RE: non veg story किरण की कहानी
मेरा बोहोत मन कर रहा था के मैं उसकी मक्खन जैसे चूत को सहलाऊं मसाज करू और उसकी चूत को चूम लू पर अपने आपको रेज़िस्ट कर लिया ऐसा करने से. मैं बस उसके थाइस की ही मालिश कर रही
थी डॉली से पूछा के कैसा लग रहा है तो उसने कहा के बोहोत अछा लग रहा है आंटी थोडा सा और ऊपेर तक दरद हो रहा है और उसने अपनी चूत के करीब तक (ऑलमोस्ट ज्झांग तक) हाथ रख के बताया के ऑलमोस्ट यहा तक दरद हो रहा है तो मैं और ज़ियादा ऊपेर तक मालिश करने लगी. उसके थाइस बोहोत ही वंडरफुल थे कियों के वो डॅन्स सीख रही थी और डॅन्स क्लासस अटेंड करती थी. मालिश करते समय मेरे चुचियाँ आयेज पीछे हो रहे थे तो डॉली उनको गौर से देख रही थी. मेरी नज़र डॉली पे पड़ी के वो मेरी चुचियाँ देख रही है तो मैं ने मुस्कुराते हुए पूछा क्या देख रही हो डॉली तो वो शर्मा गई और कहा के यह मुझे आछे लग रहे है पता नही मेरे कब इतने बड़े होगे तो मैं ने कहा फिकर ना करो जल्दी ही हो जाएगे 2 या 3 साल मे ही बड़े हो जाएगे तो उसने कहा और क्या क्या होगा मेरे बदन मे तो मैं ने उसके मोसंबी जैसे चुचिओ को पकड़ के कहा के यह बड़े हो जाएँगे इतने बड़े के पूरे हाथ मे समा जाए और उसकी चूत पे हाथ फेरते हुए कहा के इसके ऊपेर बॉल भी आ जाएगे. मेरा हाथ उसकी चूत पे लगते ही उसके मूह से एक आआअहह निकल गई तो मैं ने कहा क्या हुआ डॉली क्या दरद हो रहा है तो उसने कहा नही आंटी आप के यहा हाथ रखने से बोहोत अछा लगा और मुझे बोहोत मज़ा आया तो मैं हंस पड़ी और उसकी चूत को अपने पूरे हाथ मे पकड़ के दबा दिया तो उसने फिर से सिसकारी ली तो मैं समझ गई के यह लड़की बोहोत ही गरम है और जवानी मे तो कयामत बन जाएगी.
थाइस पे मालिश करते करते मेरे अंगूठे (थंब्स) उसकी चूत के मोटे मोटे लिप्स तक आ रहे थे और जब भी अंगूठा उसकी चूत से टकराता तो वो अपना चूतड़ उछाल देती और सिसकारी लेती मैं ने पूछा क्या हो रहा है तो बोली के बोहोत मज़ा आ रहा है आंटी अब थाइस को छोड़ के यही पे करो ना मालिश. मुझे भी अपने स्कूल के टाइम का अपनी क्लासमेट श्रुति के साथ चूतो से खेलना और 69 पोज़िशन मे एक दूसरे की चूतो को चाटना याद गया तो मैं सब कुछ भूल के डॉली की चूत का मसाज करने लगी और अपनी उंगलिओ से उसकी कोलिटोरिस को मसल्ने लगी तो उसके मूह से बस सिसकारियाँ ही निकल रही थी. मैं ने डॉली के टाँगों को पकड़ के थोडा और अपनी तरफ खेचा तो उसके लेग्स और खुल गये और चूत थोड़ा ऊपेर उठ गई और कुछ और करीब आ गई तो मैं झुक के उसकी चूत को किस करने लगी. मेरा लिप्स उसकी चूत पे लगते ही उसके मूह से एक चीख सी निकल गई और उसने मेरे सर पे हाथ रख लिया और आफ़ि चूतड़ उछाल के मेरे मूह पे चूत को रगड़ा. मैं ने अपने दोनो हाथ उसकी
चूतदो के नीचे रख के उसकी चूत को और उठाया और उसकी चिकनी चूत के अंदर ज़बान डाल के उसकी मक्खन जैसी चिकनी चूत को चाटने लगी. उस समय मैं अपने आप को वोही 9थ 10थ मे पढ़ने वाली लड़की समझ रही थी और डॉली को अपनी क्लास मेट श्रुति समझ रही थी और यह कंप्लीट्ली भूल गई थी के मैं एक शादी शुदा औरत हू और डॉली से काफ़ी बड़ी हू. पर उस समय मुझे याद था तो बॅस श्रुति का मेरे बेड मे रहना और एक दूसरे की चूतो को चाटना. अपने आप को छोटी 9थ 10थ की किरण समझते हुए और नीचे लेटी हुई डॉली को श्रुति समझते हुआ मैं पलट गई और अपनी चूत को डॉली के मूह पे रख दिया और उसके गंद के नीचे हाथ रख के उसकी चूत को तोड़ा ऊपेर उठा लिया और उसकी छोटी सी मक्खन जैसी चूत को चूसने लगी और उसने मेरी चूत मे अपनी छोटी से ज़बान डाल दी और मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया. मेरे बदन मे मस्ती छाई हुई थी और मैं जितनी तेज़ी से अपनी चूत उसके मूह से रगड़ रही थी उतनी ही तेज़ी से उसकी चूत को भी चूस रही थी और अपनी ज़बान उसकी चूत मे डाल के ऊपेर से नीचे और नीचे से ऊपेर और पूरी चूत को मूह मे ले के काटने लग ती उस ने अपनी चूतड़ उछाल के मेररे मूह मे चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ना शुरू कर दिया और वो जोश मे मेरी चूत ज़ोर ज़ोर से चाटने और चूसने लगी और मेरे बदन मे एक बिजली सी दौड़ने लगी मैं काँपने लगी और मुझे महसूस हुआ के अब मेरा जूस निकलने वाला है और मेरा बदन हिलने लगा और मेरी चूत मे से जूस निकलने लगा जिसे डॉली मज़े ले ले के पीने लगी और एक ही सेकोन्स मे डॉली काँपने लगी और उसकी चूत मे से भी शाएद पहला जूस निकल पड़ा कियॉंके उसकी चूत भी बोहोत ही सॉल्टी हो गई और उसकी आँखें बंद हो गई थी उसकी चूत से बोहोत ज़ियादा जूस निकला. मैं उसके ऊपेर ऐसे ही लेटी रही थोड़ी देर फिर जब मुझे होश आया तो पलट के उसके बाज़ू मे सीधा लेट गई और कहा के सॉरी डॉली पता नही मुझे क्या हो गया था मुझे तुम्हारे साथ यह सब नही करना चाहिए था तो उसने कहा नही आंटी आप ऐसा कुछ मत सोचिए.
क्रमशः..................
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