Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
05-18-2019, 01:15 PM,
#93
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
हम दोनों नहा कर अपने स्कूल का कार्य खत्म कर टीवी देखने पारिवारिक-भवन में चल दिए। कुछ देर में मम्मी डैडी भी वहां आ गए। मम्मी के चेहरे पर अत्यंत प्यारी थकन झलक रही थी। उस थकन से मम्मी का देवियों जैसा सुंदर चेहरा और भी दमक रहा था। मुझे थोड़ा डर लगा कि अक्कू की चुदाई से क्या मेरा मुंह भी ऐसे ही दमक जाता है और क्या मम्मी को संदेह हो सकता है ?

लेकिन जब तक मैं और फ़िक्र कर पाऊँ डैडी ने मुझे अपनी गोद में खींच कर बिठा लिया और मैं सब कुछ भूल गयी। मम्मी ने प्यार से अक्कू को चूमा और अक्कू हमेशा की तरह मम्मी की गोद में सर रख कर सोफे पर लेट गया। मम्मी ने उसके घने घुंगराले बालों में अपनी कोमल उँगलियाँ से कंघी करने लगीं। 

देश-विदेश के समाचार सुन कर डैडी चहक कर बोले ," कौन आज नयी स्टार-वार्स की मूवी देखना चाहता है। "

मैं लपक कर खुशी से चीख उठी ," मैं डैडी मैं और छोटू भैया भी." मुझे अक्कू के बिना तो कुछ भी करना अच्छा नहीं लगता था। 

अक्कू ने भी खुश हो कर किलकारी मारी ," डैडी फिर खाना फ़ूड-हट में ?" फ़ूड-हट शहर का सबसे प्रथिष्ठिस्ट भोजनालय था। 

मम्मी भी पुलक उठीं ," हम सब बहुत दिनों से फ़ूड-हट नहीं गयें हैं। "

डैडी ने मुझे प्यार से चूम कर कहा ,"चलिए मेरी राजकुमारी साहिबा अपने छोटे भाई को तैयार कर जल्दी से खुद तैयार हो जाइए। "

अक्कू छुटपन से ही मेरी ज़िम्मेदारी बन गया था। उस के बिना मैं तड़प उठती थी। 

मम्मी ने हमारी भागती हुई पीठ से पूछा ," आप दोनों का स्कूल का काम तो पूरा हो गया ना ?"

हम दोनों ने चिल्ला कर कहा , "हाँ मम्मी। " और हम दोनों अपने कमरे की ओर दौड़ पड़े। 

***************************************************

हमें डैडी और मम्मी के साथ और बाहर खाना खाना बहुत ही प्रिय था। ड्राइवर के साथ नई फिल्म देखने में बहुत मज़ा नहीं आता जितना मम्मी-पापा के साथ आता था। हम घर देर से शाम पहुंचे। मम्मी डैडी के लिए स्कॉच लाने के लिए उठीं तो उन्हें रोक कर कर खुद डैडी का पसंदीदा स्कॉच का गिलास ले आयी, उसमे सिर्फ दो बर्फ के क्यूब्स थे जैसा डैडी को पसंद है । 

डैडी ने मुझे प्यार से अपनी गोद में बिठा कर मेरी इतनी प्रशंसा की मानो मुझे नोबेल प्राइज़ मिल गया हो। मम्मी ने मेरे गर्व के गुब्बारे को पिचका दिया ,"अजी अपनी प्यारे बेटी से पूछिए की मम्मी की ड्रिंक कहाँ है ?"

