08-05-2019, 12:49 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मनीष करुणा के इस सवाल को सुनकर हैरान रह गया और वो बहुत खुश हुआ की उसे आज बिल्कुल अनछुई लड़की चोदने के लिए मिलेगी। वो समझ रहा था की करुणा को लण्ड के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मनीष ने करुणा की तरफ देखते हुए कहा- “वो आपको पता नहीं है की हर मर्द के यहाँ एक लण्ड होता है."
करुणा अंजान बनने का नाटक करते हुए बोली- “मैंने बचपन में देखा था की लड़कों को यहाँ एक छोटी सी नूनी होती है, मगर वो तो बहुत छोटी होती है, और तुम्हारे अंडरवेर में तो कोई बड़ी चीज छुपी है.”
करुणा की बात सुनकर मनीष का लण्ड जोरों से अंडरवेर में ठुमके मारने लगा। मनीष ने अपनी थूक को गटकते हुए कहा- “करुणा, जब लड़का छोटा होता है तो उसके यहाँ छोटी नूनी होती है मगर जब वो बड़ा हो जाता है तो यह नूनी बड़ी होकर लण्ड बन जाती है जिससे मर्द औरत को चोदता है और औरत को बच्चे होते हैं...”
करुणा मन ही मन में मुश्कुरा रही थी पर वो और ज्यादा नाटक करते हुए अपने मुँह पर हाथ रखते हुए बोली
शादी के बाद लड़के इतनी बड़ी नूनी का क्या करते हैं? मैंने तो सुना था की शादी के बाद लड़का लड़की एक दूसरे से प्यार करते तो बच्चा होता है...”
मनीष ने फिर से करुणा को समझाते हुए कहा- “तुमने सही सुना है लड़का लड़की से प्यार ही करता है और प्यार करते हुए अपनी यह नूनी उसकी चूत के छेद में घुसाता है, जिसकी वजह से बच्चे होते हैं..”
करुणा की चूत मनीष की बातें सुनकर रस टपका रही थी मगर वो मनीष को पूरा गरम करना चाहती थी। मनीष की बात सुनकर करुणा ने अपना मुँह फाड़ते हुए कहा- “इतनी बड़ी नूनी, हमारी इतनी सी छोटी चूत में कैसे घुसेगी? तुम मुझसे झूठ बोल रहे हो, मैं नहीं मान सकती...”
मनीष ने करुणा से कहा- “मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ। हर मर्द, औरत की चूत में अपना लण्ड डालकर उसे चोदता है, और औरत को भी इसमें बहुत मजा आता है...”
करुणा ने मनीष की बात सुनने के बाद कहा- “तुम मुझे अपनी नूनी दिखा सकते हो? मैं देखना चाहती हूँ की तुम्हारी नूनी कितनी बड़ी है?"
करुणा की यह बात सुनकर मनीष खुश होते हुए बोला- “हाँ तुम इसे देख सकती हो मगर तुम इसे नूनी नहीं लण्ड कहकर पुकारो...” कहकर मनीष ने जल्दी से अपने अंडरवेर को नीचे सरका दिया।
करुणा मनीष के फनफनाते हुए 84" इंच लंबे और 24 इंच मोटे लण्ड को देखकर अपनी थूक को गटकते हुए बोली- “बाप रे बाप... तुम्हारा लण्ड तो बहुत लंबा और मोटा है यह तो छोटी सी चूत में नहीं जा सकता...”
मनीष के लण्ड का टोपा बिल्कुल गुलाबी था। करुणा अपने बर्थ से उठते हुए मनीष के पास आकर बैठ गई, और उसके लण्ड को नजदीक से देखने लगी। मनीष का लण्ड बहुत जोर से ऊपर-नीचे हो रहा था और उसके लण्ड के छेद में से वीर्य की कुछ बूंदें निकल रही थीं।
करुणा ने मनीष के पास बैठते हुए कहा- “तुम्हारा लण्ड इतना हिल क्यों रहा है, और इसमें से यह सफेद-सफेद क्या निकल रहा है?”
