RE: Nangi Sex Kahani सौतेली माँ से बदला
मैं थोड़ा साइड हो गया.. !! क्यूंकी, सीधा लण्ड पेलने से जितना मज़ा नहीं आता.. !! साइड होकर, चोदने में उतना ज़्यादा मज़ा आता है.. !! इस से, लण्ड फ़ुद्दी के अंदर साइड की दीवारों को रगड़ रगड़ के भीतर घुसता है.. !!
इसी स्टाइल में, मैंने उसके उसकी चूत को एक बूब्स को पकड़ के ज़ोर से दबाते हुए, तेज़ी से चोदने लगा…
बीच बीच में, मैं उसके चूत के बालों को ज़ोर से खींच देता और गाण्ड पर थप्पड़ मार देता।
जिस कारण, गुलबदन चीख पड़ती – ह ई ई ई ई आा आ अ ट तत्त आ आ र र हू ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ आ आ आ आा आ आ आअ ह ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई इ माआ आ आ आअ…
कुछ देर बाद, गुलबदन की आँखें बंद होने लगीं और वो बिहोश सी होने लगी तो मैंने उसे बेड पर लिटा दिया।
फिर, उसके साइड में लेट गया और उसे किस करने लगा.. !!
उसकी हालत खराब हो गई थी, इस तरीके से चुदाई करने से।
मैंने उसके बूब्स को सहलाते सहलाते पूछा – क्या हुआ, बेबी… ?? इतने में, ही थक गईं.. !!, अभी तो, सब कुछ बाकी है…
ये सुनकर, गुलबदन ने कहा – आज तक, वसीम से इतना चुदवाया… मगर, मैं कभी थकी नहीं… जब उसने, मुझे पहली बार चोद के मेरी सील तोड़ी थी तब भी, इतना दर्द नहीं हुआ था, जितना अभी हो रहा है… वसीम, ठीक कहता था… तुम से चुदवाना, कितना रिस्की है… मैं तो सोच रही हूँ, जब तुमने गुलनार को चोदा, तब उसकी चूत की सील भी नहीं टूटी थी… उसकी, क्या हालत हुई होगी… आज तक, वसीम ने मुझे जब भी चोदा है, सीधा लिटा के या तो फिर घोड़ी बना के चोदा है… मगर, तुम तो ऐसी ऐसी स्टाइल में चोद रहे हो, जिसके बारे में मैंने सिर्फ़ ब्लू फिल्म में देखा है और वो भी विदेशी लोगों की…
मैंने कहा – अगर किसी को चोदना है तो उसे भी पता चलना चाहिए की वो किसी मर्द से चुदवा रही है… चुदाई के टाइम, अगर लड़की के आखों में से चीख चीख के आँसू नहीं निकले तो फिर वो चुदाई कैसी…
मैं उसके जीभ को चाट रहा था और चूत के दाने को रगड़ रहा था।
गुलबदन की बड़ी बड़ी चूचियों को, मैने चूस चूस के लाल कर दिया था।
गुलबदन मेरे लण्ड का मूठ मार रही थी.. !! .. !!
फिर, मैंने उसे उठा के अपने ऊपर लिटा दिया और मैं उसे लीप किस करने लगा।
उसके गाण्ड के दोनों चुत्तड़ों को भी मैं लगातार दबा रहा था.. !!
फिर, मैंने उसकी गाण्ड को फैला के उसके छेद में उंगली डालने लगा।
थोड़ा सा चूत का पानी लेकर, उस छेद में लगा दिया और उंगली डाल के चोदने लगा.. !!
उसके बाद, उसी पोज़िशन में मैंने गुलबदन की चूत का मुँह खोल के उसमें लण्ड को घुसा दिया और नीचे से चोदने लगा।
जैसे ही लण्ड, फ़ुद्दी के अंदर गया गुलबदन फिर से चिल्ला ने लगी.. !! लेकिन, मैंने उस को अनदेखा करते हुए, ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.. !!
उसके मुँह में मैंने ज़ुबान घुसा दी थी.. !! जिस से, उसकी आवाज़ बाहर तक सुनाई ना दे.. !!
मैं उसकी गाण्ड को पकड़ के चोद रहा था…
तेज़ चुदाई करने के लिए, मैंने अपनी दोनों टाँगों को आधा मोड़ दिया था.. !! जिस से, मुझे नीचे से अपनी गाण्ड उछाल उछाल कर चोदने में आसानी हो रही थी और नीचे से जब में लण्ड पेलता तो उसका वजन दुगना हो जाता.. !! जिस कारण, लण्ड चूत के अंदर फ़चक फ़चक… की आवाज़ करते हुए, तेज़ी से घुसता है.. !!
