Porn Sex Kahani पापी परिवार
10-01-2018, 03:42 PM,
#71
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
पापी परिवार--20

बेड - रूम मे आते ही दीप ने अपने चेहरे पर नाराज़गी के भाव बना लिए ..शिवानी अपने बेग से दूसरे कपड़े निकाल कर पहेन चुकी थी और इस वक़्त उसके हाथो मे नोट की गद्दी थी जिसे गिनते हुए उसका चेहरा खुशी से खिला जा रहा था ..दीप के कमरे मे आते ही उसका चेहरा गंभीर हो गया

" पूरे पैसे हैं ना ? "

दीप ने अपनी आवाज़ मे भारी पन लाते हुए पूछा

" जी पूरे हैं ..क्या मैं अब जा सकती हूँ ..रात हो गयी है मगर मैं टॅक्सी मॅनेज कर लूँगी "

शिवानी ने पैसे वापस अपने बेग मे रखे और बेड से उठ कर खड़ी हो गयी

" कहाँ जाना है बेटी ? "

दीप अपने मुरझाए लंड को पकड़ कर बेड से थोड़ी दूरे रखे सोफे पर बैठा था और इस बार उसने जान कर शिवानी के लिए बेटी शब्द का इस्तेमाल भी किया

" अंकल हॉस्टिल जाउन्गि "

इतना बोल कर शिवानी बेड - रूम के गेट की तरफ चल दी

" अभी कहाँ से ..ज़रा मेरा सेल देना ..मुझे अपने दोस्त इनस्पेक्टर तांबे को फोन करना है "

दीप ने अपने मोबाइल की तरफ इशारा करते हुए कहा ..उसके मूँह से पोलीस वाले का नाम सुन कर शिवानी के बढ़ते कदम रुक गये ..उसने दीप के चेहरे पर नज़र डाली जो इस वक़्त काफ़ी बोखलाया सा दिख रहा था

" ई ..ई ..इनस्पेक्टर ? "

शिवानी ने अपना थूक गले से नीचे उतार कर कहा ..वो एक दम से घबरा सी गयी

" हां वो यहाँ आएगा ..तुम्हारे घर बार के विषय मे पूच्छ - ताच्छ करेगा ..तुम प्रॉस्टिट्यूशन के धंधे मे उतरी हो ना इसीलिए उसे जानकारी देना ज़रूरी है "

दीप ने बड़ी आसानी से अपनी बात पूरी कर दी ..लेकिन शिवानी की गान्ड फट कर धुआ छोड़ने लगी ..उसे समझ आ गया कि उसके मूँह से अपनी बेटी का नाम सुन कर दीप नाराज़ हो गया है और अब वो अपनी बेवकूफी पर पछ्ता रही थी

" नही अंकल ऐसा मत करिए मैं बर्बाद हो जाउन्गि ..आप ये पैसे ले लीजिए मैं कान पकड़ती हूँ आगे से कोई ग़लत काम नही करूँगी "

शिवानी ने जल्दी से बेग खोल कर पैसे निकाले और बेड पर रख कर अपने कान पकड़ लिए ..उसकी पतली हालत देख कर दीप का मन प्रसन्न हो गया ..अब शिवानी काफ़ी हद्द तक उसके काबू मे थी लेकिन नरम पड़ कर दीप का गेम बिगड़ सकता था ..ऐसा सोच कर उसने अपना नाटक जारी रखने का फ़ैसला किया

" अरे तेरे मा - बाप को भी तो पता चलना चाहिए कि अब उनकी बेटी को ज़्यादा पैसो की ज़रूरत पड़ने लगी है और इसके लिए वो रंडी तक बनने को तैयार है ..मैने सही कहा ना बेटी "

दीप सोफे से उठ कर बेड की तरफ बढ़ गया ..सेल उठा कर उसने झूठा नंबर. डाइयल किया ही था की शिवानी के रोने की आवाज़ उसके कानो तक पहुच गयी

" माफ़ कर दो अंकल ..वो मर जाएँगे ..अगर आप इस लिए मुझसे नाराज़ हैं कि मैं नामिता की क्लास मेट हूँ तो मैं वादा करती हूँ उसे कभी कुछ नही बताउन्गि ..आप कहें तो मैं बिना पैसो के ही आप के साथ सेक्स करूँगी ..पर प्लीज़ ऐसा ज़ुलूम मत कीजिए "

शिवानी रोते हुए लड़खड़ाते कदमो से दीप की तरफ चलने लगी ..उसके पास पहुच कर वो तुरंत अपने घुटनो पर बैठी और झटके से उसका पूरा मुरझाया लंड एक बार मे ही अपने गले से नीचे उतार लिया ..उसकी सिसकियाँ हिचक़ियों मे बदल गयी और बहती आँखों की परवाह ना करते हुए उसने तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया ..दीप के मज़े की तो कोई सीमा ही नही रही

" आहह........ शिवानी छोड़ इसे और पहले उस अलमारी से मेरा डिजिटल कॅमरा निकाल कर ला "

दीप ने उसका सर पकड़ कर लंड मूँह से बाहर निकाला और वापस सोफे पर आ कर बैठ गया

" कॅमरा !!!!!!!! "

शिवानी को चक्कर आने लगे ..वो खुद को कोसने लगी कि क्यों पैसो के लालच मे आ कर वो इस बुरी मुसीबत मे फस गई ..वो अभी तक अपने घुटनो पर बैठे रोए जा रही थी

" हां कॅमरा ..मुझे भी तो अपना फ्यूचर सेव करना है ..चल अब ये रोने की नौटंकी ख़तम कर और जैसा कहता हूँ वैसा कर "

मोबाइल के कीपॅड की लाइट जलते ही शिवानी दौड़ कर अलमारी के पास पहुचि और कॅमरा ढूँढने लगी ..अब ग़लत करम किया है तो नुकसान तो झेलना ही पड़ेगा

[ इवेंट मेनेजमेंट फर्म होने की वजह से दीप अक्सर पार्टियों मे रेकॉर्डिंग वगेरा करता रहता था ..ताकि भविश्य के न्यू क्लाइंट'स को इंप्रेस करने के लिए स्नॅप्स दिखा सके ..और तभी एक पर्सनल कॅमरा 24 अवर्स उसके ऑफीस मे रखा रहता था ]

" दराज़ खोल उसमे है "

दीप के कहने पर शिवानी ने दराज़ खोल कर कॅमरा बाहर निकाल लिया ..लेकिन वो दीप के करीब आने की हिम्मत नही जुटा सकी

" अंकल मैने प्रॉमिस तो किया है ..प्लीज़ ऐसा मत करिए ..मेरी लाइफ स्पायिल हो जाएगी "

शिवानी को लगा जैसे अब वो बेहोशी के काफ़ी नज़दीक है ..फिर भी उसने खुद को नीचे गिरने से बचाए रखा था

" इधर ला इसे और बैठ जा मेरे सामने ज़मीन पर "

दीप गरजा और डर के मारे शिवानी तुरंत उसके करीब आ गयी ..इस वक़्त उसने ब्लॅक स्कर्ट और येल्लो टॉप पहेन लिया था जो वो सुबह वापसी की चेंजिंग के लिए बेग मे साथ रख कर लाई थी

" सुना नही तूने या लगाऊ फोन अपने इनस्पेक्टर दोस्त को "

दीप ने उसे हड़काया और कॅमरा ऑन करने लगा ..शिवानी ज़मीन पर उसकी टाँगो के पास बैठ गयी

" चल अब जब मैं कॅमरा तेरे ऊपर फोकस करू तो अपनी फुल डीटेल्स ..जैसे परिवार वालो का नाम ..अपना नाम ..शहर ..यहाँ मुंबई मे क्यों आई है ..कौन सा कॉलेज वगेरा - वगेरा सारी जानकारी बताना और हां अपने ये आँसू पोछ ले ..मुस्कुरा कर पूरा इंट्रोडक्षन देना "

