RE: Maa Sex Kahani माँ का मायका
Season २
◆ माँ का मायका◆
(incest,group, suspens)
(Episode-1)
चाचा और मैं देर रात नाना के यहाँ पहुंचे।नाना शहरी इलाके में रहते थे ।बड़े लोगो की कॉलोनी।सबके बंगले थे।जन्म के बाद 18 साल बाद पहली बार यहाँ आया था।मा और एक और औरत दरवाजे पे खड़े थे।घर की नौकरानी होगी शायद।हम गरीब घर से आते थे तो चाचा को वह रुकना सही नही लगा।मा ने चाचा को रोकने की बहोत कोशिश की पर चाचा नही रुके।वो अपने कंपनी के दोस्त के पास चले गए।
नौकरानी अम्मा(नौ.अम्मा): दीदी तुम्हारा बेटा तो बडा सुंदर है,पूरा तुम पे गया है।
मा:फिर,है ही मेरा बेटा।
दोनो हँसे और मुझे लेके अंदर चले गए।
बंगला काफी बड़ा था।दो मंजिला रहेगा।घर में घुसते है दाएं हांथ को भगवान का मंदिर उसके बाजू में किचन।बीच में सीढ़िया ऊपर जाने के लिए।दरवाजे से बाए हांथ एक छोटा रूम(स्टोर रूम) फिर नाना जी का कमरा फिर मा का कमरा ।ऊपरी मंजील पर दो मामा थे मेरे।उनका कमरा दाएं ओर बड़े मामा की बेटी का और छोटे मामा के बेटे का कमरा बाए ओर।उसमे और एक कमरा बनाया गया था ,लगता है मेरे लिए था।
काफी देर हो गयी तो मा ने मुझे कमरे तक छोड़ा,और वो अपने कमरे में चली गयी।कमरा अच्छा खासा सजाया हुआ था जैसे फिल्मों में होता है।यहां खुद की अलमारी खुद का बाथरूम और बेड भी।मैंने ज्यादा समान नही लाया था।बैग को अलमारी की बाजू में रखा और बाथरूम चला गया।
बाथरूम से फ्रेश होकर जैसे ही बाहर निकलने वाला था मुझे वो वाली आवाजे सुनाई दी।
"आआह आआह रवि और जोर लगा आआह"
"हा मेरी जान लेले और लेले आआह और चाहिए,आज लुटले कल से मैं टूर पे जाऊंगा तो फिर जलती रहेगी।"
"अरे यार तुम भी अइसा ना करो हर 2 हप्ते में टूर,मेरी हालत बहोत खराब होती है,मत जाओ न।"
अभी मुझे मालूम नही पड़ रहा था की आवाज नीचे की कमरे से है बाजू के ।बाजू के है तो दाएं या बाए।क्योकि मैं मामा और उनके बेटा बेटी के रूम के बीच के कमरे में था।तो वो मामा मामी या भैया और कोई भी हो सकता है।
उनकी आवाज से मेरा लण्ड खड़ा हो गया था।थक गया था तो हिलाने के लिए मन नही किया।और मैं वैसे ही जाके सो गया।
सुबह मेरी नींद खुली।पर मैं नींद खुलने के बाद भी वैसे ही पड़ा रहता था बेड में,बचपन की आदत।तभी कोई मेरे कमरे में आया।पहले क्नॉक किया पर मैंने कोई जवाब नही दिया।
वो अंदर आयी।हा,वो औरत थी।वही जो रात को मा के साथ थी।उसके हाथ में झाडू पोंछा था।वो आयी मेरे तरफ देखती रही फिर अपना काम करने लगी।वो बार बार मेरे तरफ आंखे घुमाके देख रही थी।बीच में अजीब से मुह बनाके हस रही थी।
उसकी उम्र करीब 45 साल शरीर पतला था।पर गांड भरी हुई थी।जैसे रोज किसीसे चुदती हो।चुचे भी काफी हद तक थे,पर इतने बड़े भी नही थे।सावला रंग,बीच बीच में काले बाल।
वो अपना काम खत्म करके चली गयी।वो जाने के बाद मैं उठा तो मुझे थोड़ा अजीब से फील हुआ।शरीर पूरा अकड़ गया अइसे लग रहा था।पर जब ध्यान दिया तो मालूम पड़ा की शॉर्ट में लन्ड ने तंबू बनाया है।अभी मुझे समझ आया की वो क्यों हस रही थी।
मैं बाथरूम गया।फ्रेश होक बाहर आया तो मा खड़ी थी।
मा:आ गया मेरा लाल,कैसा है?एग्जाम सही से गयी न?बड़ी दीदी को तकलीफ तो नही दी?
