MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 01:27 PM,
#74
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
64
मगर मैं उस माँ का ऐसा नालयक बेटा था. जो कीर्ति के प्यार मे अँधा होकर मरने चला था. जिसने एक पल के लिए भी, अपनी माँ और बहनों के बारे मे नही सोचा था. लेकिन तब भी मेरी माँ को मेरे दर्द का अहसास था, और मुझे मरने से रोकने वाली मेरी बहन ही थी.

ये सब बातें मेरे मन मे आते ही, मैं अपनी माँ और बहनों को देखने के लिए तड़प उठा. लेकिन आज इस परदेस मे मेरे पास, ना तो मेरी बहनों का साथ था, और ना ही मेरी माँ की गोद थी. यही सब सोचते हुए मैने छोटी माँ से कहा.

मैं बोला "छोटी माँ मैं इतना बड़ा क्यों हो गया कि, आपके बिना ही इतनी दूर जा सकूँ. यदि मैं छोटा ही रहता तो, कम से कम हर समय आपके पास तो रहता, और जब चाहे तब आपकी गोद मे सर रख कर सो सकता."

छोटी माँ बोली "तू तो मेरे लिए हमेशा ही छोटा सा बच्चा है. तू जब चाहे तब मेरी गोद मे सो सकता है. लेकिन तू ये सब क्यों सोच रहा है. बस कुछ दिनो की ही तो बात है. फिर तो मेरा प्यारा बेटा मेरे ही पास रहेगा."

मैं बोला "छोटी माँ आज आपको देखने का बहुत मन कर रहा है. अब मुझसे यहाँ नही रहा जा रहा है. आप कहो तो मैं वापस घर आ जाउ. मुझसे अब यहाँ कुछ भी नही हो पाएगा."

छोटी माँ बोली "तू ये कैसी बात कर रहा. मेरा पुन्नू इतना कमजोर नही हो सकता. यदि तू अभी इन सब बातों का सामना करना नही सीखेगा तो, फिर मेरे मरने के बाद, तू अपना और अपने परिवार का कैसे ख़याल रख पाएगा."

छोटी माँ की बात सुनकर मैं अंदर तक काँप गया. मैने छोटी माँ पर पहली बार गुस्सा करते हुए कहा.

मैं बोला "छोटी माँ, दोबारा कभी अपने मरने की बात मत करना. मेरे लिए आप से बढ़कर दुनिया मे कुछ भी नही है. यदि आप ही ना रही तो, मैं जी कर क्या करूगा."

छोटी माँ बोली "अरे पगले. मैं सच मे मरने का कहाँ बोल रही हूँ. मैं तो तुझे समझाने के लिए बोल रही थी. लेकिन ये तो सच ही है, किसी के माँ बाप जिंदगी भर साथ नही रहते."

मैं बोला "मुझे कुछ नही सुनना. कुछ नही समझना. आप मेरे साथ मेरे मरते दम तक रहोगी. बस."

छोटी माँ बोली "मुझसे ग़लती हो गयी. जो मैने ऐसा कहा. अब अपना गुस्सा ख़तम कर दे. मैं दोबारा ऐसी बात नही करूगी. लेकिन तू भी अब मुझसे वादा कर कि, तू किसी बात से घबराएगा नही. हर बात का डॅट कर मुकाबला करेगा. क्योंकि बात चाहे पहाड़ जितनी बड़ी ही क्यों ना हो. लेकिन जब हमारे अंदर उसका सामना करने की हिम्मत रहती है. तब वो पहाड़ जैसी बात भी राई जैसी हो जाती है."

मैं बोला "जी छोटी माँ. आप जो बोलोगि. मैं वो सब कुछ करूगा पर आप कभी मरने की बात नही करना."

छोटी माँ बोली "नही करूगी. अब ये बता तुझे आज क्या हुआ है. तू इतना उदास क्यों है."

मैं बोला "कुछ नही छोटी माँ. बस आप सब की बहुत याद आ रही है."

छोटी माँ बोली "देख मुझसे कुछ मत छुपा. मैने तुझे इतना बड़ा किया है. मैं जानती हूँ तुझे मेरी गोद की ज़रूरत कब, इतनी ज़्यादा महसूस होती है. मुझे बता तुझे क्या परेशानी है."

मैं बोला "ऐसी कोई बात नही छोटी माँ."

