non veg story वो जिसे प्यार कहते हैं
06-27-2018, 11:39 AM,
#3
RE: non veg story वो जिसे प्यार कहते हैं
बिना कोई हरकत किए राजेश एक पत्थर की तरहा बिस्तर पे लेटा रहा, उसकी मुखाक्रुति पे कोई भाव ना था. रात के ढाई बज चुके थे अल्साते हुए वो उठा और बेड के नीचे से एक ट्रंक निकाल कर उसमे से एक डाइयरी निकाल ली.

डाइयरी में एक लिफ़ाफ़ा था, उसमे से फोटोस निकाल कर बिस्तर पे बिखेर दी.और दुखी नज़रों से उन फोटोस को देखने लगा. ये फोटो उसकी जिंदगी के सबसे खूबसूरत हिस्से को बयान करती थी. इन में उसके साथ सॉनॅक्षी थी, एक हसीन लड़की जिसके साथ कितने ही सुनहरे पल उसने अपने कॉलेज की जिंदगी में गुज़ारे थे. आज भी जब वो पल उसे याद आता है तो उसकी आँखें भर आती हैं. सॉनॅक्षी उसे अपने पिता से मिलाने ले गई थी. मिलते ही उसके पिता ने सीधा उसके सपनो में अपनी कुल्हाड़ी चला दी.


“ह्म्म तो तुम मेरी बेटी से शादी करना चाहते हो, बेटा सॉनॅक्षी जैसी होनहार लड़की के लिए रिश्तों की लाइन लगी पड़ी है – अगर तुम मुझे 10 लाख का अपना बॅलेन्स दिखा सकते हो तो मैं आज ही तुम्हारी शादी उस से करने को तयार हूँ, वरना जब तुम्हारे पास इतना हो जाए तब मुझ से बात करना- नमस्कार’ कह कर मुझे चलता कर दिया. 

जब मैं अपनी एमबीए कर के वापस पहुँचा तो सॉनॅक्षी से मिलने की बहुत कोशिश करी, तब पता चला कि एक साल पहले ही उसकी शादी किसी एनआरआइ से हो गई थी. वक़्त का चकरा घूमता रहा और राजेश खुद को संभालने की कोशिश करता रहा. 
सॉनॅक्षी के जिंदगी से जाने के बाद की जिंदगी तो पछतावे और गुस्से में ही गुज़री. 

देल्ही छोड़ के वो मुंबई आ गया एक नयी दुनिया में जीने के लिए.

वो पहले की तरहा एक विद्रोही जिंदगी जीना चाहता था. आज वो दुविधा में फसा हुआ था – अपनी नौकरी बचाए या उस अंजान लड़की से शादी करे.

अपनी फॅंटसीस के बारे में सोचते हुए वो कल्पनिनिक दुनिया में जीने की इच्छा करने लगा.

अब भी ईस्वक़्त हवा का कोई नामोनिशान ना था और उमस इतनी ज़यादा थी कि पसीना बहना रुक ही ना रहा था, अपनी शर्ट उतार के बिस्तर पे उछाल दी इस उमस भरी गर्मीी से कुछ राहत पाने के लिए. मान्सून अभी भी कुछ हफ्ते दूर था – बॅड टाइमिंग.



आज सॅटर्डे है, पाँच दिन गुजर चुके हैं और टारगेट के नाम पे एक पैसा तक नही आया, तलवार वहीं की वहीं लटक रही है, और राजेश के दिमाग़ में सिमरन को लेके जो दुविधाएँ मन में हैं वो बरकरार हैं उपर से उमस भरी जानलेवा गर्मी.

अपने माता पिता द्वारा किसी ऐसी लड़की से सगाई करना जिसे वो जानता नही था जो उसके लिए ‘राइट गर्ल’ नही थी काफ़ी व्यंग्यात्मक स्तिथि है, मॅट्रिमोनियल वेबसाइट में काम करते हुए ना जाने कितने प्रपोज़ल उसके पास आए थे, कुछ से बात आगे भी बढ़ी.

समस्या वहाँ खड़ी होती थी जब राजेश हर लड़की में वो सारे गुण देखना चाहता था, जो उसने सॉनॅक्षी में पाए थे. 

हर लड़की की तुलना वो सॉनॅक्षी से करता था.

कुछ लड़कियों के साथ तो डेटिंग से पहले उसने काफ़ी प्लॅनिंग करी. वो लड़कियों का पाँच अलग मापदंडो से मूल्यांकन करता था – रूप, अकल्मंदी,पढ़ाई/जॉब, स्वाभाव और दृष्टिकोण.

कहना बेकार है इन सभी मापदंडों में वो सबसे उत्तम की ही तलाश करता था. उसकी अपेक्षाएँ हमेशा युक्ति संगत नही होती थी इसलिए वो हमेशा निराश होता था.

