RE: Maa ki Chudai माँ बेटी बेटा और किरायेदार
दूसरी तरफ सीमा अपना सारा काम निपटा चुकी थी और अपने रूम में बेड पर लेटी हुई थी उसके फेस पर शिकन थी वो सोच रही थी क़ी जो उसने किया ठीक किया है अमित (सीमा का पति) मेरा कितना ख्याल रखते हैं और में उनके साथ धोखा कर रही हूँ पर में भी कब तक अपनी तमन्नाओं को मार -2 कर जीती रहूंगी सीमा इसी अधेड़ बुन में लगी हुई थी उसे समझ नही आ रहा था क्या सही है और क्या ग़लत सीमा इन्ही बातों को सोचते -2 सो गयी जब उसकी नींद खुली तो शाम के 5 बज चुके थे सीमा ने शाम को चाइ बना कर सब को दी और अमन के रूम में जाकर उसे बोला अमन में मार्केट जा रही हूँ तुम भी साथ चलो कुछ समान खरीदना है अमन तैयार होकर सीमा के साथ घर से निकल गया और सीमा मार्केट पहुँच कर घर का समान और सब्जयां खरीदने लगी जब सीमा और अमन घर वापिस आने लगे तो सीमा कुछ सोच कर बोली अमन एक काम करो ये पैसे लो और मेडिकल की दुकान से वियाग्रा की टॅब्लेट्स ले आ
अमन: वियाग्रा ये किस चीज़ की मेडिसिन है
सीमा; पहले लेकर तो आ घर जाकर बताती हूँ
अमन पैसे लेकर मेडिकल स्टोर पर वियाग्रा लेने चला गया फिर दोनो घर की तरफ चल पड़े शाम ढल चल चुकी थी सर्दियों में अंधेरा जल्दी छा गया था
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दूसरी तरफ रेणु और बबलू दोनो तैयार होकर रात के 7 बजे घर से निकल पड़े आज पहली बार रेणु बबलू के साथ अकेली जा रही थी रेणु बहुत खुश थी पर बबलू का मूड उखड़ा हुआ था जब रेणु और बबलू महक के घर पहुचे तो गेट महक की माँ मीना ने खोला और उन्हे अंदर आने को कहा
रेणु: नमस्ते आंटी जी
मीना: नमस्ते बेटा
मीना वैसे तो यूपी की ही रहने वाली थी लेकिन उसने अपने शुरू के कई साल पंजाब में गुज़ारे थे जिसका असर उसकी भाषा में सॉफ दिखता था
मीना:होर सूनाओ की हाल है
रेणु:जी ठीक हूँ महक कहाँ है
मीना:ऊपर ही अपने रूम में अभी बुलाती हूँ
और मीना महक को आवाज़ लगाने लगी महक नीचे आ गयी और रेणु ने साथ लिया हुआ गिफ्ट देते हुए उसे बर्तडे विश किया बबलू ने भी उसे विश किया थोड़ी देर बाद कुछ और लोग उनके घर पर आ गये पार्टी शुरू हो चुकी थी सब एक दूसरे से बात कर रहे थे रेणु महक के साथ बिज़ी थी बबलू एक कोने में सोफे पर बैठ रेणु और उसकी सहेलियों के जिस्मो को आँखों से नाप रहा था तभी मीना हाथ में कॉफी की ट्रे लेकर बबलू के सामने आई और झुक कर अमन को कॉफी देने लगी
मीना ने सलवार कमीज़ पहना हुआ था जैसे ही मीना झुकी उसका दुपट्टा कंधे से सरक गया और उसकी बड़ी-2 चुचियाँ बबलू की आँखों के सामने आ गयी 38 साइज़ की चुचियाँ ब्लॅक कलर के ब्रा में कसी हुई थी और बाहर आने को मचल रही थी मीना जल्दी से सीधे हो गयी और मन में बबलू को गाली देते हुए कह रही थी साला अपनी माँ की उमर की औरत पर भी बुरी नज़र रखता है कैसे गंदी नज़र है और मीना कॉफी देकर चली गयी धीरे-2 सभी लोग जाने लगे अब रेणु और बबलू ही बचे थी रात के 8:00 बज रहे थे बाहर ठंडी हवा चल रही थी