छोटी माँ बोली "यदि अपनी माँ से बताने की बात नही है तो, तू मुझे अपनी दोस्त समझ कर बता दे. हो सकता है कि, मैं तेरी परेशानी को दूर करने मे कुछ मदद कर सकूँ."

मैं बोला "कोई बात होती तो ज़रूर बता देता. लेकिन जब कोई बात है ही नही तो, फिर क्या बता दूं."

छोटी माँ बोली "देख मुझे मजबूर मत कर कि, मैं तुझे अपनी कसम देकर कुछ पुछु."

छोटी माँ की बात सुनते ही मैने उनकी बात को बीच मे ही काट दिया और कहा.

मैं बोला "नही छोटी माँ. आप मुझे अपनी कसम मत देना. आपको मेरी कसम है."

छोटी माँ बोली "तूने मुझे अपनी कसम देकर बात पुच्छने से रोक दिया. इस से ये बात तो पक्की हो गयी है कि, कोई ना कोई बात ज़रूर है. तूने मुझे कसम दी है तो अब मैं तुझसे कुछ नही पुछुगि. लेकिन मुझे ये दुख हमेशा रहेगा कि, तू मुझे इस लायक भी नही समझता कि, अपने दिल की बात मुझसे कर सके."

मुझे ये बात सुनकर बहुत बुरा लगा कि, छोटी माँ को मेरी वजह से दुख पहुचा है. मगर मैं कर भी क्या सकता था. मैं उन्हे अपनी और कीर्ति की बात कैसे बता सकता था. लेकिन मैं छोटी माँ को दुखी भी नही करना चाहता था. मैने उनसे कहा.

मैं बोला "मैं आपको ज़रा भी दुख नही पहुचाना चाहता हूँ. यदि आपको मेरे बात ना बताने से दुख पहुच रहा है, तो मैं आपको अपनी बात ज़रूर बताउन्गा. मगर आपको भी मेरी एक बात मानना होगी."

छोटी माँ बोली "तू बता तो सही, मुझे तेरी हर बात मंजूर है."

मैं बोला "मैं आपको जितनी बात बताउन्गा. आप उतनी ही बात सुनेगी. उसके आगे आप मुझसे कुछ नही पुछेगि."

छोटी माँ बोली "ठीक है तू जितनी बात बताना चाहता है. उतनी ही बात बता. मैं तुझसे आगे कुछ भी नही पुछुगि."

मैं बोला "बात ऐसी है कि, मुझे एक लड़की से प्यार हो गया था. वो भी मुझसे प्यार करती थी. लेकिन कल उसके घर वालों ने उसकी शादी कहीं और पक्की कर दी."

मेरी बात सुनकर छोटी माँ शांत ही रही. उन्हो ने कुछ भी नही कहा. मैं समझा उन्हे मेरी बात खराब लगी है. मैने उनसे कहा.

मैं बोला "आपको ये बात सुनकर बुरा लगा ना. मैं इसी वजह से आपको कुछ नही बताना चाहता था."

छोटी माँ बोली "मुझे कुछ बुरा नही लगा. मैं तो ये सोच मे पड़ गयी थी कि, छोटा सा पुन्नू अब इतना बड़ा हो गया है कि, वो किसी लड़की से प्यार भी करने लगा है. मेरे दिमाग़ मे ये बात पहले क्यों नही आई. लेकिन अब तुझे किसी बात की चिंता करने की ज़रूरत नही है. मैं तेरे साथ हूँ. लेकिन मेरी ये बात समझ मे नही आ रही है कि, तू तो अभी 10थ मे है. फिर वो लड़की कितनी बड़ी है. जो उसके माँ बाप उसकी शादी करने जा रहे है."

मैं बोला "लड़की भी 10थ मे ही है."

छोटी माँ बोली "यानी कि लड़की नाबालिग है. ऐसे मे तो उसके माता पिता उसकी शादी कर ही नही सकते. वो लोग यदि ऐसा करने की सोच भी रहे है तो, वो ग़लत कर रहे है. तू मुझे बस उस लड़की और उसके घर वालों का नाम पता बता दे. मैं उन्हे ऐसा करने से रोक दुगी. जब तुम दोनो एक दूसरे को प्यार करते हो तब लड़की के माता पिता उसकी शादी ज़बरदस्ती कहीं नही कर सकते."