मनीष ने कहा- “मेरे लण्ड से यह जो सफेद निकल रहा है, इसे वीर्य कहते हैं। जब लड़का किसी लड़की को चोदता है तो लड़के के लण्ड से यह वीर्य निकलकर लड़की की चूत में जाता है, तो लड़की को बच्चा होता है और अगर कोई लड़का किसी लड़की से प्यार करने के बारे में सोचे तो यह लण्ड ऐसे ही खुशी में उछलता है...”
करुणा ने कहा- “तुम किससे प्यार करने को सोच रहे हो, जो यह इतना हिल रहा है?”
करुणा की बात सुनकर मनीष ने कहा- “मुझे तुमसे प्यार करना है तुमको देखते ही मुझे तुमसे प्यार हो गया था..."
करुणा ने बनावटी गुसा करते हुए कहा- “तुम तो बिल्कुल बदमाश निकले। एक कमसिन लड़की को अकेला देखकर उससे प्यार करना चाहते हो, मगर मैं तो अभी छोटी हूँ..”
|
|
08-05-2019, 12:49 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मनीष ने कहा- “करुणा तुम अब छोटी नहीं रही तुम एक हसीन जवान लड़की हो...”
करुणा ने कहा- “तुम्हें कैसे पता चला की मैं जवान हो चुकी हूँ?”
मनीष ने करुणा की नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूचियों पर अपने हाथ रखते हुए कहा- “करुणा हर लड़की की जवानी की निशानी उसकी यह चूचियां होती हैं.”
मनीष का हाथ अपनी चूचियों पर महसूस करके करुणा के मुँह से आअह्हह... निकल गई। मनीष ने अपना हाथ वहाँ से हटाया नहीं बल्की अपने हाथ से करुणा की चूचियों को हल्का सा दबाते हुए कहा- “करुणा देखो तुम्हें यहाँ हाथ लगाने से मजा आ रहा है ना? यही तो जवानी की निशानी है...”
करुणा की आँखें मजे से बंद होने लगी। मनीष ने भी हिम्मत करके करुणा की चूची को अपने हाथ से दबाते हुए अपने दूसरे हाथ से करुणा के सिर को पकड़ते हुए अपने तपते हुए होंठ करुणा के सुलगते हुए गुलाबी होंठों पर रख दिए और करुणा के होंठों का रस पीने लगा। मनीष ना जाने कितनी देर तक करुणा के होंठों को चूसता रहा। करुणा भी अपनी आँखें बंद किए हुए मजे से मनीष से अपने होंठ चुसवाती रही। मनीष ने आज तक किसी लड़की को छुआ भी नहीं था, इसीलिए वो करुणा के होंठों के पहले चुंबन से मजे की दूसरी दुनियां में पहुँच गया था, और जब करुणा की साँसें अटकने लगी तब जाकर मनीष को होश आया और उसने करुणा के होंठों को छोड़ दिया।
करुणा अपने होंठों से मनीष के होंठों के जुदा होने के बाद जोर की साँसें लेने लगी। करुणा की साँसों के साथ उसकी चूचियां भी ऊपर-नीचे होने लगीं, और मनीष का हाथ भी उसकी चूचियों के साथ हिलने लगा।
करुणा ने अपनी साँसों को ठीक करते हुए मनीष से कहा- “आपने तो हमारी जान ही निकाल दी, ऐसे भी भला कोई प्यार होता है? अगर हमारी साँसें बंद हो जाती तो?”
मनीष ने कहा- “सारी जान, मुझे तुम्हारे होंठों का रस इतना अच्छा लगा की मुझे होश ही नहीं रहा...”
करुणा ने मनीष से कहा- “आप तो मेरी चूचियों को पकड़े हुए हैं, क्या मैं आपके लण्ड को अपने हाथ में लेकर महसूस कर सकती हूँ?”
