11-11-2020, 01:16 PM,
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desiaks
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सानिया फिर सतीश के मुह पे बैठ जाती है.
सतीश सानिया की इस हरकत से और जोश में आ जाता है और उसकी चुत को चूम लेता है.
फिर अपनी जुबान से चुत चाटने लगता है.
सानिया मस्ती में सिसकारी लेने लगती है.............
आंह...................
म्म्........................
ओह....... मस्ती में काँपने लगती है.
वाओ ऐसेही मेरी चुत के और अन्दर दाल अपनी जुबान पिले ले मेरे मीठे वीर्य को.........
ओ माँ......................
मैं झडने वाली हु.............
सतीश ज़बान चुत से निकल कर सानिया की गांड़ के छेद में दाल कर घुमाने लगता है...........
सतीश की अचानक इस हरकत से सानिया उछल जाती है और कामुक्ता में सिसकारी लेने लगती है फिर सतीश सानिया के गांड़ के छेद से लेकर चुत तक अपनी जुबान घुमा घुमा कर चाटता है और फिर टिट्स को मुह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चुस्ने लगता है......
सानिया मस्ती में आकर अपने दोनों हाथों से सतीश के सर को पकड़ कर सतीश के मुह पर ज़ोर ज़ोर से अपनी चुत रगडने लगती है और चिखते हुए झर जाती है...
जितना मज़ा सानिया को सतीश से अपनी चुत चटवा के आया............
उतना मज़ा तो उसे कभी अपने पति से चुदवाने में भी नहीं आया था..................
सानिया को ज़ोर की पिशाब लगती है और वो जैसे ही सतीश के मुह पे से उठने को हुई सतीश उसे इशारे में पूछता है के कहाँ जा रही हो मेरी जान? सानिया सतीश के इशारे को समझ जाती है और शर्माते हुए कहती है "मूतने".
सतीश सानिया के चुतर को ज़ोर से पकड़ लेता है और कहता है मुतने के लिए कहीं जाने की क्या ज़रूरत है..........
सानिया: “तो फिर?
सतीश: “मैं जो हूँ आप का गुलाम्”.
सानिया: “मतलब ?
सतीश: “मतलब ये मेरी जान के तुम अपना ये मीठा शरबत टॉयलेट में क्यों बहाने जा रही हो.
सानिया: अब मुतने के लिए तो टॉयलेट ही होता है ना”?
सतीश: “जी नहीं ये क्या बात हुई”.
मैंने कहा ना जब मैं हूँ तो आपको टॉयलेट जाने की क्या ज़रूरत है”?.
सानिया: “सतीश क्यों परेशान कर रहा है, जाने दे ना नहीं तो मेरा पिशाब यही निकल जाये गा”.
सतीश: “तो निकल जाने दो ना”.
पिशाब ज़ोर से लगे होने की वजह से सानिया सतीश को ग़ुस्से में कहती है.
सानिया: “जाने दे मुझे नहीं तो ?
सतीश: “नहीं तो क्या ?
सानिया: नहीं तो मैं तेरे मुह में ही मूत दूंगी, फिर मुझे मत कहना की मैंने तेरा मुह गन्दा कर दिया”.
सतीश: “मैं भला क्यों कुछ कहने लगा”.
मैं तो चाहता ही हूँ के आप मेरे मुह में सिटी बजाते हुए मूत दो, और मैं आपका मीठ शरबत पी लू”.
सानिया से अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है और वो सिटी बजाते हुए सतीश के मुह में मूतने लगती है. और सतीश उसका पिशाब पिने लगता है.
सानिया सतीश को अपने चुत पे मुह लगा के पिशाब पीते देख कर शर्म से लाल हो जाती है.
सानिया के पिशाब को सतीश चटख़ारे ले ले कर पिता है और जब सानिया की चुत से पिशाब निकलना बंद हो जाता है तो सतीश कहता है,
“वाह मम्मी मज़ा आ गया क्या मीठा शरबत पिलाया आपने”.
आब तो मैं रोज़ ये शरबत पियूंगा”.
सानिया: “धत बदमाश”.
फिर सानिया सतीश के ऊपर से उठ कर नहाने के लाये बाथरूम की तरफ जाने लगती है.
सतीश उसके गोल मटोल चुत्तड़ को हिलते हुए देख कर आहे भरते हुए कहता है “वाओ जान क्या चुत्तड़ हैं तुम्हारे, जवाब नहीं इनका”.