इतना कह कर दीप उसके रेडी होने का इंतज़ार करने लगा ..टॉप से अपने आँसू पोछ कर शिवानी ने फेस को स्माइलिंग बनाया लेकिन कोई भी शक़्स उसे देख कर कह सकता था कि थोड़ी देर पहले वो जम कर रोई होगी

" चल बोलना शुरू कर "

दीप ने कमेरे का सारा फोकस शिवानी के चेहरे पर कर दिया

" मैं शिवानी सहाए ..उमर 19 साल ..शहर आगरा से यहाँ मुंबई ..फ्रॅंक विन इन्स्टिट्यूट से एर होस्टेस्स का कोर्स करने आई हूँ ..मेरे पिता हीरा चन्द सहाए पेशे से गूव्ट. टीचर हैं और माताजी. शुषमा सहाए हाउस वाइफ ..तीन भाइयों मे मैं अकेली लड़की हूँ "

इतना बुलवा कर दीप ने कॅमरा पॉज़ कर दिया

" जी अंकल मैने कह दिया जैसा आपने बोला था ..अब तो आप मुझसे नाराज़ नही हैं ना "

शिवानी ने ऐसा इसलिए कहा कि शायद उसका मासूम रोता चेहरा देख कर दीप को उस पर रहम आ जाए ..लेकिन दीप किसी गहरी सोच मे डूबा हुआ था ..अचानक से उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैरने लगी ..उसकी हँसी देख कर शिवानी को लगा जैसे आज वो यहाँ से ज़िंदा वापस नही जा पाएगी ..अगर दीप ने उस पर और ज़्यादा ज़ुलूम ढाए तो ज़रूर उसके प्राण इस बंद कमरे मे निकल जाएँगे

" चल अब आगे बोलना ..मैं अपनी मज़री से यहाँ मुंबई मे प्रॉस्टिट्यूट बनी हूँ ..पैसो के खातिर अब तक मैने 15 मर्दो से चुदवाया है और आज मैं मेरी 16वी चुदाई आप के लिए रेकॉर्ड करवा रही हूँ ..आशा है आप सब को पसंद आएगी ..चल फटाफट बोल और फिर मेरा लंड चूसना शुरू कर देना और हां अपनी तरफ से भी कोई मिर्च मसाला डालना "

इतना कह कर दीप ने वापस कॅमरा उसके चेहरे पर फोकस कर दिया ..पर शिवानी अपना सर झुकाए बैठी रही ..ये काम तो बहुत जलालत भरा था ..कैसे वो कमेरे के सामने अपनी लाइव चुदाई रेकॉर्ड करवा सकती थी

" सुना नही तूने ..लगाऊ फोन ..चल इस बार लगा ही देता हूँ ..बाकी पोलीस के डंडे तुझसे सब उगलवा देंगे "

दीप ने मोबाइल उठाया और नंबर. डाइयल कर झुटि मूटि आक्टिंग करने लगा ..शिवानी समझ गयी अब उसे भगवान ही नही बचा सकते ..दीप की बात मान ने के अलावा उसके पास कोई और चारा नही बचा

" मैं बोलती हूँ अंकल आप कॉल काटिए "
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10-01-2018, 03:42 PM,
#72
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
शिवानी के कहने पर दीप ने कॉल कट किया और वापस कॅमरा हाथ मे पकड़ लिया ..अंगूठे के इशारे को समझ कर शिवानी ने बोलना शुरू किया

" मैं अपनी मर्ज़ी से प्रॉस्टिट्यूट बनी हूँ ..पैसे ले कर अब तक मैने 15 मर्दो से अपनी चुदाई करवाई है और मैं चाहती हूँ की मेरी 16वी चुदाई का लाइव टेलएकास्ट आप सब देखें और जो ना देख पाए हों वो रेकॉर्डेड देख सकते हैं ..आशा है आप सब को पसंद आएगी ..मुझे लंड चूसना पसंद है साथ ही मैं अपनी गान्ड भी मरवाती हूँ "

इतना बोल कर शिवानी अपने घुटनो पर आ गयी और दीप के मुरझाए लंड को खड़ा करने के लिए हाथो से हिलाना शुरू कर दिया ..दीप कॅमरा फोकस शिवानी के चेहरे पर सेट करते हुए अपने दूसरे हाथ से उसका सर लंड पर दबाने लगा

" उफफफफफफ्फ़....... शिवानी क्या रंडी की तरह चूस्ति है लंड तू ..चूस छिनाल और पी जा इसका सारा रस "

जान कर दीप ने ऐसी बात कही और शिवानी से लंड चुसवाने का लुफ्त उठाने लगा

झुके चेहरे पर इस वक़्त मुस्कुराहट ही मुस्कुराहट भरी थी ..शिवानी मे ना जाने इतनी हिम्मत कैसे आ गयी जो उसने जी जान से लंड चुसाई शुरू कर दी ..टट्टो पर हल्के नाखूनो की खुरचन देते हुए वो सुपाडे पर अपने होंठो का ' ओ ' शेप बना कर लंड चूस रही थी

दीप ने अपनी दोनो टांगे शिवानी के कंधो पर रख ली जिससे रेकॉर्डिंग बिल्कुल क्लियर आ सके ..लड़की का खिला चेहरा दीप बड़ी हैरत भरी निगाहो से देख रहा था ..अचानक लंड मूँह से बाहर निकाल कर शिवानी ने उसे अपनी आँख मारी और जीभ को टोपे के छेद पर मचलाने लगी

दीप मस्ती मे आहें लिए जा रहा था ..ऐसा मौका उसकी लाइफ मे पहली बार आया था जो उसे इतना घ्रानित कार्य करना पड़ा

काफ़ी मात्रा मे थूक सुपाडे पर उडेल कर शिवानी ने अपनी जीभ से पूरा लॉडा भिगो दिया और लंड की जड़ पर लटके दोनो अंडकोष एक साथ अपने छोटे से मूँह मे भरने की कोशिश करने लगी ..वक़्त दर वक़्त उसकी मेहनत रंग लाई और कुछ ही पलो बाद दोनो टटटे उसके मूँह के अंदर चले गये ..जीब की लपलपाहट से उसका सलाइवा बह कर थोड़ी ( चिन ) से नीचे टपकने लगा ..पूरी तरह टट्टो की चटाई कर वो वापस जीभ फिराती हुई सुपाडे पर पहुच गयी ..टोपे पर गोलाकार कयि दफ़ा जीभ घुमा कर लंड को हल्के हल्के हाथो से स्ट्रोक करने लगी

" मज़ा आ रहा है ना जान ? "

शिवानी ने दीप की आँखों मे देख कर पूछा और बिना उसका जवाब सुने ..सूजे ..छोटे आलू बराबर सुपाडे को होंठो के बीच फसा लिया ..धीरे धीरे आधा लंड उसके मूँह के अंदर उतर चुका था

" उमल्लप्प्प्प....... "

शिवानी के मूँह से निकलने वाली शन्तुस्तिपुर्वक लंड चुसाई की अति कामुक और सुड़कने की आवाज़ें बहुत ज़यादा ऊँची हो गयी और पूरे

बेडरूम मैं गूंजने लगी ..ऊत्तेजनापुर्वक अपने सर को ऊपर नीच्चे करते हुए उसने दीप के विकराल लंड को अपने छोटे से मूँह से चोदना शुरू कर दिया

" आहह........ बेटी ..उंमग्घह....... "