मनीष ने कहा- “यह कोई पूछने की बात है? मेरी हर चीज पर तुम्हारा हक है, जिसे चाहे हाथ लगाओ। मगर आपने तो मुझे नंगा कर दिया, और खुद यह नाइटी भी नहीं उतार सकती...”
करुणा ने शर्माने का नाटक करते हुए कहा- “आप तो सच में बदमाश हैं। हमें शर्म आती है आप ही खुद उतारो...”
मनीष ने करुणा से कहा- “इसमें शर्माने की कौन सी बात है? प्यार में कोई शर्म नहीं होती...” और करुणा को उठाते हुए उसकी नाइटी को उतार दिया।
करुणा की नाइटी के उतरते ही ब्रा और कच्छी में कैद उसका गोरा और चिकना बदन देखकर मनीष के लण्ड से वीर्य की बूंदें निकलने लगी, और उसका लण्ड स्प्रिंग की तरह ऊपर-नीचे होने लगा। करुणा ने अपना हाथ बढ़ाकर मनीष के लण्ड को पकड़ लिया। करुणा का नरम हाथ अपने लण्ड पर महसूस करते ही मजे से मनीष की आँखें बंद हो गई और उसके मुँह से इस्स्स्स ... निकल गया।
करुणा को भी अपना हाथ मनीष के लण्ड पर रखते हुए ऐसा महसूस हुआ जैसे उसका हाथ किसी गरम लोहे पर रख दिया गया हो और उसके मुँह से भी आअह्ह... निकल गया। करुणा का हाथ मनीष के लण्ड पर अपने आप ऊपर-नीचे होने लगा और मनीष के लण्ड से वीर्य की कुछ और बूंदें निकलकर करुणा के हाथ को गीला करने लगी। करुणा अपना हाथ मनीष के लण्ड से उठाते हुए अपनी नाक के पास लेजाकर उसे सँघने लगी और अपना हाथ सँघते हुए उसकी आँखें बंद हो गई। कुछ देर तक अपने हाथ को सँघने के बाद करुणा ने अपनी जीभ निकालकर मनीष के लण्ड से निकल हुए वीर्य से गीले हाथ को चाटने लगी।
मनीष से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने करुणा को अपनी बाहों में भरते हुए उसके होंठों को चूमते हुए बर्थ पर सीधा लेटा दिया, और खुद उसके ऊपर चढ़ गया। मनीष करुणा के होंठों को चूसते हुए नीचे होते हुए उसके कंधे को चूमने लगा।
करुणा को मनीष का लण्ड अपनी कच्छी के ऊपर से ही चूत से टकरा रहा था और मनीष के सख़्त सीने में अपनी चूचियों के दबने से करुणा की चूत से न जाने कितना पानी निकल रहा था। करुणा का अंग-अंग मस्ती में डूब रहा था। उसे अपने सारे जिश्म में एक अंजानी सी गुदगुदी महसूस हो रही थी। करुणा मनीष को कसकर अपनी बाहों से अपनी चूचियों पर दबा रही थी। उसका सारा बदन टूट रहा था वो चाह रही थी की मनीष उसके सारे जिश्म को बहुत जोर से दबाए, चूमे और चाटे। आज तक करुणा को यह अहसास पहले कभी नहीं हुआ था।
मनीष भी करुणा के कंधे को चूमते हुए और नीचे होते हुए उसकी ब्रा में कैद छोटी-छोटी चूचियों पर पहुँच गया, और मनीष ब्रा के ऊपर से ही करुणा की चूचियों को चूमने लगा। मनीष ने करुणा के ऊपर से उठते हुए उसे सीधा बिठा दिया और उसको अपनी बाहों में भरते हुए उसके होंठ चूमने लगा। मनीष ने करुणा के होंठों को चाटते हुए अपने हाथ से उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसकी ब्रा को उतारकर करुणा के जिम से अलग कर दिया। करुणा अपनी चूचियों को मनीष के सामने नंगा पाकर शर्म के मारे उसके सीने से लग गई और मनीष के सख़्त सीने से अपनी चूचियों को रगड़ने लगी।
मनीष करुणा को सीधा लेटाते हुए उसके ऊपर आ गया, और अपनी जीभ निकालकर करुणा के मुँह में डाल दी। करुणा भी मनीष की जीभ को चाटते हुए अपनी जीभ को उसके मुँह में डालने लगी, जिसे मनीष जल्दी से। पकड़कर अपने मुँह में भरते हुए चूसने लगा। मनीष कुछ देर तक करुणा की जीभ का स्वाद चूसने के बाद नीचे सरकते हुए अपने होंठों से करुणा के कंधे को चूमते हुए उसकी चूचियों तक आ गया। मनीष कुछ देर तक करुणा की नंगी चूचियों को देखता रहा और फिर अपना मुँह खोलकर उसकी एक चूची के गुलाबी दाने को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा।
|
|
08-05-2019, 12:49 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
करुणा का पूरा जिश्म काँपने लगा। उसको ऐसा अहसास पहले कभी नहीं हुआ था। करुणा पहले भी कई दफा चुदवा चुकी थी, मगर मनीष के प्यार करने का अंदाज करुणा को पागल बना रहा था। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था की उसके साथ क्या हो रहा है?