सानिया मुड़ कर सतीश की तरफ एक शरारती स्माइल दे कर कहती है,
“सुधर जा साले, अपनी मम्मी के चुत्तड़ पे गन्दी नज़र रखता है”.
सतीश: “मैं तो अपनी बीवी के चुत्तड़ के बारे में कह रहा हूं, अब तो आप मेरी बीवी हो मम्मी नही”.
सानिया: “जी नहीं, मैं अब भी तुम्हारी मम्मी हूं,अभी हमारी शादी नहीं हुई जो तू मुझे अपनी बीवी कह रहा है”
सतीश: “तो कर लो न मुझ से शादि, बना लो ना मेरे लंड को परमानेंट अपना गुलाम्”.
सानिया: “चल मैं अभी नहा के आती हु. फिर बाद में शादी की बात करेंगे”.
ओर सानिया नहाने बाथरूम में घुस जाती है.
सतीश भी दूसरे बाथरूम में नहाने लग जाता है.
फिर नहाने के बाद सतीश सानिया की पेन्टी पहन के उसके बाहर निकलने का इंतज़ार करता है.
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सानिया नहा के निकलती है और अपने कपडे पहन लेती है पर पेन्टी नहीं पहनती तो सतीश उस से पूछ ता है “मम्मी आप ने पेन्टी क्यों नहीं पह्नी”
सानिया कहती है “स्कर्ट के निचे पेन्टी की क्या ज़रूरत है”.
सतीश: “मम्मी आपकी पेन्टी तो बहुत टाइट है, जब मुझे ये इतनी टाइट हो रही है, तो तो आप को कितनी टाइट होती होगी”.
“अबे साले तूने मेरी पेन्टी क्यों पहन ली उतार कहीं फट न जाये”.
सतीश: “पहले स्कर्ट उठा के अपनी चुत के दर्शन तो करवाओ”.
सानिया: “क्यूँ ?
सतीश: “मैं देखना चाहता हूँ आप की नंगी चुत”.
सतीश : “आप अन्दर से नंगी है”
सतीश के नंगी वर्ड सोने से सानिया शॉक हो गयी बोली “क्या?
सतीश : “मम्मी मुझे आपकी चुत देखनी है, आप अपनी स्कर्ट ऊपर उठाओ ना, प्लीज”
सानिया : “नहीं”
सतीश : “प्लीज मम्मी एक बार देखने दो ना”
सानिया खड़ी होगयी और फिर सतीश ने झट से उनकी स्कर्ट ऊपर करदी.
सानिया : “देख लि मेरी चुत बस अब निचे करदो स्कर्ट”.
सतीश- “अरे वाह मम्मी आपने अपनी झाँट बना ली वाह क्या चिकनी चुत है, आप की बिलकुल एक छोटी बच्चे की चुत की तरह, और ये तो मुह जैसा है निचे तो बिलकुल दो होंट है,
आप यहाँ पर लिपस्टिक क्यों नहीं लगाती, रुको मैं लगा देता हूँ”
सतीश ने ड्रावर से मरुन कलर की लिपिस्टिक ली और सानिया के चुत में लगाने लगा फिर उसने झट से मुह में ले लिया सानिया के चुत के एक होठ को.
सानिया- “ये क्या कर रहे हो तुम उफ़… वुई…
सानिया फिर कुछ न बॉली.
१५ मिनट तक सतीश सानिया के चुत के लिप्स को चूसता रहा और सानिया झड गयी.
सतीश ने सानिया के चुत पे फिर से लिपस्टिक लगा दी और उनकी स्कर्ट निचे कर दि.
सानिया को इस तरहा करने से बहुत मज़ा आया.
सानिया: सतीश आज तक तेरे डैड ने भी मुझे सेक्स में इतना सुख नहीं दिया है. जितना सुख मुझे तूने दिया है”.
सतीश: “चाहे आप मम्मी हो या मेरी बिवी, दोनों को सुख देना बेटे का फ़र्ज़ है”.
सानिया सतीश की बातों से खुश हो कर उसके होठो को चूम लेती है और दोनों की किस शुरू हो जाती है.
दोनो एक दूसरे को होठो को चुस्ने लगते है.
अचानक सानिया का मोबाइल बजने लगता है.
मोबाइल की आवाज़ सुनके दोनों अलग हो जाते है.
सानिया फ़ोन उठाती है.
