Porn Sex Kahani पापी परिवार
10-03-2018, 04:12 PM,
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
पापी परिवार--59



निकुंज की कमीनी आँखें चन्द सेकेंड्स का वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाते हुए अपनी आंटी की छर्हरि काया का काफ़ी हद्द तक अनुमान लगा लेती हैं "इतमीनान रख, फ्यूचर में बहुत कुच्छ देखने मिलेगा" और अपने उतावले मन को सबर रखने की सलाह दे कर वह फॉरन दीवार पर चिपकी पैंटिंग निहारने लगता है.


लाइट ऑन करने के उपरांत नीमा भी अपनी तिर्छि निगाहो से निकुंज की ओर देखती है लेकिन वह उसकी नजरो को कमरे की सुंदरता में खोया पाती है "कम्मो ने ठीक कहा था, ये तो वाकाई बहुत सीधा है. वरना पराई औरत को ऐसे कपड़े में देख कर तो किसी भी मर्द का बुरा हाल हो जाए"


"बेटा !! मम्मी कैसी हैं ?" निकुंज का ध्यान अपनी ओर खीचने के उद्देश्य से नीमा ने सवाल किया और बड़ी मस्तानी चाल चलती हुई ठीक उसके सामने आ कर खड़ी हो जाती है.


"बस ऊपरवाले की कृपा है" निकुंज कम स्याना नही था, वह ऐसे रिक्ट करता है, जैसे नीमा के रूप-स्वरूप का तनिक भी जादू उस पर ना चल पाया हो.


"बच्चे सो रहे हैं क्या आंटी ?" निकुंज ने नॉर्मल टोन में पुछा. यह जानते हुए भी कि नीमा उसके बेहद समीप खड़ी है, उसकी आँखों ने ऊपर उठने की कोई कोशिश नही की.


काफ़ी दीनो से घटित हो रही घटनाओ के प्रभाव से निकुंज ने खुद पर सैयम की मजबूत पकड़ बना ली थी और अभी वह उसी का भरपूर उपयोग, नीमा जैसी सुंदरी को इग्नोर करने में कर रहा था.


"मैं भी कितनी पागल हूँ !! एक अरसे बाद घर आए हो और मैने पानी तक नही पुछा" बच्चो वाले सवाल को पेंडिंग रख नीमा फ्रिड्ज की दिशा में जाती हुई बोली.


"ऐसी कोई बात नही आंटी !! अकटुल्ली सेक्टर-16 में एक दोस्त के घर मिलने गया था और लौट-ते वक़्त याद आया सेक्टर-19 में आप रहती हो. बस आ गया सुबह-सुबह परेशान करने" अपने आगमन का झूठा व्रतांत सुनाते हुए वह नीमा के ह्रष्ट-पुष्ट चूतडो का लुफ्त उठाता है, जो इस वक़्त काफ़ी झुक कर फ्रिड्ज से बोतल निकाल रही थी.


"निकुंज !! ठंडा पानी नुकसान तो नही करेगा ना ?" बीते रोज जिस तरह नीमा की अचूक चाल का शिकार कम्मो हुई थी ठीक उसी प्रकार आज निकुंज भी हो गया.


जैसे ही नीमा अपनी गर्दन पिछे घुमा कर निकुंज से सवाल करती है, वह उसे, उसके चूतडो को घूरता नज़र आता है और यह देख फॉरन नीमा के होंठो पर मुस्कान फैल जाती है.


"न .. नही तो आंटी, ठंडा पानी चलेगा" पकड़े जाने के डर से निकुंज की आवाज़ हक़लाने लगी और उसे अपने चुतियापे पर अफ़सोस होता है. सीधेपन का जो खेल अब तक वह अपनी आंटी के साथ खेल रहा था, एक पल में उसकी कमान नीमा के हाथो में जा चुकी थी.


"लो बेटा पानी पियो" नीमा ने ग्लास उसकी की ओर बढ़ा कर कहा, निकुंज का शर्मसार चेहरा देखने में उसे बहुत मज़ा आ रहा था.


