Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
05-18-2019, 01:13 PM,
#80
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
अक्कू ने अपने गोरे चिकने पर भारी और मज़बूत चूतड़ों से मेरे हाथों में अपने लंड को धकेलने लगा। मैं अब उसका लंड और भी तेज़ी से सहलाने लगी। उसका गुलाबी मोटा सा सुपाड़ा [ तब मुझे इस सबका नाम नहीं पता था ] बहुत प्यारा लगा और मैंने उसे दो तीन बार चूम लिया। अक्कू ने ज़ोर से सिसकारी मारी। अब तक मैं समझ गयी थी ऊंची सिसकारी का मतलब था कि अक्कू को और भी अच्छा लग रहा था। 

मैंने दोनों हाथो से सहलाते हुए अक्कू के सुपाड़े को लगातार चूमती रही। 

अक्कू के मुंह से वैसी की आवाज़ें निकल रहीं थी जैसी एक बार मम्मी के कमरे से मैंने सूनी थीं। जब मैंने मम्मी से डर कर पूछा कि, "डैडी आपको दर्द कर रहे थे," मम्मी ने मुझे प्यार से चूम कर कहा ," नहीं पगली वो तो मुझे प्यार कर रहे थे। "


फिर मम्मी ने मुझे समझाया, "सुशी बेटा जब बड़े लोग, यानी मम्मी डैडी जैसे दो बड़े लोग, प्यार करते हैं तो उन्हें जब बहुत अच्छा लगता है तो उनके मुंह से कई तरह की आवाज़ें निकलती हैं। इसी तरह के प्यार से तो डैडी ने तुम्हें और अक्कू को मेरे पेट में बनाया था। "

यह बात अचानक मुझे समझ आ गयी। मैंने अक्कू के सुपाड़े को औए भी ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया। मेरे हाथ और मुंह थोड़ा थकना शुरू हो गये थे पर मैं अपने छोटे भईया के लिए कुछ भी कर सकती थी। 

लम्बी देर के बाद अक्कू ने ज़ोर से कहा , "दीदी अब तो और भी अच्छा लग रहा है। दीदी प्लीज़ अब मत रुकियेगा। " मैं तो रुकने की सोच भी नहीं रही थी। 

अचानक अक्कू के लंड ने हिचकी जैसे ठड़कने मारी और तीन चार ऐसे ठड़कने के बाद अचानक उसके सुपाड़े से एक सफ़ेद पानी की धार निकल कर मेरे मुंह पैर फ़ैल गयी। मैं चौंक कर थोडा पीछे हो गयी। मुझे लगा कि शायद अक्कू का पेशाब निकल पड़ा। पर मैंने अक्कू को कितनी बार पेशाब कराया था और मुझे उसके लंड से निकलते सफ़ेद धार बिलकुल पेशाब की तरह नहीं लगी। मुझे अक्कू के पेशाब की सुगंध तो बहुत अच्छे से याद थी पर इस धार की सुगंध तो बिलकुल अलग थी। 
अक्कू ने लंड से ना जाने कितनी ऐसी धार उछल कर मेरे मुंह, हाथों और छाती पर फ़ैल गयीं। 

अक्कू का चेहरा लाल हो गया था और मुहे और भी सुंदर लगने लगा। उसके चेहरे पर इतनी खुशी थी कि मैंने निश्चय कर लिया कि मैं उसे रोज़ नहलाऊंगीं और उसके लंड को इसी तरह सहला कर अक्कू के लंड से दूसरी तरह का पेशाब निकालूंगीं। 

"दीदी, आपने कितना अच्छा लगवाया। थैंक यू दीदी ," अक्कू ने प्यार से मुझे चूम लिया। 

"अक्कू अब कभी भी दीदी से कुछ नहीं छुपाना। तुम्हारे बिना मुझे बुरा लगता है ," मैंने अक्कू को प्यार से चूमा। 

"प्रॉमिस दीदी," अक्कू ने मुझे कस कर भींच लिया। फिर मैंने एक बार फिर, अनेकों बार जैसे, अपने छोटे भाई को ध्यान से नहलाया। 

जब मैं अक्कू को सुखा रही थी तो मैंने कहा ," अक्कू मम्मी ने मुझे आखिरी साल बताया था कि जब वो और डैडी एक दुसरे से प्यार करतें हैं तो उनकी भी तुम्हारी तरह आवाज़ निकलती है। आज रात को हम दोनों मम्मी डैडी को प्यार करते हुए देखेंगें। ठीक है ? फिर मैं तुम्हें और भी "अच्छा" लगा सकतीं हूँ। " अक्कू ने हमेशा की तरह दीदी का नेतृत्व स्वीकार कर लिया। 

रात के खाने के बाद खाली थे। हम दोनों ने स्कूल का काम पहले ही ख़त्म कर लिया था। 

हम दोनों डैडी-मम्मी के शयन-कक्ष से लगे डैडी के अध्यन-कक्ष [स्टडी] में छुप गए। डैडी के अध्यन-कक्ष की खिड़की से उनका पलंग पूरा साफ दिखता था। 

जब हमारी हिम्मत बंधी तो हमने सर उठा कर अंदर झांका।

डैडी और मम्मी पूरे नंगे थे। मम्मी बिस्तर पर खड़ीं थी और डैडी कालीन पर। 

डैडी बहुत लम्बे और चौड़े तो हैं हीं पर मम्मी के सामने खड़े हुए और भी विशाल लग रहे थे। डैडी का सीना, पेट , चूतड़, विशाल टांगें और बाज़ू घने बालों से ढकीं थी। मुझे पहली बार डैडी को देख कर मेरे नन्हे नाबालिग शरीर में एक अजीब सी सिहरन दौड़ गयी। मम्मी बिलकुल नंगी हो कर मुझे और भी सुंदर लग रहीं थीं। 

उनके मोटी भारी चूचियाँ इतनी विशाल और भारी थीं कि अपने भार से वो उनके पेट की और ढलक रहीं थीं। पर उस ढलकान से मम्मी की चूचियों ने अक्कू की आँखों को मानों कैद कर लिया। 
डैडी अपना मुंह मम्मी के खुले मुंह से लगा कर अपनी जीभ उनके मुंह में धकेल रहे थे। मम्मी के मुंह से हल्की हल्की सिस्कारियां निकल रहीं थीं। मम्मी भी डैडी से लिपट कर उनके मुंह में अपनी जीभ देने लगीं। डैडी ने अपने बड़े हाथों में मम्मी के दोनों चूचियों को भर कर ज़ोर से उन्हें दबाने, मसलने लगे। अक्कू और मुझे लगा कि डैडी, मम्मी को दर्द कर रहें हैं। 

पर मम्मी की सिस्कारियां और भी ऊंची हो गयी ,"अंकित, और ज़ोर से दबाओ। मसल डालो इन निगोड़ी चूचियों को." डैडी ने मम्मी के दोनों निप्पल पकड़ कर बेदर्दी से मड़ोड़ दिए और फिर उन्हें खींचने लगे। 

" हाय अंकित कितना अच्छा दर्द है। " मम्मी को बहुत अच्छा लग रहा था। 
Reply


Messages In This Thread
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार - by sexstories - 05-18-2019, 01:13 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 2,202 10 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 1,067 11 hours ago
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 881 11 hours ago
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,743,112 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 575,017 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,337,347 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,020,673 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,795,173 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,198,702 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,155,077 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)