सानिया: “हल्लो...............
विशाल: “सानिया मैं विशाल बोल रही हु”.
सानिया: “हाँ बोलिये कैसे फ़ोन किया”.
विशाल: “वो मोना कल आ रहि है”.
सानिया: “ये तो बहुत ही अच्छी बात है”.
विशाल: “तुम कल सतीश को भेज देना एयरपोर्ट पे मोना को रिसीव करने के लिये”.
सानिया: “हा हा मैं जरूर भेजूंगी आप चिंता ना करे”
विशाल: “ठीक है बाय”
सानिया: “सतीश कल मोना आ रही है”.
सतीश उदास हो जाता है.
सानिया: “क्या हुआ तू उदास क्यों हो गया”.
सतीश: “मोना आ गई तो हम अपनी चुदाई कैसे करेंगे?
सानिया: “तु उसकी चिंता मत कर वो सब मैं संभाल लुंगी”.
मोना तो क्या तेरे डैड भी क्यों न आ जाये मैं हमेशा ही तेरा लंड अपनी चुत में लुंगी, क्यों की अब मे तेरे बीना नही रह सकती हु,
अब मेरी ये चुत तेरे लंड की दीवानी हो गई है,
सेक्स में जो मज़ा मुझे तेरे लंड ने दिया है, वो दुनिया का कोई भी लंड मुझे नहीं दे सकता”.
सतीश ये सुन के खुश हो जाता है और सानिया को किस करने के लिए आगे बढ़ता है, सानिया उसे रोक देती है.
सानिया: “अभी नहीं बेटा”.
सतीश: “क्यों क्या हुआ?
सानिया: “अभी हम बाहर जा रहे है.
सतीश: “बाहर क्यों?
सानिया: “शोप्पिंग, लंच, मूवी, डिनर और ...............
सतीश: “और....................?
सानिया: “और फिर................
सतीश: “और फिर क्या?
सानिया: “और सेक्स....
सतीश खुश हो गया और उसे फिरसे चूमने लगा और फिर वो शॉपिंग के लिए निकल पडे.
१ घंटे बाद मॉल में, दोपहर १:३० बजे
सानिया: “आज तो मॉल में बिलकुल ही भीड़ नहि, क्या बात है?
सतीश : “शायद ऑफ सीजन की वजह से”.
सानिया: “चलो पहले तुम्हारे कपडे ख़रीदे”.
मा बेटे एक मैन्स वेयर शॉप में सतीश के लिए कपडे देखने लगे और वहा का शॉपकीपर्स सानिया के जिस्म को अपनी आंखों से ही चोदने लगा.
सानिया ये सब नोटिस कर रही थी और उसे भी मजा आ रहे था.
सानिया: “भैया जरा पैंट तो निकालना”.
शोपकीपर: “क्या?
सानिया: “वो जो ब्लू पैंट है न लटकी हुई, जरा निकालना वो”!
शोपकीपर: “ओह, आई एम सॉरी अभी निकालता हु”.
सानिया: “अरे आप तो नर्वस हो गये मैंने आपको आपकी पैंट निकालने के लिये तो नहि कहा”.
कुछ ऐसी ही मस्ती मजाक करके वो अगली शॉप में चले गये.
करीब ४० मिनट मे.
सतीश ने अपने कपडे खरीद लिये.अब सानिया की शॉपिंग के लिए वो वेस्टर्न ड्रेस की शॉप में चले गये.
सानिया: “अब बोल बेटा तुझे मैं किस ड्रेस में अच्छी लगती हु स्कर्ट में या ड्रेस में”.
सतीश: “आप भले ही स्कर्ट पहनो पर मेरी बीवी तो माइक्रो मिनी में ही मुझे पसंद है.
सानिया: “बहुत बदमाश हो गया है तु, माइक्रो मिनी तो मैं भी तेरी बीवी को पहनाना चाहती हु, पर क्या इस उम्र में माइक्रो मिनी मुझ पर अच्छी लगेगि”.
सतीश: “उम्र की क्या बात कर ति हो आप तो माइक्रो मिनी में कॉलेज जाने वाली सबसे सेक्सी स्टूडेंट लगोगी”.
सानिया शर्मा जाती है.
सतीश सेल्स गर्ल से कहता है.
सतीश : “मैम स्कर्ट और टीशर्ट निकाल के दिखाइये”.
सेल्स गर्ल : “क्या ?