मैं:मा'' मा ''मा'' रुको,रुको।सांस तो लेने दो।क्या आते ही सवाल पूछने लग गयी।सब ठीक है।एग्जाम भी सही गयी।चाची पेट से है ।पहिला महीना है।और अम्मा भी आयी है ओअभि वही रहेगी।बस की और जानकारी चाहिए।
मा:क्या बड़ी दीदी पेट से!!!ईश्वर की लीला अपरंपार।
मा ने आगे आकर मुझे गले लगा लिया।वैसे हर बार लगाती है।पर इस बार मुझे उनके बारे में मा की गोद वाली फीलिंग नही आयी।उनके स्पर्श में जो गर्माहट थी उससे मेरे तन बदन में आग सी जल गयी।कुछ गलत से लगा इसलिए मैं हट के बाजू हो गया।
मा:चल नाश्ते का समय हो गया।सब आ गए होंगे।तुम भी आओ।
मैं:चलो तुम मैं कपड़े पहनके आता हु।
मा के जाने के बाद मैंने कपड़े बदले।और नीचे आ सीढ़ियों से उतरने लगा।
मुझे सब लोग ताक रहे थे।मुझे Uncomfortable सा फील होने लगा।नाना से पापा के देहांत के वक्त मुलाकात हुई थी।पर बाकी सब नए थे।मैं अंदर ही अंदर डर से गया था।
मैं खाने के मेज तक पहुंचते ही मुझे नाना ने मुझे अपने पास बुलाया:"आओ विराज यहां आ जाओ!!!"
नाना सारे घर वालो से:"ये है विराज अपनी शर्मिला का एकलौता चिराग।अबसे हमारे साथ ही रहेगा।आशा है किसीको एतराज नही है।"
मैंने स्माइल से सब की तरफ देखा उसमे बड़े मामा और छोटी मामी मुझे अलग ही नजरो से देख रहे थे।जैसे उन्हें खुशी नही हुई हो।
नाना (सबका परिचय कराते हुए) :देख बेटा विराज ये तुम्हारे बड़े मामा विजय उनकी पत्नी यानी की तुम्हारी बड़ी मामी सुशीला ओ उनकी बेटी संजना(संजू) उनके साइड में बैठी वो तुम्हारे बड़े भैया की बीवी सिद्धि।ये तुम्हारे छोटे मामा संजय उनकी पत्नी ,तुम्हारी छोटी मामी अवंतिका,उनका बेटा मतलब तुम्हारे बड़े भैया रवि।
वो कांता चाची है यह पर काम करती है।वो बाहर जो गाड़ी के पास खड़े है वो उनके पति और हमारे ड्राइवर शिवकरण।"
सब की जानकारी हो गयी थी।और ये भी की रात की चुदाई का रवि मेरा कौन है,पर औरत भाभी थी इसपे मुझे शक था क्योकि नाश्ते के समय मैंने भाभी की आवाज सुनी वो रात वाली आवाज नही लगी।मैं नाश्ता करके अपने रूम में अपना कमरा अपनी तरह से सेट करने गया।
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