08-28-2018, 10:44 PM,
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Plovep1988
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Meri jabardast chudaiii
Hi friends!!!
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08-28-2018, 10:51 PM,
(This post was last modified: 08-29-2018, 12:01 PM by Plovep1988.)
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Plovep1988
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RE: Meri jabardast chudaiii
हॅलो फ्रेंड्स,
मेरा नाम पल्लवी उमर 27 साल 3 साल से शादिशुद जिंदगी जी रही हु वैसे मेरे बारे और बताती हु၊ रंग गोरा और हाईट 6़.4 इंच के आस पास होगी ၊
मैरी शादी एक अच्छे इंसा म और अच्छे खानदान में हूई है, मैं और मेरे पती अपनी जवानी का भरपूर आनंद उठाते है , मतलब हमारी सेक्स लाईफ काफी अच्छे से चल रही है ၊
पर १ साल पहले मेरे जिंदगी में ऐसी घटना हूई जिससे मेरी पुरी जिंदगी बदल गई၊ अगर आज भी मैं उस घटना को याद करती हू तो मेरी रूह कांप उठती हैं।
तो हूआ ऐसा कुछ हम जिस शहर मे रहते है उस शहर मे सभी जाती धर्म के लोग रहते है၊ और इसी वजह से कभी कभी हिंदू मुस्लिम में अनबन या टकराव हो जाता है၊ और कई बार दंगे भी है चुके है၊
पर मेरे शादी होने के बाद से यहा शांती थी၊ मतलब की मैंने कभी दंगे का अनुभव नही लिया था၊ इसीलिये मे मार्केट या बाहर अकेली जाने मे डरती नही थी၊ और जब भी मार्केट जाती तो कई मर्द मुझे बहोत गंदी नजर से देखते थे ऐसा लगता था की मैने शरीर पर कुछ पहना ही ना हो၊ मुझे बहोत चीढ आती थी ऐसे लोगों से, पर क्या करती? पती पुरा दिन ऑफीस में रहनेके कारण मुझे ही मार्केट जाना पडता था၊ हमारे घर के कुछ २० से २५ मिनीट के अंतराल पे ही एक अच्छा सामार्केट था၊ मैं हमेशा वही मार्केट जाया करती थी၊ उस मार्केट अधिकतर शॉप ये मुस्लिम लोगों की थी और उसपर काम करने वाले भी मुसलमान ही थे၊ जबभी मै कीसी मुसलमान दुकानदार के दुकान से सामान खरीद ती थी तो उस दुकान मे काम करने वाले मुझे बहोत घुरते थे၊ पर मे उसे नजरअंदाज कर देती थी ၊
उस दिन मैं सुबह नहा धोकर तैयार होकर अपने पति को नाश्ता दिया उन्होंने नाश्ता किया और मुझे बाय कहकर ऑफीस चले गए၊ अब घर में मैं और मेरा१ साल का बेबी हम दोनों ही थी၊ मैने घर के सब काम निपट के अपने बेबी की तैयारी की, क्यों की मुझे मार्केट जाना था कुछ सामान खरीदने၊ सुबह ११ बजे होगे मै घर को ताला लगाकर अपने बेबी को साथ लेकर घर से बाहर निकली।और रोड। पे ऑटो की राह देखती खडी रही कुछ देर बाद मुझे एक ऑटो मिल गया उस ऑटो में बैठकर ऑटो वाले को मार्केट छोडने को कहा कुछ देर बाद वो ऑटो वालामुझसे बाते करने लगा और उसके बातो से मुझे पता चला की,
कल रात शहर में कुछ जगह हिंदू मुसलमानों में कुछ वजह से झडप हो गई थी और इसी वजह से शहर में दोनों गुटो में तनाव बढ गया है၊
उसकी ये बात सुनते ही मैं घबरा गई၊ और जहन में आया की मैं जिस मार्केट जा रही हू वहा तो अधिकतर मुसलमान ही है၊ अब क्या करू ऐसे सोच ही रही थी की तभी ऑटो रुका और ऑटोवाला बोलो
:- "मॅडम, लो जी आ गया मार्केट"၊
और मैं अपने विचारों से बाहर आ गई၊ और ऑटो से बाहर आकर आजू बाजू देखा कही कुछ गडबड तो नही इसका जायजा लिया पर मुझे वहा कही भी ऐसा नजर आया। जिससे मुझे कुछ खतरा लगता, सब कुछ नॉर्मल दिख रहा था जैसे हमेशा मार्कट में नजरा रहता था वैसे ही दिखाई दे रहा था၊
और मैने ऑटो वाले को पैसे दिए और अपने बेबी को लेकर मार्केट के तरफ चल पडी၊
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08-29-2018, 02:30 PM,
(This post was last modified: 08-29-2018, 09:05 PM by Plovep1988.)
