RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
अब उसने मुझे झुका कर मेरी गांड पर अपना लंड सैट किया और थोड़ा जोर से धक्का मारा.. लेकिन उसका लंड अन्दर नहीं गया। आखिर अभी गांड की सील पैक थी।
फिर संतोष बोला- बेबी दीवार सही से पकड़ लो।
उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और फिर एक बार लंड सैट किया।
इस बार उसने मेरी गांड पकड़ कर जोर से धक्का लगाया और उसका मोटा लंड मेरी गांड में थोड़ी सी अन्दर चला गया। मुझे दर्द होने लगा।
संतोष ने फिर एक जोर का धक्का दिया, इस बार लंड ने शायद आधा रास्ता तय कर लिया था।
मैं दर्द से चिल्लाने लगी.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो किसी ने गांड में गरम सरिया डाल दिया हो। मैं अपने आपको उससे अलग करने के लिए आगे की ओर खिसकी.. लेकिन उसने मेरी कमर को पकड़ कर गांड में से अपना लंड निकलने नहीं दिया, वो मेरे साथ आगे बढ़ने लगा।
जैसे आप लोगों ने सड़क पर कुत्ता और कुतिया की चुदाई देखी होगी, ऐसे ही कुछ हाल मेरा था, मैं भी कुतिया की तरह सड़क पर गांड मरवा रही थी।
अभी मैं कुछ सम्भलती.. इससे पहले संतोष ने एक और तेज झटका मारा और अपना पूरा लंड मेरी गांड में पेल दिया। अब मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगी, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी गांड सुन्ऩ हो गई हो।
मैं गिड़गिड़ाने लगी और बोली- प्लीज यार छोड़ दो.. मैं मर जाऊँगी, बहुत दर्द हो रहा है।
लेकिन शायद उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा, वह अपनी धुन में था, वह मेरी गांड में अपना मूसल लंड आगे-पीछे किए जा रहा था।
कुछ देर बाद मुझे थोड़ी सी राहत सी मिली मेरा दर्द कम हुआ और मैं थोड़ा अच्छा महसूस करने लगी।
दो-चार बम पिलाट धक्कों के बाद अब मुझे भी मजा आने लगा। संतोष ने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया।
अब मुझे गांड मरवाने में बहुत मजा आने लगा, मैं बोलने लगी- आह्ह.. और तेज और तेज चोदो.. फाड़ दो मेरी गांड को।
हम दोनों गांड चुदाई का भरपूर आनन्द ले रहे थे, तभी मेरे फोन की घंटी बजी, मेरा पर्स तो नीचे पड़ा था। किसी तरह अंधेरे में ही टटोलते हुए मैंने पर्स ढूँढ लिया और फोन निकाला, मैंने देखा- मॉम फोन कर रही हैं।
मैं पूरे जोश में चुदवा रही थी। मैंने सोची पहले ठीक से चुदवा लूँ.. फिर फोन कर लूंगी।
अभी घंटी बंद हुए कुछ पल ही हुए थे कि तभी मॉम ने फिर से फोन कर दिया।
मैंने संतोष को रोका और गांड में लंड लिए हुए थोड़ी सीधी हुई और फोन उठाया।
मॉम बोलीं- कहाँ हो बेटा?
मैं बोली- शादी में ही हूँ।
उन्हें क्या पता कि उनकी बेटी अभी थोड़ी देर पहले सुहागसेज पर सुहागरात मना कर आई है और अब बीच सड़क पर कुतिया की तरह गांड मरवा रही है।
फिर मॉम बोलीं- बेटा, वीडियो कालिंग कर और थोड़ी सी शादी दिखा।
वीडियो कालिंग की सुनकर मैं डर गई और सोचा- अब क्या दिखाऊँ कि उनकी बेटी किस तरह गांड मरवा रही है।
मैं बात कर रही थी और संतोष धीरे-धीरे मेरी गांड मार रहा था।
फिर मैं बहाना बना कर बोली- मॉम मैं बाथरूम में हूँ। मैरिज हॉल में पहुँच कर बात करती हूँ।
यह कहकर मैंने फोन काट दिया और संतोष से कहा- जल्दी करो।
यह सुनते ही उसने अपनी स्पीड को बढा़ दिया। मैं भी उसका साथ देने लगी। करीब 10-15 मिनट बाद ही वो झड़ गया, उसने मेरी गांड में अपना गर्मागर्म वीर्य छोड़ दिया।
वो बोला- मेरी जान आज तुम्हारी गांड मारकर मजा आ गया। अब तुम्हारे पीरियड खत्म होते ही तुम्हारी चूत की सील तोडूंगा।
मैं कुछ नहीं बोली.. उसे क्या पता था कि चूत की सील मैं तुड़वा चुकी हूँ।
उसने जैसे ही अपना लंड मेरी गांड से निकाला.. वीर्य धीरे-धीरे निकल कर मेरी जांघों के बीच आने लगा।
मैं सीधी हो गई और संतोष को बोली- तुमने गांड तो मार ली.. अब अपना वीर्य तो साफ करो।
संतोष बोला- यार किस चीज से साफ करूँ.. अन्दर ही रहने दो.. कोई नहीं देखेगा। यह कह कर उसने मेरी स्कर्ट को नीचे कर दिया। फिर उसने मुझे ब्रा और टॉप पहनाया। अब मुझसे दर्द के कारण चला नहीं जा रहा था। फिर भी मैं किसी तरह लड़खड़ाते हुए चलने लगी।
अब हम फिर से फार्म हाउस पहुँच गए और दोनों अलग हो गए। मैंने अपनी चाल सही की और अपनी गांड में अपने ब्वॉयफ्रेंड का वीर्य लेकर मैरिज हॉल की तरफ चल दी।
आगे मेरे साथ क्या हुआ.. यह अगली कहानी में बताऊँगी। अगली चुदाई मेरी किसने की और कहाँ की।
मैं मेरे ब्वॉयफ्रेंड का वीर्य अपनी गांड में लेकर भूखे शेरों के बीच घूम रही थी।
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