लिप्स पर लगा लिया…”सीईईईईईईई अहह चुस्स्स कुत्ते ओह्ह्ह्ह गश्ती की औलाद चूस मेरे कूसे को….आह हां चुस्स्स मेरी फुद्दि को…चूस गश्ती दे पुत्तर आहह अपनी मालकिन की फुद्दि चुस्स्स…” नबीना अहमद के सर के बालों को पकड़ कर उसके फेस को अपनी फुद्दि पर और दबाए जा रही थी…और साथ ही अपनी बुन्द को आगे पीछे करते हुए अपनी फुद्दि को उसके होंठो पर रगड़ रही थी…फिर नबीना उसके ऊपेर से उठी… और बेड पर पीठ के बल लेटते हुए बोली….”चल जल्दी से अपना लंड मेरी फुद्दि में डाल कर ठंडी कर इसे….अब तो फ़ाज़ल से भी कुछ नही होता….”

अहमद खड़ा होकर नबीना की टाँगो के दर्मियान आ गया….और उसने अपने लंड को पकड़ लंड की कॅप पर थूक लगाया…और फिर अपने लंड को नबीना की फुद्दि के सुराख पर रख कर जोरदार धक्का मारा…अब पता नही उसका लंड कितना अंदर गया… पर अंदर जबरदस्त चुदाई शुरू हो गयी थी….”तो फिर आप उससे शादी क्यों करना चाहती है….” अहमद ने तेज़ी से घस्से मारते हुए कहा…”तो क्या करूँ….वो आज़म के अब्बू है….जवानी के दिनो में हम दोनो ने खूब मोजे की है….पर अब उसमे वो बात नही रही….इसलिए तो तुम्हे ट्रैनिंग दी है….इसी लंड के लिए तो तुम्हारी औकात से ज़्यादा पैसे देती हूँ….किसी चीज़ की कमी नही रहने दी मैने…अब चुप कर मेरी फुद्दि की तसल्ली करवा……”

मैं अपनी लाइफ में कितनी ही औरतों को चोद चुका था…पर मैने आज तक नबीना जैसी औरत को नही देखा था….मेरी बुरी हालत हो चुकी थी…..ये सब मेरे लिए एक राज़ सा बन गया था….मैं अब और वहाँ नही रुकना चाहता था…इसलिए में धीरे-2 से पीछे हटा और फिर उस मकान से बाहर आ गया….बाहर आकर मैने अपनी बाइक उठाई…और नीलम के गाँव की तरफ चल पड़ा…..
Reply
03-08-2019, 02:56 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
60

जब मैं नीलम के घर बाहर पहुँचा तो, 10 बज चुके थे…मैने बाइक का हॉर्न मारा तो थोड़ी देर बाद नीलम ने गेट खोला….मैने बाइक अंदर की और स्टॅंड पर लगाई….और सीधा बरामदे में आकर सोफे पर बैठ गया….नीलम अंदर आई… और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली….”खाना लेकर आउ….” मैने हां में सर हिला दिया….नीलम किचिन में चली गयी..और थोड़ी देर बाद खाना ले आई….

मैं खाना खाने लगा….”नजीबा सो गयी क्या….?” मैने खाना खाते हुए पूछा तो नीलम ने हां में सर हिल दिया….”तो फिर क्या प्रोग्राम है…” मैने खाना खाते हुए नीलम की तरफ देख कर पूछा तो, नीलम ने सरगोशी से भरी आवाज़ में कहा…”तुम खाना खा कर ऊपेर जाओ…में थोड़ी देर में आती हूँ…” मैं चुप छाप खाना खाने लगा…खाना खाने के बाद में ऊपेर आ गया…और बेड पर लेट कर आज हुए हादसे के बारे में सोचने लगा….आख़िर ये सब क्या है….अब्बू ने आज तक मुझे भी धोके में रखा है…क्या आज़म सच में मेरा भाई है….अगर ये सच है तो, भी वो अब्बू को धोका दे रही है….मुझे जल्द से जल्द कुछ करना होगा,… पर अब्बू को कॉन समझाए….