अब मैंने उसे घोड़ी बनाया।
उसकी गाण्ड के छेद में ढेर सारा थूक लगाया और अपने लण्ड को चूत के रस से लपा लप भीगा दिया।
उसके बाद, लण्ड को छेद के मुँह पर रख दिया।
फिर गाण्ड को दोनों साइड में फैला कर, एक ही झटके में पूरा अंदर घुसा दिया और बिना रुके तेज़ी से चोदने लगा।
ऐसा करने से, गुलबदन तड़प उठी और चीखने लगी – ओह मयययययययययी इ ई ई ई ई ई ई ई… गंद्ड फत्त्त टटटटट तत्त गा ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई… ई ई ई ई इ ई ई ई ई ई ई ई ई ऊ ऊ ऊ ऊ नाआ आअ तत्त टटटट तत्त ऊ ऊ ऊ हआ आ आ आहह ही ई ई माआ आ आ आ…
मैं उसके बालों को हाथ में लेकर, ज़ोर ज़ोर से गाण्ड को चोदने लगा।
वो, चिल्लाती रही और मैं उसे अनसुना करके चोदने में लगा था… …
लण्ड को गाण्ड से पूरा बाहर निकाल के, फाटक से अंदर डाल देता।
जैसे ही, लण्ड पूरा घुसता फाटक सी आवाज़ निकलती.. !! क्यूंकि, मेरी कमर उसके चूतड़ पर टकरा रही थी.. !!
उसी टाइम, उसके मुँह से भी – अहह ओह ष्ह… की आवाज़ निकलती।
फिर, मैं उसका गला पकड़ के चोदने लगा। तब तक करीब 10-15 मिनट हो गये होंगें, हमारी चुदाई को।
उसके बाद, दोनों बूब्स को पकड़ के चोदने लगा।
मैं दोनों निपल्स को मसल मसल के चोद रहा था.. !! उसके बूब्स, बहुत ही बड़े बड़े थे.. !! जिनको, मसलने में बहुत मज़ा आता था.. !!
करीब 15-18 मिनट के बाद, मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया।
मैं उसके सीने के ऊपर बैठ गया और दोनों चूचियों के बीच लण्ड डाल के चोदने लगा। गुलबदन ने चूचियों को पकड़ रखा था।
मैंने उसके सिर के नीचे एक पिल्लो रख दिया था ताकि जब मेरा लण्ड बूब्स के आर पार हो तो सीधे उसके मुँह में घुस जाए.. !!
गुलबदन भी अपना मुँह खोल के ज़ुबान से लण्ड को चाट रही थी और फिर चूस रही थी।
ऐसे ही करीब 2-5 मिनट करने के बाद, मैं उसकी टाँगों के बीच बैठ गया.. !!
अब फिर से, मैं उसकी चूत चाटने लगा।
7-8 मिनट चूत चाटने के बाद, वो झड़ गई.. !!
उसके बाद, मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और लण्ड को चूत के दाने में रगड़ने लगा…
गुलबदन बोली – ये क्या कर रहे हो… डाल दो, अंदर जल्दी…
मैंने बिना कुछ कहे, लण्ड को चूत के अंदर पेल दिया।
इस हरकत से, गुलबदन थोड़ा हिल गई।
वो कुछ बोले, इस से पहले मैंने उसके मुँह में उंगली डाल दी.. !! जिसे, वो चूसने लगी.. !!
चोदते टाइम उसके चूत के काले लंबे बाल भी, लण्ड के साथ अंदर घुस रहे थे.. !! उसमें से, कुछ टूट भी जाते थे.. !!
एक उंगली से, मैं चूत के दाने को ज़ोर ज़ोर से रगड़ रहा था.. !!
उस से गुलबदन और तेज़ी से अपनी गाण्ड उछाल उछाल के मेरे लण्ड को अपनी चूत में ले रही थी…
उसकी चूत, बहुत गरम थी… …
अंदर जब मेरा लण्ड जा रहा था.. !! तब, ऐसा लग रहा था के जैसे मेरे लण्ड को किसी ने गरम पानी में डाल दिया हो.. !!
एक बात बताना चाहता हूँ – जब मैं, उसको चोद रहा था उसके साथ साथ मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.. !! क्यूंकि, गुलबदन चुदवाने में एकदम एक्सपर्ट थी.. !!
वो भी, मेरा साथ दे रही थी।
उसने मेरे चेहरे पर किस की बारिश कर दी थी.. !! .. !! .. !!