मॅट्रिमोनियल वेबसाइट के द्वारा उसकी पहली मुलाकात राम्या से हुई एक साल पहले. फोटो में लड़की काफ़ी सुंदर दिख रही थी, जो उसकी पहली ज़रूरत थी.उपर से वो एयिर्हसटेस्स थी जो उसे एग्ज़ाइट कर रही थी.बिना टाइम वेस्ट किए उसने राम्या से मीटिंग फिक्स करने की कोशिश करी और राम्या मान भी गई.


राम्या का स्वभाव राजेश से एक दम उलट था. सीधी साधी जिंदगी को आज पे ले कर जीनेवाली, कोई प्लॅनिंग नही जैसे राजेश किया करता है.एक दम चुलबुली, नटखट टाइप,मजाकिया. और दिल खोल के ज़ोर ज़ोर से हँसने वाली. कुछ दिन दोनो को साथ ठीक ठाक रहा, शायद ऑपोसिट पोल्स एक दूसरे को खींचते हैं. 

दोनो वॅलिंटाइन वाले दिन भी मिले, पर दोनो में से किसी ने प्रपोज़ नही किया, शायद दूसरा पहल करे यही सोचते रहे. पहले तुम कहो, पहले तुम कहो, वाली स्तिथि राजेश सह नही पा रहा था , दिल ही दिल में शायद वो फ़ैसला कर चुका था कि राम्या के साथ टाइम तो पास किया जा सकता है पर वो शादी वाली योग्यताएं जो राजेश चाहता था उसमे नहीं हैं.

एक एयिर्हसटेस्स उसे अच्छी लगेगी जिस्मानी तौर पे ये राजेश जानता था, पर शायद दोनो ही इंटेलेक्चुयली कंपॅटिबल नही थे. शायद उसेके पास वो ज्ञान नही था जो उसे दिमागी तौर पे एक लेवेल पे ला सके और एक दूसरे को एक कर सके.

कितनी अजीब बात है, राजेश बाकी लोगों की तरहा लड़कियों को दो टाइप की समझने लगा एक टाइम पास जिसके साथ मोज मस्ती करी जा सके और एक शादी के लायक जो भावी बच्चों की माँ बनने का दायत्व निभा सके. राम्या उसके लिए पहली केटेगरी में आती थी. लड़कियाँ तो लड़कियाँ ही होती हैं, राजेश की अच्छी फ्लर्टिंग नेचर राम्या को भा गई और वो राजेश के नज़दीक आने लगी और राजेश भी बाकी मर्दों की तरहा ये समझने लगा शायद राम्या कुछ और आगे बढ़ना चाहती है. समीर ने राजेश को उकसाया और राजेश हद से आगे बढ़ने लगा – बस यहीं इन दोनो की दोस्ती ख़तम हो गई .

‘बेह्न्चोद – ये लड़कियाँ अचानक रूढ़िवादी क्यूँ हो जाती हैं’ राजेश ने शिकायत करी . पर उसे ये भी समझ में आया कि बाकी लोग जो वेबसाइट से मिलते हैं वो इसे सीरीयस लेते हैं .

उसके बाद कई लड़कियों से राजेश मिला, एक फॅशन डेज़ाइनर उसे अच्छी लगी पर साला ये मांगलिक वाली चीज़ बीच में आ गई. वो लड़की मांगलिक थी. राजेश ने एक पंडित से बात करी कुछ हल निकालने के लिए पर कोई फ़ायदा ना हुआ.

एक और लड़की जो बहुत बड़ी कंपनी में काम करती थी, उसे मिली और पहली ही मीटिंग में अपने इतिहास के बारे में सब कुछ बता दिया, उसका किसी के साथ ब्रेकप हो गया था. राजेश को अच्छा लगा कि उसने कुछ छुपाया नही पर वो लड़की शायद आज भी दिल ही दिल में उस लड़के का इंतेज़ार कर रही थी और राजेश दूसरा विक्रांत नही बनना चाहता था. विक्रांत के बारे में बाद में बात करेंगे.

आख़िर में एक लड़की जो उसे बहुत अच्छी लगी, उसे उसके माँ बाप ने रिजेक्ट कर दिया, क्यूकी वो राजेश से 6 महीने बड़ी थी और उनकी बहू बेटे से उम्र में बड़ी हो, ये उन्हें मंजूर नही था.

ये सब हादसे राजेश को अकेला करते गये जहाँ उसने ढूँढना बंद कर दिया और उसके माँ बाप ने उसे एमोशनली ब्लॅकमेल कर सिमरन के साथ सगाई कर दी.

राजेश की तरहा, समीर भी एक खोज में था, पर उसकी खोज अलग किस्म की थी. समीर उन लड़कियों और औरतों को ढूंढता था जिनके लिए एक छोटा मॉटा अफेर कोई बड़ी बात नही थी.

