RE: Porn Hindi Kahani दिल दोस्ती और दारू
गौतम थोड़ा ढीला पड़ गया मेरी बात सुनकर और मुझसे पुछा कि मैं रहता कहाँ हूँ और जब मैने उसे बताया कि मैं हॉस्टिल का हूँ तू उसने मेरा नाम पुछा....
"अरमान...."मैने अपना नाम बताया और मेरे इस नाम का बहुत ज़्यादा असर गौतम पर हुआ उसने तुरंत मेरे गिरेबान से अपना हाथ हटा लिया....
"सीडार के दम पे उचक रहा है तू, अगले साल क्या करेगा जब वो निकल जाएगा...."
"मैं इस एक साल मे ही तुम लोगो की इतनी मार लूँगा कि अगले साल की ज़रूरत ही नही पड़ेगी..."
"अबे अरमान मार साले को..."भू ने चिल्लाकर कर कहा,
"तू चुप बे फुद्दु, वरना एक हाथ मारूँगा तो यही से नीचे गिर जाएगा...."
"चल छोड़ ,मुझे क्लास अटेंड करनी है"कहते हुए मैने गौतम को दूर धकेला और क्लास मे जाने लगा, तभी गौतम की आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी....
"यदि इतना ही दम है तो आज रिसेस के टाइम पर कॅंटीन मे मिलना...."
"सॉरी, टाइम नही है..." पीछे मुड़े बिना ही मैने कहा और क्लास के अंदर घुस गया,...
जिनसे थोड़ी बहुत पहचान थी वो सभी अपने क्लास से बाहर निकल आए थे, लेकिन जो मेरा सबसे खास दोस्त था, जो मेरा रूम मेट होने के साथ साथ मेरा क्लासमेट, मेरा बेंच मेट था वही बस क्लास से बाहर नही आया था, और इसका पता मुझे तब लगा जब मैने क्लास मे घुसते ही अरुण को असाइनमेंट लिखते हुए देखा,....
"क्या लिख रहा है..."मैं नॉर्मल होता हुआ बोला, जबकि सच तो ये था कि मैं उस वक़्त बहुत ही गुस्से मे था.....अरुण को तो ये तक नही मालूम था कि कुछ देर पहले मेरी लड़ाई एश के बाय्फ्रेंड से हो रही थी....
"कहाँ था तू...."असाइनमेंट छापते हुए उसने कहा...
"बाहर गया था , क्यूँ "
"अभी कुछ देर पहले आता तो मस्त नज़ारा दिखाता तुझे, बाहर दो लौन्डो की लड़ाई हो रही थी..."
"किन दो लौन्डो को..."
"मालूम नही, मैं तो असाइनमेंट लिख रहा था...."
उसके अगले ही पल मैने अरुण को एक मुक्का जड़कर कहा "साले बाहर मैं एक सीनियर से लड़ रहा था और तू यहाँ बैठकर पढ़ाई कर रहा था...."
"तेरी लड़ाई "वो चौक गया "नाम बता साले का ,क्लास मे घुस कर मारेंगे..."
"गौतम, मेकॅनिकल सेकेंड एअर....एश का बाय्फ्रेंड..."गौतम का नाम सुनकर अरुण के तेवर कम हो गये और फिर से असाइनमेंट लिखने लगा,
"फॅट गयी ना, उसका नाम सुनकर..."
"मैं किसी से नही डरता..."
"तो चल ना, चल क्लास मे घुसकर मारते है उसे...."
"कभी और..."
"साला नौटंकी...."बॅग खोलते हुए मैने अरुण से पुछा"आज फर्स्ट क्लास किसकी है..."
"दीपिका मॅम की "
दीपिका मॅम का नाम सुनते ही एक बार फिर से मूड ऑफ हो गया क्यूंकी आज असाइनमेंट चेक करना था , और असाइनमेंट करना तो दूर मैने अभी तक कॉपी ही नही खरीदी थी, उपर से लास्ट असाइनमेंट भी इनकंप्लीट था,...जैसे जैसे समय बीतता गया बाहर खड़े सभी स्टूडेंट अंदर आने लगे, मेरी नज़र एक बार फिर सबकी तरफ थी, मैं चाहता था कि इस बार कोई तो ऐसा हो जो असाइनमेंट ना करने वालो की लिस्ट मे अपना नाम लिखवाए,लेकिन उस दिन भी मैं अकेला ही था.. साले सब पढ़ाकू की औलाद थे....
"अरमान, ..."
"एस मॅम" खड़े होकर मैने अपना सर झुका लिया....
"तुम्हारे दो असाइनमेंट थे, याद है ना..."
"यस मॅम"सर झुकाकर ही मैने जवाब दिया...
"गुड...लाओ,चेक कर देती हूँ..."
"असाइनमेंट तो मैने नही किया , सॉरी मॅम, अगली बार तीनो असाइनमेंट एक साथ चेक करा दूँगा...."मैने सोचा कि इस एक्सक्यूस से शायद कोई बात बन जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ, दीपिका मॅम बिल्ली की तरह मुझे घूरती रही और फिर मेरा रोल नंबर नोट करके ,मुझे प्रॅक्टिकल मे कम नंबर देने की धमकी दी और फिर बैठा दिया.....