मैं बोला "उन्हो ने लड़की के साथ कोई ज़बरदस्ती नही की है. लड़की ने शादी के लिए खुद हाँ की है. अभी उसके माता पिता ने सिर्फ़ लड़की की सगाई की है. मैं आपको लड़की और उसके माता पिता के बारे मे इस से ज़्यादा कुछ नही बता सकता. आपने वादा भी किया है कि, आप मुझसे ऐसा कुछ नही पुछेगि."

छोटी माँ बोली "ठीक है तू लड़की और उसके माता पिता के बारे मे नही बताना चाहता तो मत बता. लेकिन तू तो कह रहा था कि, लड़की भी तुझे प्यार करती थी. यदि ऐसा है तो फिर उसने शादी के लिए हाँ क्यों कर दी."

मैं बोला "यही बात मेरे भी समझ मे नही आ रही है. यदि वो हाँ नही करती तो उसके सगाई भी नही होती."

छोटी माँ बोली "तूने उस लड़की से इसकी वजह नही पुछि."

मैं बोला "जब उसकी सगाई ही हो चुकी है तो, फिर मैं अब इसकी वजह पुच्छ कर क्या करूगा. हो सकता है कि उसे वो लड़का मुझसे ज़्यादा पसंद आया हो."

छोटी माँ बोली "उसने तुझसे प्यार किया था तो, फिर उसने तेरे साथ ऐसा क्यों किया. तुझे ये जानने का पूरा हक़ है. क्या उसके बाद उस लड़की से तेरी बात हुई है."

मैं बोला "हाँ सुबह उस ने मुझे बर्थ'डे विश करने के लिए कॉल किया था."

छोटी माँ बोली "तब तूने उस से ये सब नही पुछा."

अब मैने कीर्ति से सुबह क्या बात की थी. ये बात तो मुझे याद ही नही थी. मैने छोटी माँ से कहा.

मैं बोला "नही. मैने उसे उसकी सफाई देने का मौका ही नही दिया. मैने उस से कहा कि तुम अपनी लाइफ मे खुश रहो और मुझे अपनी लाइफ मे खुश रहने दो."

छोटी माँ बोली "क्या तू उस लड़की से बहुत प्यार करता है."

मैने छोटी माँ की इस बात का कोई जबाब नही दिया. तब छोटी माँ ने कहा.

छोटी माँ बोली "मेरी एक बात मानेगा."

मैं बोला "क्या."

छोटी माँ बोली "मुझे लगता है तू उस लड़की से बहुत प्यार करता है, और वो लड़की भी तुझे प्यार करती है. तभी उसने अपनी सगाई होने के बाद भी तुझे बर्थ'डे विश किया है. यदि मेरा ये समझना सही है तो, तू मेरी एक बात मान. उस लड़की को अपनी सफाई देने का एक मौका ज़रूर दे."

मैं बोला "बर्थ'डे विश करने से क्या होता है छोटी माँ. उसने मेरे प्यार का मज़ाक उड़ाया है. मैं उस से अब कोई बात करना नही चाहता."

छोटी माँ बोली "देख मैं खुद एक लड़की हूँ इसलिए इस बात को समझ सकती हूँ कि, एक लड़की के उपर दुनिया और घर वालों का कितना दबाव होता है. ऐसे ही दबाव की वजह से कयि बार लड़कियों को, अपने सच्चे प्यार की भी बलि देना पड़ जाती है. इसलिए तू जल्दबाज़ी मे कोई फ़ैसला मत ले. उसको अपनी बात बोलने का मौका तो देकर देख. हो सकता है जैसा मैं कह रही हूँ. वैसा ही कुछ उस लड़की के साथ भी हुआ हो."

मैं बोला "नही छोटी माँ. अब मैं उस से कभी बात नही करूगा."

छोटी माँ बोली "ठीक है, तू उस से कभी बात मत करना. लेकिन यदि वो खुद तुझसे बात करने आती है तो, मेरी खातिर उसे एक बार अपनी बात कहने का मौका तो दे सकता है."

मैं बोला "ठीक है छोटी माँ. आप कहती है तो मैं उसे उसकी बात कहने का मौका ज़रूर दूँगा. लेकिन मैं जानता हूँ कि, जो कुछ भी हुआ है. सब उसकी मर्ज़ी से ही हुआ है. इसीलिए इस सब से कोई फ़ायदा नही है."

छोटी माँ बोली "मेरी बात मानने के लिए थॅंक्स पुनीत जी. अब देखिएगा आपकी प्यार की गाड़ी जल्द ही पटरी पर आ जाएगी."