ओ मिस्टर माइंड योर टंग”
सानिया सेल्स गर्ल को ग़ुस्से में देख कर कहती है इसका मतलब है मेरे लिए टीशर्ट और माइक्रो मिनी दिखाव”.
सलेस गर्ल: “ओह..............
मै तो कुछ और ही समझि थी”.
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11-11-2020, 01:17 PM,
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सतीश: “क्या समझि थी मैडम आप?
सेल्स गर्ल शरमाते हुए मैं समझि की आप मुझे मेरी टीशर्ट और स्कर्ट निकालने को कह रहे है,
मै कैसे निकाल दू मैंने अंदर कुछ पहना ही नहि”.
सानिया सतीश को आँख मार के धीरे से उसके कान में कहती है “तुम इस के साथ फ्लिर्टिंग बंद करो और मेरे लिए कुछ सेक्सी ड्रेस पसंद करो,
जब तक मैं अपने लिए कुछ पेन्टी पसंद करती हूं”.
ये कह के सानिया लिंगेरी के काउंटर पे जाती है.
ओर सेल्स गर्ल को अपने लिए पेन्टी दिखाने को कहती है. सेल्स गर्ल ने कई तरह की पेन्टी दिखाई तो सानिया ने उनमे से एक पेन्टी उठाकर पूछा की ट्रायल रूम कहाँ है. सानिया हाथ में पेन्टी ले कर ट्रायल रूम में गई और सतिश बाहर इंतज़ार करने लगा.
ट्रायल रूम के अंदर आकर सानिया ने वो पेन्टी पहनी तो उसे लगा की वो पेन्टी उसकी गांड के नाप से थोड़ी छोटी है. वह वहां खड़ी सोच रही थी की क्या किया जाये, तब, सानिया के मोबाइल पर फ़ोन आया की उसे इतना समय क्यों लग रहा है. उसने सतीश को बताया की पेन्टी थोड़ी छोटी है तो सतीश ने उसे वहां रुकने को कहा और बोला की वो खुद दूसरी पेन्टी ले कर ट्रायल रूम में आ रहा है.
उसने सेल्स गर्ल को बताया तो उसने थोड़ी सी बड़ी साइज की कुछ सेक्सी पेन्टी सतीश को दी जिनके साथ सतीश ट्रायल रूम में आया.
अंदर आकर उसने दरवाजा अंदर से बंद किया और अपनी मम्मी की तरफ गया.
सानिया वहां कमर के नीचे नंगी खड़ी थी. सानिया ने उसको कहा की ये पेन्टी मुझे बहुत पसंद है पर जरा छोटी है.
सतीश के हाथ में भी बहुत सुन्दर सुन्दर पेन्टी थी.
ओर उसने सानिया को वो पेन्टी ट्राय करने को कहा.
सानिया जैसे ही उसकी लायी हुई पेन्टी मेंसे एक पहन ने को नीचे झुकि तो सतीश ने उसे पीछे से पकड़ लिया.
सानिया पेन्टी जमीन पर छोड़ कर खड़ी हुई तो वो सानिया को किस करने लगा और उसकी चूचियां दबाने लगा. उसने सानिया की नंगी झांघों और नंगी गांड पर हाथ फिराया तो वह भी बेक़ाबू होने लगी.
सानिया अच्छी तरह समझ चुकी थी की यहाँ उसकी जमकर, एक फ़टाफ़ट चुदाई होने वाली है.
पिछले एक घंटे में उनकी ये दूसरी चुदाई दूसरी जगह पर होने वाली थी.
वह जानते थे की उनको बहुत जल्दी जल्दी चुदाई करनी थि, इस से पहले की ?
ईस से पहले की कोई दरवाजा खट खटाये, चुदाई पूरी करलेनी थी.
सतीश ने सानिया को अपने सामने घोड़ी बन ने को कहा. सानिया ने दिवार पर लगे एक डण्डे को पकड़ा और अपनी गांड उसकी तरफ करके किसी कुतिया की तरह, घोड़ी की तरह झुक गयी.
उसने अपनी पैंट की ज़िप खोल कर अपने खड़े हुये, तन तनाते हुए लंड को बाहर निकाला और उसको सानिया की गांड की दरार पर फिराया.
सानिया की चुत का मुह उसकी तरफ था पर वो सानिया की गांड पर लंड घूमता रहा तो वह समझ गई की वो उसकी गांड मारने की तैयारी कर रहा है.