रेणु:अच्छा आंटी जी हम भी चलते हैं
मीना:अर्रे रूको बेटा हमें भी बाज़ार से कुछ समान लेना है हम भी साथ चलते हैं
उसके बाद महक उसकी माँ मीना रेणु और बबलू के साथ घर लॉक करके निकल गये रास्ते में चलते-2 रेणु मीना आंटी से उसके पति के बारे में पूंछ रही थी मीना का हज़्बेंड भी गवरमेंट एंप्लायी था और अक्सर सरकारी काम से कई-2 दिन आउट ऑफ स्टेशन रहता था कई सालों की जिंदगी के बाद उसकी सेक्स लाइफ ना के बराबर रह गयी थी मीना का एक लड़का और एक लड़की थी लड़का जो कि बोरडिंग स्कूल में था चारो ने बस स्टॅंड पहुँच कर लोकल बस पकड़ ली छुट्टी का टाइम था इसीलिए बस में बहुत भीड़ थी सबसे पहले रेणु बस में चढ़ि फिर महक उसके बाद मीना और आख़िर में बबलू बस में चढ़ा बस एक दम भरी हुई ही मीना उँची कद काठी की औरत थी ना तो पतली थी और ना ही बहुत ज़यादा मोटी पर उसका बदन भरा पूरा था पेट पर चर्बी भी थी पर बहुत ज़्यादा नही गान्ड बाहर कीतरफ निकली हुई थी बबलू को ऐसी औरतें बहुत पसंद थी जिनकी गान्ड बड़ी हो बबलू मीना के पीछे जाकर खड़ा हो गया और अपने लंड जो अभी खड़ा नही था मीना की गान्ड पे सलवार के ऊपर से धीरे-2 रगड़ने लगा
मीना को उसी समय पता चल गया कि ये लड़का एक दम चोदू किस्म का है मीना थोड़ा आगे होना चाहा पर आगे जगहा नही थी अब मीना कुछ नही कर सकती थी वो बस सोच रही थी जल्दी से उसका स्टॉप आ जाए और वो उतर जाए थोड़ी ही देर में बबलू का लंड एक दम तन कर खड़ा हो गया और आगे खड़ी मीना की गान्ड की दरार में रगड़ खाने लगा बबलू मीना से एक दम चिपक कर खड़ा हो गया बबलू के पीछे भी बहुत भीड़ थी मीना बींच में फँस गयी थी बबलू ने चारो तरफ देख कर धीरे से अपना हाथ नीचे करके मीना की कमीज़ के पल्ले को ऊपर उठा दिया और अपना लंड सीमा की सलवार के ऊपर से उसकी गान्ड की दरार में फँसा दिया मीना के पैर काँपने लगे मीना ने नीचे पैंटी नही पहनी हुई थी लंड का सुपाडा बबलू की पेंट के अंदर से मीना की गान्ड के छेद पर सलवार के ऊपर जा टिका मीना के जिस्म में मस्ती की लहर दौड़ गयी वो ना चाहते हुए भी गरम होने लगी थी सीमा ने सर्दी होने के कारण शॉल ओढ़ रखी थी बबलू ने अपना हाथ मीना की कमर पर रख दिया मीना को गुस्सा भी आ रहा था और हैरानी भी हो रही थी कि इतनी सी उम्र में इतनी हिम्मत कि अपनी माँ की उम्र की औरत के साथ ऐसी हरकतें कर रहा है
