RE: non veg story किरण की कहानी
किरण की कहानी पार्ट--3
लेखक-- दा ग्रेट वोरिअर
हिंदी फॉण्ट बाय राज शर्मा
गतांक से आगे........................
रात के ऑलमोस्ट 10:30 हो गये थे मुझे अभी भी नीचे से मम्मी डॅडी और सुनील की बातों की आवाज़ें आ रही थी. मैं आते ही अपने बेड पे लेट गई और मेरा हाथ ऑटोमॅटिकली मेरी सलवार के अंदर चूत पे चला गया और मैं अपनी चूत को सहलाने लगी चूत से खेलने लगी. जब देखा के मेरी चूत पे थोड़ी थोड़ी झातें उग आई है वैसे तो मैं एवेरी वीक अपनी झातें सॉफ करती हू अभी 3 ही दिन हुए थे मुझे झातें सॉफ किए हुए और अब हल्की हल्की सी महसूस हो रही थी तो मैं बाथरूम मे गई और क्रीम लगा के बची कूची झटों को सॉफ कर दिया अब मेरी चूत मक्खन जैसी चिकनी हो गई थी. मैं वापस बेड पे आके लेट गई कमरे की बिजली बंद करदी और अंधेरे मे ही एक बार फिर से अपनी चूत को सहलाने लगी अब चूत एक दम से मक्खन की तरह चिकनी हो चुकी थी. ठंड बढ़ चुकी थी और मैं ब्लंकेट तान कर लेट गई और अब अंधेरे मे मुझे मसाज करने मे बोहोत मज़ा आ रहा था. लड़कियाँ एस्पेशली कॉलेज जाने वाली लड़किया जानती हैं के सर्दी की रात हो और चूत मक्खन जैसी चिकनी हो तो चूत से खेलने मे और मसाज करने मे कितना मज़ा आता है और मैं भी अपनी चूत का मसाज करने लगी और मसाज करते करते मेरी उंगली तेज़ी से चलने लगी कभी उंगली चूत के सुराख मे अंदर डाल के और कभी क्लाइटॉरिस का मसाज कर रही थी और फिर सडन्ली मेरा हाथ तेज़ी से चलने लगा और बदन काँपने लगा और फिर मेरा लावा फिर से उबलने लगा और चूत मे से जूस निकलने लगा. मेरी आँखें बंद हो गई दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था और दिमाग़ मे साय सायँ सी होने लगी और मस्ती मैं आ जाने मे कब सो गई.
मुझे अपनी चूत पे किसी का हाथ महसूस हुआ तो मेरी आँख खुल गई. पता नही कितनी रात हो गई थी मेरी आँख खुली और मुझे होश आया तो समझ मे आया के वो सुनील है. मैं उस से लिपट गई और हम दोनो फ्रेंच किस करने लगे एक दूसरे की ज़बान को चूस रहे थे उसका एक हाथ मेरी चूत पे आ गया और वो मेरी चूत का मसाज मेरी सलवार के ऊपेर से ही करने लगा. मुझे चूत मे गर्मी महसूस होने लगी और गीली भी होने लगी. मैं ने हाथ बढ़ा के उसके लंड को पकड़ा तो पता चला के वो तो पूरा का पूरा नंगा लेटा है मैं उसका नंगा पन महसूस कर के मुस्कुरा दी और उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ के दबाने लगी. हम दोनो चित्त लेटे थे. उसका हाथ
अब मेरी सलवार के अंदर घुस चुका था उसने सलवार का स्ट्रिंग खोल दिया था और चूत को मसाज कर रहा था मेरी चिकनी चूत पे उसका हाथ बोहोत अछा लग रहा था.
वो अपने जगह से उठा और मेरी शर्ट को मेरा हाथ उप्पेर कर के निकाल दिया और मेरी टाँगों को खोल के टाँगों के बीच मे आ के बैठ गया और मेरी सलवार को नीचे खीच के उतारने लगा तो मैं ने अपनी चूतड़ उठा दी और सलवार निकालने मे सहयोग किया. अब हम दोनो नंगे थे और कमरा अंधेरा था घर के सारे लोग सो चुके थे मैं ने पूछा क्या टाइम हुआ है तो उसने बताया के रात का 1 बज रहा है और सर्दी के मारे मेरे मम्मी डॅडी ब्लंकेट तान के अपने कमरे मे कब के सो चुके हैं. सुनील मेरे ऊपेर ऐसे ही लेट गया उसका आकड़ा हुआ लंड जिस्मै से प्री कम निकल रहा था मेरी चूत के ऊपेर था हम दोनो के बदन के बीच मे. उसका लंड और मेरी चुचियाँ दोनो सॅंडविच बन गई थी. हम दोनो किस्सिंग मे बिज़ी हो गये. मेरी चूत के ऊपेर उसका लंड लगने से चूत मे खुजली शुरू हो चुकी थी और गीली भी हो चुकी थी. वो मेरी चुचिओ को मसल रहा था और किस्सिंग कर रहा था. उसका लंड मेरे चूत के लिप्स के बीच मे “हॉट डॉग” के सॅंडविच की तरह से फँसा हुआ था. लंड के डंडे का लोवर पोर्षन मेरी चूत को खोल के लिप्स के बीच मे था. लंड के डंडे का निचला भाग क्लाइटॉरिस से टच कर रहा था तो और मज़ा आ रहा था. अब उसने मेरे चुचिओ को चूसना शुरू कर दिया जिस से मेरे बदन मे बिजली दौड़ना शुरू हो गई और मुझे लग रहा था के सारे बदन से बिजली दौड़ती हुई चूत मे आ रही है जैसे मेरी चूत बिजली का न्यूक्लियस हो या सेंट्रल पॉइंट हो.
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