RE: Maa Sex Kahani माँ का मायका
(Episode 2)
मुझे ये मालूम था की मुझे मिलने वाली मुफ्त की चुत कांता का प्यार नही था।उसको सिर्फ अपनी बाजू मजबूत रखनी थी।ओ तो असली रंडी थी।पति हो या भाई या मैं या कोई और उस छिनाल को सिर्फ चुत की गरमी मिटाने स मतलब था।
बड़ी मामी को मनाने का सबसे तगड़ा कारण ये था की बडी मामी नाना जी की चहेती थी।इसलिए अगर वो भी मेरे साथ बिस्तर गर्म करे तो आगे जाकर भविष्य में अगर हम पकड़े जाते है तो उनको हथियार बनाया जा सके।कांता मुझसे गद्दारी जरूर नही करने वाली थी क्योकि भाई की वजह से भी वैसे उसको बहोत कर्जे उठाने पड़ रहे थे।एकतरह से उसे छुटकारा मिला था बस कारण मैं बना।
छोटी मामी ने भी पहले उन्हें इसीलिए अपने योजना का मोहरा बनाया क्योकि अगर जायदाद की कोई भी जिम्मेदारी की बात आएगी तो नाना पहले सब बड़ी मामी के हवाले करेंगे।पर पिताजी का देहांत उसमे नाना का माँ को घर लाना।इससे छोटी मामी को माँ को भी इस झमेले में फसाना पड़ा।
इसका मतलब सबूत के लिए कुछ तस्वीरे तो होंगी छोटी मामी के पास।पर उनकी तस्वीरे मेरे पास थी तो वो तो अभी मा और बड़ी मामी को ब्लैकमेल नही कर पाएगी।इसे बोलते है खुद खोदे हुए गड्ढे में खुद ही गिरना।अपराधी कितना भी सटीक योजना बनाये जब उसे उससे सवासेर मिले तो गांड का सुलेमानी कीड़ा भी कुछ नही कर पाता।
मुझे बुरा इस बात का लग रहा था की नाना जी इनको इतनी खुली छूट दे दी है।तब भी उनके ही जायदाद पर बुरी नजर।क्यो?क्यो?
अइसी भी बात नही की छोटी मामी छोटे गरीब घराने से है।दोनी मामिया करोड़पति बाप की बेटियां थी पर बड़ी मामी शानो शौकत में रहना पसंद करती है पर पैसों का उसे इतना लोभ नही था।पर छोटी मामी को घमंड बहोत था।और पैसों की और शरीर की हवस दोनो उससे ज्यादा।कई बार लगता है की ये जो वी कर रही है ओ इनकी अकेली की बात नही थी।उसकी न गांड में दम था ना झांटेदारकि चुत में।कोई तो मास्टरमाइंड है जो इनको गाइड कर रहा था।पर उस मास्टरमाइंड को मालूम नही था की कोई किंगमेकर भी उसके इस कांड में भंग डालने पैदा हुआ है।
दूसरे दिन सुबह कांता नही आयी थी याफिर मैं देर से उठा था।मैं फ्रेश होकर टेरेस पर गया।और जिमिंग में लग गया।मैं बनियान शॉर्ट में था।पूरे शरीर पर पासिना था।मैं इतना उसमे घुस गया की टेरेस के दरवाजे पर खड़ी छोटी मामी मुझे दिखाई नही दी।मैंने जब उस बात को समझा तभी कोई रिएक्शन नही दिया।सारा समान सही से रखके टॉवल से बदन साफ करते हुए उनके सामने से एटीट्यूड के लहजे में उधर से गुजरा।थोड़ा आगे जाके नीचे उतरने वाला था की वो टोक दी।
छोटी मामी:एक बार कोई बोल दे तो बात सुन लेनी चाहिए।मा बाप ने संस्कार नही दिए लगता है।
मैं:मेरे संस्कारो की ही बात कर रहे हो तो आपको बता दो ये संस्कार है की आपकी बात सुन रहा हु,फोकट के उपदेश सुनने की मुझे भी आदत नही।
(मेरा पलट जवाब उनको पसंद नही आया )
छोटी मामी:तुम्हे नही लगता तुम औकात से ज्यादा बोल रहे हो,अपनी हैसीयत में रहो।
मैं:हां न!!!आपको भी लगा न की मेरी बात औकात से ज्यादा है।मुझे भी सच में लगता है की मैं किसी के साथ उसकी औकात के ऊपर बात कर रहा हु।जिनकी उतनी औकात है ही नही उनसे उनकी औकात मेही बात करनी चाहिए।सही न!!!