दीप की आ सुन कर शिवानी का चेहरा लाल हो गया और हू जितनी कठोरता से उस

के लंड को चूस सकती थी चूसने लगी ..काम रस से भरा लौन्ड शिवानी के मूँह मे होने के कारण उसके गाल तेज़ी से फूलते और सिकुड़ते जा रहे थे

वहीं उसकी उंगलियाँ लंड की जड़ पर कसी थी ..ताकि प्रचंडता के साथ सूपड़ा चूस्ते हुए वो लंड को हिलाती भी रहे

दीप पूरी तरह से पागल हो गया ..उसके शरीर की अकड़न अब ज़्यादा दूर नही रही ..अपना सर ऊपर उठा कर वो तेज़ी से हाँफने लगा ..शिवानी की आँखों मे तैरते आँसू ये गवाही दे रहे थे कि बेचारी कितनी तकलीफ़ मे है ..लेकिन मज़ाल वो एक पल को भी रुकी ..लगभग हर झटका लंड के टोपे को उसके गले से टरका देता ..बुरी तरह चोक हो कर वो थोड़ा रुकती और वापस उसी तेज़ी से लंड और अंदर तक लीलने लगती

दीप ने अपने एक हाथ से उसके सर को थामा और चीखते हुए गांद हिला कर धक्के देने लगा

" मैं आ रहा हूँ शिवणीीईईईई उफफफफफफफफफ्फ़ ..........आहह ...... "

दीप ने ताक़त लगा कर अपना पूरा लंड उसके गले मे फसा दिया ..शिवानी के हाथ उसकी जाँघ से चिपक गये और अपने नाखूनो से जाँघ को नोचने लगी ..दीप का कंट्रोल ख़तम हो गया और उसके अंडकोषो मे भरा वीर्य तेज़ी से सुपाडे से होता हुआ शिवानी के गले को गीला करने लगा ..गलाल - गलाल की आवाज़ दीप को सॉफ सुनाई देने लगी ..इतनी तकलीफ़ सहने के बाद भी शिवानी ने लंड को मुठियाना नही छोड़ा और साथ ही रस की अधिकता होने से वीर्य गटाकने की गति अवरुद्ध हो गयी ..स्पर्म बह कर उसके होंठो की कीनोर से बाहर आने लगा ..लंड ने लगभग 30 सेक तक स्खलन किया ..रस पीते - पीते शिवानी का गला और पेट तर हो गये

दीप शांत हो कर सोफे पर धराशायी हो गया लेकिन शिवानी ने लंड चूसना बंद नही किया ..जब तक पूरी तरह से उसने नमीं वीर्य की आख़िरी बूँद नही चाट ही लंड मूँह से बाहर नही आने दिया ..दीप के चेहरे पर नज़र डाल जब वो पूरी तरह सन्तुस्त हो गयी तब लंड ढीला पड़ कर अपने आप ही उसके मूँह से बाहर निकल आया

कॅमरा अब उसके हाथ से छूट कर सोफे पर गिर गया ..दीप ने दो पल गहरी साँस ली और उसे ऑफ कर कवर मे डाल लिया ..शिवानी ज्यों की त्यों ज़मीन पर बैठी रही और जब दीप ने उसके ऊपर गौर किया तो तरस खाते हुए उसके कंधे पर अपने हाथ की थपकी देने लगा

" डोंट टच मी ..यू रास्कल ..अब बेच देना इसकी सीडी बना कर और भर लेना अपना और अपने परिवार का पेट ..मैं मरने से नही डरती बस अपने मा - बाप की इज़्ज़त खोने का डर है "

शिवानी अपना चेहरा घुटनो पर रख कर रोने लगी ..दीप का सारा नशा अब काफूर था ..उसके अंतर्मंन ने उसे कचोटा कि ये सब उसने बिल्कुल ग़लत किया है
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10-01-2018, 03:42 PM,
#73
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
" मैं माफी चाहूँगा ..लेकिन मुझे तुम्हारी बातों का भरोसा नही ..कल को यदि ये बात मेरी बेटी को पता चल गयी ..मेरा तो पूरा घर ही उजड़ जाएगा ..बेफिकर रहो इस स्नॅप का मिसयूज़ नही होगा "

दीप ने वापस उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा ..शिवानी उसकी बात सुन कर बौखला गयी

" बर्बाद !!!!!!! ..दीप बाबू आपने मुझे रंडी कहा था ना ..अब सच सुनो ..रंडी मैं नही तुम्हारी बेटी नामिता है ..जा के पूछो उससे ..क्यों मेरे प्यार को अपने नन्ग्पन से अपनी तरफ खीच लिया ..पूच्छना किस तरह मेरे प्यार के लंड से चुदने को मचल रही है "

शिवानी ने आग उगलते हुए चिल्लाया ..नतीजा दीप से ये बात बर्दास्त नही हुई और पूरी ताक़त लगा कर उसने एक थप्पड़ शिवानी के गाल पर जड़ दिया

मर्दाने हाथ का करारा तमाचा शिवानी सह नही पाई और वहीं ज़मीन पर पस्त हो कर लेट गयी ..कुछ देर तक एक ज़िंदा लाश बनी रहने के बाद उसने फिर से अपना मूँह खोला

" थप्पड़ मार कर बड़ा मर्द बनते हो ..दूसरो की बेटी छिनाल और अपनी बेटी सती - सावित्री ..दीप बाबू पूरे 5 साल से मैं और अशोक एक दूसरे से प्यार करते आए हैं ..साथ जीने मरने की कसमे खाई ..मेरे मुंबई आने की वजह भी अशोक ही है ..लेकिन अब मेरा प्यार मुझसे बेवफ़ाई करने लगा है ..वजह है तुम्हारी भोली - भाली बेटी ..बहुत पैसा है आप के पास ..महँगे कपड़े ..गाड़ी घोड़े ..लेकिन सॉफ दिल नही ..अशोक दिन पर दिन मुझसे दूर होता गया ..नामिता के हुस्न का जादू उसके सर चढ़ कर बोलने लगा ..मैं महँगे कपड़े नही खरीद सकती ..पार्टियों मे जाने के लिए पैसा नही है ..तभी सोचा एक बार अपने जिस्म का सौदा करने के बाद कुछ पैसे मिल जाएँगे तो मैं भी सज सवर कर अपने रूठे प्यार को वापस मना पाउन्गि ..ये बात नामिता को सोचनी चाहिए थी कि अशोक मेरी जान है ..ना तो उसने खुद कभी उससे से प्यार किया और मुझे भी बीच मजधार मे लटका कर इस ट्राइंगल से अलग हो गयी ..बात अब यहाँ तक पहुच गयी है कि बुरी ना हो कर भी मैं अशोक के लिए मर चुकी हूँ ..वाह री दौलत ..बाबूजी सच कहते हैं ..' जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरो के घर पर पत्थर नही उच्छालते ' "

शिवानी के आँसू बहने का सिलसिला ना तो थमा ना ही रुक सकता था ..वो आज दिल खोल कर रोना चाहती थी ताकि भविश्य के लिए उसकी आँखें सूख कर लोहा हो जाएँ ..कभी ना पिघल पाएँ

वहीं दीप निराश ..दुखी ..मूक बना शिवानी के कहे एक - एक शब्द पर विचार कर रहा था ..दिल मे आया वो भी जी भर कर रो ले ..लाचार लड़की के पैरो मे गिर कर अपने गुनाह की माफी माँगे ..अपनी नाक रगडे ..जाने क्यों उसके वहशी पन की हद्द दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी ..क्या वो इतना पापी हो गया है की ऊपर वाले का तनिक भी डर उसके मन मे नही रहा ..एक अबला नारी की आह ले कर अब कैसे जिएगा वो

अचानक से दीप ने कॅमरा उठाया और पूरी शक्ति के साथ दीवार पर दे मारा ..कवर के अंदर सुरक्षित होने के बावजूद भी वो टुकड़े - टुकड़े मे परिवर्तित हो गया

