Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
01-18-2019, 01:31 PM,
#11
RE: Nangi Sex Kahani दीदी मुझे प्यार करो न
भाभी: माँ बोल रहे थे अभी तुम?
मैं: माँ, तुम मेरी अपनी सगी माँ भी होती तो तुम्हे चोदता मैं। मैं अगर राहुल की जगह होता तो मैं तेरी दूसरी शादी नहीं करता बल्कि तुझे विधवा ही अपने घर ले जा के लंड पे चढ़ाये रखता। मैं चाहे अपनी बीवी को छोड़ देता पर तुझे नहीं छोड़ता माँ। खैर राहुल ने तुम्हे मुझे सौंप के मेरा जीवन बना दिया। मेरे उम्र के शायद ही किसी लड़के को ऐसे भड़काऊ बदन की औरत पे चढ़ना नसीब होगा।

भाभी: तुम इतने गंदे कब से हो गए। बहुत गन्दी-गन्दी बातें करते हो तुम सुनील|
मैं: माँ, तुम्हारे बदन का किया हुआ है सब|

भाभी: मुझे तो अब ऐसा लगता है तुमने मुझे कभी भाभी की नज़र से देखा ही नहीं, सूरज के रहते भी मुझमे तुम एक चुदने वाली औरत देखते थे। मेरे बदन के अलावा तुम्हे कुछ दीखता नहीं है। मुझे गाय बोलते हो जैसे मैं बस एक मांस की बनवाट हूँ बिना दिमाग की। जैसे गाय बस खाती और फिर दुही जाती है, तुम मुझे खिलाते हो और दिन भर चोदते हो!

मैं: माँ, तुम सच कह रही हो। मैं जानता हूँ की तुमने अच्छी पढाई की है और फिर तुम काम भी किया करती थी। पर मैं तुम्हे एक पालतू जानवर की तरह पालना चाहता हूँ। मैंने तुम्हारे बदन से शादी की है तुमसे नहीं। वैसे विधवा औरतों की शादी तो किसी तलाक़शुदा बूढ़े से हो जाती है तुम्हे तो हट्टा-कट्टा जवान मर्द मिला है जो तुम्हारे जिस्म की हर अकड़न तोड़ सकता है। भाभी के भरे जिस्म को आलिंगन में करके उनको चाटते हुए मैंने कहा की - तुम्हे मेरे ही जैसे मर्द की जरुरत है जो तुम्हारे जिस्म को रगड़ सके। माँ तुम्हे खुश होना चाहिए की राहुल ने तुम्हे किसी बूढ़े को नहीं बेचा। राहुल जो चाहता था वो मैं कर रहा हूँ - तुम्हारे बदन की हिफाजत।

भाभी: मुझे पता है तुम्हारा बस चले तो तुम मुझे गाय की तरह खूंटे में बाँध कर रख दोगे| कहीं भी नहीं जाने देते अकेले। मुझे जैसी खुद की दासी बना रखा है।

मैं: हाँ माँ, मैं नहीं चाहता की तुम अकेली बाहर निकलो। वो डिलीवरी बॉय का याद है न- वो नीचे तुम्हारे फेर में रुका हुआ था। तुम अगर अकेली बाहर निकलोगी तो बिना चुदी तुम वापस घर नहीं आ पाओगी। फिर ये दिल्ली है, किसी अमीर की आँख पड़ी तो वो तुम्हे जीवन भर के लिए घर में खूंटे से बाँध देगा। तुम्हारे बदन की औरतें छुप के ही रहें तो अच्छा है। रोहन भैया भी रीता को नहीं निकलने देते होंगे। मैं जब बात करने आया था तो मैंने रीता को देखा भी नहीं था। गदराई औरतें हमेशा घरों की चारदीवारी के अंदर रखी जातीं हैं ताकि वो पालतू रहें।

भाभी: छी! कितनी गन्दी सोच है तुम्हारी

मैं: अच्छा मेरी गन्दी सोच है! और तुम जो सूरज भैया को बेटा बुला के चुदवाती थी वो क्या सोच थी? (भाभी झेप गयीं)। एक दिन में तो फैली नहीं तुम, रात दिन भैया से चुदवाती थी तब क्या सोच थी तुम्हारी? मैंने तो तुमसे कोई जबरदस्ती नहीं की, न ही तुम्हारे भाई और तुम्हारे पिताजी ने, तुमने खुद ही तो मुझे अपना बदन दिया है वो कैसी सोच है?