यही सब सोचते-2 मेरी कब आँख लग गयी मुझे पता नही चला…अभी थोड़ी देर ही हुई थी कि, मुझे डोर बंद होने की आवाज़ आई…मैने आँखे खोल कर देखा तो, नीलम सामने खड़ी थे….उसने पिंक कलर की नाइटी पहनी हुई थी..और हल्का सा मेकप किया हुआ था…”नजीबा सो रही है ना…..?” मैने बेड पर उठ कर बैठते हुए कहा….”हां और वो अब सुबह तक नही उठेगी….” नीलम ने मुस्कुराते हुए कहा… तो मैने सवालिया नज़रो से नीलम की तरफ देखा तो नीलम ने मुस्कुराते हुए कहा.. “ वो मैने आज नींद की गोली दे दी है….मेडिसिन के साथ….” में खड़ा हुआ और नीलम को अपनी बाजुओं में भर कर उसके होंठो को सक करने लगा…

और मैने अपने दोनो हाथों से नीलम की कमर से नीलम की नाइटी को पकड़ कर ऊपेर उठाना चालू कर दिया. नीलम ने मेरा साथ देते हुए. अपनी बाहें ऊपेर कर ली. मैने नीलम की नाइटी को निकाल कर टेबल पर रख दिया. वाह सामने नीलम किसी हसीन मॉडेल के तरह खड़ी थी. उसके खुले हुए बाल उसके कमर तक आ रहे थे. मेरा लंड नीलम को यूँ अपने सामने नंगा खड़ा देख शॉर्ट्स में एक दम से तन गया. नीलम नीचे बेड पर बैठ गयी. और मुझे अपने पास आने को कहा. जैसे ही में नीलम के पास आया. नीलम ने मेरी आँखों में देखते हुए. मेरे शॉर्ट्स को नीचे उतार दिया. और मेरे तने हुए लंड को हाथ में पकड़ लिया. लंड को जड से हाथ में पकड़ने के बाद नीलम ने अपने वासना भरी नज़रों से मेरी तरफ देखा. और फिर मेरे लंड की गुलाबी कॅप को हसरत भरी नज़रो से देखने लगी.

मेरे लंड का कॅप किसी छोटे सेब की तरह फूला हुआ था. नीलम ने धीरे-2 लंड को हिलाना चालू कर दिया. मेरा लंड नीलम के हाथों का सपर्श पाते ही और कड़ा हो गया. नीलम ने फिर अपने होंठो को थोड़ा सा खोल कर मेरी आँखों में देखते हुए. मेरे लंड की तरफ अपने होंठो को बढ़ाने लगी.

नीलम ने अपने होंठो को खोल कर मेरे लंड की कॅप को मुँह में ले लिया. नीलम के होंठ मेरे लंड की कॅप पर कस गये. नीलम ने अपने होंठो का दबाव मेरे लंड की कॅप पर बढ़ाते हुए. अपने होंठो को मेरे लंड की कॅप कर रगड़ते हुए.लंड की कॅप को मुँह के अंदर बाहर करने लगी. जैसे ही मेरे लंड का कॅप नीलम के मुँह में उसके होंठो से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाता. मेरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ जाती. थोड़ी देर नीलम मेरे लंड की कॅप पर ऐसे ही अपने होंठो को रगड़ते हुए अपने मुँह में लेती रही. फिर नीलम ने अपने मुँह को थोड़ा सा और खोल किया. और अब मेरे लंड की कॅप से भी ज़्यादा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. नीलम की जीभ मेरे लंड की कॅप को बीच-2 में छेड़ छाड़ कर रही थी. में मस्ती में पागल हुआ जा रहा था.

नीलम अब पूरे जोश के साथ मेरे लंड को चूस रही थी.मेरा लंड नीलम के थूक से सन चुका था. नीलम ने अपने एक हाथ से मेरे टट्टो को पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया. जैसे-2 मेरा लंड नीलम के मुँह के अंदर बाहर हो रहा था. वैसे-2 नीलम के मुँह से पच-2 की आवाज़ आ रही थी.

नीलम ने मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया. और हान्फते हुए बेड पर लेट गये. में नीलम के पैरो की तरफ आ गयी. जैसे ही में नीलम के पैरो की तरफ आया. नीलम ने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर उठा लिया. और दोनो टाँगो को पूरा खोल लिया… में नीलम की जाँघो के बीच में बैठ गया. और नीलम की जाँघो को चूमता हुआ. उसकी फुद्दि की तरफ बढ़ने लगा. जैसे-2 में नीलम की जाँघो पर अपने होंठो को रगड़ता हुआ उसकी फुद्दि की तरफ बढ़ रहा था. वैसे-2 नीलम की साँसें तेज हो रही थी. मैने अपने हाथों से नीलम की फुद्दि के लिप्स को फैला दिया.