मनीष करुणा की चूची को चूसते हुए अपना हाथ नीचे लेजाकर उसकी कच्छी के ऊपर रख दिया। करुणा अपनी चूत पर कच्छी के ऊपर से मनीष का हाथ महसूस करके सिहर उठी और उसकी चूत से पानी बहने लगा। करुणा का पूरा जिश्म झड़ते वक़्त काँप रहा था। वो खुद समझ नहीं पा रही थी की मनीष के हाथों में क्या जादू है? मनीष ने जैसे ही करुणा की कच्छी पर हाथ रखा उसे वहाँ गीलापन महसूस हुआ, पर अचानक वो गीलापन और बढ़ने लगा।
करुणा की चूत पहले से ही पानी बहा रही थी, और झड़ने की वजह से उसकी कच्छी पूरी गीली हो चुकी थी। मनीष करुणा की गीली कच्छी पर अपने हाथ फिराते हुए उसकी चूची का मीठा रस पीने लगा। मनीष अब बारीबारी करुणा की दोनों चूचियों के दाने को चूस रहा था। करुणा मजे के मारे जोर से सिसक रही थी। मनीष अब और नीचे होते हुए करुणा के चिकने पेट पर अपनी जीभ फिराते हुए उसकी नाभि को चाटने लगा। करुणा का मजे और गुदगुदी के मारे बुरा हाल था। वो अपना सिर इधर-उधर पटक रही थी। मनीष करुणा की नाभि पर अपनी जीभ को फिराता हुआ उसकी गीली कच्छी तक आ गया।
मनीष कुछ देर तक अपनी नाक से करुणा की कच्छी की गंध सँघने के बाद अपनी जीभ को करुणा की कच्छी पर रखते हुए उसे ऊपर से नीचे तक चाटने लगा। करुणा मनीष की जीभ को अपनी कच्छी के ऊपर से ही अपनी चूत पर महसूस कर रही थी, और बहुत जोर से सिसक रही थी। मनीष कुछ देर तक करुणा की कच्छी को चाटने के बाद अपने दोनों हाथों से उसकी कच्छी को पकड़कर नीचे सरकाने लगा।
करुणा ने अपने हाथों से मनीष के हाथ पकड़ते हुए कहा- “मनीष प्लीज और आगे मत बढ़ो...”