"निकुंज !! मैं फ्रेश हो कर आती हूँ, तुम चाहो तब तक फ्लॅट देख सकते हो, या जो तुम्हारा मन करे मगर प्लीज़ बाल्कनी की ओर मत जाना" इतना कह कर नीमा स्माइल देती हुई अपने बेडरूम की तरफ मूड जाती है.


"यह मैने क्या कर दिया" क्रोध में भर कर निकुंज अपने गाल पर चपत लगता है और यह नीमा बेडरूम के दरवाज़े के पिछे से छुप कर देख रही थी.


"बड़ा अक़ल्मंद बन रहा था. बच्चू !! आज मैं तुझे बताउन्गि, नीमा कितनी कुत्ति चीज़ है" मन में ऐसा प्रण कर वह बाथरूम के अंदर एंटर हो जाती है.


कुच्छ देर दिमागी घोड़े दौड़ाने के उपरांत निकुंज को राह नज़र आई "यदि बच्चे उठ जाएँ तो आंटी का सामना ज़्यादा ना करना पड़े" ऐसा संकेत प्राप्त होते ही वह तीव्र गति से कमरो की तलाशी लेने लगता है मगर हाए रे फूटी किस्मत, हर कमरा खाली था.


"कहीं आंटी के बेडरूम में तो नही सो रहे ?" निकुंज ने सोचा ज़रूर लेकिन उस कमरे की ओर जाने में उसके पाव काँप रहे थे.


दूर से देखने पर भी पता चल रहा था, बेडरूम का दरवाज़ा बोल्ट नही है "हिम्मत रख निकुंज, हिम्मत रख" खुद को दिलासा देते हुए वह हौले-हौले अपने कदम आगे बढ़ाने लगा और दरवाज़े के एक-दम करीब पहुच कर वह, झिरी से कमरे के अंदर का भूगोल देखने की कोशिश करता है.


"शिट मॅन" अचानक से उसका गला सूख गया और लोवर के अंदर क़ैद उसके सोए लौडे ने पल भर में दर्ज़नो ठुमके मार दिए. बेडरूम के अंदर का नज़ारा ही कुच्छ ऐसा था जो इतना भयभीत होने के बावजूद निकुंज वहाँ मक्खी की भाँति चिपक कर रह जाता है.


बिस्तर के ठीक बगल से अपनी एक टाँग पर खड़ी उसकी आंटी नीमा, बिल्कुल नंगी, हवा में विचरण करती अपनी दूसरी टाँग के अंतिम छोर से कोई कच्छि नुमा गुलाबी कपड़ा, ऊपर को चढ़ने के प्रयास में जुटी थी.


"उफ़फ्फ़ !! कितनी गोल मटोल गान्ड है" निकुंज ने दबे स्वर में आह ली "इसका मतलब बच्चे घर पर मौजूद नही है, वरना एक मा नंगी हो कर कमरे में यूँ बेशर्मी से ना घूमती" उसने तर्क दिया.


गुलाबी कपड़ा अपनी एक टाँग की मांसल जाँघ तक चढ़ने में सफल होते ही नीमा ने उसे दूसरी टाँग के छोर से अंदर डाला और जब कपड़ा उसकी दोनो जाँघो के समानांतर आ गया तब जा कर निकुंज को अंदाज़ा हुआ कि वह छोटा सा कपड़ा गुलाबी स्ट्रिचबल कॅप्री है.


"ऐसा लग रहा है जैसे अभी भी नंगी हो" स्किन टाइट कॅप्री चूतडो से बुरी तरह चिपक कर उनका क्लियर &; पर्फेक्ट शेप शो कर रही थी.


सॉफ्ट, कलर मॅचिंग टाइट टॉप पहेन कर नीमा अब फुल्ली रेडी थी.


थोड़ी देर पहले निकुंज की जिन आँखों में डर था अब उनमें उत्तेजना की ज्वाला जल रही थी.
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