भाभी: मैंने तुमसे शादी की है!
मैं: मैंने तुम्हारे बदन से शादी की है, माँ।

मैं अब उनको जोर-जोर से चोद रहा था। वो सीसियाने लगीं मैंने अभी रफ़्तार और बढ़ा दी। लम्बी पेलम-पेल के बाद मैं उनके बदन पे निढाल हो गया। पूरे एक महीने हो चुके थे भाभी के बदन को मथते हुए पर मेरी ऊर्जा बढ़ते ही जा रही थी।

खाना खा-कर मैं सो गया। सुबह मैं ऑफिस जाने लगा तो भाभी से बोलै की - माँ, आज तुम्हे बाजार ले जाऊँगा और नए घर की शॉपिंग करेंगे।

शाम में भाभी के साथ शॉपिंग की, ढेर सारा सामान लिया फिर भाभी lingerie शॉप पे भी गयीं और खुद के लिए 3 bras लिए और ब्लाउज के kapde। घर पहुंच के मैंने पूछा -
मैं: माँ, तुमने कुछ दिन पहले ही तो bras लिए थें फिर क्या जरुरत पड़ गयी
भाभी: सुनील बेटे, वो चुस्त हो गए हैं, पहने रहने में दिक्कत होती है
मैं: तो फिर मत पहनों न, दिखाओ मुझे (मैंने भाभी के साड़ी का पल्लू उतर दिया और उनके ब्लाउज के ऊपर हाथ रखते हुए दोनों स्तनों को एक-दुसरे से दबाया, वो एकदम सख्त थे एक दुसरे से दबे हुए। वैसे नए वाले का क्या साइज है, माँ?
भाभी: 50 "
मैं: मालती ने लगता है जम कर मसले हैं इन थनों को। एक महीने में ही 48 " से 50 " कर दिया। देखा माँ, तुम्हारे बेटे ने क्या कर दिया। तुम बस देखती जाओ, तुम्हारे बदन का मैं क्या करता हूँ। मैंने भाभी के स्तनों को पीछे से नंगा करते हुए मसलने लगा और कहा- वैसे माँ, मेरे प्यार की निशानी कैसी लगी तुम्हे?

भाभी: क्या चाहते हो तुम? क्यों मसल रहे हो इन्हे?
मैं: माँ, ये कितने बड़े हैं। मसलने से ये जवान और सख्त रहेंगे। किसी भी मर्द तो हिला सकते हैं ये थन आपके। ये 50 " वाले भी छोटे हो जाएंगे बेहतर है की आप इन्हे खुले रखो। मेरे से क्या शर्माना माँ!

फिर मैंने भाभी को बिस्तर पे पेट के बल लिटा के उनके थनों को पकड़े हुए उनके गांड को ठोकने लगा। क्या कसी औरत है तू माँ? तेरी गांड फाड़ूँगा मैं आज। भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं। (तभी गेट की बेल बजी, आभा थी गेट पर)

मैं और भाभी चरम पे पहुंचने ही वाले थे सो मैंने उनके गांड की ठुकाई जारी रखी, हम दोनों आवाज़ें भी निकाल रहे थे जो शायद गेट तक सुनाई दे सकती थी पर दोनों के दोनों होश में नहीं थे। कुछ देर में मैं झड़ गया। भाभी जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगीं और मैं अपने। 2 मिनट रुक-कर मैंने गेट खोल दिया और बोला वो माँ जरा कपड़े बदल रहीं थीं। मैंने तब केवल हाफ- पैंट और टी-शर्ट पहन रखा था और भाभी ने उतेज्जक nighty डाली थी। आभा ने पहले मेरी तरफ देखा फिर भाभी की तरफ और बोली माँ जी इतना समय लग गया nighty डालने में। भैया की मदद ले लेतीं। और वो मेरी तरफ देख के मुस्काई। (शायद उसे हमारी आवाज़ें सुनाई दे गयीं थीं)

मैं चुपचाप अपने कमरे में चला गया । आभा भाभी के साथ किचन में आ गयी और बोली मुझे पता है की आप दोनों क्या कर रहे थे। आपकी आवाज़ें आ रहीं थीं। पर एक दुसरे को चोदते हुए भी आप दोनों एक दुसरे को माँ-बेटे बुला रहे थे। चुदाई में मज़े के लिए, हाँ!

रोहन भैया ने भी अपने गाँव से एक बड़े उम्र की आपके जैसी गदराई औरत को लाकर साथ रखा है। इसके पहले वाले किरायदार को माँ-बेटे बताकर रहते थे दोनों, घर में दिन भर एक दुसरे से चिपके। आप दोनों को पति-पत्नी बताया है। आपको भी भैया ने गाँव से चोदने के लिए लाया है न!