उसके हाथ, मेरी पीठ को सहला रहे थे और नाख़ून भी गड़ा रहे थे।
फिर 10-12 मिनट के बाद, मुझे लगा के मेरा निकलने वाला है तो मैंने गुलबदन से पूछा के वो मेरा मूठ कहाँ लेना चाहेगी…
उसने कहा के सारा का सारा, मेरे चूत में भर दो…
जैसे ही, मेरे लण्ड से पानी निकलने का टाइम पास आ रहा था, मेरी चुदाई की स्पीड डबल हो गई.. !!
मुझे भी पता नहीं चला के मैं कैसे इतनी तेज़ी से चोद रहा हूँ.. !!
गुलबदन, मेरी जीभ को अपने ज़ुबान से चूस रही थी और मुझे कस के अपनी बाहों में जकड़ कर रखी थी.. !! क्यूंकि, वो भी झड़ने वाली थी.. !!
फिर, 15-20 धक्के के बाद हम दोनों चीखते चिल्लाते झड़ गये.. !!
मेरा तो हर एक बूँद के साथ जिस्म अकड़ रहा था.. !! क्यूंकी, ये चुदाई थोड़ी ज़्यादा लंबी हो गई थी.. !!
बीच में, जब भी मुझे ऐसा लगता के मेरा निकलने वाला है तो मैं लण्ड को बाहर निकाल कर रुक जाता और गुलबदन को किस करने लगता।
ऐसा मैंने बहुत बार किया तो इसीलिए जब मैं झड़ गया तो मेरी हालत पतली हो गई थी.. !!
गुलबदन हर एक झटके के साथ हाँफ हाँफ के कह रही थी – अ ह ह म्म्म म मा आ आ आ आ आ आ अ ष्ह ओह आ आ आ तत तत्त आ ईईल्ल्ल्ल्ल् ल्ल्ल्ल यआ आहहह… ऐसा लग रहा है, जैसे किसी ने मेरे चूत के अंदर गरम तेल दल दिया हूऊ ऊ ऊ… तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी… क्या स्टाइल और तकलीफ़ दे दे के चोदते हो… अगर, ऐसी चुदाई पहली बार, जब मेरी सील टूटी थी, उस टाइम हुई होती तो शायद मैं बेहोश हो जाती और कम से कम 2-3 हफ्तों तक बेड से उठ नहीं पाती… मगर, अच्छा लगा तुमसे चुदवा के… ये एक अनोखी चुदाई है… मैं इसे, जिंदगी भर नहीं भूलूंगी… तुम एकदम उस्ताद हो के कैसे लड़की को हिट किया जाए और तडपा तडपा के चोदा जाए…
उसकी सांस, फूल गई थी… ज़ुबान, लड़खड़ा रही थी… उसकी चूत लाल हो गई थी और गाण्ड का छेद भी बड़ा हो गया था…
मैंने कहा – मुझे भी तुम्हें चोदने में बहुत मज़ा आया… तुम भी तो जानती हो, कैसे लड़कों को गरम किया जाए… सारी लड़कियाँ चुदवाती हैं, किसी ना किसी से… मगर, उनमें से बहुत कम ही लड़कियाँ होती हैं जो चुदवाते टाइम लड़कों को मज़ा देती हैं और खुद भी मज़ा लेती हैं…
हम दोनों बेड पर, एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे.. !!
गुलबदन मेरे सीने पर हाथ चला रही थी।
कुछ देर बाद, हम दोनों फ्रेश हो के घर के अंदर चले गये।
गुलबदन लड़खड़ा के चल रही थी।
अंदर जाते ही, मैं वसीम के कमरे में चला गया।
मैं उस से बात कर ही रहा था की तब सलमा कमरे में आई।
उसने मुझे गुलबदन की चुदाई के बारे में पूछा – कैसा रहा, गुलबदन के साथ… मुझे पता था, जहाँ मेरी इतनी हालत खराब हो गई थी… गुलबदन तो फिर भी बहुत छोटी है… वो तो, ठीक से चल भी नहीं पा रही है… जब, मैंने उसे पूछा के क्या हुआ तो उसने बताया के वो तुम्हारे साथ थी… इतने में, मैं समझ गई वो क्यूँ लड़खड़ा रही है…
वसीम ने कहा – अभी गुलबदन कहाँ है… ??
तो सलमा ने जबाब दिया के वो, अभी अपने कमरे में आराम कर रही है…
फिर, मैं और वसीम वहां से उठ कर चले गये…
हम दोनों, घर की तलाश में लग गये.. !! .. !! .. !!
इसी के साथ कहानी यहीं समाप्त हुई.. ..
समाप्त
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