शिवानी ने अपना चेहरा कमेरे की तरफ घुमाया और ज़मीन पर लेटते हुए अचेत हो गयी

कुछ देर तक दीप उसके बेहोश मुख को निहारता रहा ..आज पहली बार किसी ने उसे उसकी औकात से रूबरू करवाया था ..दीप ने अपनी नम आँखें पोन्छि और ज़मीन से शिवानी को उठा कर बेड पर लिटा दिया ..सारी रात उसका सर अपनी गोद मे रखे हुए वो जागता रहा

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सुबह 5 बजे शिवानी के बदन मे हुए कंपन से दीप ने भी अपनी आँखें खोली ..खुद को दीप की गोद मे सोता देख शिवानी बिना किसी देरी के उठी और अपना बेग समेत कर बेड रूम का दरवाज़ा अनलॉक करने लगी

" 5 मीं रूको मैं तुम्हे हॉस्टिल ड्रॉप कर दूँगा "

इतना कह कर दीप ने अपने कपड़े पहने और कार स्टार्ट कर शिवानी के हॉस्टिल से 100 मीटर की दूरी पर रोक दी

" तुम्हारी शादी की ज़िम्मेदारी अब मेरी है ..ये लो 20 हज़ार रुपये ..आइन्दा किसी भी चीज़ की ज़रूरत पड़े तो ये मेरा कार्ड है "

दीप ने उसे अपने गले से चिपका कर कहा ..पश्चाताप के आँसू बह जाने से उसका दिल अब काफ़ी नरम पड़ चुका था

" पैसे मुझे नही चाहिए और ना ही अब मैं अशोक से शादी करूँगी ..वो इंसान ही क्या जो बदल जाए "

इतना कह कर शिवानी कार से उतरने लगी ..दीप के हज़ार बार मनाने पर भी उसने पैसे नही क़ुबूल किए

जब तक वो अपने हॉस्टिल नही पहुच गयी दीप वहीं रुका रहा ..एक आख़िरी बार पलट कर शिवानी ने उसकी कार की तरफ देखा और हॉस्टिल के अंदर चली गयी

" आअह ले कर मैने अच्छा नही किया जाने इसके परिणाम कितने भीषण होंगे "

दीप ने कार अपने घर की तरफ मोड़ दी ..ऐसा घर जो अब उसके मालिक का नही रहा था ....
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10-01-2018, 03:43 PM,
#74
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
पापी परिवार--23


