Mastram Story चमकता सितारा
09-06-2018, 04:56 PM,
#16
RE: Mastram Story चमकता सितारा
एक बार बाबा (पुजारी जी) ने मुझे टीवी के गाने गाते सुन लिया और उस दिन उन्होंने मुझे बहुत मारा।
मैं गुस्से में थी और घर में जो पैसे थे वो लिए और कोलकाता आ गई।
संयोग से मैं कोमल के घर किराए पर कमरा लेने गई और तभी हमारी मुलाक़ात भी हुई। उन संघर्ष के दिनों में मुझे मेरा पहला प्यार मिला। वो रिकॉर्डिंग स्टूडियो का मालिक था और उभरते हुए गायकों को मौक़ा भी देता था। मैं अक्सर गाने के लिए वहाँ जाया करती थी।
एक दिन उसने मुझे प्रपोज किया और फिर हम अक्सर साथ वक़्त बिताने लगे।
कुछ साल बीत जाने के बाद एक दिन उसने कहा कि अब तुममें वो बात नहीं रही और हमारे रिश्ते को ख़त्म कर दिया।
मैंने उसे मनाने की बहुत कोशिश की… पर शायद उसे मेरे जिस्म से प्यार था। जब कोमल ने मुंबई जाने की बात की तो मैं भी साथ चल पड़ी। आखिर अब मेरे लिए वहाँ कुछ बचा भी तो नहीं था और शायद मुंबई में ही मेरी किस्मत लिखी हो।’
अब ललिता ने अपनी कहानी शुरू की।
‘मेरी जिंदगी का सफ़र इतना भी आसान नहीं था। बंगाल के बेहद गरीब परिवार में मेरा जन्म हुआ था। मुझे तो ठीक से याद भी नहीं पर शायद चार या पांच साल की रही होऊँगी.. तभी मेरे माँ-बाप ने पैसों की खातिर मुझे एक दलाल को बेच दिया।
उस दलाल ने मेरे माँ-बाप को ये भरोसा दिलाया था कि मुझे पढ़ा कर वो मेरी शादी भी करवाएगा। फिर वो मुझे कोलकाता लेता आया और मैं यहाँ के एक सभ्य परिवार में घरेलू काम करने लगी।
उन परिवार वालों की गालियाँ.. सर पर छत और दो वक़्त का खाना ही मेरी तनख्वाह थी। जब भी वो परिवार कोई फिल्म देखता मैं भी किसी कोने में बैठ उसे देखती और हमेशा यही सोचती कि उसी फिल्म की हिरोइन की तरह मेरी भी जिंदगी होती।
एक आज़ाद परिंदे की तरह अपनी जिंदगी बिताना। कुछ इसी तरह अपना जीवन बिताते हुए.. मैं अब लगभग पंद्रह साल की हो चुकी थी। एक दिन मैं रोज़ की तरह रसोई में काम कर रही थी तो मेरे घर का 52 साल का मालिक आया और मुझे यहाँ-वहाँ छूने लगा।
मैंने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने मुझे मारना शुरू कर दिया। फिर उसने मेरे दलाल को बुलाया और मुझे उसके हवाले कर दिया। वो दलाल मुझे एक झोपड़ीनुमा जगह ले गया और वहाँ उसने और उसके कुछ दोस्तों ने मेरा बलात्कार किया।जब मैं मरने जैसी स्थिति में हो गई तो उसने कोलकाता की बदनाम गलियों में मेरा सौदा कर दिया। अब हर रात मैं धीरे-धीरे मर रही थी।
एक दिन पुलिस की रेड पड़ी और वहाँ से मुझे एक एनजीओ के हवाले कर दिया गया। वहाँ मैंने पढ़ना सीखा और मुझे जीने की एक उम्मीद दिखी। एक दिन कोमल हमारे यहाँ आई और हमारा ऑडिशन लेने लगी। उसे अपनी फिल्म के लिए एक कलाकार चाहिए था।
(थोड़ी देर रुक के)
आप ठीक समझे.. मैं ही कोमल की डॉक्यूमेंट्री की हिरोइन हूँ और जब कोमल मुंबई जा रही थी तो मैं भी उसके साथ चल दी। मुझे तो बॉलीवुड का ‘सुपरस्टार’ बनना है।’
फिर मेरी ओर देखते हुए कोमल बोली- अब तो कुछ बताओ अपने बारे में..
उन लड़कियों की हिम्मत देख मुझमें भी थोड़ी हिम्मत आ गई थी। मुझे लग रहा था कि शायद अब मैं भी अपनी तन्हाई से लड़ लूँ। मैंने उनसे अपनी कहानी बताई और कहा- मैं नहीं जानता.. कि मुझे अपनी जिंदगी में क्या बनना है.. मैं तो बस वहाँ जाऊँगा और सबसे पहले कहीं भी कोई नौकरी करूँगा। बस इतना ही सोचा है।
पायल- काश दुनिया के हर मर्द के प्यार में तुम्हारे जैसा ही समर्पण होता।
मैं- अगर हर लड़की डॉली जैसे ही सोचती तो शायद कोई भी मर्द कभी किसी से प्यार करता ही नहीं। 
कोमल- तुम्हें नौकरी ही करनी है न? हमारे पास तुम्हारे लिए एक नौकरी है। अगर तुम चाहो तो।
मैं- कैसी नौकरी?