नीलम: ओह्ह्ह समीर ऐसे क्या देख रहे हो. मुझे शरम आती है. आह्ह्ह्ह ओह 

मैने नीलम की फुद्दि के लिप्स को अपने हाथों से अच्छी तरह खोला...और अपनी जीभ बाहर निकाल कर नीलम की फुद्दि के गुलाबी सूराख पर रगड़ने लगा. मेरी जीभ नीलम की फुद्दि पर पड़ते ही. नीलम एक दम से मचल उठी. और अपने हाथों को मेरे सर पर रख कर कस के पकड़ लिया.

नीलम: ओह समीर मीरीई जाअंन्न निकलल्ल्ल रही हाीइ ओह ओह उम्ह्ह्ह्ह्ह समीर ब्स्स्स हॅट्ट्ट जाऊओ नहियीईईईई 
Reply
03-08-2019, 02:57 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
में नीलम की बातों पर ध्यान दिए बिना नीलम की फुद्दि को जोरों से चाटे जा रहा था. नीलम ने नीचे अपनी कमर को हिलाना चालू कर दिया. उसकी कमर रह-2 कर झटके खा रही थे.नीलम की गुलाबी फुद्दि का सूराख उसके काम रस से एक दम भीग चुका था. में नीलम की फुद्दि के लिप्स को फैला कर नीलम की फुद्दि के सूराख के अंदर तक चाट रहा था. नीलम मस्ती में आह ओह्ह्ह्ह करके अपनी कमर हिला रही थी.

फिर नीलम ने मेरे कंधों को पकड़ कर मुझे अपने ऊपेर खींच लिया. और अपनी टाँगों को चौड़ा कर ऊपेर उठा लिया. और मेरी आँखों में देखते हुए. अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी फुद्दि के सूराख पर टिका लिया.

नीलम: (सरगोशी से भरी आवाज़ में) अह्ह्ह्ह समीर मेरी फुद्दि को इसकी ज़्यादा ज़रूरत है. बस अब इसे घुसा कर मुझे चोद डालो.

मैने नीलम के ऊपेर झुकते हुए. नीलम के मम्मो को मुँह में ले लिया. और चूसने लगा. नीलम ने अपनी टाँगों को उठा कर मेरी कमर पर चढ़ा लिया. और अपनी फुद्दि को ऊपेर उछाल कर मेरे लंड को अंदर लेने की कॉसिश करने लगी. मैने भी बिना देर किए धीरे-2 अपने लंड को उसकी फुद्दि में घस्से लगाने चालू कर दिए.पहले ही धक्के में मेरे लंड का कॅप नीलम की लबलबा रहे दहकते फुद्दि के सूराख में घुस गया.

नीलम: अहह समीर पूरा घुसा दो अहह जल्दी करो ना. देखो ना मेरी फुद्दि तुम्हारे लंड को अपने अंदर लेने के लिए कैसे पानी बहा रही है.

नीलम मेरे सीने से बिल्कुल चिपक गयी. नीलम के मम्मे मेरे चैस्ट में दबी हुई थी. मैने बिना रुके अपने लंड को नीलम की फुद्दि में घस्से लगाना चालू रखा. और कुछ ही धक्को के बाद मेरा लंड नीलम की फुद्दि में गहराइयों में उतर गया.नीलम ने मेरे होंठो को अपने होंठो में ले लिया. और पागलों की तरह किस करने लगी.जैसे ही मैने अपनी जीभ को नीलम के मुँह में धकेला….नीलम मेरी जीभ को चूसने लगी.

नीलम का इतना गर्म देख कर में अपने आप पर कंट्रोल ना रख सका. और नीलम की फुद्दि में अपने लंड को पूरी ताक़त के साथ अंदर बाहर करने लगा. नीलम भी अपनी बाहों को मेरी पीठ में कसे हुए अपनी बुन्द को उछाल-2 कर मेरे लंड पर अपनी फुद्दि को पटकने लगी. में नीलम की फुद्दि में अपने लंड को डाले हुए ही उसको बाहों में भर कर पलट गया. अब नीलम मेरे ऊपेर थी.

नीलम ने अपनी आँखों को खोल कर मेरी तरफ देखा. और मुस्कुराते हुए अपने काँपते हुए होंठो से मुझे किस करते हुए बोली.

