Maa Sex Kahani माँ का आशिक
10-08-2020, 02:12 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
शादाब को बहुत अच्छा लगा रहा था और रेशमा ने जान बूझकर अपने कंधे से एक तनी को सरका दिया जिससे उसकी एक चूची नंगी हो गई। जैसे ही किस खत्म हुई तो शादाब को रेशमा की चूची नजर आईं और उधर रेशमा मौके का फायदा उठाकर उसकी पेंट खोलकर नीचे सरका चुकी थीं। शादाब को ये एहसास तब हुआ जब रेशमा ने उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। वासना शादाब के उपर हावी होने लगी और उसने रेशमा की चूची को पकड़ लिया और दबाने लगा तो रेशमा मस्ती से भर उठी और बोली:"

" आह शादाब, थोड़ा जोर दबा ना मेरी चूची, बहुत तड़पाया है तूने मुझे

शादाब जोर जोर से रेशमा की चूची दबाने लगा। रेशमा की चूची में कसाव तो था लेकिन शहनाज़ के मुकाबले बिल्कुल लटकी हुई थी लेकिन आकार ठीक ठाक था।

रेशमा नीचे झुकते हुए शादाब की टांगो के बीच अा गई और उसके लंड के सुपाड़े को एक झटके के साथ मुंह में भर लिया और चूसने लगी। शादाब के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

" आह बुआ, उफ्फ मेरी बुआ, उफ्फ कितनी अच्छी हो तुम

शादाब का लंड पहली बार कोई चूस रही थी जिससे शादाब को बहुत मज़ा अा रहा था और उसने एक तेज झटका मारा और आधा लंड रेशमा के मुंह में घुसा दिया। रेशमा का मुंह पूरी तरह से भर गया और वो लंड को जोर जोर से चूसने लगी। शादाब की आखें मजे से बंद हो गई और वो रेशमा के सिर को अपने लंड पर दबाने लगा पूरा लंड उसके मुंह में घुसा दिया तो रेशमा के गले में लंड जा टकराया और रेशमा को दर्द हुआ लेकिन वो लंड को चूसती रही।

कभी हल्का हल्का दांतो से दबा देती तो कभी लंड पर जीभ फेर देती। शादाब का एक हाथ अपने आप रेशमा की चूत पर चला गया और शादाब में अपनी दो उंगलियां उसकी चूत में घुसा दी तो रेशमा मस्ती से भर उठी और पूरी ताकत से शादाब का लंड चूसने लगी। तभी शादाब का मोबाइल बज उठा। शहनाज़ का फोन था लेकिन रेशमा ने मोबाइल को एक तरफ रख दिया और मस्ती से लंड चूसती रही। शादाब रेशमा की जीभ का सामना ज्यादा देर नहीं कर पाया और उसने एक तेज झटके के साथ लंड को रेशमा के गले में उतार दिया और उसके लंड से वीर्य की पिचकारी छूटने लगीं। शादाब ने जोश में आकर रेशमा की चूत में उंगली जोर से रगड़ते हुए घुसा दी और रेशमा की चूत ने भी अपना रस बहा दिया तो उसने जोर से अपनी टांगो को कसते हुए शादाब की उंगलियों को अपनी चूत में कस लिया और मस्ती से सिसक उठी।

थोड़ी देर के बाद जब रेशमा बाथरूम में चली गई तो शादाब को होश आया तो उसने देखा कि शहनाज़ की चार मिस कॉल पड़ी हुई थी तो उसने वापिस फोन किया तो उधर से शहनाज की गुस्से में कड़कती हुई आवाज अाई:"

" कहां था तू फोन क्यों नहीं उठाया ?

