Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
05-18-2019, 01:17 PM,
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार
पापा का भीमकाय सुपाड़ा मेरे कौमार्य के यौनिच्छिद के ऊपर ठोकर मार रहा था। पापा ने मुझे कस कर दबा कर एक और दानवीय धक्का मारा और मैं दर्द के आधिक्य से लगभग मूर्छित हो गयी। मुझे लगा मानो मेरी नन्ही चूत में किसी ने एक तपता हुआ लोहे का खम्बा घुसा दिया हो। 

मेरे शरीर में दर्द से भरी अकड़न ने मेरे कौमार्य-भांग की पीड़ा को और भी उन्नत कर दिया। 

मैं खुल कर दर्द से चीख भी नहीं पा रही थी। पापा ने मेरे कौमार्य की धज्जियां उड़ा दी। मैं दर्द से बिलबिला रही थी और मुझे पता भी नहीं चला और पापा ने निरंतर निर्दयी धक्कों से अपना आधे से भी ज़्यादा लंड मेरी नहीं चूत में ठूंस दिया था। पापा ने मुझे उतने लंड से ही चोदना शुरू कर दिया। मेरी आँखे दो नदियों की तरह बह रहीं थीं। मेरे सुबकाईयां पापा के मुंह में थिरक रहीं थीं। मुझे लगा की पापा का लंड मेरी जान ले लेगा। 

पापा ने मुझे निर्ममता से अपने विशाल शरीर के नीचे दबा कर अपने अमानुषिक लंड के प्रहारों से बोझिल कर दिया। पापा का लंड मेरी तड़पती चूत को छोड़ने के लिए व्याकुल था। पापा ने अपने लंड को बाहर खींच कर फिर से मेरी चूत के ऊपर आक्रमण किया। मेरा सारा शरीर मेरे कौमार्य-भंग की पीड़ा से पसीने से नहा गया। मेरा मस्तिष्क मेरी योनि में से उपजे अविश्विसनीय पीड़ा से लस्त हो उठा। मेरे आँखों से अविरत गरम आंसूओं की धारायें बह रहीं थी। 

पापा ने दृढ़ संकल्प से एक भीषण धक्के के बाद दुसरे निर्मम धक्कों से मेरी चूत में अपना सम्पूर्ण विकराल लंड जड़ तक ठूंस दिया। मेरे सुबकाईयां मेरे दर्द की गवाही दे रहीं थीं। मेरी उम्र की कई लडकियां तो लंड के मारे में सोच भी पातीं जबकि मैं अपने पापा के महाकाय लंड के ऊपर फसी तड़प रही थी।

पापा ने मेरे आंसुओं की उपेक्षा कर अपने विशाल लंड से मुझे चोदने लगे। 

मेरी चूत में मानों आग जल उठी। मेरी नहीं चूत अभी भी पापा के महाकाय लंड को सँभालने में असमर्थ थी। पर पापा संकल्प से अपने लंड से मेरी चूत को खोलने के प्रयत्न में सलग्न हो गए। पापा ने मेरे तड़पने को अनदेखा कर अपने लंड को धीरे धीरे पर दृढ़ता से मेरी चूत में से बाहर निकाल कर उसे फिर से मेरी संतप्त योनि में जड़ तक घुसेड़ रहे थे। 

न जाने कितने समय के बाद अचानक पापा का लंड मेरी चूत में बहुत आराम से आवागमन करने लगा। मेरी चूत में अब भीषण दर्द की जगह अब बर्दाश्त करने जैसा दर्द हो रहा था जिसमे एक मीठापन भी मिश्रित हो गया था। 
पापा ने मेरे लाल वासना और दर्द से दमकते चेहरे को अपने विशाल हाथों में भर कर मेरे अधखुले सुबकते मुंह को अपने मुंह में भर लिया। उनके भारी मीठे होंठ मेरे फड़कते नाज़ुक होंठों को चूसने लगे। मैंने सुबकते हुए पापा को वापस चूमा। 

पापा ने अपना वृहत लंड मेरी चूत से निकाला। उनका विशाल लंड मेरे कौमार्य-भांग के प्रमाण के रस से लाल हो गया था। 

