RE: Nangi Sex Kahani काला साया
और फिर ड्रेसअप करके बेड पे लेटा ही था कि मुझे नींद आ गयी और में सो गया...!
मेरी नींद किसी के जगाने से खुली,जब आँख खुली तो देखा वो पायल थी..!
फिर क्या था उसे भी अपने पास खींच लिया और अपने पास ही सुला लिया..!
पायल:-राज उठो प्ल्ज़ और मुझे भी जाने दो बहुत काम करने है मुझे..!..
में:-अच्छा जी मेरे सरीर में काँटे लगे है ना जो तुम मेरे साथ नही सो सकती..!(में अंगड़ाई लेते हुए बोला...!)
और फिर में उसके उपर आ गया और अपने होंठ उसके होंठो के करीब ले जाने लगा..!
वो भी अपने होंठ धीरे-2 आगे बढ़ा रही थी और तभी में उसके फोरहेड पे किस करके भाग गया.!
पायल:-आहह राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज तू रुक अभी,रुक जा वरना बहुत पिटेगा..!
पर में कहाँ रुकने वाला था फिर हॉल में आया और मासी माँ से लंच सर्व करने को बोला..!
और में भाभी के बगल में बैठ गया तभी पायल भी आई..!
पायल:-राज उठो वहाँ से,वाहा में बैठती हूँ..!
में:-हद है यार,अब मेने लंच करना स्टार्ट कर दिया है,तुम मेरे बगल में बैठ जाओ..!
पायल:-नही उठो पहले..!
में:-तो क्या गोद में बैठाऊ तुम्हे..!
अभी में कुछ और बोलता कि वो सच में आके मेरी गोद में बैठ गयी और लंच करने लगी..!
फिर क्या था कभी वो खुद खाती तो कभी मुझे खिलाती..!
तभी मुझे एक मस्ती सूझी और में अपना हाथ उसकी जाँघ पे रखके सहलाने लगा..!
पायल ने अपने आँखे मुझे दिखाई,पर हम तो पैदाइशी कमीने थे..!
फिर ऐसे ही मेरी शरारते चलती रही और हमने लंच कंप्लीट किया..!
लंच फिनिश करने के बाद में रूम में आया तो मेरे पीछे-2 पायल भी चली आई और रूम में एंटर करते ही गेट लॉक करके मुझ पर झपट पड़ी..!
पायल:-बहुत मस्ती सूझती है ना तुम्हे अब बताती हूँ रूको तुम..!
और इतना बोलकर वो मुझ पे झपट पड़ी,में बेड पे लेटा था और वो मेरे उपर आ गयी..!
हम दोनो एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे और हमें पता भी नही चला कि कब हमारे होंठ एक दूसरे से जुड़ गये..!
अभी हमारा किस स्टार्ट ही हुआ था कि मुझे बाहर शोर होने की आवाज़ आई..!
में तुरंत उठा और रूम अनलॉक करके बाहर आ गया,और मेने देखा कि कुछ गुंडे टाइप आदमी घर में घुस कर बहस कर रहे है..!
और जैसे ही उनमे से एक ने मुझे देखा तो उसने अपनी साथियो को मेरी तरफ देखने का इशारा किया..!
मुझे देखते ही सब मेरी तरफ दौड़े,उनमे से एक काला सांड़ मेरी तरफ बढ़ ही रहा थी कि मेने उसके कानो पे एक थप्पड़ मारा तो वो किसी बॉल की तरह बाउन्स करते हुए दीवार से जा लड़ा..!
तभी दूसरे आदमी ने अपने चाकू से मेरे हाथ पे वार किया जिससे मुझे हल्का सा कट लग गया,पायल की तो चीख निकल गयी ये देख कर,मुझसे रहा नही गया मेने उसे एक जोरदार लात मारी वो सीधा घर के बाहर जा गिरा..!
में आगे बढ़ते हुए घर के बाहर आया तो देखा पूरी सेना आई थी उनके साथ..!
मुझे इतना गुस्सा आ रहा था कि मेरी आँखे नीली हो गयी और मेरी रफ़्तार भी कयि गुना बढ़ गयी उस आंटिडोट के असर से कहीं ज़्यादा ताक़त मेरे अंदर थी पर कैसे ये मुझे भी नही पता..!
मेने गुस्से में एक दहाड़ मारी और बढ़ गया उस मैदान-ए-जंग में..!
फिर में तब ही रुका जब सब मार गये,रोड पे हर तरफ बस कुछ था तो खून,और अचानक बारिश भी आ गयी..!
में:-अगर मुझसे बात करते तो में कुछ नही करता उन्होने इस सब में मेरी फॅमिली को इन्वॉल्व किया..!
फिर जब गुस्सा शांत हुआ तो सब नॉर्मल हो गया,मुझे खुद यकीन नही हो रहा था कि मेने उन्हे मारा है..!
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