Long Sex Kahani सोलहवां सावन
07-06-2018, 02:29 PM,
RE: Long Sex Kahani सोलहवां सावन
कामिनी भाभी : मंजन 

अब तक 

और भौजी ने दूसरी हरकत की , जिसके आगे हर ननद हार मान के मुंह खोल देती थी। 

उन्होंने कस के मेरे दोनों नथुने भींच लिए , सांस लेना है तो मुंह तो खोलना ही पडेगा , ऊपर से भैय्या ने भी जोर से निपल पकड़ के नोच लिया। 

मुंह खुल गया , और उनका लिथड़ा चुपड़ा सीधे मेरे मुंह में , 

गों गों ,... मैं आवाज कर रही थी ,चोक हो रही थी लण्ड पूरे गले तक , सांस भी फूल रही थी। 


" चाट चूट के पहले जैसा कर जल्दी वरना , ,... " भौजी ने हड़काया ,फिर प्यार से समझाया ,

" अरे स्वाद ले ले के , मजे ले ले के चूस , कस के चाट , बहुत मजा आयेगा , ज़रा प्यार से , अभी कुछ देर पहले कैसे चूस चाट रही थी , वैसे ही अरे तेरी गांड का ही तो है। "

कुछ देर तक तो मैंने ,... फिर धीरे धीरे,... जब भैय्या ने ७-८ मिनट बाद निकाला तो एकदम , ...साफ़ चिकना गोरापहले जैसा। 


जैसे कोई शैतान बच्चा कीचड़ में होली खेल के , खूब कीचड़ लपेट के आये और माँ उसकी नहला धुला के , रगड़ रगड़ के , पहले जैसा सुथरा , चिक्कन कर दे। 


जब मेरे मुंह से निकला ,तो खूब कड़ा भी हो गया था। 

" अभी जाना नहीं होता न तो निहुरा के एक राउंड और लेता तेरी ,... " वो बोले। 

" अरे जाओ जल्दी , बस छूट जायेगी। ये कही नहीं जा रही , तोहार बहिनिया अभी ७-८ दिन और रहेगी ,कल आ जाना फिर ,... " हँसते हुए भौजी बोलीं और मारे ख़ुशी पकड़ के चूम लिया सीधे मुंह पे। 




आगे 




[attachment=1]1+(312).jpg[/attachment]" अरे जाओ जल्दी , बस छूट जायेगी। ये कही नहीं जा रही , तोहार बहिनिया अभी ७-८ दिन और रहेगी ,कल आ जाना फिर ,... " हँसते हुए भौजी बोलीं और मारे ख़ुशी पकड़ के चूम लिया सीधे मुंह पे। 


मैं खड़ी हो गयी थी। 

लेकिन मेरे पेट में अब फिर से एक बार तेजी से घुमड़ घुमड़ , 

जोर से 'आ रहां' था , और मैं टॉयलेट की ओर भागी। 



" दरवाजा अंदर से बंद नहीं होता ,और फिर हम तुम ही तो हैं " हस के भाभी बोलीं।
दरवाजा बंद करने का टाइम भी नहीं था मेरे पास। 

बाहर से छन छन कर भाभी ,भैय्या की आवाजें आ रही थीं,

" देर हो गयी , " भैय्या बोल रहे थे। 

" तुम्ही तो मेरी छुटकी ननदिया पे , लेकिन कोई देर वेर नहीं हुयी , मैंने आपका सामान , रास्ते के लिए खाना सब कुछ पैक कर दिया है। " खिलखलाती हुयी कामिनी भाभी बोलीं। 

" यार मॉल ही इत्ता मस्त है , मेरा तो मन भरा नहीं। " भईय्या की आवाज आई। 

" अरे आप तो कल ही आ जाओगे शाम तक , और वो अभी हफ्ते भर तो है ही , ले लेना , मन भर के। " भाभी के बोलने और दरवाजा बंद करने की आवाज आई। 

फिर रसोई से खटर पटर , थोड़ी देर बाद दरवाजे पे फिर खट खट हुयी , 

मेरा कान उधर ही चिपका था , रज्जो ग्वालन , भाभी के घर पर भी गाय भैंस वही दुहती थी और कामिनी भाभी के यहाँ भी , एक कजरी भैंस थी वो भी। 

वो और भाभी हलकी आवाज में बात कर रहे थे , लेकिन दोनों लोग हंस ज्यादा रही थीं , बात कम ,... कहीं कामिनी भाभी से वो मेरे बारे में तो बात , ... और तभी मुझे याद आया ,... वो खिड़की ,...उसी के बगल में कजरी भैसं बंधती है , वहीँ रज्जो दूहती है , और जब मुझे भैय्या , 'इस्तेमाल के बाद;' ... शायद मैंने रज्जो की झलक खिडकीसे ,.. 