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Plovep1988
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RE: Meri jabardast chudaiii
मुझे जिस शॉप पे जाना था वो शॉप मार्केट के कुछ अंदरूनी हिस्से में था၊ मैं अपने बेबी.
को साथ लेकर शॉप के तरफ चल पड़ी၊ कुछ देर चलने के बाद मै. अभी शॉप तक पहूची ही थी की अचानक से...........
''भागों, दुकाने बंद करो, अपनी जान बचाओ, शहर में दंगा भडक उठा है၊" एक आदमी के चिल्लाने की आवाज मेरे कानों में पडी, ये सुनते ही मेरी धडकने जैसे थम गई၊ मैंने आसपास देखा तो, दुकानदार फटाफट से अपने अपने दुकान बंद करने लगे, वहा जैसे भगदड सी मच गई, लोग चिल्लाने लगे, जोर जोर से पुरे मार्केट में आवाज गुंज रही थी, "मारो, काटो, आज जिंदा नही छोडेंगे!!!!"
वे सब सुन के तो मैं सहम गई, और अपने बेबी को सीने से चिपका लिया၊ कुछ समझ नही आ रहा था !! की क्या हो रहा है????
तभी मैंने आसपास देखा तो मैं सहम गई मेरे आसपास। जितने भी दुकानदार है वो सब मुसलमान है!!!!! अब क्या करू? कहा जाऊ? मार्केट के बाहर जाने का जो रास्ता था, वहा भीड पत्थर बाजी कर् रहे थी၊ और वो सब मुसलमान थे,और मैं यहा एक हिंदू !!! अब मुझे डर लगने लगा था, अगर मैं इनक तरफ से मार्केट के बाहर जाने की कोशिश की तो ये मुझे और मेरे बेबी को जिंदा नही छोड़ेगे!!! ऐसा सोचते हूए मैं उस भीड के अपोझिट बेबी के साथ दौड़ने लगी!!!
कुछ दुर तक मैं दौडने के बाद मुझे उस मार्केट के बाहर निकलेने की जगह दिखाई दी၊ मैं उस गेट के तरफ दौडने लगी और तभी..............
"रूक साली, कहा भाग रही, रूक वही !!" वरना तेरी जान ले लूगा रुक जा!!"၊ किसी के चिल्लाने की आवाज मेरे कानों में गुंजी, वैसे ही मैंने पिछे मुड के देखा, तो मेरे पैरों तले से ही जमीन सरक गई..... अरे ये तो वही ऑटोवाला था၊ एकदम काला, ३५ से ४० साल की उमर, दाढी बढ़ी हुई, सर पे टोपी, और शरीर एकदम मजबूत पैलवान जैसा, और हाथ में तलवार और उसके साथ एक नौजवान मुल्ला टाईप लड़का उमर २० से २५ साल I
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08-29-2018, 09:22 PM,
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Plovep1988
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RE: Meri jabardast chudaiii
दोनों पक्के जिहादी मुसलमान दिखाई दे रहे थे!!!! अब तो मैं इतनी थक गई थी की एक कदम भी चल नही सकती, मेरा पुरा शरीर पसीने से लत पत था,सासे उखड रही थी၊ और तभी खडा क से पिछे से मेरे सिर पे कुछ मजबूत रॉडका फटका बहोत जोरों से पड़ा और मुझे कुछ समझ आता इससे पहले मै मेरे बेबी के साथ निचे गिर गई, और आखोंके सामने अचानक से अंधेरा छाने लगा၊ और सब कुछ धुंधला धुंधला सा दिखाई देने लगा उसी धुंधली नजर से मैंने उपर देखा तो मुझे उन दोनों का हासते हुआ चेहरा दिखाई दिया၊ और मै बेहोश हो गई၊
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08-30-2018, 01:19 PM,
(This post was last modified: 08-30-2018, 04:51 PM by Plovep1988.)