बबलू ने अपना हाथ बढ़ा कर मीना के पेट पर रख दिया जिसके ऊपर शोल्ल थी और धीरे-2 अपना हाथ ऊपर लेजाने लगा बबलू नीचे से हल्के-2 धक्के मार रहा था जैसे ही बबलू ने झटका मारा बबलू का लंड सरक कर मीना की सलवार के ऊपर से उसकी चूत के होंठों पर रगड़ खा गया मीना की आँखें बंद हो गयी उसके बदन में करेंट की लहर दौड़ गयी अपनी अधेड़ उम्र की चूत पर जवान लंड की दस्तक पा कर उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया बबलू पेट से हाथ हटा कर नीचे ले गया और अपने लंड को पेंट के ऊपर से पकड़ कर मीना की गान्ड पर सलवार के ऊपर से रगड़ने लगा बबलू ने झुक कर धीरे से मीना के कान में कहा आंटी बहुत मज़ा आ रहा है ज़रा सी टाँगें खोल लो ना मीना की जांघे आपस में सटी हुई थी वो नही चाहती थी कि उसका लंड उसकी चूत तक पहुँचा पर कई मिनिट से गान्ड के छेद पर रगड़ खा रहे बबलू के लंड ने मीना को एक दम गरम कर दिया था उसके पैर ढीले पड़ चुके थे और अपने आप ही उसकी जांघे खुल गयी बबलू ने अपना हाथ मीना की गान्ड पर रख दिया और धीरे उसकी गान्ड को सहलाने लगा फिर बबलू ने बीच वाली उंगली को मीना की गान्ड की दरार में डाल कर गान्ड के छेद को धीरे-2 कुरेदने लगा मीना की साँसें तेज़ी से चलने लगी जांघे खुल चुकी थी
बबलू ने मोके का फ़ायदा उठाते हुए अपने लंड को पेंट के ऊपर से पकड़ा और उसके हाथ की एक उंगली को गान्ड के छेद से सहलाते हुए उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा और चूत के होंठो को फैला कर बबलू की उंगली सीधा उसकी चूत के छेद पर जा टकराई बबलू को चूत के छेद का आंदज़ा होते ही बबलू ने अपने लंड को वहाँ पर टिका दिया और हाथ को फिर से सीमा की शॉल के अंदर पेट पर रख दिया और धीरे-2 ऐसे ही धक्के लगाने लगा जैसे कि वो बस चलने के कारण हिल रहा हो
मीना की चूत से पानी बह कर उसकी सलवार को भीगोने लगा था सीमा की आँखें बंद थी ना चाहते हुए भी उसे बहुत मज़ा आ रहा था थोड़ी देर बाद बबलू ने अपना लंड हाथ मे लिया और हाथ नीचे लेजा कर उसके चुतड़ों के नीचे से उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत के छेद को उंगलियों से सहलाने लगा बबलू और रेणु का स्टॉप नज़दीक आ चुका बबलू थोडा सा पीछे हट कर खड़ा हो गया और रेणु और बबलू अपने स्टॉप पर उतर गये बबलू रेणु को घर छोड़ कर अपने ऑफीस स्टेशन के लिएनिकल गया
दूसरी तरफ सीमा घर पर सब लोग खाना खा चुके थे रात के 9 बज चुके थे सीमा के ससुर ने सीमा को कहा बहू हम ज़रा गली में टहल कर आते हैं आज खाना कुछ ज़्यादा ही हो गया और सीमा के सास ससुर बाहर टहलने के निकल गये सीमा झूठे बर्तन उठा कर किचन में रख रही थी अमन भी सीमा की मदद कर रहा था सीमा बर्तन सॉफ करने लगी अमन वहीं किचन के सामने बैठा सीमा को देख रहा था सीमा ने सलवार और ऊपर एक लंबी सी टी-शर्ट पहन रखी थी सीमा ने मूड कर अमन की तरफ देखा अमन ने नज़रें झुका ली सीमा मुस्कुराने लगी और बर्तन सॉफ करके हाथ पूंछ कर अमन के पास आकर खड़ी हो गयी
सीमा: क्या देख रहे थे चोरी-2
अमन:हड़बड़ाता हुआ) कुछ नही
सीमा: बस थोड़ा सा और इंतजार कर लो और सीमा के होंठो पर कामुक मुस्कराहट आ गयी
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