" तन्वी आइस क्रीम के साथ आइस क्यूब्स भी लेते आना "
जीत ने तन्वी को आवाज़ दे कर कहा ..टेबल पर रखी विस्की की बोत्तेल से एक हार्ड पेग बन चुका था
" नो डॅड ..ड्रिंक नॉट अलाऔड ..वैसे भी आप पी कर बहक जाते हो "
तन्वी जीत के कहे अनुसार आइस क्यूब्स भी साथ मे ले कर आई थी ..लेकिन उसके हाथ मे शराब का ग्लास देख कर घबरा गयी
" कुछ नहीं होगा ..स्माल - स्माल दो पेग पियूंगा ..आजा बैठ इधर "
जीत आइस क्यूब्स से अपना ग्लास फुल करते हुये बोला ..साथ ही उसने अपने लंड को वापस पिच्छली पोज़िशन मे लिटा लिया ताकि तन्वी उसकी गोद मे बैठ सके
" दो स्माल पेग ..याद है ना 14थ फ़रवरी को क्या किया था आप ने "
तन्वी उसकी गोद मे ना बैठ कर सोफे के दूसरी साइड बैठ गयी
" उस दिन ..ह्म्म्म्म्म उस दिन तो मैने प्यार का इज़हार किया था अपनी बेटी से "
जीत ने पेग का पेहला स्ट्रॉंग सिप ले कर कहा ..शराब से मूँह का टेस्ट बिगड़ा तो उसने चखने के रूप ने तन्वी की गर्दन चाट ली
" जरा हाथ तो ऊपर कर मुझे और नमकीन चाहिये है "
जीत के कहने पर तन्वी ने अपना राइट हॅंड ऊपर उठा लिया ..उसके चिकने आर्म्पाइट्स देख जीत ने उसे जीभ से चाटना शुरू कर दिया ..तन्वी को गुदगुदी होने लगी और वो मसताती हुई जीत की पकड़ से दूर होने की कोशिश करती है ..लेकिन जीत पेग को तबले पर रख कर अपने दोनो हाथो से उसके बूब्स पकड़ लेता है जिससे से तन्वी की आ निकल गयी 
" औच्छ्हपहह्ह....... यू आर सो वाइल्ड ..डॅड आप का वो प्यार मैं आज तक याद करती हूँ ..उस दिन आप ने 1 घंटे तक मेरा माउत फक किया था ..वो भी मेरे हाथ पैर बाँध कर ..पता डॅड उसके बाद पूरे 2 वीक मैं ठीक से खाना नहीं खा पायी थी ..ऐसा लगता था जैसे मेरे गले की नसें फॅट गयी हों "
तन्वी ने उसकी चेस्ट के बालो को नोच कर कहा ..जीत ने तुरंत बूब्स से हाथ हटाये और उसे अपने ऊपर खीच लिया
" तुझे मज़ा नहीं आया था क्या ..4 बार लंड का जूस पिया फिर भी नौटंकी करती है "
जीत की गोद मे आते ही दोनो के होंठ आपस मे जुड़ गये ..शराब की गंध मेहसूस कर तन्वी ने अपने होंठ नहीं खोले फिर भी जीत बुरी तरह उसके लिप्स चूसे जा रहा था ..जैसे ही जीत ने अपने दाँतो मे तन्वी का निचला होठ फसाया ..मजबूरन तन्वी को अपने होंठ खोलने पड़े और जीत की जीभ उसके मूँह के अंदर घूमने लगी ..दोनो के मूँह का सलाइवा मिक्स होने लगा ..तन्वी ने मन मार कर रेज़िस्ट करना बंद कर दिया और जीत के होंठो के अंदर अपनी जीभ डाल दी ..शायद अब वो शराब की गंध की आदि होने लगी थी ..जीत काफी पॅशनेट हो कर पूरे 5 मिनिट तक उसके होंठो का रस पान करता रहा
" ह्म्म्मम्म्म्म....... तेरे अंग - अंग का टेस्ट नशीला है ..निकुंज के तो मज़े होने वाले हैं "
जीत ने उसका राइट गाल चाट ते हुये कहा ..किस टूटने के बाद तन्वी की सांसे थोड़ी नॉर्मल होने लगी
" आप का मन करे तो मुझे कच्चा चबा जाओ ..छोड़ो मुझे कुछ नहीं करना "
तन्वी ने अपना झूटा घुस्सा दिखाया और जीत हंसते हुये वापस उसे किस करने लगा
" डॅड खाना ऑर्डर कर दो ..भूख लगी है "
घड़ी ने 10 बजाये और इसका फायदा उठाते हुये तन्वी सोफे से नीचे उतर गयी
" अच्छा मेरी बेटू को भूख लगी है ..जा फोन कर के अपनी पसंद का डिन्नर मंगवा ले ..जब तक मैं ड्रिंक से फ्री हो जाता हूँ "
जीत अपना पेग पी कर बोला और तन्वी होटेल फोन करने लगी ..कॉंटिनेंटल उसकी पेहली पसंद था ..ढेर सारी डिशस ऑर्डर करने के बाद तन्वी की नज़र टेबल पर रखे आइस - क्रीम पॅकेट पर पड़ी
" डॅड ये तो मेल्ट होने लगी "
पॅकेट खोल कर तन्वी ने अपनी उंगली से उसका ज़ायका लिया
" तेरा फेवोवरिट फ्लेवर बटर स्कॉच है ना ..मुझे भी तो खिला "
जीत के केहने पर तन्वी ने नाइफ से आइस क्रीम की स्लाइस काट ली
" लो डॅड टेस्ट करो "
तन्वी इस वक़्त टेबल और सोफे के बीच मे खड़ी थी ..उसकी बॅक टेबल की तरफ और चेहरा जीत की तरफ घूमा हुआ था
जीत सोफे से उठा गया ..झटके से उसने तन्वी को पकड़ कर ऊपर हवा मे उठा लिया और उसके हाथो से आइस क्रीम खाने लगा ..तन्वी ने अपनी टांगे जीत की कमर मे लपेट ली
" सो रोमॅंटिक "
तन्वी को बोलते देर नहीं हुई और जीत ने उसे टेबल पर रखी आइस क्रीम के ऊपर बिठा दिया
" उईईईईईईईईईईईईईई डॅड "
चूतड़ो पर ठंडा एहसाह पड़ते ही तन्वी के मूँह से आह निकल गयी और जीत हॅसते हुये वापस सोफे पर बैठ गया
" ये क्या किया आप ने ..जब आइस क्रीम खानी नहीं थी तो बिगाड़ी क्यों और मुझे भी गंदा कर दिया "
तन्वी उच्छलती हुई टेबल से नीचे उतर गयी ..उसकी पूरा पिच्छवाड़ा आइस क्रीम से भिड़ चुका था
" सॉरी ..सॉरी ..इधर आ मैं साफ कर देता हूँ "
जीत ने उसे सोफे पर ऐसी पोज़िशन मे बिठाया जिस से उसका पिछवाडा थोड़ा ऊपर को उठ जाये ..तन्वी अपने घुटने के सहारे सोफे पर बैठ गयी
" टांगे चौड़ी कर ले ..मैं सॉफ कर देता हूँ "
जीत ने देखा चूत से लेकर आस होल पूरा आइस क्रीम से भीगा हुआ है ..देर ना करते हुये उसने आस चिक चाटने शुरू कर दिये
" ह्म्म्ममम्म्म्म........ अब टेस्ट आ रहा है "
जीत हॅसते हुये बोला तो तन्वी की भी हॅसी च्छूट गयी
" अच्छा तो ये चाल थी आप की ..डॅड आप बहुत गंदे हो बट आइ रियली लव यू "
तन्वी ने अपने हाथो से गांड़ की दरार खोल दी ..उसे भी अब मज़ा आने लगा था ..इस तरह के अलग एक्सपेरिमेंट की उन्हे सख्त ज़रूरत थी क्यों कि ओरल करते - करते दोनो ऊब चुके थे
पूरे चिक चाट कर सॉफ करने के बाद जीत की जीभ ने क्रॅक का रुख किया ..दरार के टॉप से नीचे को जीभ फिराता हुआ जीत गांड़ के छेद पर पहुचा ..भूरा वर्जिन छेद..अब तक आइस क्रीम भी पिघल कर पानी बन चुकी थी
जीत ने जीभ को राउंड मे घुमाते हुये छेद को चाटना शुरू कर दिया
" आहहहहहहह्ह डॅड मज़ा आ रहा है ..थोड़ा आइस क्रीम और लगाओ ना वहां पर "
तन्वी को उस ठंडक का मज़ा दोबारा चाहिये था ..बड़ी स्ट्रेंज सी फीलिंग झेली थी उसने ..गरम नाज़ुक अंगो पर ठंडा - ठंडा एहसास
" चल ठीक है थोड़ी ताक़त लगा कर छेद को खोलने की कोशिश कर मैं पिघली आइस क्रीम अंदर भर कर चूसूंगा "
जीत टेबल से पॅकेट उठा कर छेद पर आइस क्रीम की बूंदे टपकाने लगा ..तन् ने वी जितनी ताक़त लगा सकती थी लगाई ..हल्का सा छेद ओपन हुआ और आइस क्रीम उसके अंदर जाने लगी
हर बूंद के छेद से टच होते ही तन्वी के बदन मे सुरसुरी चढ़ जाती और उसकी हिम्मत जवाब देने लगती ..कभी मस्ती से बेहाल हो कर वो छेद को सिकोड़ती तो कभी दम लगा कर खोल देती
काफी मेहनत के बाद पूरा आस होल आइस क्रीम से लबालब भर गया
" अब रेडी हो जा और कंट्रोल करना "
जीत ने इतना बोल कर पॅकेट टेबल पर रखा और छेद से अपने होंठ चिपका कर उसे चूसने लगा ..होंठो के ज़रिये पिघली आइस क्रीम का रस उसके गले से नीचे उतरने लगा और बीच - बीच मे वो अपनी नोकदार जीभ की ठोकर छेद पर देने लगा
वहीं तन्वी के हाथ अब सोफे की शीट उधेड़ रहे थे ..उसकी आँखें बंद और वो अपने होंठ दाँतो से चबाने लगी ..इतना मीठा दर्द उसने लाइफ मे पेहली बार मेहसूस किया था ..हर सेक्केान्ड उसकी चीख निकल जाती और इससे जीत और भी तेज़ी से छेद चाट छेड़ता..तन्वी के पूरे बदन मे चीटियाँ रेंगने लगी ..उसे कांटे से चुभ रहे थे ..आखिर कर उससे कंट्रोल नहीं हुआ और वो दर्द से बेहाल हो गयी
" उफ्फफ्फ्फ्फ्फ़ डॅड थोड़ा रुक जाओ ..नहीं तो मेरी जान निकल जायेगी "
तन्वी के बोलने पर जीत ने अपने होंठ गांड़ के छेद से अलग किये और अगले ही पल उसकी जीभ चूत की फांको को चाटने लगी ..जिससे तन्वी की हालत सुधरने की वजाये और भी ज्यादा बिगड़ गयी
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10-01-2018, 03:43 PM,
#75
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
जीत ने चूत के लिप्स को उंगलियो से अलग किया और जीभ गेहराई मे उतार दी ..चूतरस और आइस क्रीम का मिक्स स्वाद उसे बहुत पसंद आ रहा था ..फ़ाको के अंदर जीभ की मचलाहट और ऊपर होंठो के चूसने का कड़कपन तन्वी से बर्दास्त नहीं हुआ और ..उसने बिना किसी अग्रिम चेतावनी के अपना ऑर्गॅज़म कर दिया
" ह्म्म्मम्म्म्म............आहहहहहहहह्ह........... "
लपर लपर की आवाज़े पूरे हॉल मे सॉफ सुनाई दे रही थी ..रस बहते देर नहीं हुई और मौका ताड़ते हुये जीत ने अपना अंगूठा आस होल से चिपका दिया
" हिलना डुलना मत "
जीत छेद पर अंगूठे का हल्का सा प्रेशर डाला और बिना किसी रुकावट के आधा अंगूठा छेद के अंदर पहुच गया
तन्वी के चेहरे पर दर्द का तो कोई भाव नहीं आया लेकिन उसे मेहसूस हुआ जैसे गांड़ का छेद थोड़ा फैल गया हो और कोई चीज़ अंदर फस गयी है
" दर्द तो नहीं है ना ..मैं अंगूठा और अंदर डाल रहा हूँ "
इस बार जीत ने थोड़ा ज्यादा प्रेशर डाला और पूरा अंगूठा अंदर समा गया ..तन्वी की चीख तो नहीं निकली लेकिन मदहोशी से भरी आह ज़रूर निकल गयी ..जीत अंगूठे को राउंड देते हुये घुमाने लगा साथ ही वो कोशिश कर रहा था कि अंगूठे की जगह अपनी दूसरी उंगलियों का प्रयोग कर पाये
" तन्वी एक बार और आइस क्रीम यूज़ करता हूँ ..छेद काफी मुलायम हो जायेगा "
जीत ने अंगूठे को बाहर निकाल कर बची आइस क्रीम छेद मे भर दी
" डॅड फिंगर से पता नहीं चलता ..जब आप लंड डालोगे तब देखना ज़रूर मेरी गांड़ फॅट जायेगी "
तन्वी के दिल मे अब भी डर का वास था ..रह रह कर वो घबरा रही थी कि आज के बाद वो कयी दिनो तक ठीक से बैठ भी नहीं पायेगी
" चिंता मत कर ..मैं आराम से करूंगा "
जीत मे अपनी दो फिंगर छेद मे एंटर कर दी और धीरे - धीरे उंगलियों से छेद चौड़ाने लगा ..तन्वी को मज़ा भी आ रहा था और उसकी फट भी रही थी
काफी देर तक 2 उंगलियों से छेद की चुडाई कर जीत ने मन बना लिया कि अब ज्यादा देर करना ठीक नहीं ..अभी तन्वी मदहोश है ..हो सकता है बाद मे मना कर दे
" चल उठ ..बेड रूम मे चलते हैं ..अभी तो डिन्नर की डेलिवरी आने मे वक़्त लगेगा "
तन्वी को गोद मे उठा कर जीत बेडरूम की तरफ चल पड़ा ..कमरे मे पहुच कर जीत बेड पर अपनी टांगे लटका कर बैठ गया और तन्वी उसकी गोद से नीचे उतर कर फ्लोर पर खड़ी हो गयी
" ले थोड़ा इसे भी गीला कर दे ..ताकि चिकनाई बरकरार रहे "
जीत के समझाने से तन्वी अपने घुटनो पर बैठी और ज्यादा सा थूक बना कर उसने लंड पर उड़ेल दिया ..सुपाड़े से जीभ घुमाती हुई वो पूरे लंड पर अपना थूक फैलाने लगी ..लंड निगलने मे तो उसका कोई सानी था नहीं
" चूसने के बाद और चिकना हो जायेगा ना "
तन्वी ने रुवासी भरते हुये कहा ..घबराहट मे उसकी साँसे फूलने लगी थी और दिल की धड़कने जीत सुन रहा था
" दर्द होगा तो निकाल लूंगा ..भरोसा कर अपने डॅड पर "
जीत ने उसके बालो पर हाथ फेरते हुये कहा ..वो भी जानता था कि बेटी को दर्द देना उसके बस मे नहीं है ..तन्वी ने पेहली ही बार मे लगभग आधा लंड मूँह मे भर लिया और चूसने लगी ..मूँह के अंदर उसकी जीभ सुपाड़े पर रेंग रही थी ..जितना थूक उसके मूँह मे आता वो लंड को नेहलाती जाती ..चिकनाई का शायद उसने यही अर्थ लगाया था ..जब लंड मे काफी कड़क पन आ गया तब जीत ने उसे तन्वी के मूँह से बाहर खीच लिया ..लंड थूक से पूरी तरह भीगा था