(ये पलटवार थोड़ा ज्यादा हो गया।ओ मुझे थप्पड़ मारने आगे आई।मैंने उनका हाथ पकड़ा और पीछे मरोड़ा)
छोटी मामी:छोड़ विराज हाथ छोड़ दर्द हो रहा है।तुझे ये बत्तमीजी बहोत महंगी पड़ेगी।
मैं:सस्ती चीजो का शौक तो हमें भी नही है।नाजुक हाथ है मोच आ जाएगा तो संभाल के।
मैंने हाथ छोड़ा उनको आगे धकेला और नीचे चला गया।
सामने मा खड़ी थी।मुझे देख मुस्कराई।
मा:मेरा लाडला अच्छा लगा न नाना का घर।
मैं:बहोत अच्छा है,और यह के लोग भी।
(माँ ने मुझे अपने गले लगा लिया।मुझे अभी उनके स्पर्श में मा वाला अहसास नही आ रहा था।मैंने भी उनको कस के पकड़ा।उनके गांड को कस के दबाया।जैसे ही मैंने गांड को दबाया मा करन्ट लगा वैसे पीछे हो गयी।)
मैं:क्या हुआ माँ?
(मा अइसे सहम गयी जैसे करन्ट लगा हो।)
मा:कुछ नही चलो खाना खा लो।
मैं:ठीक है मा,थोड़ा शावर लेकर आता हु।
मैं कमरे में गया।तबतक सब नीचे जाके डायनिंग पर बैठ गए थे।मैं जैसे ही कमरे के बाहर आया छोटी मामी भी नीचे जा रही थी।मुझे देख कर वो मन ही मन गालियां देते हुए नीचे उतरने लगी।पर गुस्सा सेहत के लिए हानिकारक होता है।तो वैसे ही ऊंची सैंडल और लम्बी साड़ी ने धोका दे दिया।ओ सीढ़ियों से अटक कर गिरने वाली थी की मैंने उनको पकड़ लिया।
ओ नीचे मुह के बल गिर रही थी और मैने पीछे से पकड़ा था तो उनके दोनो चुचे मेरे हाथो में और कस के दबाए हुए थे।मैने बिना किसी खयाल के उन्हें बचाने की कोशिश की थी।पर जब मुझे तस्सली हुई की वो ठीक है मैने जानबुजके उनके चुचो के निप्पल्स को उंगलियो से कैची से मसला।
उनके मुह से सिसकी निकली और उन्होंने अपने आप को संभालते हुए मेरे हाथ से खुद को छुड़ाया और नीचे चली गयी।मैं भी नीचे चला गया उनके पीछे पीछे।
सब खाना खत्म हुआ।मैं हाथ धोके जा रहा था तो मा ने पीछे से बोला:वीरू मैं दोनो मामीजी के साथ सस्तन जा रही हु।वहां से कुछ और काम है।कांता भी आज मायके गयी है तो खाना खा लेना भाभी और दीदी के साथ।ठीक है?