नीलम: अहह समीर तुम किसी भी औरत को खुश कर सकते हो. आज रात भर मुझे चोदोगे ना.. हाआँ बालो.

में: (नीलम की बुन्द को दोनो हाथों से दबोचते हुए) हां नीलम अब मेरा ये लंड आपकी फुद्दि से सुबह ही बाहर निकलेगा.

नीलम: ओह्ह्ह्ह समीर तो रोका किस ने है. चोदो मुझे आज जी भर कर मेरी फुद्दि में अपना लंड दो….

में नीलम की बुन्द को हाथों से मसलते हुए. नीचे से कमर हिला कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. नीलम एक दम मस्त हो कर अपनी बुन्द उछाल-2 कर मेरे लंड पर अपनी फुद्दि को पटकने लगी.

नीलम: अहह समीर और ज़ोर से चोदो अह्ह्ह्ह अहह अपने लंड से मेरी फुद्दि को रगाडो अह्ह्ह्ह बहुत खुजली हाईईइ मेरी फुददी….इसकी चीखे निकाल दो आज….

और नीलम थोड़ा सा सीधी हुई. और अपने पैरो के पंजों के बल बैठ गयी..और अपनी फुद्दि को मेरे लंड पर पूरा दबा दिया. जैसे ही मेरा लंड नीलम की फुद्दि की गहराइयों में उतरा. तो नीलम मेरी चैस्ट पर अपने हाथों को रख कर. अपनी बुन्द को गोल-2 घुमाने लगी. जैसे वो मेरे लंड को अपनी फुद्दि में लिए हुए. अपनी फुद्दि पर रगड़ रही हो.

में: ये क्या कर रही हो..

नीलम: (मेरे होंठो पर अपनी उंगली रखते हुए ष्ह) चुप रहो मुझे अपनी फुद्दि की खुजली मिटाने दो.. अह्ह्ह्ह समीर बहुत अच्छा लग रहा है. ओह्ह्ह्ह आज्ज्जज्ज मेरी फुद्दि की खुजली मिटा दो समीर…. 

मुझे अपना लंड नीलम की फुद्दि की दीवारों पर गोल-2 रगड़ ख़ाता हुआ महसूस हो रहा था. सच में आज तक इतना मज़ा कभी नही आया था.

में: अहह नीलम ऐसे तो मेरा लंड जल्दी पानी छोड़ देगा..

नीलम: कोई बात नही….निकाल दे अपना पानी मेरी फुद्दि में. बहुत प्यासी है. मेरी फुद्दि.

और फिर नीलम मुझ पर झुक गयी. और अपनी बुन्द को तेज़ी से उछालने लगी. में भी नीलम की बुन्द को पकड़ कर नीचे से धक्के लगा कर नीलम की फुद्दि को चोदने लगा. में फारिग होने के बिल्कुल करीब था. मैने अपने धक्को की रफ़्तार को बढ़ा दिया. और मेरे लंड से गरम पानी की बोछार छूट पड़ी. और में ढीला पड़ने लगा. मुझे सुस्त पड़ता देख नीलम ने अपनी बुन्द को और तेज़ी से मेरे लंड पर पटकना चालू कर दिया.

नीलम: अहह समीर ब्स्स्स थोड़िईईईई देर रूको आहह मेरी फुद्दि भी ठंडी होने वाली है….

और नीलम मेरे ऊपेर गिर पड़ी. जब थोड़ी देर बाद नीलम की साँसें दुरस्त हुई. तो नीलम ने मेरे होंठो को चूमा. और बोली

नीलम: ओह्ह्ह समीर में तुम्हे बहुत मिस करूँगी. आइ लव यू.


मैने नीलम के होंठो को अपने होंठो में ले लिया और चूसने लगा. उस रात मैने नीलम की जी भर कर चुदाई की…मैं नीलम को पूरी रात अलग-2 पोज़ बना कर चोदता रहा….नीलम ने भी मुझे किसी बात से मना नही किया…. सुबह के 3 बजे नीलम नीचे चली गयी…..और में वही ऊपेर सो गया….अगली सुबह मुझे नीलम ने 9 बजे ऊपेर आकर जगाया….एग्ज़ॅम 11 बजे शुरू होना था….मैने तैयार होकर नाश्ता किया और एग्ज़ॅम देने के लिए कॉलेज के लिए निकल गया….
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,637,303 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 560,135 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,291,679 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 976,044 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,730,372 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,145,261 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,063,475 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,442,888 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,155,980 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 297,954 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)