मनीष ने करुणा के हाथ को दूर करते हुए कहा- “मुझपर भरोसा रखो मैं तुझसे जी भरकर प्यार करना चाहता
करुणा तो खुद आगे बढ़ना चाहती थी। उसने मनीष की बात सुनकर अपना हाथ उसके हाथ से अलग कर दिया। मनीष अपने हाथ से करुणा की कच्छी को खींचकर नीचे करने लगा। करुणा ने अपने चूतड़ उठाकर अपनी कच्छी उतारने में मनीष की मदद की। मनीष कच्छी के उतरते ही करुणा की हल्के बालों वाली गुलाबी चूत को देखकर लार टपकाने लगा।
करुणा मनीष को अपनी चूत को यूँ देखते हुए शर्म के मारे अपनी टाँगों को आपस में मिला दिया। मनीष अपनी जीभ को अपने होंठों पर फेरते हुए करुणा की टाँगों को आपस में से जुदा करते हुए फैला दिया, और खुद उसकी टाँगों के पास बैठते हुए करुणा की गुलाबी चूत को अपने हाथों से सहलाने लगा।
करुणा अपनी चूत पर मनीष का हाथ महसूस करके काँपने लगी।
मनीष अपने हाथों से करुणा की चूत को सहलाते हुए अपना मुँह नीचे ले जाते हुए अपनी नाक से उसकी चूत को सँघने लगा। मनीष को करुणा की चूत में से आती हुई महक पागल बना रही थी। इसलिए वो अपनी साँसों को जोर से पीछे खींचते हुए करुणा की चूत की महक को सँघने लगा। करुणा अपनी चूत के नजदीक मनीष की साँसों को महसूस करके मजे से सिसकने लगी। मनीष ने करुणा की चूत को सँघते हुए अचानक अपने होंठ करुणा की चूत पर रख दिए।
“आह्ह्ह..” करुणा मनीष के होंठों को अपनी चूत पर महसूस करके मजे से काँप उठी, उसकी चूत से पानी की कुछ बूंदें निकलने लगी।
मनीष अपने होंठों से करुणा की पूरी चूत को चूमने लगा और उसकी चूत को चूमते हुए अपनी जीभ निकालकर करुणा की चूत के छेद पर रख दी। मनीष के जीभ रखते ही करुणा की चूत से निकलता हुआ पानी मनीष की जीभ को लगा और मनीष को कुछ नमकीन सा स्वाद अपने मुँह में महसूस हुआ जो उसे बहुत अच्छा लगा।
मनीष ने अपनी जीभ से करुणा की चूत से निकलता हुआ सारा पानी चाट लिया। करुणा के मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी, और उसका उत्तेजना के मारे बुरा हाल था। करुणा मनीष के सिर को पकड़कर ऊपर खींचने लगी। मनीष ऊपर होते हुए फिर से करुणा की चूचियों को चाटने लगा। करुणा की चूत में आग लग चुकी थी। वो जल्द से जल्द मनीष का लण्ड अपनी चूत में लेना चाहती थी। करुणा ने फिर से मनीष को सिर से पकड़ते हुए थोड़ा ऊपर कर दिया और उसके होंठों को बेतहाशा चूमने लगी। मनीष का लण्ड अब सीधा करुणा की नंगी चूत पर टक्कर मारने लगा। करुणा मनीष को अपनी बाहों में जोर से दबाते हुए उसके लण्ड को अपनी चूत पर महसूस करने लगी।
मनीष ने करुणा के होंठों को चूमते हुए कहा- “करुणा मैं अभी हमारे प्यार की आखिरी मुहर तुम पर लगा रहा हूँ। पहली बार में दर्द होता है, जिसे तुम बर्दाश्त कर लेना..."
करुणा नाटक करते हुए कहा- “तुम क्या करने जा रहे हो?”
मनीष ने कहा- “मैं अपना लण्ड तुम्हारी चूत में डालूंगा, तुम डरो मत तुम्हें कुछ नहीं होगा। मैं आराम से करूंगा...”
|
|
08-05-2019, 12:49 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
करुणा ने अपना आखिरी पत्ता फेंकते हुए कहा- “मैं एक दफा फिल्म में एक सेक्स सीन देखकर गरम हो गई थी और उतेजेना में मैंने एक छोटी सी पेन्सिल अपनी चूत में डालने लगी, मुझे इतना दर्द हुआ के मेरी जान निकल गई और मेरी चूत से खून भी बहा। उसके बाद मैंने आज तक अपनी चूत को हाथ भी नहीं लगाया..."