" बस अब ठीक है ..मैं कुछ नहीं करूंगा ..तू खुद इस पर बैठेगी और अपने हिसाब से जितना अंदर ले सकती है ले लेना ..अब तो खुश है ना ? "
जीत ने उसे पलटा कर कहा ..अब उसकी बॅक जीत के फेस की तरफ हो गयी
" ठीक है ..लेकिन कंट्रोल आप को करना होगा "
तन्वी ने अपनी बेकाबू सांसो को रोका और लंड क़ी नोक पर गांड़ का छेद टिकाने लगी
" डॅड प्लीज़ "
जीत ने हाथो से उसका पेट पकड़ा और तन्वी लंड पर बैठने लगी ..उसका एक हाथ नीचे लंड को मुट्ठी बना कर जकड़े हुये था ..ताकि चाह कर भी जीत अपनी तरफ से झटका ना मार सके
तन्वी के बैठते ही सूपाडा अंदर घुसने लगा और च्छेद बुरी तरह् से फैल गया ..अचानक से तन्वी का पैर स्लीप हुआ और वो पूरे वजन के साथ लंड पर बैठती चली गयी
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10-01-2018, 03:43 PM,
#76
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
" आआआआआआआईईईईईईईईईईईईई........ "
तन्वी की चीख से पूरा बेडरूम गूंजा और उसके फिसलने से जीत अपने आप ही बेड पर लेट गया
सुपाड़े ने छेद को चीर दिया था और तन्वी दर्द से बेहाल बेड से उठने की कोशिश करने लगी ..तभी उसके बूब्स को पकड़ कर जीत ने पूरी ताक़त से मसलने शुरू कर दिये
" घबरा मत और मुझे किस कर "
जीत ने उसकी चूचियों को दबाते हुये कहा ..तन्वी मूँह से फूक मार रही थी और उसकी आँखों से आँसुओ की धार बहने लगी
" ड ..ड ..ड ..मुझे छोड़ दो ..मैं सह नहीं पाऊँगी..बहुत दर्द हो रहा है "
कांपते हुये तन्वी बिलख पड़ी ..जीत ने अपना चेहरा ऊपर उठाते हुये उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया ..ऐक्चुअली यहाँ हालत जीत की भी खराब थी ..सूपाडा टाइट आस होल मे फस्स चुका था ..पिच्छले 5 सालो से ना तो उसे कोई चूत नसीब हुई थी ना ही गांड़ ..आज नहीं तो कभी नहीं ..ऐसा विचार कर उसने तन्वी को उठने नहीं दिया और उसका दर्द काम करने के उपाए शुरू कर दिये
लगातार बूब्स पर मसलन और किस से तन्वी का माइंड थोड़ी देर के लिये अपने दर्द पर से हट सा गया ..नीचे हाथ ले जा कर वो अपनी चूत का भंगुर छेड़ने लगी
" रिलॅक्स बेटा ..कुछ नहीं होगा तुझे "
जीत ने अपनी बात कहने के लिये उसके होंठो को आज़ाद किया और ज़ोर लगा कर एक और शॉट मारा ..तन्वी इस बार फिर चीखी लेकिन उसकी चीख जीत के मूँह मे घुट कर बाहर नहीं निकल पायी ..लंड आधा छेदके अंदर पहुच गया और जीत ने इसके आगे कोई हलचल नहीं की ..करवट दिला कर उसने तन्वी की एक टांग हवा मे उठा कर जड़ की घाटी को चौड़ा कर दिया ..इस पोज़िशन मे तन्वी को काफी रिलॅक्स मेहसूस हुआ और वो किस मे जीत का साथ देने लगी

काफी देर तक ऐसे ही शांत लेटे रेहने के बाद जीत ने उसे बेड पलटा दिया और खुद उसकी पीठ पर लेट गया ..हल्के दर्द की खुमारी तन्वी के चेहरे पर अभी भी बनी हुई थी
" डॅड बहुत हुआ ..नाउ लीव मी "
तन्वी ने अपना फेस मोड कर कहा और जीत धीरे - धीरे अपनी कमर हिला कर आधे लंड को अंदर बाहर करने लगा
" मैं आगे कुछ नहीं करूंगा ..तू चिंता मत कर "
जीत ने लंड सुपाड़े तक बाहर खेच कर वापस अंदर कर दिया ..तन्वी की आह सिसकियों मे बदलते देख जीत को चैन मिला ..उसके नीचे दबी होने से तन्वी बिल्कुल भी हिल डुल नहीं सकती थी
जीत अपना एक हाथ उसके बूब से हटा कर चूत पर ले आया ..गीला पन मेहसूस कर वो जान गया कि अब उसकी बेटी दर्द से पूरी तरह आज़ाद हो चुकी है और यही वो वक़्त है जब पूरा लंड आस होल मे घुसाया जा सकता था ..हाथ से उसने चूतड़ो को थामते हुये हल्के - हल्के शॉट जारी रखे और मदहोशी की खुमारी से तन्वी की आँखें बंद हो गयी