सानिया चुप रही क्यों की उसे गांड मरवाना भी अब बहुत पसंद है.
ईस बार वो सानिया की गांड एक दूकान के ट्रायल रूम में पहली बार मारने जा रहा था और सानिया तो इसकी कल्पना करके ही रोमांचित हो उठि.
फिर उसने पहले सानिया के गांड पे किस किया और फिर उसे चाट्ने लगा,
सानिया के जिस्म में मस्ती भरती जा रही थी और वो उसकी गांड के छेद में अपनी जुबान घूसा रहा था.
जैसे ही उसने अपनी बिच वाली ऊँगली सानिया की गांड में डाली सानिया मस्ती में उछल पडी.
उसने ऊँगली को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
कुछ देर यूँही करने के बाद उसने अपनी ऊँगली गांड के छेद से निकाली.
फिर सतीश ने अपने लंड पर और गांड के छेड़ पर थोड़ा थूक लगा कर जब उसने अपने लंड को थोड़ा गांड में ड़ाला तो सानिया को लगा जैसे उसकी गांड फट जायेगी.
हालाकी सतीश ने अपना थूक इस्तेमाल किया था पर फिर भी सानिया की गांड का छेद छोटा और उसका लंड बहुत मोटा है.
करीब आधा लंड गांड में घूसा कर वह धीरे धीरे धक्के मारते हुये अपने लंड को सानिया की सेक्सी गांड मे अंदर बाहर करने लगा.
जल्दी ही सानिया का दर्द कम हुआ और अब सानिया को गांड मरवाने में मज़ा आने लगा.
अब वो अपना पूरा लंड सानिया की गांड में घूसा कर गांड मार रहा था.
पीछे खड़े हो कर, सानिया की गांड मारते हुए वो अपने हाथ से सानिया की चुत के दाने को मसलने लगा ताकि उसकी मम्मी चुदवाने का पूरा मज़ा ले सके.
गांड चोदते हुये और चुत का दाना मसलवाते हुए सानिया झड चुकी थी. पर सतीश का गांड मारना लगतार जारी था क्यों की उसके लंड का पानी इतनी जल्दी नहीं निकलने वाला.
सानिया झुकि हुई, बिना रुके सतीश से गांड चुदवाती गई ताकि उसके लंड का वीर्य उसकी गांड में निकल जाये.
थोड़ी देर बाद, सानिया की गांड मारते हुए उसके लंड ने सानिया की गांड को अपने वीर्य से लबा लब भर दिया.
सतीश ने अपने लंड को गांड से जल्दी से निकाला और सानिया ने अपनी गांड साफ़ करके नयी पेन्टी पहन कर देखि.
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11-11-2020, 01:17 PM,
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
वह सानिया के गांड के नाप के लिए बराबर थी.
फिर सानिया ने नई पेन्टी उतार कर, अपनी स्कर्ट और टीशर्ट पहनी और वह दोनों अपने अपने कपडे ठीक करते हुये ट्रायल रूम से बाहर आये.
काउंटर पर पहुँच कर सानिया ने सेल्स गर्ल से पेन्टी का बिल बनाने को कहा
ओ सेल्स गर्ल उनकी तरफ कुछ इस तरह देख रही थी मानो पूछ रही थी की ट्रायल रूम में पेन्टी पहन कर देखने में इतना समय क्यों लगा.
पता नहीं की वो समझ पायी या नहीं की उन्होंने उसकी दूकान के ट्रायल रूम में क्या किया है.
सानिया ने पेन्टी का बिल चुकाया और दूकान से बाहर आ गयी.
फिर वह दोनों खाना खाने होटल पहुँच गये.
वहां दोनों गले मिलते, एक दूसरे से अपने सेक्सी जिस्म रगडते हुये होटल के रेस्टोरेंट में दाखिल हुये. खाने के पहले ठन्डे का आर्डर दिया.
सतीश ने अपनी कुरसी सानिया की तरफ घुमाई और सानिया के चेहरे की तरफ देखने लगा.
उसकी आँखों में शरारत, प्यार और चुदाई की चाह साफ़ नज़र आ रही थी.
उन्होंने खाने का आर्डर दिया और वह इधर उधर की बाते करने लगा.
खाना टेबल पर आया तो वह बाते करते हुए खाना खाने लगे.