कोमल- हम तीनों को अपना मुकाम बॉलीवुड में हासिल करना है और यहाँ पर सफलता के लिए दिखावा बहुत ज़रूरी है और इस दिखावे के लिए हमें एक पर्सनल असिस्टेंट चाहिए। अभी तो तुम्हें हम बस रहने की जगह, खाना और कुछ खर्चे ही दे पायेंगे.. पर जैसे हमारी कमाई बढ़ेगी.. हम तुम्हारी तनख्वाह भी बढ़ा देंगे। 
अब तीनों मेरे जवाब को मेरी ओर देखने लगी, मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया। 
फिर सबने अपने गिलास टकराए और ने मेरे हाथ को पकड़ मेरे गिलास को भी टकराते हुए कहा- ये जाम हमारी आने वाली कामयाबी और पहचान के नाम।
अब रात हो चुकी थी और अभी भी 24 घंटों का सफ़र बाकी था। जब-जब मैं आँखें बंद करता.. मुझे डॉली की जलती हुई चिता मेरे सामने होती। ऐसा लगता मानो वो अपना हाथ बढ़ा रही हो और मैं उसे बचा नहीं पा रहा हूँ। 
मेरे बगल वाली बर्थ पर पायल सोई थी। वो मुझे इस तरह बार-बार करवट लेता देख मेरे पास आई और उसने मेरे हाथ को कस कर पकड़ लिया। 
मेरे कानों में पायल धीरे से बोली- शांत हो जाओ और सोने की कोशिश करो। मैं तुम्हारे दर्द को समझती हूँ.. पर ऐसे तड़पोगे तो डॉली भी बेचैन ही रहेगी।
वो मेरे बाल सहलाने लगी, मैं धीरे-धीरे सो गया।
सुबह कोमल की आवाज़ से मेरी नींद खुली- सोते ही रहोगे क्या? सुबह के दस बजने जा रहे हैं।
मैं अंगड़ाई लेता हुआ उठा और फ्रेश होने चला गया। मैं फ्रेश होकर जब वापिस आया तो देखा.. मोबाइल में गाना बज रहा था.. ललिता पायल को पकड़ डांस कर रही थी और कोमल अपने मोबाइल के कैमरे में वो सब रिकॉर्ड कर रही थी। 
मैं जैसे ही अन्दर दाखिल हुआ ललिता ने पायल को छोड़ मुझे पकड़ लिया।
मैं- अब मैंने क्या गलती की है, मुझे तो छोड़ दो।
तो फिर से मुझे छोड़ पायल को पकड़ कर डांस करने लग गई। 
वो सब डांस के दौरान जिस तरह की शक्लें बना रही थीं.. उसे देख कर मुझे भी हंसी आ गई।
आज बहुत वक़्त के बाद ये मुस्कान आई थी। तभी गाना बदला और नया गाना था ‘झुम्मा चुम्मा दे दे…’
एक ही पल में हंसी और अगले ही पल मेरी आँखें भर आईं। 
ललिता की नज़र मुझ पर पड़ी, फिर उसने गाना बंद किया और मेरे पास सब आ गईं- क्या हुआ तुम्हें?
मैं- नहीं कुछ भी तो नहीं। 
कोमल- जब झूट कहना ना आता हो तो सच ही कहने की आदत डाल लो! बताओ ना क्या हुआ?
मैं- घर की याद आ गई, मैं मम्मी, पापा और मेरी बहन इसी गाने पे डांस किया करते थे।
कोमल- यह भी तो सोच सकते हो कि तुम्हें तुम्हारा परिवार वापस मिल गया और सब मेरे गाल खींचने लग गईं। 
पायल- अब रोना-धोना बहुत हुआ। तुम्हारी आँखों से निकले आंसू की हर बूँद से डॉली कितनी बेचैन होती होगी। उसकी खातिर अब मुस्कुराना सीख लो।
मैं अपनी शक्ल ठीक करते हुए बोला- ठीक है… अब कभी नहीं रोऊँगा बस!
ललिता- बस नहीं, अब तो तुम्हें डांस करना ही होगा..
वो मेरा हाथ पकड़ वॉल-डांस वाले स्टेप्स करने लग गई।
इस तरह फिर लगभग रात हो चुकी थी और हम सब की मंजिल अब आने ही वाली थी। 
फिर ललिता ने हम सबको एक-दूसरे का हाथ थामने को कहा।
ललिता- अब सब अपनी आँखें बंद करो और एक विश मांगो। जो कुछ भी तुम्हें इस शहर में हासिल करना है।
बाकियों का तो पता नहीं पर मैंने एक विश माँगी। 
‘हे परमेश्वर अगर मैंने आज तक कुछ भी अच्छा किया हो तो मेरी दुआ कुबूल करना और डॉली की आत्मा को शांति देना। मैं अपने लिए कुछ भी नहीं चाहता हूँ, क्यूंकि मुझे पता है आप हमेशा मेरे साथ रहोगे। मैं जब भी जिन्दगी से इस जंग में हारने लगूंगा.. तब आप हमेशा मेरा थाम मुझे बचा लोगे और हाँ.. मेरे और डॉली के परिवार को इस सैलाब को झेलने की शक्ति देना।’
मैंने अपनी आँखें खोलीं.. सब मेरी तरफ ही देखे जा रही थीं। 
पायल- हो गया या और भी कुछ माँगना है?
मैंने ‘ना’ में सर हिलाया और फिर सब अपना-अपना सामान बाँधने लग गईं।
थोड़ी देर बाद हमारी मंजिल आ गई थी।
मुंबई.. 
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RE: Mastram Story चमकता सितारा - by sexstories - 09-06-2018, 04:56 PM

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