मैं:जी मा समझ गया।
मैं रूम में गया।मोबाइल पे गेम खेल रहा था।करीब शाम 6 बजे मेसेज का नोटिफिकेशन आया।
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मैं शॉर्ट बनियान और शॉर्ट पेंट में संजू दी के कमरे में चला गया।क्नॉक किया पर 5 मिनिट कोई जवाब नही आया।
मैंने दरवाजा खोला।तो अंदर कोई नही था।जैसे ही मैं अंदर गया।पीछे से संजू ने दरवाजा लॉक किया।
मैं:अरे संजू दी डरा ही दिया आपने।और ये क्या अकेली ही हो,आप तो बोले दोस्त आने वाली थी।
संजू:हा आई है।रुको बुलाती हु।(दोस्त को बुलाते हुए।)आये सुनती हो ।आ जाओ बाहर।
( बाथरूम के अंदर से सिद्धि भाभी बाहर आ जाती है।)
मैं:अरे संजू दी ये भाभी है,क्यो खिंचाई कर रही हो,तुम्हे मजाक करना है तो मैं चला जाता हु।
संजू:अरे यही मेरी दोस्त है।
(मेरे चेहरे का रंग ही बदल गया।)
मैं:नही नही आप लोग मजाक कर रहे हो हैना।भाभी के साथ मैं?नही नही।ये कुछ ज्यादा हो रहा है।
सिद्धि भाभी:संजू तुम रुको ।इसकी भी बात सही है।इसने मुझे कभी उस नजर से नही देखा न सोचा होगा तो इसे ओ हजम नही हो रहा।हम अपना खेल शुरू कर देते है
(भाभी जो साड़ी में थी उन्होंने साड़ी निकाल दी अभी सिर्फ स्लीवलेस ब्रा और पेंटी में थी। संजू ने भी खुद को बी पेंटी तक अधनंगा किया।)
मैं:भाभी संजू दी पागल है।आप थोड़ा समझो,आपकी शादी हुई है।
सिद्धि भाभी:कुछ नही होगा देवर जी आपको कुछ नही होगा।
मैं:भाभी नई दुल्हन हो और मामी को तो मुझे घर से बाहर करने का कारण मिल जाएगा।
छोटी मामी की बात सुन सिद्धिभाभी का हवस से गुलाबी हुआ चेहरा गुस्से से लाल हो गया।
सिद्धि भाभी:उस रंडी का नाम मत लो,साली ने पैसों के चक्कर में मेरी शादी एक नल्ले से करवाई,रंडवा साला।
तुम भी मुझे मत झुटकरो,अगर मुझसे बच्चा पैदा नही हुआ तो वो उस रंडवे की फिरसे किसी और से शादी करवा देगी।मेरी जिंदगी खराब हो ही गयी है,और एक लड़की की जिंदगी खराब होगी।
(इतना बोल भाभी बेड पे बैठ कर रोने लगी।संजू ने उसके साइड में बैठ के सहारा दिया)
संजू:देखा संजू रुला दिया ना,तुम्हे क्या करना है,हम देख लेंगे जो होगा।खामखा ओवर रिएक्ट हो रहा है।
(भाभी को रोते देख मुझे अपराधी(guilty)सा लगने लगा)
मैं:संजू दी यार आप गलत समझ रही हो यार आपको मालूम है न छोटी मामी से कितना टशन है मेरा।और भाभी मैं हेल्प कर दुंगा आप रो मत।
मैंने भाभी के चेहरे को अपने हाथो से उठाया और ओंठो पर ओंठ चिपका कर उनके कोमल रासीले ओंठो को चुसने लगा।उनको बेड पे सीधा लेटाया और पूरा नंगा किया।उनकी चुचे छोटे नोकीले आमो की तरह रहे।मुझे उनको बारी बारी चुसने में मजा आ रहा था।निप्पल आगे से लाल कलर के थे।
संजू ने भी खुदको नंगा किया और भाभी के बाजू में सो गयी।मैन दोनो के चुचे बारी बारी मसलना नोचना चूसना चालू किया।काफी देर होने के बाद।दोनो ने मुझे लिटाया मुझे नंगा किया।संजू ने मेरा लण्ड मुह में लिया।सिद्धि भाभी नीचे से अंडों को चाटने को चालू किया।जब सिद्धि भाभी चाटती थी तो वो अंडों को चाटती थी।दोनो का चुसने का स्टाइल पोर्नस्टार से कम नही था।
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भाभी 69 पोसिशन में आ गयी।उसने अपनी चुत को मेरे जीभ के हवाले किया।और खुद लण्ड को चुसने में लग गयी।
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मैं नई लालम लाल गर्म चुत में जीभ डाल के चुत रस का खट्टा मीठा स्वाद ले रहा था।उनकी चुत के लब्ज बहोत ही कोमल थे जैसे कुवारी लड़की के हो।मुझे इतना आनंद कभी नही आया था उतना उस दिन आ रहा था।