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Plovep1988
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RE: Meri jabardast chudaiii
आह!!! मुझे, ऑखे खोलने मुझे बहोत तकलीफ हो रही थी၊ सब धुंधला नजर आ रहा था, सर बहोत चकरा रहा था, सर में दर्द हो रहा था၊ अचानक से मुझे मेरी बेबी की याद आई और मैं हडबडा के जाग उठी, और ये कहाँ हू मैं???? मुझे कुछ समझ नही आ रहा था !!! पर मेरे जहन में मेरे बेबी खयाल आया, और यहा वहा देखने लगी पर उस रूम में एक बड़ा सा आईना, दो-तीन चेयर, दो गद्दे उस मे से एक पर में बैठी थी, और रूम में एक ही दरवाजा, पुरे रूम में एक भी खिडकी नहीं थी, एक बल्ब और फॅन चल रहा है !!!! बस्स इतना ही था उस रूम में., और कुछ नही !!! और मैं अकेली, बेबी भी नही दिखाई दे रहा था !!! तो मै बहोत जोरोसे बेबी का नाम लेकर उसे पुकारने लगी और दौडते हुए दरवाजे के पास जाकर दरवाजा ठोकने लगी, बेबी को पुकार ने लगी, मेरे आखों से जैसे असुओं की नदी बहने लगी, दिल जोरों से धडकने लगा၊ और मैं दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगी पर कुछ फायदा नही था क्यों की दरवाजा बाहर से लॉक था၊ और मैं वही रोते रोते ढेरे हो गई!!!!
और तभी मुझे दरवाजा खोलने की आवाज आयी बाहर से कोई दरवाजा खोल रहा है ये सोच के मुझे कुछ पलों की राहत मिली, और अचानक से दरवाजा खुला और ऊपर से सिडियों से दौ मर्द अंदर रूम में आए, इसका मतलबवो रूम अंडरग्राउंड था၊
मैंने आँखे पोछते हूए उन दोनों के तरफ देखा ...... अरे ये दोनो तो वही है၊१ था ऑटोवाला व दुसरा वही लडका मुल्ला टाईप !!!!
मैं : - "कौन हो तुम लोग? मुझे यहा क्यों लाये हो? और मेरा बेबी कहाँ है? बतावो मुझे !!! " मैं उन दोनों पर चिल्लाई၊
ऑटोवाला : - " मुझे पहचाना नही क्या मॅडम? मैं वही ऑटोवाला हू जिसने आप को सुबह मार्केट छोडा था, ।"
लडका : - "अरे क्या, मुसाभाई आप इसे पहचानते हो ?"
मुसा : - अरे, हा कल्लू
सुबह आयी थी ये मेरे ऑटो में၊
उन दोनों की बातों सें मुझे ये तो पता चला की ऑटो वाले का नाम मुसा, और उस लडके का नाम कल्लू था၊
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08-30-2018, 07:07 PM,
(This post was last modified: 08-31-2018, 02:53 PM by Plovep1988.)
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Plovep1988
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RE: Meri jabardast chudaiii
और दोनों एक दुसरे के तरफ देखकर मुस्कुराए၊
मैं : - मेरा बेबी कहाँ है? ऊसे कुछ हुवा तो नही? मुझे ले चलो मेरे बेबी के पास၊ मैं आपके पाँव पडती हू, प्लीज!!!
मैं उनके तरफ बहोत व्याकूलतसा विनती करने लगी၊
मुसा : - अरे, अरे.... रुक जा मेरी रानी, कितने सवाल करेगी? और हा तेरा बेबी........!!
मैं : - हां... हा मेरा बेबी?
