RE: Muslim Sex Kahani अम्मी और खाला को चोदा
मैं ट्रे लेकर कमरे में दाखिल हुआ तो अम्मी और खाला चुप हो गयीं। चारों पहले जैसी ही नंगी हालत में थे। अम्मी और अम्बरीन खाला मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थीं। मैंने बेड के साइड में छोटी सी मेज़ पर ट्रे रख दी। चारों पेप्सी पीने लगे। इतने में अम्मी बेड से उतरकर नंगी ही ऊँची हील के सैंडल में चूतड़ मटकाती बेडरूम के अटैच्ड बाथरूम में चली गयीं। फिर अम्बरीन खाला भी अपनी पेप्सी खतम करके अम्मी की तरह नंगी ही सैंडल खटकाती हुई ड्राइंग रूम की तरफ चली गयीं। कुछ सेकंड के बाद खाला जब वापस आयीं तो उनके हाथ में शराब की वही आधी भरी बोतल थी जिसमें से वो और अम्मी नज़ीर के आने से पहले पी रही थीं। मेरे लंड की हालत खराब थी इसलिये मैं धीरे से बोला कि मैं अभी आता हूँ और बेडरूम से बाहर निकल कर अपने बाथरूम में मुठ मारने के लिये चला गया। मुठ मार के करीब दस मिनट के बाद जब मैं वापस अम्मी के बेडरूम में आया तो अम्मी और खाला बेड पर नज़ीर और करामत के बीच में बैठी शराब पी रही थीं। नज़ीर और करामत उनके जिस्मों को सहला रहे थे। अम्बरीन खाला ने भी शराब पीते हुए नज़ीर का लंड अपनी मुठ्ठी में पकड़ लिया और हंसने लगीं। थोड़ी देर ऐसे ही छेड़छाड़ का सिलसिला चला और अम्मी और खाला ने काफी शराब पी ली थी और नशे में झूमने लगी थीं। अम्बरीन खाला को तो मैंने पहले पिंडी में होटल में नशे में चूर होते देखा था लेकिन अम्मी को मैंने इससे पहले कभी इतने नशे में नहीं देखा था। अब तो उन्हें मेरी मौजूदगी का भी कोई लिहाज़ या फिक्र नहीं थी।
थोड़ी देर में ही फिर चुदाई का खेल शुरू हो गया। अम्मी खुद-ब-खुद नज़ीर का लंड चूसने लगीं और अम्बरीन खाला करामत का लंड चूस रही थीं। दोनों के लौड़े फिर अकड़ कर सख्त हो गये थे। नज़ीर बेड पर लेट गया और अम्मी को अपने लंड पर बैठने को बोला – “आजा मेरी जान... मेरा पूरा लंड अपनी चूत में घुसेड़ ले... फिर करामत पीछे से तेरी गाँड में अपना लंड डाल कर चोदेगा तो लंदन के नज़ारे हो जायेंगे.... मज़ा आ जायेगा तुझे!”
अम्मी नशे में लरज़ती आवाज़ में जोर से एहतिजाज करते हुए बोली – “पागल हो गये तुम दोनों... इसका इतना बड़ा मोटा लंड मेरी गाँड में नहीं जायेगा... और दो-दो लौड़े चूत और गाँड में एक साथ... कैसे... नहीं होगा!”
करामत अम्मी को हौंसला देते हुए बोला – “सब हो जायेगा... तुम पहले नज़ीर के लौड़े पर बैठ कर उसे अपनी चूत में तो लो... बाकी हम कर लेंगे... हम तुम्हारी गाँड और चूत दोनों को एक साथ चोद कर तो रहेंगे ही... बेहतर होगा तुम भी साथ दो!” नज़ीर ने भी कहा कि, “नखरे मत करो... हमारा साथ दोगी तो तुम्हें लंदन तो क्या चाँद की सैर करवा देंगे! वैसे तुम दोनों की गाँड के सुराख और उनके चारों और बनी हुई कटोरी से साफ ज़ाहिर है कि तुम दोनों खूब गाँड मरवाती हो!”
“हाँ मरवाती हूँ गाँड.... खूब मरवाती हुँ... लेकिन इतने बड़े खौफ़नाक लौड़े से कभी नहीं मरवायी... और वो भी दो-दो बड़े-बड़े लौड़े एक साथ मैं नहीं झेल पाऊँगी!” इतने नशे में भी अम्मी के लहज़े में मुखालफत के साथ-साथ खीझ भी साफ़ ज़ाहिर थी। लेकिन मैं तो अम्मी जो कह रही थीं वो सुनके सदमे में था। इतने में अम्बरीन खाला अम्मी की हौंसला अफ्ज़ाही करते हुए बोलीं – “यास्मीन... कुछ नहीं होगा... मैंने कईं दफ़ा दो-दो लंड एक साथ लिये हैं... बेहद मज़ा आता है!” अम्मी और अम्बरीन खाला नशे और हवस के आलम में एक के बाद एक अपने फाहिश राज़ ज़ाहिर कर रही थीं। जोश-ओ-खरोश में अम्मी फिर आगे बोल गयीं कि – “लिये तो मैंने भी हैं दो-दो लौड़े कईं दफ़ा... लेकिन इनके लौड़ों का साइज़ तो देख!”