लेकिन तबतक आवाजें फिर शांत हो गईं। रज्जो चली गयी थी और भाभी ने दरवाजा बंद कर लिया था। आगे के ही नहीं पीछे का भी दरवाजा बंद करने की आवाज आई ,


फिर किचन में खटर पटर ,

जब मैं बाहर निकली तो भौजी नाश्ते की टेबल लगा रही थीं और उनके हाथ में दूध का भरा ग्लास था , लबालब भरा और उसमें चार इंच मोटी साढ़ी।
……………………………………………………………………………………………………..
भौजी मुस्कराती हुयी मुझे अजीब निगाहों से देख रही थीं। 

और जब मैंने खुद को देखा तो , मैं भी मुस्कराए बिना न रह सकी। 
मेरा आँचल ,सीने पर से छलक गया था , मेरी दोनों गोल गोल गोलाइयाँ साफ़ दिख रही थीं , और उस से भी बढ़ के ,उस पर रात के निशान ,

भैया के दांत के निशान मेरे खड़े निपल के चारो ओर , चूसने और रगड़ने से जगह जगह लाल हो गया था , और नाखून के निशान तो भरपूर थे। 

भौजी ने मुझे जोर से अपनी अंकवार में भींच लिया और बोलीं , 

"नाश्ता लग गया है , चल ,कल रात बहुत मेहनत की तूने ,फिर सुबह सुबह। नीचे का मुंह तो भर गया अब ऊपर की बारी है। " 

भौजी से छुड़ाने की कोशिश करते मैं बोलीं, " बस एक मिनट भौजी , मंजन करके आई। " 

भौजी का एक हाथ कस के मेरी कमर को पकडे था , वहां जकड और बढ़ गयी। उनके हाथों की पकड़ भैय्या से भी कड़ी थी , एकदम सँडसी की तरह। दूसरे हाथ ने मेरे साडी उठा दी और अंदर घुस के ,सीधे , पहले हलके हलके ,फिर जोर जोर से मेरे नितम्बों को सहलाने ,दबाने लगा। 


" अरे हमार छिनार ननदो , तोहार भौजी काहें को हैं , मैं करा देती हूँ न मंजन। "

भौजी ने भी सिर्फ साडी अपने तन पे बस लपेट रखी थी और उनका भी आँचल सरक कर , ... फिर तो उनकी खूब बड़ी बड़ी ,एकदम पत्थर की तरह कड़ी ,मांसल गोलियां मेरे नए नए आये किशोर उभारों पर , 

चक्की चल रही ,..... 
दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोय। 


मेरी क्या बिसात थी। कामिनी भाभी की खूब बड़ी बड़ी कठोर चूचियाँ मेरे छोटे छोटे किशोर जोबन को कुचल रही थीं ,पीस रही थी। 

और उनका मेरे नितम्बों को सहलाता हाथ अब और दुष्ट , और शरारती हो गया था। पकड़ तेज हो गयी थी और रेंंगती सरकती उँगलियाँ अब सीधी गांड की दरार तक पहुँच गयी थी। 

गच्च , एक ऊँगली भौजी ने अंदर ठेल दी। 

उईईई ,.... मेरी चीख और सिसकी निकल गयी। 

गपाक , दूसरी ऊँगली भी भौजी ने पेल दी , जड़ तक। 

और अबकी मैं सिसक भी नहीं पायी , भौजी के होंठों ने मेरे होंठ सील कर दिए थे , और यही नहीं , उनकी जीभ मेरे मुंह में कबड्डी खेल रही थी। 

कुछ देर मेरा मुंह उनका जीभ वैसे ही चूसने लगा जैसे कुछ देर पहले उनके सैयां का मोटा खूंटा चूस रहा था। 

दोनों उँगलियाँ जड़ तक अंदर थीं , गांड में , कुछ देर तक तो अंदर बाहर ,अंदर बाहर , और जब उन्होंने अपनी जगह अच्छी तरह बना ली तो फिर गोल गोल जोर जोर से अंदर घूमने लगीं , और उसके बाद गांड की अंदरूनी दीवालों पे रगड़ रगड़ के ,


साथ साथ में भौजी की चूचियाँ भी हलके हलके कभी जोर जोर से मेरे उभार दबा रही थीं , रगड़ रही थी। 

उनके दांतों के निशान मेरे होठ पर बन रहे थे , 

जैसे कोई , टेढ़ी ऊँगली से कुछ , ...अब उंगलियां उस तरह से करोच करोच कर गांड की दीवालों से , खूब रगड़ रगड़ कर , चार पांच मिनट ,... 


अचानक भौजी अलग हो गईं और उनके एक हाथ ने जबरन मेरा मुंह खुलवा लिया ,जैसे भाभियाँ नन्दों के मुंह होली में खुलवाती हैं ,मंजन के लिए। 

फिर गांड से निकली भौजी की दोनों उँगलियाँ, जब तक मैं समझूँ ,कुछ सोचूं , सीधे मेरे मुंह में। 

रगड़ रगड़ कर , दांतों पर आगे से ,पीछे से ,मुंह के अंदर , गिन कर पूरे ३२ बार ,


भौजी की पकड़ से छूटने का सवाल ही नहीं था। 

दोनों उँगलियाँ , मुंह के अंदर ,, ... 

चल अब हो गया न मंजन , चल अब नाश्ता कर सीधे से ,भौजी छेड़ते मुस्कराते बोलीं और दूध का भरा ग्लास सीधे मेरे मुंह में। 

पीने के अलावा कोई चारा भी नहीं था।
Reply


Messages In This Thread
RE: Long Sex Kahani सोलहवां सावन - by sexstories - 07-06-2018, 02:29 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,710,705 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 570,180 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,322,958 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,006,179 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,774,904 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,182,143 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,126,456 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,646,342 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,220,014 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 305,261 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)