शादाब एक पल के लिए तो डर गया लेकिन जल्दी ही अपने आपको संभालते हुए कहा:"

" अम्मी मैं नहाने चला गया था इसलिए नहीं उठाया।

शहनाज़:" अच्छा ऐसा कर कर दिया तूने वहां जाकर जो नहाना पड़ गया।

शादाब:' अरे अम्मी मैं पसीने से भीग गया था इसलिए।

शहनाज़:" ध्यान रखना अगर मुझे धोखा दिया तो तेरी जान ले लूंगी

शादाब:" मैं तो पहले ही अपनी जान आपके नाम कर चुका।

शहनाज़:" अच्छा ठीक हैं, एक काम कर जल्दी वहां से निकल यहां मेरा मन नहीं लग रहा है।

शादाब:' ठीक हैं अम्मी, मैं जल्दी ही निकलता हूं।

इतना कहकर शादाब ने फोन काट दिया।
जैसे ही शादाब ने फोन काटा तो रेशमा बाथरूम से अा गई थी और फिर से शादाब को अपनी बाहों में लेने लगी तो शादाब बोला:

" बुआ पहले मुझे खाना खिलाओ बहुत भूख लगी हैं।

रेशमा अपनी चूची दिखाते हुए:"

" खाना छोड़ ना मेरे राजा, तू दूध पी ले आजा।

शादाब:" वो मैं पियूंगा और जी भर कर पियूंगा लेकिन आज नहीं, बाद में कभी हॉस्टल से आऊंगा आपके पास पूरी रात के लिए तब आराम से पियूंगा।

रेशमा को शादाब की बात सुनकर झटका सा लगा और बोली:"

" नहीं शादाब आज ही पी ले मेरी जान, उफ्फ देख ना यहां कितनी ज्यादा खुजली हो रही हैं?

इतना कहकर रेशमा ने अपनी सलवार को खोल दिया और अपनी पेंटी सहित नीचे सरका कर चूत दिखाने लगी। शादाब आगे बढ़ा और उसकी चूत पर हाथ फेरते हुए कहा:"

" उफ्फ बुआ ये तो पूरी गर्म हो रही है,

रेशमा;" इसलिए तो बोल रही हूं कि इसको पहले ठंडा कर दे

शादाब:" ऐसे जल्दी में आपकी आग और भड़क जाएगी, मैं अगले हफ्ते आपके पास आऊंगा और पूरी रात इसकी गर्मी निकाल दूंगा अच्छे से ।

रेशमा:" आह शादाब, तू सचमुच आएगा ना मेरे पास

शादाब:" अपने खून पर भरोसा रखो बुआ, मैं जरूर आऊंगा।

रेशमा खुश हो गई और जल्दी से खाना बनाया और फिर सबने खाना खाया और थोड़ी देर बाद शादाब गाड़ी निकाल लाया तो दादा दादी बैठ गए तो रेशमा उदास हो गई और उसकी आंखे भर आई और रुंधे गले से बोली:"

" कुछ दिन और रुक जाते तो अच्छा होता, मेरा बहुत मन लगा हुआ था।

दादा जी:" कोई बात नहीं बेटी,दिल छोटा मत कर, फिर अा जाएंगे हम।

रेशमा:" मैं आपको लेने खुद अा जाऊंगी। अपना ध्यान रखना आप दोनों।

उसके बाद शादाब ने गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी और शहनाज को कॉल करके बता दिया कि मैं निकल गया हूं तो शहनाज़ ने राहत की सांस ली। शादाब के मन में आज एक अजीब सी खुशी भरी हुई थी। रह रह कर उसे अपने लंड पर रेशमा के होंठो का नाजुक स्पर्श याद अा रहा था। लंड चूसे जाने से इतना मजा आता है ये उसे आज महसूस हुआ। वो इन्हीं विचारों में डूबा हुआ घर की तरफ बढ़ता जा रहा था जहां उसकी बीवी उसकी जान उसकी अम्मी शहनाज़ बेताबी के साथ उसका इंतज़ार कर रही थी।
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RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक - by desiaks - 10-08-2020, 02:12 PM

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