"लोलोलोलोलोलोलो....."अरुण खीस निपोर्ते हुए बोला
"ये क्या है बे लोलोलोलोलो...."
"कुछ नही, तू इसे एक बार हवेली मे लेके आजा कसम से साल भर का असाइनमेंट एक बार मे इसे दे दूँगा, साली के क्या चुत होगी क्या दूध होंगे , यदि ये मुझसे चुद जाए तो कसम से मैं अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दूं....."
"तेरा इनस्पेक्टर बाप तुझे जैल मे डाल देगा ,यदि तूने इंजिनियरिंग छोड़ी तो...."
"अरुण आंड अरमान...."
"जी...जी मॅम"हम दोनो बौखला गये और कॉपी खोलकर पढ़ने का नाटक करने लगे....
"गेट आउट...."
"क्या मॅम...."
"गेट लॉस्ट....अब सुनाई दिया...."
"गेट लॉस्ट....अब सुनाई दिया"
"येस मॅम "
"सब बीसी तेरी ग़लती है, ना तू उसके दूध और चूत की बात करता , ना मैं हंसता और ना ही वो हमे बाहर निकालती...."क्लास से बाहर निकलते ही मैं अरुण पर बरस पड़ा....
"घंटा मेरी ग़लती है, तू ही मुँह फाड़ कर हंस रहा था..."
अरुण अपनी ग़लती मानने से तो रहा उपर से जब हमे बाहर कर दिया गया तो वो अपनी हथेलिया रगड़ते हुए मुझसे दीपिका मॅम के बारे मे पुछने लगा कि उस दिन कंप्यूटर लॅब मे क्या हुआ था, मैने कहाँ कहाँ टच किया था....वो सिसकारिया ले रही थी या नही....एट्सेटरा. एट्सेटरा.
"साली ब्लूफिल्म दिखा कर जोश दिखा रही थी मुझे...."
"आगे बता..."
"आगे क्या बताऊ, शुरू मे मेरा मन नही था, लेकिन फिर वो हार्डकोर फक्किंग वाला बाय्फ्रेंड देखकर खड़ा हो गया मेरा और मैने उसकी चुचिया पकड़ ली...."
"आगे बता,..."
"फिर थोड़ा सा दबाया..."
"अच्छा फिर..."
"फिर उसने खड़े लंड पर हथौड़ा मार दिया , बोली कि अब जाओ..."
"एक बात समझ मे नही आई..."अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालते हुए अरुण बोला"जब तेरे और उसके बीच मे इतना सब कुछ हो चुका है, फिर वो असाइनमेंट के लिए तुझे हर दिन छोड़ देती है...."
"धीरे बोल,..."
"तू कहीं मुझे चोदु तो नही बना रहा...."
"गान्ड मरा ले , जो सच था वो बता दिया...."
वहाँ क्लास के बाहर और भी कयि बाते हुई , बहुत देर तक हुई....और जब पीरियड ख़तम हुआ तो दीपिका मॅम बाहर आकर हम दोनो के पास खड़ी हो गयी और हम दोनो का रोल नंबर. नोट कर के बोली....
"आज तो छोड़ दे रही हूँ, लेकिन अगली बार से ध्यान रखना...."ये उसने अरुण की तरफ देखकर कहा और फिर मेरी तरफ देख कर वो बोली"और तुम, रिसेस मे आकर कंप्यूटर लॅब मे मिलना...."
"ज...जी मॅम..."
वो एक बार मुस्कुराइ और पीछे पलटकर अपनी गान्ड मटकाते हुए चल दी......नेक्स्ट क्लास होड़ की थी और वो सब्जेक्ट रिलेटेड पढ़ाने की बजाय आज दुनिया दारी की बाते करने के मूड मे थे, पहले उन्होने इंडिया और दूसरे देशो की तुलना की और फिर उनके सब्जेक्ट की स्टडी कैसे करना है, ये बताने लगे और आख़िरी मे प्लेसमेंट के टॉपिक पर आ धम्के और बोला कि इंजिनियरिंग के चार साल कैसे निकल जाएँगे मालूम नही चलेगा, इसलिए अभी से पढ़ाई करना शुरू कर दो, ताकि फ्यूचर मे जॉब के लिए भटकना ना पड़े....उन्होने ये भी कहा कि आजकल इंजिनियर इतने ज़्यादा हो गये हैं कि यदि पत्थर उठा के सड़क पर मारोगे तो वो कुत्ते को नही एक इंजिनियर को लगेगा....साले ने बेज़्जती कर के रख दी, उनके क्लास से जो एक बात ध्यान मे आई वो ये थी कि मैने अभी तक एक भी सब्जेक्ट का बुक खोलकर नही देखा था, ऐसे मे मैं टॉप कैसे मारूँगा.....इसलिए मैने आज हॉस्टिल जाकर पढ़ने की सोची....
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