मनीष ने करुणा की बात सुनते हुए कहा- “तुम चिंता मत करो तुम्हें कुछ नहीं होगा...” और करुणा के ऊपर से उठते हुए करुणा से कहा- “अगर तुम मेरे लण्ड को थोड़ा सा चिकना कर दो तो यह तुम्हारी चूत में आराम से चला जाएगा, और तुम्हें कोई तकलीफ नहीं होगी...”
करुणा ने फिर से नाटक करते हुए कहा- “मगर मैं इसे कैसे चिकना करूं?”
मनीष ने कहा- “जैसे मैंने तुम्हारी चूत को चाटा था, ऐसे ही तुम मेरे लण्ड को अपनी जीभ से चाटकर चिकना करो..."
करुणा मनीष की बात सुनकर उसके लण्ड की तरफ देखने लगी। मनीष ने करुणा के मन की मुराद पूरी कर दी, वो खुद मनीष का गुलाबी लण्ड अपने मुँह में लेना चाहती थी।
मनीष ने करुणा को अपने लण्ड की तरफ घूरते हुए देखकर कहा- “तुम इसे अपनी जीभ लगाकर देखो अगर तुम्हें अच्छा ना लगे तो मत करना..."
करुणा ने अपने नाजुक हाथ को आगे बढ़कर मनीष का लण्ड अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया और अपनी जीभ निकालकर मनीष के लण्ड के गुलाबी टोपे पर फिराने लगी।
मनीष करुणा की जीभ अपने लण्ड पर महसूस करके कॉप गया- “आह्ह..."
करुणा ने अपनी जीभ से मनीष के लण्ड के टोपे को चाटते हुए अपनी जीभ उसके टोपे के छेद में घुसाकर उसके वीर्य का स्वाद चखने लगी। मनीष अपने लण्ड के छेद पर करुणा की जीभ को महसूस करके सिहर उठा और उसका पूरा शरीर काँपने लगा। करुणा ने कुछ देर तक मनीष के लण्ड के छेद को चाटने के बाद अपनी जीभ से उसके पूरे लण्ड को चाटते हुए गीला कर दिया, क्योंकी वो मनीष को ऐसे ही नहीं झड़ाना चाहती थी।
मनीष अपने लण्ड पर से करुणा की जीभ के हटते ही होश में आया और नीचे होते हुए करुणा की दोनों टाँगों को घुटनों तक मोड़ते हुए उसके पेट पर रख दी और एक तकिया उठाकर करुणा के चूतड़ों के नीचे रख दिया। करुणा की चूत उठकर ऊपर हो गई, और उसकी चूत के छेद में से पानी की कुछ बूंदें निकालने लगी। मनीष ने अपना लण्ड अपने हाथ में पकड़ते हुए करुणा की चूत के छेद पर रखते हुए उसे उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
करुणा का उत्तेजना के मारे बुरा हाल था वो अपने चूतड़ मनीष के लण्ड पर उछालने लगी और उसकी चूत से पानी की बूंदें निकलकर मनीष के लण्ड को और ज्यादा चिकना कर दिया। मनीष ने अपना लण्ड का टोपा करुणा की चूत के छेद में फँसाते हुए उसकी टाँगों में हाथ डाल दिया और करुणा से कहा- “डार्लिंग चीखना मत, थोड़ा सा बर्दाश्त कर लेना...”
करुणा ने अपने चूतड़ों को हिलाकर मनीष से कहा- “प्लीज घुसा दो अब तड़पाओ मत...”
मनीष ने करुणा की टाँगों को जोर से पकड़ते हुए एक धक्का मारा। मनीष का आधा लण्ड करुणा की चूत में घुस गया।
|
|
08-05-2019, 12:50 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
धन्नो और प्रवीण मैं एक गाउन में एक पैर के नीचे से गुजर रही हूँ तभी प्रवीण वहाँ आ जाता है और मेरा हाथ अपने हाथों से पकड़ते हुए कहता है- “धन्नो मैं तुमसे प्यार करता हूँ..."