" बेटा कल हम निकुंज के घर चलेंगे ..तेरे उस चुड़क्कड़ सरूर से भी मिल लेंगे "
माहोल इस तरह से बदल कर जीत ने पूरा लंड छेद से बाहर खीचा और तन्वी को घुटनो पर लाते हुये अपना आखिरी वार कर दिया
" आहहहहहहह्ह..... डॅड प्लीज़ मान जाओ ..मेरी गांड़ फाड़ दी है आप ने "
तन्वी की बात सुन कर जीत मुस्कुरा दिया
" देख क्या कह रही थी नहीं होगा ..पूरा लंड छेद के अंदर है ..बहुत सह लिया तूने अब मज़े ले "
जीत ने चूत को अपनी मुट्‌ठी मे कसा और ताबड़ तोड़ धक्के देने लगा ..पनियाई उभरी कुंवारी चूत से रस की फुहार निकल रही थी ..तन्वी का दर्द वाकई मज़े मे बदल गया और वो खुद भी अपनी गांड़ को हर झटके के साथ पीछे धकेलने लगती ..ताकि लंड की चोट उसे जड़ तक महसूस हो सके
" डॅड थोड़ा तेज़ करो ना ..आइ मीन अब दर्द नहीं हो रहा "
तन्वी का चेहरा खिल उठा ..उसकी गांड़ मे खुजली मचने लगी और जीत ने हॅसते हुये धक्को की स्पीड बढ़ा दी ..लेकिन कुछ देर बाद वो बिल्कुल शांत हो गया
" मेरी एक शर्त है ..पूरी होगी तभी आगे स्ट्रोक मारूँगा "
जीत ने अपनी बात कही
" मैं आप की हर शर्त मानूँगी लेकिन अभी मत रुको "
तन्वी सीत्कार करने लगी ..उसकी ऐसी हालत देख जीत फिर मुस्कुराया और वापस धक्के देना शुरू कर दिये
10 - 12 गेहरे धक्के देने के बाद जीत को एहसास हो गया कि वो अब झाड़ने वाला है ..चूत की फांके कुरेदने से तन्वी भी अपने दूसरे ऑर्गॅज़म के नज़दीक थी
" डॅड मैं गयी "
तन्वी ने अपनी गांड़ पूरी ताक़त से पीच्छे धकेली और उसकी चूत से गरम फव्वारा छूटने लगा ..जीत का कंट्रोल भी खतम हो गया और अट लास्ट उसके वीर्य ने तन्वी का आस होल भर दिया ..जीत ने तुरंत लंड बाहर खीचा और उसकी पीठ पर अपना बाकी का लावा छोड़ने लगा
" अहहहहहह्ह........ "
दोनो की आहें भी ताल से ताल मिला रही थी ..लंड छेद से बाहर निकालते ही उसके अंदर भरा स्पर्म तन्वी की चूत की लकीर को भिगोता हुआ बेड शीट पर टपकने लगा

तन्वी अपनी टांगे सीधी कर बेड पर लेट गयी और उसके ऊपर जीत भी ढेर हो गया ....
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10-01-2018, 03:44 PM,
#77
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
पापी परिवार--24