उन्होंने खाना ख़तम किया और अब उन को तलाश थी किसी ऐसी जगह की जहाँ एक फ़टाफ़ट चुदाई करके अपने जिसमों की आग को बुझा सके.
"स्वीमिंग पूल" सतीश ने सानिया के कान में कहा तो सानिया अपना पर्स ले कर खड़ी हो गई और स्विमिंग पूल की तरफ बढि.
सतीश सानिया के पीछे पीछे जा रहा था. जब वह स्विमिंग पूल पर पहुंचे तो देखा की वो सुन सान पड़ा है और दोपहर में इस समय वहां कोई भी तैरने वाला मौजूद नहीं है.
सतीश ने चेंजिंग रूम का दरवाजा धकेल कर खोला और वह अंदर आ गये. सानिया ने अपना पर्स वहां बने काउंटर पर रखा और सतीश की तरफ घुमि.
दोनों एक दूसरे को देख रहे थे. सानिया की चुत में खुजली और चुलबुलाहट शुरू हो गई थी जो उसे बता रही थी की उसकी चुत को, सतीश के जवान, लंबे मोठे और गरमा गरम लंड की कितनी जरूरत है.
'' दरवाजा बंद कर" सानिया की आवाज खाली कमरे में गूँज रही थी.सतीश घुमा और उसने चेंजिंग रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.
चेंजिंग रूम में वह दोनों अकेले थे. फ़टाफ़ट चुदाई के लिए ये बहुत अच्छी जगह थी.सतीश धीरे धीरे चलते हुए सानिया के नज़दीक आया तो सानिया के दिल की धडक़नें बढ्ने लगि, साँसें तेज होने लगी और नसों में खून की रफ़्तार बढ़ गयी.
सतीश ने अपना हाथ सानिया की गर्दन के पीछे रखा और और उनके सेक्सी और रसीले होंठ आपस में मिल गये.
उनकी जीभ एकदूसरे की जीभ से खेलने लगी. ये ऐसा चुम्बन था जिस से कोई भी लड़की पिघल जाती है.
सतीश ने अपने होंठ सानिया के होठो पर से हटाये और उसके हाथ सानिया के सेक्सी जिस्म पर फिरते हुए उसकी चूचियों पर पहुंचे तो उसने सानिया की चूचियों को गाड़ी के हॉर्न की तरह दबाया.
सानिया के दोनों निप्पल सख्त हो चले थे. उसके हाथ सानिया के जिस्म पर रेंगते हुए उसकी गांड पर पहुंच गये.
सतीश सानिया के सामने अपने घुटनोँ पर बैठ गया और उसके हाथ सानिया की नंगी सेक्सी टांगो पर फिरते हुए ऊपर आने लगे तो रोमांच से सानिया के रोयें खड़े हो गये.
सतीश ने अपनी साँसे रोक ली थी और उसके हाथ धीरे धीरे सानिया के स्कर्ट के अंदर पहुंचे.
सतीश ने अपनी ऊँगली सानिया की चुत की दीवारों के बीच घुमाइ तो दोनों ने ही मह्सूस किया की चुत काफी गिली हो चुकी है.
सतीश ने धीरे से सानिया की चड्डी खींच कर नीचे कर दी और सानिया ने अपने पैर उठा कर पेन्टी को बाहर किया. सतीश ने पेन्टी उठा कर सूंघी और चुत वीर्य की सुगंध ली.
जब सतीश ने स्कर्ट ऊपर उठाई तो सानिया ने अपने पैर चौड़े किये और सतीश ने चुत को चूम लिया.
सानिया ने अपनी गांड काउंटर के कोने पर टिकाई और सतीश की उँगली धीरे से सानिया की चुत की दरार में घूम गयी.
सानिया की गांड अपने आप ही ऊपर नीचे होने लगी क्यों की वह तो जल्दी से जल्दी अपने बेटे का लंड अपनी चुत में लेना चाहती थी.
पर सतीश को चोदने की इतनी जल्दी नहीं थी. वह सानिया को और गरम करना चाहता था, और सताना चाहता था.
जब सतीश ने अपनी जीभ सानिया की चुत पर बाहर और अंदर फिराई तो सानिया जैसे स्वर्ग में पहुँच गयी.
फिर सतीश ने अपनी जीभ अपनी मम्मी की गीली और नशीली चुत के अन्दरूनी भाग पर फिराई तो सानिया के पैर अपने आप ही चुदाई की चाह में और फैल गये.
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