मुझे ना जाने क्या हो जाता है और मैं रोते हुए उसके गले से लग जाती हूँ और रोते हुए कहती हैं- “यह दुनियां बहुत जालिम है। तुम्हारी शादी हो चुकी है, और मेरी भी। हम चाहकर भी एक दूसरे के नहीं हो सकते..”
मेरी बात सुनकर प्रवीण चुप हो जाता है। मगर थोड़ी देर बाद वो कहता है- “यहाँ हमें कोई नहीं देख रहा है। आओ थोड़ी देर बैठकर बातें करते हैं..." और मेरा हाथ खींचकर उस पैर के नीचे उसके पटों के ऊपर जाकर बैठ जाता है और मुझे भी वहीं बिठा देता है।
प्रवीण बातें करते हुए अचानक मुझसे कहता है- “जान मैं सारी दुनियां की चिंता को भुलाकर तुम्हारी गोद में सोना चाहता हूँ..”
मैं फिर से रोते हुए उसे उसके सिर को अपनी गोद पर रख देती हैं और प्रवीण अपनी आँखें बंद करके कुछ देर तक मेरी गोद में पड़ा रहता है।
प्रवीण कुछ देर के बाद अपनी आँखें खोलकर कहता है- “कितना सुकून है यहाँ पर कितना खूबसूरत है यह पल, मैं तुम्हारी गोद में सोया हुआ हूँ और हमें कोई चिंता नहीं है. मैं अपने भगवान से सिर्फ यही माँगता हूँ की वक़्त को यहीं रोक दे और मैं तेरी गोद में मरते वक़्त तक पड़ा रहू।
मैं अपने नाजुक हाथों को प्रवीण के होंठों पर रख देती हूँ और जज़्बाती होते हुए कहती हूँ- “मरे तुम्हारे दुश्मन मैं अपने भगवान से यही दुआकरती हूँ की हम दोनों की साँसें एक साथ जाए..."
प्रवीण मेरी बात सुनते ही अपने होंठों पर पड़े हुए मेरे हाथ को चूमते हुए कहता है- “जान इसलिए तो तुम मुझे सारी दुनियां से अच्छी लगती हो। मैं तुमसे दूर रहकर अब जी नहीं पाऊँगा, आओ मुझे अपनी बाहों में भर लो, और मुझे सारी दुनियां से छुपाकर अपने आगोश में भर लो...”
प्रवीण की बात सुनकर मैं नीचे झुकते हुए उसको अपनी बाहों में भर लेती हूँ। मेरी चूचियां प्रवीण के सीने में दब जाती हैं, और प्रवीण मेरे चहरे से, अपने हाथों से मेरे बालों को दूर करते हुए मेरे बहते हुए आँसुओं
होंठों को प्रवीण से दूर कर देती हैं। प्रवीण मेरे चहरे को अपने हाथों में भरते हुए अपनी तरफ करता है। मैं शर्म के मारे अपनी आँखें बंद कर देती हूँ।
प्रवीण मुझे देखते हुए कहता है- “आज मैं तुम्हारे अंग-अंग को महसूस करना चाहता हूँ आज मुझ मत रोको...”
प्रवीण यह कहते हुए अपने होंठों को मेरे सुलगाते हुए होंठों पर रख देता है। उसके होंठों के मेरे होंठों से टकराने से मेरी साँसें उखड़ने लगती है और मेरी चूत में से पानी की कुछ बूंदें निकालने लगती हैं। प्रवीण मेरे एक-एक होंठ को अपने होंठों से चूसता है। को साफ करते हुए कहता है- “पगली तुम रो क्यों रही हो? सारी दुनियां को भूलकर अपने यार की बाहों में खो जाओ...”
|
|
08-05-2019, 12:52 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
प्रवीण भी थक गया था। वो उठकर बाथरूम में चला गया और मैं कपड़े पहनकर अपनी बर्थ पर लेट गई। मेरे लेटते ही मुझे नींद आ गई, और जब मेरी आँखें खुली तो सुबह हो चुकी थी और सभी उठ चुके थे।
मैं बाथरूम में जाकर फ्रेश होने लगी और फ्रेश होने के बाद मैं बाहर आ गई। मैं मोहित के साथ एक अंजान लड़के को देखकर हैरान रह गई। करुणा और मोहित हँस-हँसकर उससे बातें कर रहे थे। मेरे वहाँ पहुँचते ही मोहित ने उस लड़के से मेरा परिचय कराते हुए कहा- “यह है मनीष... और मनीष यह है धन्नो...”