छोटी माँ ये बात बोल कर हँसने लगी. मैने भी काफ़ी समय बाद उन्हे इस तरह दिल खोल कर हंसते और मज़ाक करते देखा था. इसलिए इतने तनाव मे भी मेरी हँसी छूट गयी. मैने हंसते हुए छोटी माँ से कहा.

मैं बोला "छोटी माँ ये क्या है. आप ऐसे बात क्यों कर रही हो."

छोटी माँ बोली "मेरा बेटा जवान हो गया है. लेकिन इसका मतलब ये नही कि मैं बूढ़ी हो गयी हूँ. मैं उसको बताना चाहती हूँ कि, मैं भी नखरे दिखाने मे उसकी गर्लफ्रेंड से कम नही हूँ."

छोटी माँ की बात सुन कर फिर मेरी हँसी छूट गयी. मैने कहा.

मैं बोला "आप मज़ाक करती हुई बहुत अच्छी लगती है छोटी माँ. आप हमेशा ऐसे ही रहा कीजिए."

छोटी माँ बोली "ना रे. वो तो मैं तेरा मूड सही करने के लिए कर रही थी. ये सब बातें अब मुझे शोभा नही देती."

मैं बोला "क्यों छोटी माँ. ऐसे ही हँसी मज़ाक करते रहने मे क्या बुराई है. आप मेरे साथ कहीं जाओगी. तो आपको कोई मेरी माँ नही, बल्कि बड़ी बहन ही समझेगा."

छोटी माँ बोली "चल अब ये बातें छोड़ भी और ये बता तूने अभी तक खाया या नही."

मैं बोला "खा लिया छोटी माँ. आज बहुत कुछ खा लिया."

छोटी माँ बोली "झूठ क्यों बोल रहा है. मेरा दिल कह रहा है कि, तूने आज कुछ भी नही खाया होगा."

मैं बोला "मुझे आज बिल्कुल भी भूक नही है."

छोटी माँ बोली "देख तेरे ऐसे भूके रहने से मुझे बहुत तकलीफ़ होगी. मैं भी कुछ नही खा पाउन्गी."

मैं बोला "मैं खाना खा लुगा छोटी माँ. आपकी बातों से मेरा सारा तनाव ख़तम हो गया है. अब आप मेरी ज़रा भी चिंता मत करो."

छोटी माँ बोली "ठीक है. लेकिन एक बात याद रखना. तू कभी अपने को अकेला मत समझना. तुझे कोई भी परेशानी हो मुझे कॉल कर लेना. कभी किसी बात मे कोई तेरा साथ दे या ना दे. मगर मैं हर बात मे हमेशा तेरे साथ हूँ."

मैं बोला "ओके छोटी माँ. मैं इस बात को हमेशा याद रखुगा."

छोटी माँ बोली "ठीक है. अब मैं फोन रख रही हूँ. लेकिन तू खाना ज़रूर खा लेना."

मैं बोला "ओके छोटी माँ. आप बेफिकर रहे. मैं खाना खा लुगा."

इसके बाद छोटी माँ ने कॉल रख दिया. उनके कॉल रखने के बाद मैने टाइम देखा तो 7:15 बज गये थे. मुझे छोटी माँ से बात कर के बहुत हद तक तनाव से मुक्ति मिली थी. मैने अपना मोबाइल जेब मे रखा और वहाँ टहल रहे लोगों पर नज़र डालने लगा.

तभी मुझे ऐसा लगा, जैसे कोई मेरे पिछे खड़ा हो. मुझे इस बात का अहसास होना था कि, मेरे मन मे एक सवाल उठ गया. कहीं मेरे पिछे दादा जी, प्रिया, निक्की मे से कोई, या फिर तीनो ही तो नही खड़े है. यदि जैसा मैं सोच रहा हूँ. वैसा ही है, तो क्या उन्हो ने मेरे और छोटी माँ के बीच चल रही, सारी बातें सुन ली.

ये बात मेरे मन मे आते ही मैं अजीब कशमकश मे पड़ गया था. मैं पिछे पलट कर देखने की हिम्मत भी नही कर पा रहा था. लेकिन तभी मुझे छोटी माँ की पहाड़ और राई वाली बात याद आ जाती है. उसके याद आते ही मैं अपने मन मे कहता हूँ. अब मैं किसी बात से नही डरूँगा छोटी माँ, और फिर मैं अपने पिछे पलट कर देखता हूँ.
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 01:27 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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