Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
11-11-2020, 01:11 PM,
#56
RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सूबह के करिबन दस् बजे थे, सतीश और सानिया दोनों निचे सोफ़े पर तैयार बैठे विशाल के लौटने का इंतज़ार कर रहे थे क्योंके हर संडे के दिन उनका पूरा परिवार मंदिर जाता था. सतीशने सानिया को सोफ़े पर पीछे को धकेला, उसके सामने फर्श पर बैठ उसकी लाल रंग की साडी जो उसने मंदिर जाने के लिए पहनी थी, में अपना सर घूसा देता है. मम्मी की पेन्टी को निचे खींच के अपने होंठ उसकी चुत के होंठो पर रख उसकी चुत में अपनी जीव्हा घुसेड देता है. कुछ ही पलों बाद सानिया की चुत रस टपकाने लगती है.

"ऊऊफ ........बहुत बड़े कमीने हो तुम्..,........" सानिया बेटे को उसकी चुत से मुंह हटाते ही बोलती है. सतीश उठ कर खड़ा होता है. अपनी पेण्ट का बक्कल खोल उसे निकाल दूसरे सोफ़े पर रख देता है. इसके अगले ही पल सतीश का अंदरवियर ज़मींन पर पढ़ा होता है और सतीश का लंड हवा में झटके खा रहा होता है. सतीश उसकी साडी और पेटीकोट उठाकर उसकी कमर को पूरा नंगा कर देता है. और फिर उसकी टांगे उठाकर फिर से उसके घुटने उसके मम्मो पर दबा देता है. सतीश अपना लंड उसकी चुत के होंठो पर रखता है. सानिया नज़र जमाये अपनी चुत में घूसने वाले उसके लंड को ही देख रही थी. सतीश जैसे ही धक्का मारकर अपना लंड अंदर घुसाता है वो सिसक पड़ती है और अपना नीचला होंठ अपने दाँतो में दबा लेती है. सतीश बिना रुके बाकि का लंड भी दो धक्कों में उसकी चुत में पेल देता है. उस सुबह वह तीसरि बार सानिया की ले रहा था और उसके मुख से फूटती मादक सिसकियाँ इस बात की गवाह थी के उसे भी देणे में बहुत मज़ा आ रहा था.

उसे नहीं मालूम मम्मी को किस आसन में चोदने में उसे ज्यादा मजा आता था---- सामने से उसकी टांगे उठाकर उसके घुटने मम्मो पर दबाकर जैसे के वह उस वक्त उसे चोद रहा था----या फिर सुबह में पहली बार की तररह----- पीछे से उसकी कमर थाम उसकी चुत में लंड पेलने में. मम्मी भी इस मसले में उसकी मद्त नहीं कर रही थी. उसे देखने से लगता था के उसे दोनों तरह से मरवाने में मज़ा आता है. मतलब यह के उसे पहले उसकी दिन रात खूब चुदाई करनी पडेगी तभी वह किसी नतीजे पर पहुँच सकता था.

"प्रार्थना करो डैड जल्दी लौट कर न आये" वह मम्मी की चुत में लंड पेलते हुये उसे सलाह देते हुए बोला. " में इस बार फुल्ली लोडेड हु और तुम बहुत देर तक चुदने वाली हो" सतीश सुबह का दो बार झड़ चुका था इस्लिये इस बार सख्लित होने में यक़ीनी तौर पर कहीं ज्यादा समय लेने वाला था.