पापा ने एक लम्बे धक्के से अपना लंड एक बार फिर से मेरी संकरी कुछ क्षणों पहले कुंवारी योनि में जड़ तक ठूंस दिया। मैं बिलबिला कर फिर से सुबक उठी। मेरी नन्ही बाहें पापा के गले का हार बन गयीं। 

पापा ने अब बिना रुके मेरी चूत का मर्दन प्रारम्भ कर दिया। उनका अमानुषिक विकराल लंड मेरी चूत को मथने लगा। पापा के भारी कूल्हे हर धक्के के बाद और भी प्रयत्न और तेज़ी से ऊपर नीचे होने लगे। उनके कूल्हों की ताकत उनके प्रचंड लंड को मेरी चूत में अविरल क्षमता से गूंद रही थी। 

"पापा ……. हाय ……….. बहुत …….. आअन्न्न्न्ह्ह्ह्ह …….पाआआ ………. पाआआ उउउन्न्न्न ……… मर्र्र्र्र गयीईई ………….. पाआआ ………………पाआआ ," मैं वासना, पीड़ा और पापा की ओर आदर के मिश्रण से बिलखती चीख उठी। 

पापा ने मेरी अपरिपक्व अभिभावों की उपेक्ष्ा कर मेरी चूत का मर्दन और भी भीषण धक्कों से करने लगे। 

मेरी सुबकाईयां शीघ्र सिस्कारियों में बदल गयीं। मेरी चूत में अब अनोखा दर्द हो रहा था। ऐसे दर्द का अनुभव मुझे मेरी गांड में भी हुआ था जब अक्कू ने मेरी कुंवारी गांड का लतमर्दन किया था। 

मेरी आँखे मम्मी और अक्कू की सिस्कारियों को सुन कर उनकी तरफ मुड़ गयीं। अक्कू मम्मी की मांसल भारी जांघों को उनके कन्धों की ओर मोड़ कर उनकी गांड भीषण निर्मम धक्कों से मर्दन कर रहा था। अक्कू के हर धक्के से मम्मी का सारा गदराया शरीर हिल उठता था। उनके भारी विशाल स्तन हर धक्के से हिल उठते थे। जब तक मम्मी के उरोज़ स्थिर हो पाते अक्कू का दूसरा धक्का उनको फिर से इतनी ज़ोर से हिला देता था मानों वो उड़ान के लिए तैयार थे। 

मम्मी की सिस्कारियां संगीत के स्वरों की तरह रजनीगंधा की सुगंध की तरह कमरे में फ़ैल गयीं। 

मम्मी सिसक कर चरम आनंद के प्रभाव से विहल हो कर चीखीं ,"अक्कू और ज़ोर से मेरी गांड चोदो। मैं फिर से झड़ने वालीं हूँ। 

अक्कू ….ऊ…… ऊ…… ऊ। आआह……. बेटाआआ……..। "

मेरा ध्यान मेरे अपने रति-निष्पति के अतिरेक से अपनी चूत पर केंद्रित हो गया। मेरी बाहें पापा की गर्दन पे जकड़ गयीं,

"पापाआआआ ……... आआअह ………… उउउन्न्न्न्न्न ………. मैं आआअह ………. पापाआआ……….। "

पापा का लंड अब फचक फचक की आवाज़ें बनाता हुआ मेरे चूत को रेल के इंजिन के पिस्टन की तरह रौंद रहा था। 

मम्मी पापा का कक्ष मेरी और मम्मी की सिाकारियों से गूँज उठा। हम दोनों की सिस्ज्कारियों में कभी कभी पापा और अक्कू की गुरगुराहट भी संगीत के सांगत की तरह शामिल हो जातीं थीं। 

अगले घंटे तक तक मेरी सिस्कारियां और आनंद भरे दर्द के सुबकाइयों ने मेरे कानों को भर दिया। जब अक्कू ने मम्मी की गांड में अपना लंड खोला तो उनकी चीख निकल उठी और वो एक बात फिर से झड़ गयीं। 
Reply


Messages In This Thread
RE: Parivaar Mai Chudai हमारा छोटा सा परिवार - by sexstories - 05-18-2019, 01:17 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 2,039 9 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 990 10 hours ago
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 826 10 hours ago
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,742,955 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 574,983 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,337,231 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,020,617 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,795,001 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,198,595 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,154,883 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 9 Guest(s)