भाभी को पता था की उसे सब पता चल गया था। सो वो धीरे से बोलीं- तुम्हे मैं सब बता दूंगी पर तुम किसी को मत बताना। दरअसल मैं और सुनील पति-पत्नी हैं। मैं उसके बड़े भाई की बीवी थी। उनके देहांत के बाद हमारी शादी हो गयी। हमारे उम्र के अंतर की वजह से लोग शक न करें इसलिए हम माँ बेटे बताकर रहते हैं। आपस में माँ-बेटा एक दुसरे को तो सिर्फ सेक्स में उत्तेजना के लिए बोलते हैं।

आभा: कोई मज़बूरी रही होगी जो आपके मायके वालों ने आपकी शादी आपके देवर से ही करवा दी। आपने भी कम उम्र के लड़के से चुदने के लिए हामी भर दी, हाँ!

भाभी: लगता है वही गलती कर दी। छुप करके रहना पड़ता है! किसी को बता नहीं सकते की हम पति-पत्नी हैं, पर छुपा भी नहीं सकते क्यूंकि ये बात पता भी चल जायेगी। वैसे रीताजी उनकी बीवी हैं न?

आभा: नहीं दीदी (वैसे मैं आपको माँ जी बुलाया करुँगी!)। रीता रोहन भैया के गाँव की चाची लगेंगी। उनके मर्द ने रोहन भैया से पैसे उधर लिए थें। जब वो पैसे नहीं चूका पाए तो बदले में उनकी बीवी ही ले आये। दरअसल रीता पूरे गाँव में अपने बदन के लिए मशहूर थीं। सभी उसके बदन का भोग लगाना चाहते थे। रोहन भैया ने तरकीब निकाली की कैसे उनके निकम्मे पति को मजबूर करके रीता को शहर ले आएं। पहले उसे उधार दे दिया जो वो कभी चुका ही नहीं सकता था। जब उसने मन कर दिया तो बोला की उनके बिज़नेस में रीता काम कर सकती थी और ऐसे वो पैसे भी चुका देगी और घर पे भी अपने पति और बच्चे के लिए पैसे भेजा करेगी। रीता वैसे समझती थी पर उसकी भी इज्जत दांव पर थी सो वो तैयार हो गयी। गाँव में सबको ये कह दिया है की रीता उनके बिज़नेस में एक employee की तरह काम करती है। और पैसे कमाकर घर भेजती है। यहां उसे तीन साल से घर में रख-कर दिन-रात चोदते हैं।

भाभी: कैसी औरत है अपने पति और बच्चे को छोड़कर यहां नाजायज़ रिश्ते में रह रही है। और रोहन की वाइफ कहाँ रहती है?

आभा: माँ जी (हॅसते हुए)! वो रीता के आते ही घर छोड़ कर चलीं गयीं। उनसे एक बेटा था जो की विदेश में पढाई कर रहा है। औरतों के बदन ने कितने मर्दों का घर बर्बाद कर दिया! अब देख लो- सुनील भैया भी अच्छी जॉब करते हैं। कोई काम करने वाली से शादी करते, दोनों खूब कमाते और बहुत अच्छी जिंदगी जी सकते थे। पर आपके बदन के नशे में वो ऑफिस से आते ही आपसे चिपक जाते होंगे और फिर जब तक कल ऑफिस का समय नहीं होता होगा आपको चोदते होंगे। हैं ना, माँ जी?

भाभी: मैं भी काम कर सकती हूँ। पहले में जॉब करती थी। पर सुनील मुझे काम नहीं करने देता। मुझे बाहर अकेले निकलने तक को मना किया है।

आभा: माँ जी, सुनील भैया सही कर रहे हैं। बाहर वाले तो बाद में, रोहन भैया ही आपके फेर में पड़ जायेंगे अगर आप उन्हें दिखीं तो।

भाभी: तू भी ना!

आभा: माँ जी, आप बड़ी शर्माती हैं। रीता आपके ही उम्र की होगी पर वो एकदम खुली हुई है। मेरे सामने ही रोहन भैया उसे चूमते रहते हैं, और वो बिना किसी शर्म से उनके चिपकती है। आपको गर्व होना चाहिए की आपका देवर आपके बदन के नशे में ही सही आपके साथ रह के खुश है।
(आभा जब भी माँ जी बोलती जोर से बोलती, जिस-से मुझे सुनाई दे जाता। मुझे पता चल गया था की आभा को हमारे बारे में सब-कुछ पता चल गया था।)
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