नज़ीर का लंड सीधा खड़ा हुआ अम्मी के थूक से सना हुआ चमक रहा था। अम्मी ने और मुखालफत नहीं की और नज़ीर के दोनों तरफ टाँगें करके बैठते हुए आहिस्ता-आहिस्ता उसका लंड अपनी चूत में लेने लगीं। जब नज़ीर का पूरा लंड अम्मी की चूत में दाखिल हो गया तो मुझे सिर्फ उसके टट्टे ही नज़र आ रहे थे। अम्मी थोड़ा आगे होकर नज़ीर के ऊपर झुक गयीं और उनके मम्मे नज़ीर के चेहरे के ऊपर लटक रहे थे। “तुम दोनों मेरी जान ही ले लोगे आज!” अम्मी सरगोशी से बड़बड़ायीं और नज़ीर के लंड पे धीरे-धीरे ऊपर-नीचे उछलने लगीं।
खाला अमबरीन अम्मी के चूतड़ों को सहलाते हुए अम्मी को तसल्ली देते हुए बोलीं – “कुछ नहीं होगा यास्मीन! मैं अभी इस करामत का लंड चूस कर बेहद चिकना कर देती हूँ... बड़ी सहुलियत से चला जयेगा तेरी गाँड में।“ ये कहते हुए अम्बरीन खाला करामत का लौड़ा चूसने लगीं और एक हाथ से उसके पूरे लौड़े पर अपना थूक मलने लगीं। उधर नज़ीर नीचे से अपने चूतड़ उठा-उठा कर अम्मी की चूत में ऊपर घस्से मार रहा था और अम्मी भी सिसकते हुए उसके घस्सों का जवाब दे रही थीं। दो मिनट में ही अम्बरीन खाला ने करामत का अज़ीम लौड़ा अपने थूक से तरबतर कर दिया।
नज़ीर ने घस्से मारने बंद कर दिये और अम्मी की कमर पकड़ कर अपने ऊपर झुका लिया। अम्मी भी अपने हाथ उसके कंधों पर टिका कर अपने निचले होंठ दाँतों में दबा कर करामत के लंड का इंतज़ार करने लगीं। खाला अमबरीन ने थोड़ा सा थूक अपनी उंगलियों पे ले कर अम्मी की गाँड के सुराख पर मल दिया। करामत अम्मी के पीछे आ गया और अपना लौड़ा मुठ्ठी में पकड़ कर उनके चूतड़ों के बीच की दरार में रगड़ने लगा। फिर उसने अपने लंड का टोपा अम्मी की गाँड के सुराख पर रख के धीरे से दबया तो टोपा उनकी गाँड में घुस गया। अम्मी ने शायद अपनी साँसें रोक रखी थीं और टोपा अंदर जाते ही साँस छोड़ते हुए “ऊँहह” करके सिसकीं। करामत ने एक बार टोपा बाहर निकाल कर फिर अम्बरीन खाला के मुँह में दे दिया। अम्बरीन खाला ने उसके टोपे को दो-तीन दफ़ा चूसा और उस पर थूक कर उसे फिर भिगो दिया। करामत ने फिर एक दफ़ा अपना टोपा अम्मी की गाँड के सुराख पर रख के अंदर दबा दिया। नज़ीर नीचे से बोला – “हाँ यार! पेल दे साली की गाँड में पूरा लंड... जल्दी से!”
अम्बरीन खाला भी घुटनों पर बैठी हवस-ज़दा नज़रों से ये नज़ारा देख रही थीं। मुझे भी नज़ीर के टट्टे और उसके लंड का बुनियादी हिस्सा तिर्छा होकर अम्मी की चूत में घुसा हुआ दिख रहा था और करामत के लंड का टोपा मेरी अम्मी की गाँड में घुसा हुआ था। “ज़रा आहिस्ता-आहिस्ता डालो... चीर ना देना मुझे दो हिस्सों में अपने शदीद लौड़ों से!” अम्मी सिसकते हुए नशे में लरज़ती आवाज़ में बड़बड़ायीं।
नज़ीर करामत को जोश दिलाते बोला – “इसकी बात पे तवज्जो ना दे! घुसेड़ दे गश्ती की गाँड मे लंड एक बार में... मज़ा आयेगा इसे भी...।” करामत ने जोर से अपना लंड अम्मी की गाँड में दबा कर और अंदर घुसेड़ना शुरू किया लेकिन अम्मी की गाँड शायद चूत में नज़ीर का लंड मौजूद होने से और ज्यादा टाईट हो गयी थी। करामत ने लंड घुसाना ज़ारी रखा और आहिस्ता-आहिस्ता उसक लंड और ज्यादा अंदर फिसलने लगा। अम्मी अब मुसलसल ज़ोर-ज़ोर से “ऊँहह आँहह” करते हुए कराह रही थीं। बीच-बीच में उनकी आवाज़ टूट रही थी। अम्बरीन खाला भी मस्ती में ज़ोर से बोल पड़ीं – “जा रहा है अंदर! रुको मत! यास्मीन देख तेरी गाँड कैसे चौड़ी होकर लौड़ा अंदर ले रही है... मैंने कहा था ना कि कुछ नहीं होगा!”
अम्मी कराहते हुए बोलीं – “हाय अल्लाह.. आआआईईई... अम्बरीन... जब तेरी चूत और गाँड एक साथ फटेगी तब पता चलेगा... आआईईई.... ऊँऊँहहह!”
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