मुसा जोर से चिल्लाते हूए
मुसा : - अबे साली रूक जा, !! कुछ नही हुआ है तेरे बेबी को, ठीक है वो!!!
मैं एकदम से डर के मारे चुप हो गई၊
मुसा ने कल्लू को इशारा किया और वो दौडते हुए सिढीयाँ चढ़ता हुवा उपर गया और २ मिनिट में मेरे बेबी को कंधे पर डाल के निचे ले आया၊
मैंने जैसे ही मेरे बेबी कों देखा तो मेरे चेहरे पे खुशी छा गई, और मै मेरे बेबी को अपने पास लेने के लिए जैसे ही आगे बढी तो, मुसा ने मेरी बाजू कसकर पकड ली और बोला၊
मुसा : - रुक जा जानेमन, इतनी बेसब्री अच्छी नही, तेरा बेबी ठीक है, उसे कुछ नही हुआ है၊ वो तो हमने उसे दूध पिलाया इसिलिए गहरी निंद सोया हुवा है၊
मुझे समझ नही आया मुसा ने मुझे मेरे बेबी के पास क्यों नही जाने दीया, और मैं हडबडा के मुसा से बोली
मैं : - अरे, मेरा बेबी है वो! मुझे क्यों रोका तुमने उससे मिलने को, छोडो मुझे , दे दो मुझे मेरा बेबी၊ और तुमने हमे यहा क्यू लाया? जाने दो हमें यहा से, छोडो हमे၊
वैसे ही मुसा ने मुझे धक्का मार के पिछे धकेल दिया और हसते. हूये . बोला၊
मुसा : - एैसे कैसे छोड दे तूजे?
और उसने कल्लू को ईशारा किया वैसे कल्लू बेबी को लेकर रूम के बाहर निकला, और सिढीया चढ़कर उपर चला गया၊ मैं उसे रोकने गई, लेकीन कुछ फायदा नही हुआ, मुसाने मुझे दरवाजे के पास ही रोक लिया၊ और मैं सिर्फ चिल्लाती और रोती रही की छोड दो हमे, और मुसाने धड़ाक से दरवाजा बंद कर दिया၊
जैसे ही उसने दरवाजा बंद किया मैं उस पर जोरों से चिल्लाई दरवाजा क्यों बंद किया? वैसे ही उसने एक जोरदार चाँटा मेरे गोरे, मुलायम गाल पे जड़ा दिया उसका चांटा इतना जोरदार था की, मैं सिधे निचे पडे गद्दे पे जा गिरी၊
और मैं कुछ समज पाती इससे पहले मुसा मेरे पास आया और बोला
मुसा : -देख मुझे और गुस्सा मत दिला, नही तो तेरी सेहत और बिगाड दूंगा၊
मैं : - पर तुम्हे चाहिए क्या? तुम्हें जों चाहिए वो मैं सब दूंगी, बोलो कितना पैसा चाहिए तुम्हें?
मुसा : -पैसा?? हा ... हा.... हा. पैसा नही चाहिए मुझे !!!
मैं : - फीर क्या चाहिए?
मुसा : - पैसे से किमती तेरा जिस्म है, वो चाहिए၊
उसकी ये बात सुनके तोमेरे होश ही उड गए၊
मैं : - क्या? क्या बक रहे हो तुम!! ये कभी नही हो सकता, मैं मर भी गई तो ये नही होगा၊.
मुसा : - देख रंडी, मैं तुजे पुछ नही रहा, तुझे बता रहा हू और हा मैं चाहू तो अभी के अभी तेरा बलात्कार कर सकता हू, समझी पर ये काम मुझे तेरे रझामंदी से करना है, इससे हम दोंनों को सुकून मिलेगा, और एक बात अगर तुने मना कीया तो, ... भुल जा फीर अपने बेबी को၊
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08-31-2018, 03:06 PM,
(This post was last modified: 08-31-2018, 10:59 PM by Plovep1988.)