मेरे मुंह से "ओह ओ !", निकल गयी और मैंने हँसते हुए प्यार भरी माफी माँगी , " सॉरी मम्मी। "

पर तब तक अक्कू दौड़ कर मम्मी का ड्रिंक बना लाया। बेलीज़ एक बर्फ के क्यूब के साथ, मम्मी के एक हल्का का घूँट भर कर अक्कू की प्रशंसा के पुल बांध दिए। 

हम परिवार के शाम के अलसाये सानिध्य में थोड़ा कटाक्ष,थोड़ा मज़ाक, पर बहुत प्यार संग्रहित होता है। 

मम्मी ने रात के खाने के लिए तैयार होने को हमें कमरे में भेज दिया। 

अक्कू ने मुझे लपक कर दबोच लिया और हमारे खुले मुंह एक दुसरे के मुंह से चिपक गए। अक्कू के हाथ मेरे गोल मटोल मुलायम चूतड़ों को मसल रहे थे। 

मेरे कमसिन अविकसित चूत भीग गयी। मेरी गांड का छेद भी फड़कने लगा ," अक्कू हमें देर हो जाएगी। थोड़ा सब्र करो। " हालांकि मेरा मन भी अक्कू ले लंड को पहले चूस कर अपनी गांड में घुसाने का हो रहा था पर मैं उस से बड़ी थी और उसके उत्साह को नियंत्रित करने की ज़िम्मेदारी मेरे थी। 

अक्कू ने मुझे और भी ज़ोर से जकड़ लिया ,"अक्कू देखो डैडी और मम्मी कितने संयम से बैठे थे। क्या उनका मन नहीं करता की एक दुसरे के कपडे फाड़ कर डैडी मम्मी की गांड मारने लगे। " मेरा ब्रह्म-बाण काम कर गया। 

***********************************************

खाने के बाद सारे परिवार ने मम्मी के चहेते धारावाहिक कार्यक्रम देखे और फिर सोने का समय हो गया। हम दोनों ने डैडी और मम्मी को शुभ-रात्रि चूम कर कमरे की ओर दौड़ पड़े। 

मम्मी का " अरे आराम से जाओ, गिर कर चोट लगा लोगे " चिल्लाना हमेशा की तरह हमारे बेहरे कानों के ऊपर विफल हो गया। 

मैं अक्कू को बिलकुल रोकना नहीं चाह रही थी। अक्कू ने मेरी छाती के उभारों को निर्ममता से मसल कर दर्दीला और लाल कर दीया। मैंने उसका लंड चूस कर एक बार उसका मीठा रस पी गयी। अक्कू ने मेरी चूत और गांड चाट, चूस कर मुझे अनेकों बार झाड़ दिया और फिर अक्कू ने मेरी गांड फाड़ने वाली चुदाई शुरू की तो देर रात तक मुझे चोदता रहा जब तक में निढाल हो कर पलंग पर लुढक न गयी। 

*******************************************************

तब से अक्कू अरे मेरे कुछ नियम से बन गए। हम स्कूल से आने के जल्दी से नाश्ता खा कर कमरे में जा कर पहले एक दुसरे को झाड़ कर स्कूल का काम ख़त्म करते थे। फिर अक्कू मेरी गांड मारता था उसके बाद हम एक दुसरे के मूत्र से खेलते थे और हमें एक दुसरे का मूत्र और भी स्वादिष्ट लगने लगा। अक्कू को स्कूल में भी मेरी आवशयक्ता पड़ने लगी। मैं मौका देख कर उसका लंड चूस कर उसे शांत कर देती थी। 

मेरे किशोरावस्था में कदम रखने के कुछ महीनों में ही जैसे जादू से मेरे स्तनों का विकास रातोंरात हो गया। अब मेरी छाती पर उलटे बड़े कटोरों के समान , अक्कू को बहुत प्यारे लगने वाले, दो उरोज़ों का आगमन ने हमारी अगम्यागमन समागम को और भी रोमांचित बना दिया। अब अक्कू कई बार मेरे उरोज़ों को मसल, और चूस को सहला कर मुझे झाड़ने में सक्षम हो गया था। 

अक्कू भी ताड़ के पेड़ की तरह लम्बा हो रहा था मुझे उसका लंड बड़ी तेज़ी से और भी लम्बा और मोटा होने का आभास निरंतर होने लगा था। 
Reply


Messages In This Thread
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार - by sexstories - 05-18-2019, 01:15 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 1,931 9 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 944 9 hours ago
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 792 9 hours ago
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,742,827 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 574,961 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,337,165 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,020,590 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,794,918 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,198,543 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,154,783 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)