"अच्छा........देखते हैं मेरी चुत की गर्मी के सामने तुम्हारा लंड कितनी देर ठहर पाता है सानिया हस पड़ती है फिर एक जोरदार चुदाई होती है जैसे ही दोनो शांत होते है अपने आप को साफ करके कपड़े पहनकर बैठते है कि दरवाजे की बेल बजती है विशाल आया था आते ही बोलता है सॉरी आज हम मंदिर नही जा पायेंगे
लेकिन इस वक़्त हम तीनो बाहर जा रहे है...
सतीश : बाहर... लेकिन कहा...?
विशाल : हमारे फार्म हाउस पे... वहाँ कोरिया से क्लाइंट आये हुये है...
सतीश : तो क्लाइंट से मिलने के लिए आप हम को क्यों ले जा रहे है... वहाँ हमारा क्या काम... क्यूँ मम्मी में ठीक कह रहा हूँ ना... और वैसे भी डैड... मैं और मम्मी अभी मंदिर जाने के बाद शॉपिंग पे जा रहे है... उन क्लाइंट्स से आप ही मिल लो...
विशाल : जी नहीं ये पॉसिबल नहीं है... तुम दोनों को मेरे साथ वहां चलना ही पडेगा... क्यूँ की मुझे कोरियाई भाषा नहीं आती...
सतीश : तो मुझे कौन सी आती है...
विशाल : सानिया को आती है... वो उन क्लाइंट्स से बड़े आराम से बात कर सकती है... और रही बात शॉपिंग की तो... मीटिंग के बाद तुम दोनों आराम से और जी भर के शॉपिंग कर लेना...
सतीश और सानिया उदास मन से हाँ कह देते है...
विशाल: तो फिर चलो...
तीनो कार के पास जाते है... सतीश कार में भरे सामान को देख के चोंक जाता है...
सतीश : डैड ये क्या है...?
विशाल : ये सैम्पल्स हैं जो क्लाइंट को दीखाने है...
सतीश : पर डैड हम कहाँ बैठेंगे... कार में तो पूरा सामान भरा है... मेरे और मम्मी के लिए जगह है ही कहा...
विशाल : पीछे वाली सीट पे है ना जगह... तुम दोनों वहां बैठ जाना...
सतीश : डैड पीछे वाली सीट पे तो एक ही आदमी के बैठने की जगह है... मम्मी और में वहां कैसे बैठेंगे...? सतीश : आप कुछ सैंपल्स निकाल दो ताकि हम आराम से बैठ के जा सके...
विशाल : नहीं में इन में से एक भी सैंपल नहीं निकाल सकता...
सतीश : तो फिर आप ही बताओ की हम क्या करे...
विशाल : एक रास्ता है अगर तुम्हे ठीक लगे तो...
सानिया : और वो क्या है...?
विशाल : वो ये की अगर सतीश कार में बैठ के तुम्हे अपनी गोद में बैठा ले तो बात बन सकती है...
सानिया : पर विशाल यहाँ से फार्म हाउस का सफर ५ से ६ घंटे का है...
विशाल : हाँ मुझे पता है... लेकिन तुम इतनी भारी नहीं हो की सतीश तुम्हे अपनी गोद में न बैठा सके... क्यूँ सतीश क्या कहते हो... क्या तुम अपनी मम्मी को फार्म हाउस तक अपनी गोद में बैठा सकते हो...
सतीश : हाँ हा.... क्यों नही... अगर मम्मी को इस तरह मेरी गोद में बैठने में कोई प्रॉब्लम न हो तो... क्यूँ मम्मी क्या कहती हो...
सानिया : अगर तुम्हे मुझे अपनी गोद में बैठाने में कोई प्रॉब्लम नहीं है... तो मुझे क्यों प्रॉब्लम हो गि...
विशाल : चलो... अब जल्दी से बैठ जाव... हम को पहले ही बहुत देर हो गई है...
सतीश और विशाल दोनों कार में बैठ गयी... विशाल ड्राइविंग सीट पे और सतीश बैक सीट पे...
सानिया : मैं अभी आयी...
ये कह के सानिया घर के अंदर अपने रूम में जाती है और जल्दी से अपनी साड़ी ब्लाउस पेटिकोट निकाल कर स्कर्ट और शर्ट पहनती है और पेन्टी पेहेन के एक कोट हाथ में ले के बाहर आ जाती है...
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान - by desiaks - 11-11-2020, 01:11 PM

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