उस लड़के ने मुझे हाय कहते हुए अपना हाथ आगे बढ़ा दिया। मैंने भी अपना हाथ बढ़ाकर उसे हेलो कहा। मैं उनके साथ ही एक बर्थ पर बैठ गई। मैंने बैठते ही पूछा- “मनीष कहाँ से आ गया?”
मेरी बात सुनते ही करुणा बोल पड़ी- “दीदी रात को उनकी बोगी में आग लग गई थी और रात वाली सारी बात बता दी...”
करुणा की बात सुनकर मैं खामोश हो गई।
मोहित- “मनीष तुम कहाँ जा रहे हो, और तुम कहाँ के रहने वाले हो?”
मनीष- “यार मैं करमपुर गाँव जा रहा हूँ और वहीं का रहने वाला हूँ, मुंबई पढ़ने के लिए गया था। अब छुट्टियां हैं तो वापस घर जा रहा हूँ...”
मोहित- “करमपुर... तुम किस करमपुर की बात कर रहे हो, और तुम्हारे गाँव के ठाकुर का नाम क्या है?”
मनीष- मेरे गाँव का ठाकुर मेरा बाप है उसका नाम है प्रताप सिंह।
मोहित- “प्रताप सिंह? मनीष, मैं भी करमपुर का रहने वाला हूँ तुमने मुझे पहुँचाना नहीं? मैं सीता का बेटा हूँ, बचपन में हम साथ में खेलते थे। तुम्हारा एक छोटा भाई भी तो है जिसके साथ मेरा झगड़ा हुआ था। क्या नाम है उसका?”
मनीष- रवी नाम है उसका। तुम सीता मौसी के बेटे हो?
मोहित- हाँ मनीष, मैं सीता का बेटा हूँ।
मनीष- यार तुम तो बहुत बड़े हो गये हो पहचान ही नहीं पाया। मगर तुम कहाँ से आ रहे हो?
मोहित- मैंने पढ़ने के लिए मुंबई में एडमिशन ले लिया है और वहाँ सोनाली आँटी के घर में रहता हूँ, यह करुणा उसकी बेटी है और धन्नो उसकी भतीजी।
मनीष- सोनाली... यह वोही है ना जिसका पति बैंक में था और वो तो मर चुका है।
मोहित- हाँ सही पहचाना वोही सोनाली आँटी। मनीष अब हमसे बातें करने लगा और हम सब आपस में बातें करने लगे।
मगर मेरी नजर बार-बार इधर-उधर प्रवीण को ढूँढ़ रही थी।
मुझे ऐसे बेचैन देखकर मोहित ने कहा- “क्या हुआ धन्नो किसे ढूँढ़ रही हो?”
मैंने मोहित को कहा- “प्रवीण और राधा नजर नहीं आ रहे हैं..”
मोहित ने कहा- “यार वो चले गये। सुबह उनका स्टेशन आ गया था तुम सो रही थी...”
मैं मोहित की बात सुनकर खामोश हो गई। हम सब ऐसे ही बातें करते रहे। कब हमारा स्टेशन आ गया पता ही नहीं चला। हम सभी अपना-अपना सामान उठाकर अपने स्टेशन पर उतरने लगे। ट्रेन से उतरते ही हमारा गाँव कोई 20 कीलोमीटर दूर था। वहाँ से एक बस हमारे गाँव जाती थी। हम बस की तरफ बढ़ने लगे।
|
|
|