RE: Mastram Story शमा के परवाने
सागर गोरे-गोरे बूब्स लगातार चूस रहा था और काट रहा था. सागर एक को चूस्ता और दूसरे को अपने हाथ से सहलाता. इस बीच सागर ने उसकी साड़ी और पेटिकोट को निकाल दिया और वो अब बिल्कुल नंगी लेटी थी. उसके बूब्स चूसने के बाद सागर उसकी चूत पे आ गया.सागर अपने गाल उसकी चूत पे रख के प्यार करने लगा ..उसे ये करना बहुत अच्छा लगा फिर सागर उसे चूसने लगा अब वो और भी ज़्यादा एक्शिटेड !हो गई और आह...आअह... करने लगी.. फिर सागर ने उसे अपने लंड की तरफ इशारा किया .. इशारा मिलते ही मधु ने झट से सागर की पंत की नीचे करेक उतरा और अंडर वेर को ुअतर कर लंड को अपने मुँह मे भर लिया . और उसे लॉलिपोप ई तरह चूसने लगी .
तभी अचानक से बहुत तेज आवाज़ आती है ..खाटीएकक….!!!!!!
आवाज़ दरवाजा खुलने की थी.
सागर और मधु ने दरवाजे की तरफ देखा कि अंकित वहाँ खड़ा है. ये देख कर मधु की पैरो तले ज़मीन खीसक जाती है और उसका दिमाग़ का काम करना बंद हो जाता है. अंकित के चहरे पर गुस्से के भाव सॉफ नज़र आ रहे थे. जब अंकित की नज़र मधु के
नंगे जिस्म पर पड़ी तो मधु ने जल्दी से सागर के लंड को छोड़ा और अपनी साड़ी से अपनी चुचो और अपनी चूत को छिपा लिया. बेड पर पड़ी चदडार को अपने जिस्म पर लपेट लिया. सागर ने भी झट से अपना अंडरवेर पहना . जैसे ही सागर कुछ बोलने लगा तो अंकित ने उसकी बात बीच मे काट दी और बोला – चल्ल्ल चुप्प्प साले मादर चोद.. मुझ को बेवकूफ़ बना कर तुम दोनो रंगरलियाँ मना रहे हो ..शरम आनी चाहिए तुम दोनो को...
तभी मधु सपकते हुए बोली – आ ..आ..अंकित..तुम ग़लत समझ रहे हो...
अंकित मधु की बात को काट ते हुए- चुप कर साली.. मे सब कुछ समझ चुका हू ..तूने माँ जैसे पवित्र नाम पर दाग लगा दिया है ... और अपने बेटे के साथ ही मुँह काला कर लिया...साली रंडी कहीं की... मे अभी जाकर पापा को फ़ोन करता हू और उसकी रंडी बीवी के कारनामे उसे बताता हू..
ये सुनते ही मधु बेड पर से उठी और अंकित के पेरा को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. और कहने लगी – मुझ को माफ़ करदो अंकित मुझ से बहुत बड़ी ग़लती हो गई.. प्लज़्ज़्ज़ अपने पापा को कुछ मत बताना अगर उन्हे कुछ पता चला तो मैं जीते जी मर जाउन्गि,..
जब अंकित ने नीचे मधु को अपने पैरो मे पड़े देखा तो मधु के क्लीवेज चादर के उपर से सॉफ नज़र आ रहे थे. जिससे अंकित का लंड कड़क होना चालू हो गया. लेकिन अंकित ने अपने पर कंट्रोल किया और बोलने लगा – माँ मुझ को तुमसे ये उम्मीद नही थी कि आख़िर क्यू किया आपने ऐसा ..????
मधु ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और बोलने लगी कि मुझ से ग़लती हो गई अंकित प्ल्ज़ अपने पापा को कुछ मत बताना ...
सागर ने अंकित की तरफ इशारा किया क्यूकी उससे मधु का रोना बर्दाश्त नही हो रहा था.
फिर अंकित ने कहा – मोम मैं पापा को नही बताउन्गा.. और वैसे भी मैं पापा को ऐसी बाते बता कर अपना घर टूट ते हुए नही देख सकता.
और अंकित ने मधु के कंधो से पकड़ते हुए उसे अपने पैरो से उठा से कर अपने सीने से लगा लिया. मधु का रोना थोड़ा कम हो चुका था लेकिन उसका मूड बहुत ही खराब हो चुका था. अंकित को मधु का चद्दर के अंदर से नंगा जिस्म बाखूबी महसूस हो रहा था . उसकी चुचिया अंकित की छाती के साथ एक दम सटी हुई थी. अंकित के लिए कंट्रोल करना मुश्किल हो गया था और आख़िर कार अंकित ने अपना कंट्रोल खो दिया और वो अपने हाथ मधु के कंधो से सीधा गान्ड पर ले गया और धीरे धीरे वहाँ हाथ फेरने लगा. जब मधु को अपनी गान्ड पर हाथ महसूस हुए तो उसे कुछ अजीब सा लगा और वो बोली – क्या कर रहे हो अंकित...??
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