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Plovep1988
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RE: Meri jabardast chudaiii
मैं तो अब चकरा गई और मुझे अपने बेबी की याद आने लगी, कही सच में इन्होंने मेरे बेबी कुछ बुरा किया तो??? ये सोच के ही मैं रोने लगी, मुझे कुछ समझ नही आ रहा था, अब करू तों क्या करू? एक तरफ ममता थी, तो एक तरफ इज्जत, समाज में मालूम हो गया तो, मेरे पति क्या करेंगे क्या बितेगी उन पर? ये सब खयाल मेरे जहन में दौड रहे थे, ...... ये भगवान, ये कैसी दूविधा है? और तभी मुसा बोला....
मुसा : - रोना बंद कर साली, अपने बेबी का खयाल कर, और हा किसी को कुछ पता नही चलेगा की यहा क्या हूवा था इसके बारे में, और १ दिन की ही तो बात है၊ ऐसा समझ१ दिन का मैं तेरा शोहर हू၊ कल सुबह तु और तेरा बेबी सही सलामत तेरे घर पे होगे....... सोच ले!!! अब बता क्या करना है तुझे????
मैं रो रही थी...... पर करू तो क्या करू????
और तभी मुसाने मुझे दोनों बाजू पकडकर सिधा खड़ा किया, मैं भी मजबूरी में खड़ा हो गई और उसने एक हाथ से मेरे आँसू पोछे और बोला၊
मुसा : - देख, अब रोना बंद कर, नही तो मुझे गुस्सा आ जाएगा और ये आखरी बार बता रहा हू तुझे !!!
और मैंने रोना बंद कर दिया, क्यों की मुझे मेरे इज्जत से ज्यादा मेरे बेबी की जान प्यारी थी।
और मुसाने मेरे आँखो में देखा और बोला
मुसा : - ये हुई ना बात!!!
मैं पहली बार किसी पराये मर्द के स्पर्श का अनुभव ले रही थी၊ उसने अपना एक हाथ में कमर पे डाल के जोरोंसें अपने सिने से मुझे चिपका लिया, और फटाक से अपने काले मोटे ओठ मेरे मुलायम ओठोसें चिपका दिए, उसके सासों से बेहात बदबू आ रही थी इसी लिए मैं उसे पिछे ढकलने की कोशिश करने लगी, पर उस पे कुछ असर नही हुआ और ओ मेरे ओठ चुसता रहाकुछ देर बाद ओ. अपनी जीभ मेरे मुँह मे घुसाने की कोशिश करने लगा, पर मैने अपने ओठ बंद कर लिए, तो उसने जोरों से मेरा एक बुब मसल दिया, उसने इतनी जोरों से मसला. था की मेरें मुह से चिख निकल गई, और वैसे ही उसने अपनी जीभ मेरे मुह में घुसेड दि, और उसकी जीभ मेरे जीभ जैसे खेल रही थी, ओर जोर से मेरे लिप्स चुसने लगा अब मुझे घीन भी आ रही थी, और दर्द भी हो रहा था၊ मैंने पुरा जोर लगाकर उसे दूर ढकेल दिया၊
वैसे वो मुझ पे चिल्लाया
मुसा : - भोसडी की , मादरचोद......!!
वो इतने जोरों से चिल्लाया की मैं डर के सहम गई၊ और मैनें डर के मारे नजर निचे झुका ली၊
मुसाने पास में पड़ी चेअर ली और वो उस पे बैठ गया၊
मुसा : - चल बे रंडी अपने साडी का पल्लू निकाल,
मैं डर गई, कुछ समज नही आ रहा था, मैं वैसे ही खडी रही၊
मुसा : - रंडी सुनाई नही दे रहा क्या?
और मैने डर के मारे अपना साडी का पल्लू नीचे फेक दिया, उसके सामने मेरे ३४ इंच के बुब्स थे जो ब्लाऊज से आधे बाहर थे၊
मुसा मेरे तरफ देख रहा था मैं उसके नजर से नजर मिला ने की कोशिश की, और मेरा ब्लाऊज देखते हूए उसने अपना एक हाथ अपने लंड पे रखा और पायजमे के उपर से ही लंड हिलाने लगा और बोला
मुसा : - वा मेरी जान, ऐसे ही मेरी सब बाते मान...... अब सारी उतार!!!
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