RE: Nangi Sex Kahani नौकरी हो तो ऐसी
अब इधर फिरसे रावसाब रंग मे आ गये और उन्होने वकील बाबू की बेटी के बाल ज़रा एक साथ समेटे और एक हाथ मे पकड़ लिए, उसकी चूत मे जो वकील बाबू का हाथ था उसे निकाल दिया, और अपनी एक बड़ी उंगली उसकी चूत की फांको के बीच मे से चूत मे डाल दी और ज़ोर्से अंदर बाहर करने लागे उनकी गति बहुत ज़्यादा थी उस वजह से वकिलबाबू की बेटी ज़्यादा ही हिलने लगी, फिर रावसाब ने अपनी दूसरी उंगली और फिर मैं तो देखते ही रह गया, तीसरी उंगली भी उस फूली चूत मे डाल दी उस वजह से वकील बाबू की लड़की छटपटाने लगी, वैसेही रावसाब ने अपनी तीनो उंगलिया ज़ोर्से अंदर बाहर- अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…लड़की की साँसे बहुत ही तेज़ चलने लगी, वो अपने चरमा सीमा पर बहुत ही जल्दी पहुचने वाली थी, रावसाब ने और गति बढ़ाई और उंगलियो को अंदर तक डालने लगे…. वैसे ही मैने देखा लड़की सिकुड़ने लगी और उसकी चूत से पानी के 2-3 फवारे उड़े…फिर रावसाब थोड़े शांत हुए…. लड़की कुछ समझने की हालत से बाहर जा चुकी थी… उसकी हालत एक बकरी के जैसे हो गयी थी जो जंगल के शिकारी कुत्तो के जाल मे बुरी तरह फसि थी….
ये नज़ारा देख के कॉंट्रॅक्टर बाबू की आँखे और ज़्यादा चमकने लगी, उन्होने वकील बाबू की लड़की को अपने तगड़े और काले हाथो से रावसाब की गोद से आराम से और चुपके से उठाया और अपनी गोद मे ले लिया, जैसे के वो मेरे बाजू मे ही बैठे थे.. जैसे ही उन्होने वकील बाबू के लड़की को हाथो मे उठा कर अपनी गोद मे रखा तो, उसकी कोमल गांद का स्पर्श मेरी पीठ को हुआ और मेरे अंग अंग मे एक लहर दौड़ गयी….. मेरी हालत तो भीगी बिल्ली जैसी थी… मैं इधर कुछ भी नही कर सकता था…. अभी कॉंट्रॅक्टर बाबू पूरी तैय्यारि के साथ वकील बाबू की बेटी की गीली मुलायम चूत चोदने के लिए तैय्यार होने लगे, और ये सोच सोच के पागल हुए जा रहे थे, उन्होने अपने लंड की चमड़ी सूपदे से पीछे की…. और वो अब निशाना साधने के लिए तैय्यार थे..
तभी मैने देखा बाहर कुछ ज़्यादा ही प्रकाश दिखने लगा, मैने थोड़ा खिड़की से बाहर झाँक के देखा तो मैने देखा कि वो प्रकाश कही और से नही बल्कि जिस मदिर मे जा रहे थे वहाँ से आ रहा था इसका मतलब मंदिर आ गया था… कॉंट्रॅक्टर बाबू ने जब ये समझा तो उनका तो केएलपीडी(खड़े लंड पे डंडा) हो गया… दोस्तो कहानी अभी जारी है
क्रमशः………………………………
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