अभी संजू की चुटका कीड़ा भी उत्तेजित हुआ।संजू ने अपनी चुत को भाभी के मुह के तरफ किया।भाभी भी कभी लण्ड चुस्ती तो कभी लन्ड हिलाते हुए चुत चुस्ती।
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संजू का स्टैमिना कम था ओ चुत चाटने से ही झड़ गयी।पर भाभी बहोत देर से भूखी थी तो ओ पूरी जोश में थी।
भाभी जो झुक कर चूस रही थी मेरे मुह पर घुटनो के सहारे खड़ी हो गयी।मेरी जीभ सीधी उनके चुत के छेद में सीधा अंदर बाहर हो रही थी।चुतमनी फड़फड़ा रहा था।संजू अभी भाभी के चुचो को बारी बारी मसल के चूस रही थी।
भाभी की चुत की खुजली और बढ़ रही थी वो ऊपर नीचे होने लगी।मेरे जीभ से चुत चुदवाने लगी।धीमी सियाकिया भी छोड़ रही थी"आआह आआह आहुमम्म आआह'
भाभी अभी उठ के मेरे लण्ड के पास आ गयी।मेरे लण्ड को हिलाया और थोड़ा तना दिया।फिर अपने चुतमनी को थोड़ा मसला और लण्ड को सटीक छेद में लगा कर आहिस्ता नीचे बैठ गयी"आआह ओह मय गॉश आआह सो हॉर्नी"
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ओ मेरे छाती पर हाथ रखी और धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी।ओ धिमेसे सिसकारी छोड़ रही थी।
"आआह फक मि वीरू आआह फक माय हॉर्नी पुसी आआह उम्म आआह फक मि सो हार्ड आआह"
सिद्धि भाभी का स्पीड अभी बढ़ रहा था मतलब चुत में खुजली भी बढ़ रही थी।मैं भी नीचे से गांड ऊपर कर के साथ देने लगा।उनकी भी सिसकारियां अभी चिल्लाहट में बदल गयी थी।
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"फ़ास्ट फ़ास्ट आआह फक मि हार्ड बेबी आआह...... मममममम आआह......रवि साले भड़वे आआह तेरे नल्ली से कुछ न हुआ साले रंडवे आआह चोद वीरू तेरी रंडी को चोद आआह आआह,मुझे तेरे लण्ड से बहोत मजा लेना है आआह चोद आआह और जोर से पूरा अंदर।"
पर भाभी उसमे ही झाड़ गयी।और पूरा चुत रस झडके मेरे ऊपर गिर गयी।मेरा लण्ड उनके चुत में ही था।वो थोड़ा आराम कर रही थी।संजू की खुजली मिट गयी थी।तो वो सिर्फ चुदाई देख रही थी।औए फिरसे चुत सहला रही थी।मैने भाभी को पीठ के बल डाला और उनके ऊपर से आहिस्ता आहिस्ता लण्ड अंदर बाहर करने लगा।उनको भी अभी होश आया।उन्होंने मुझे कस के अपनी बहो में जखडा।
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मैं गांड आगे पीछे हिला के चोद रहा था।मेरा जब झड़ने का टाइम आया मैन अपना स्पीड बढ़ाया और आखिरकर झड़ गया।पूरा काम रस चुत में समा गया।
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भाभी बहोत ही खुश थी।हमे एकदूसरे को चिपक कर रहना बहोत अच्छा लग रहा था।संजू नीचे जाके खाना लेके आयी।
हम नंगे ही थे।भाभी खाना खाने जैसे मेज पर बैठी।संजू मेरे गोदी में आके बैठ गयी और लण्ड सहलाने लगी।जैसे ही लन्ड ने सलामी दी संजू चुत में लण्ड घुसा के बैठ गयी।
भाभी हस्ते हुए:अरे संजू चुत की खुजली को थोड़ा डर्मि कुल दे।उसको खाना तो खाने दे।
संजू:कुछ नही मुझे इसका लण्ड चुत में डाल के रखना पसंद है।
(संजू और मैं वैसे ही खाना खा रहे थे।जोरू शौहर जैसे एक दुसरे को खिला रहे थे।संजू खुदको धीरे धीरे हिला के खुजली मिटा रही थी।)
रात को बाकी औरते आने तक हमारे दो राउंड खत्म हो गए थे।
हम अपने अपने कमरे में आराम कर रहे थे।मैं बाथरूम जेक नहा लिया।बहुत फ्रेश फ्रेश लग रहा था।
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