समीर, एक सीनियर जर्नलिस्ट वेबसाइट में, उन लड़कियों को ज़यादा महत्व देता था जिन्हे पटाना थोड़ा मुस्किल होता था, वो लड़किया उसके लिए एक चुनौती होती थी जिस से उसे मज़ा आता था. वह बड़े बड़े स्टोर्स में जहाँ ग्लॅमरस लड़कियाँ आती हैं वहाँ अपना शिकार तलाश किया करता है, और धीरे धीरे उस शिकार की पर्सनल जिंदगी में घुस जाया करता है. अपने आप को इस कार्य में वो माहिर समझता था . उसका कहना है जर्नलिज़म सबसे बढ़िया प्रोफेशन है अगर तुम सेलेब्रिटी फीमेल्स की चार दीवारी के भीतर घुसना चाहते हो. वो तुम्हे सर पे चढ़ाएँगी अच्छी पब्लिसिटी पाने के लिए. अब ये आदमी पे निर्भर करता है कैसे वो फ़ायदा उठा कर उन्हें अपने बिस्तर तक ले जाता है. सिर्फ़ एक ही तरीका है लड़कियों को डील करने के लिए – उन्हें सिड्यूस करो और तुम्हारे सारे रास्ते सॉफ हो जाएँगे.

समीर एक, शादी शुदा आदमी है , पर कोई भी ऐसा नही समझता उसे देख कर – चार्मिंग आत्लेटिक बॉडी, एकदम इन्फेकियियस, खिली हुई मुस्कान और उसके हर्वक़्त तयार फ्लर्टेशस कॉमेंट्स.

तीन साल हो गये शादी को अभी 30 साल ही क्रॉस किए हैं और अब भी कॉलेज रोमीयो की तरहा ही रहता है. लड़की को पटाने का कोई भी मोका नही छोड़ता.
आर्यन उसके लिए एक ही बात बोलता है – ये भाई साहिब तो आँखों ही आँखों में रेप कर दिया करते हैं लड़कियों का.

समीर कहता है उसकी आँखों में एक शक्ति है दूसरे को अपनी तरफ खींचने की. अगर ठीक आइ कॉंटॅक्ट बन जाए तो लड़की को बिस्तर तक ले जाने में कोई देर नही लगती.

अपनी बातें इतने कॉन्फिडेन्स के साथ करता है जैसे केवल उसके पास आँखें हैं और बाकी सब अंधें हैं.

कभी कभी तो उसका कॉन्फिडेन्स इतना ज़यादा होता है कि सबको यही कहता है – कोई लड़की उस से बच नही सकती. लड़कियों को वो सिर्फ़ संभोग की वस्तु समझता है – यही उसके बारे में सभी सोचते है.

लड़कियों के लिए अपनी कमज़ोरी को वो सिर्फ़ ये कह कर छुपाता था कि उसे सही पत्नी नही मिली, अगर कोई उस से ये पूछता कि क्या वो सही पति है अपनी पत्नी के लिए तो उसे गुस्सा आ जाता. जो भी वो करता था, उसका एक ही मानना था कि सारी छूट सिर्फ़ उसके लिए ही है, उसकी पत्नी के लिए नही.

राजेश को समीर की इन हरकतों पे काफ़ी गुस्सा आता था और वो उसे छुपाता भी नही था समीर के मुँह पे बोल दिया करता था .अगर उसके इन व्यभिचारी इच्छाओं को छोड़ दिया जाए तो ऑफीस में सबसे बढ़िया इंसान वो ही था. मुश्किल हालातों में भी सबको हँसा के रखता था.

समीर और आर्यन दोनो ही एक दूसरे के विपरीत हैं. आर्यन, अकाउंट्स का हेड, सीधा साधा इंसान जो अपने काम और अपनी दोस्ती दोनो को ही सीरियस्ली लेता है. आर्यन का कहना है कि किसी भी रिश्ते में प्राब्लम तभी आती है जब आप दूसरे से उसकी क्षमता और अपेक्षाओं से अधिक की इच्छा करें. आदमियों के साथ ये समस्या हमेशा रहती है – सारी जिंदगी वो – राइट गर्ल – की तलाश में रहता है – जबकि जो लड़की तुम्हे मिलती है – जिससे तुम्हारी शादी होती है – वोही राइट गर्ल – है तुम्हारे लिए. आर्यन की शादी को अभी एक साल भी नही हुआ है . उसने त्रिवेणी से लव मॅरेज करी है और, त्रिवेणी को पुराने ब्रेकप की दुखी यादों से बाहर निकालने में काफ़ी मदद की है.उसके टूटे हुए दिल को अपने प्यार से सींचा है.
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg story वो जिसे प्यार कहते हैं - by sexstories - 06-27-2018, 11:39 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 10,907 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 5,213 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 3,634 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,752,880 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 576,849 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,341,830 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,026,174 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,802,370 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,204,262 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,164,837 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)