काफी देर तक सुस्ताने के बाद जीत ने तन्वी के बालो को सेहलाना शुरू कर दिया ..पोज़िशन के हिसाब से जीत उसके ऊपर लेटा हुआ था और तन्वी का चेहरा ठीक जीत के अपोजिट था
" सॉरी बेटू ..तुझे तकलीफ देने के बाद मैं बहुत शर्मिंदा हूँ "
जीत ने अपना फेस उसके फेस की तरफ घुमाया और उसके गालो को चूमने लगा ..पसीने से लथपथ नंगा बदन ..जीत उसके शरीर से उठति मादक खुश्बू से आनंदित था ..तन्वी शांत लेटी रही ..उसने कोई जवाब नहीं दिया
" जानता हूँ तू नाराज़ है ..पर मैं क्या करूं ..एक तरफ बाप होने के नज़रिये से सोचता हूँ तो दिल धिक्कारता है ..कहता है ' मैं पापी हूँ ..अपनी औलाद को भोगने कि लालसा से सड़ - सड़ कर मरूंगा' ..दूसरी तरफ दिमाग कहता है ' औरत सिर्फ भोगने की वस्तु होती है ..फिर चाहे बेटी हो या बीवी ' ..अब तू ही बता मैं क्या करूं ..हमने 5 साल पहले जो गलत कदम उठाया था ..इसके बोझ तले मैं दबता ही जा रहा हूँ ..तेरी मा ऊपर से देखती होगी तो मुझे कोसती होती ..' कैसा नीच इंसान है ..बाप -बेटी के पवित्र रिश्ते को दागदार किये जा रहा है "
जीत का गला भर आया ..उसे दुख तो मेहसूस हो रहा था लेकिन जो पापी रिश्ता एक बाप - बेटी कि मर्यादाओ को लाँघ चुका था उसके हाथो बेबस था ..आज पूरे 5 सालो बाद उसने तन्वी के बदन का ऐसा भोग किया था ..तन्वी अभी भी बिल्कुल शांत लेटी रही ..जीत का दिल उस शांत वातावरण मे बिलख रहा था ..रो रहा था ..कभी कभी ऐसे पल आते हैं जब आप हालात के हाथो मजबूर हो जाते हैं ..और दिल की ना सुनते हुए दिमाग की बात मानते हैं ..यही हाल इस वक़्त जीत का था
" तू सुन रही है ना ..मुझे माफ कर दे "
जीत ने उसके ऊपर से उठते हुये कहा ..तन्वी की पीठ पर उसका पापी वीर्य फैला हुआ था जो काफी हद्द तक अब जीत के पेट से चुपड़ गया
वो उठा और बेड के स्टॅंड पर टिक कर बैठ गया
" डॅड...... "
तन्वी हिली नहीं बस अपने होंठो को हिला कर अपने प्रेमी को आवाज़ दी ..उसकी पीठ साँसें लेने से काफी ऊपर - नीचे हो रही थी और चूतड़ो का उभार ..गांड़ कि दरार रूपी लकीर मानो ऐसी जैसे किसी खरबूजे को चीरा लगाने का अंदाज़े बयाँ कर रही हो
" ह्म्म्म्म्म्म....... "
जीत ने भर्राये गले से जवाब दिया ..तन्वी ने अपना चेहरा उठा कर देखा तो जीत को गुमसुम पाया ..वो सरक कर उसकी टांगे मोड़ने लगी फिर उन्हे फैला कर ..टांगो की जड़ के ऊपर अपना चेहरा रख कर लेट गयी ..बैठा लंड वीर्य से सराबोर था ..थुलथुल सुपाड़े से बाहर को निकालते चिपचिपे पदार्थ से तन्वी का राइट गाल गीला होने लगा
" क्यों कोसते हो खुद को ..यहाँ एक तरफा प्यार थोड़े ही है ..मैं भी तो आप को अपना सब कुछ मानती हूँ ..चाहे डॅड कह लो या लवर ..आप मेरे लिये सब से बढ़ कर हो ..क्या ये काम है कि पूरे 5 सालो से आपके सामने नंगी रहने के बाद भी आज तक आप ने मेरे साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं की ..हर वक़्त मेरे फ्यूचर का सोच कर अपनी इक्षाओ को मारा है ..डॅड आप के जैसे पिता की कामना मैं हर जनम मे करूँगी ..आइ लव यू "
तन्वी ने उसकी कमर पर अपने दोनो हाथ लपेट ते हुये कहा ..वो दुखी तो नहीं थी पर वक़्त की नज़ाकत ने उसे रोने पर मजबूर कर दिया था ..जीत के हाथ काफी देर तक इसी पेशो- पेश मे बंधे रहे कि वो तन्वी को छुएं या नहीं
" डोंट वरी डॅड ..मैने आज बहुत एंजाय किया ..आप के साथ तो मुझे दर्द भी मीठा एहसास करवाता है "
तन्वी ने उसके पेट पर लगा वीर्य चाट ते हुये कहा ..झाँटो से थोड़ा ऊपर और नाभि के थोड़े नीचे वीर्य की अधिक मात्रा थी ..वो अपनी जीभ से किलोल करती हुई उसकी नाभि के पास पहुच गयी ..गोल गड्ढा ..उसने देर नहीं की और होंठो के बीच नेवेल फसाते हुये उसे चूसना शुरू कर दिया
" उम्मम्मम्म.... डॅड आप का नेवेल बड़ा टेस्टी है मैने आज तक कभी इसे किस ही नहीं किया ..लेकिन..... "
बोल कर तन्वी ने अपनी जीभ नेवेल मे प्रवेश करा दी और गोल - गोल घुमाते हुये होंठो से खुद के सलाइवा को गले से नीचे उतारने लगी
जीत का सोया लंड अभी भी तन्वी के मुलायम गाल के नीचे दबा था ..बेटी की हरक़त से उसे सेडक्षन तो फील हुआ लेकिन उसके लंड ने कोई हरक़त नहीं की ..शायद थोड़ी देर पेहले खुद को धिक्कारने की बात से उसने अपने पर कंट्रोल कर लिया था
" लेकिन..... "
जीत ने अपना चेहरा नीचे झुका कर देखा तो तन्वी बड़ी तन्मयता के साथ उसकी नाभि से अठखेलियाँ कर रही थी ..जीभ की नोक से थप - थपाना और जब थूक से नेवेल भर जाये तो खुद के सलाइवा को कामुक अंदाज़ मे चूस लेना
" डॅड बाकी सब ठीक है लेकिन आप का ये है ना ..हे हे हे हे "
तन्वी ने अपने गाल को लंड पर रगड़ते हुये कहा ..फिर थोड़ा चेहरा खिसका कर उसका सूपाडा सूंघने लगी ..मदहोशी ..कामुक वातावरण् कभी कभी अपने चरम पर होता है ..आज सारे बंधन तोड़ने को तन्वी मचल रही थी लेकिन जीत के मन मे उथल पुथल मची रही
" आप का ये जब सोता हुआ देखती हूँ तो बड़ा अच्छा लगता है ..लेकिन जब ये शैतान बड़ा होने लगता है तब तो मेरी जान लेने पर उतारू हो जाता है "
तन्वी ने अपनी आँखें जीत की आँखों से जोड़ते हुये कहा .. ' बड़ा ' शब्द बोलते वक़्त उसकी आँखें बखूबी उसकी बात का साथ दे रही थी ..कातिल नयनो का पूर्ण विकसित हो जाना जीत के दिल पर हमेशा से केहर ढाता आया था ..तन्वी उसे एक पिता की नज़र से ना देखते हुये प्रेमी की नज़र से देखती थी ..पर जीत का प्रेम उसके लिये बेटी से प्रेमिका मे तब्दील होना पाप समान था ..जिसे शुरू करने मे पेहला गुनेहगार वो खुद था
टकटकी लगाये वो तन्वी की कजरारी आँखों मे देखता रहा ..' कितनी निश्छल है मेरी बेटी की आँखें ' ..शायद यही बात वो उनमे ढूंढ रहा था ..हमेसा जुबान आप के दिल की हालत बयाँ कर दे संभव नहीं ..असली जज़्बात तो आँखों से बयाँ होते हैं
" डॅड एक बात कहू ..बहुत दिनो से मेरे मन मे उठ रही है "
तन्वी ने अपनी बॉडी उल्टी कर ली जिससे उसका पूरा फेस जीत की टांगो की जड़ के सेंटर मी आ गया ..फिर अपने हाथो से उसने जड़ को जोड़ना शुरू किया..सिकुड़े लंड की नरम खाल उसके रसीले होंठो का चुंबन मेहसूस करने लगी और जीत कसमसा कर आहें भरने पर मजबूर हो गया ..एक अंगडाई लेने के बाद जीत के अंडकोष उबल कर लावा अर्जित करने लगे और उसके लचीले पुरुषांग मे कठोर पन आने लगा
" डॅड हम शादी कर लें "
अचानक से तन्वी ने अपनी बात कहते हुये होंठो के बीच उसका नरम सूपाडा फसा लिया और हल्के हल्के अपनी नोकदार जीभ की चुभन टोपे के छेद पर देने लगी ..इस कारण लंड के साथ जीत की बॉडी मे भी हलचल हुई ..खुद ब खुद जीत की टांगो ने कठोरता के साथ तन्वी का चेहरा जकड लिया और उसकी उंगलियाँ अपनी बेटी के रेशमी बालो पर थिरकने लगी
" ह्म्म्मम्म्म्म शादी....... "
जीत सीत्कार कर बोला ..हालाकी विषय अत्यंत गंभीर था लेकिन तन्वी ने अपनी हरकतो से उस विषय को साधारण रूप दे दिया ..इस वक़्त वो लंड को अपने होंठो मे भीच कर ऐसे सुड़क रही थी जैसे कुल्फी की ऊपरी सतह से मिठास चूस रही हो
" अब बस कर तन्वी ..मैं बेहद थक चुका हूँ "
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10-01-2018, 03:44 PM,
#78
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
आखिर कार जीत का स्टॅमिना जवाब दे गया ..उसने लंड मे होते तनाव के हाथो अपनी हार कुबूल कर ली ..उमर के 40वे पड़ाव मे आ कर आज उसे पेहली बार एहसास हुआ कि उसके अंदर छुपा मर्द अब बूढ़ा होने लगा है ..एक वक़्त था जब उसके स्खलन की कोई सीमा नहीं थी और आज सिर्फ 3 - 4 बार झाड़ने के बाद ही उसे थकान का इल्म होने लगा ..खड़े होते लंड के अग्रिम भाग पर तन्वी की जीब उसे बड़ी कष्टकारी लगने लगी लेकिन तन्वी ने उसकी बात को ना मानते हुये अपना काम जारी रखा
हालाकी अभी लंड चुसाई की रफ़्तार ना के बराबर थी ..लेकिन जीत के बदन पर उस स्लो मोशन का असर स्लो पॉजिसन की तरह होने लगा
" मान जा तन्वी मुझे दर्द होने लगा है "
जीत ने अपनी चिपकी टांगो की जड़ चौड़ा कर कहा ..तन्वी का सर अब आज़ाद था ..जीत की कप कपाती आवाज़ सुन वो रुक तो गयी पर सूपाडा होंठो से बाहर नहीं जाने दिया
करवट लेटे हुये तन्वी ने जीत के चेहरे को देखा ..इस समय दोनो की आँखें एक दूसरे का हाल बयाँ कर रही थी
[ यहाँ एक बात ज़रूर कहूंगा ..अगर आप खून के रिश्तो मे संसर्ग स्थापित करने मे सफल हो जाते हैं ..तो ये कुछ ऐसे पल होते हैं जिनके आगे दुनिया का हर सुख फीका जान पड़ता है ..जीत और तन्वी की बात करें तो इन पलो मे सबसे खास हैं ..अपनी बेटी को नगन देखना ..जिस वीर्य से वो इस संसार मे आई आज वही वीर्य पी कर उसे अमृत का स्वाद आता है ..जीत का अपनी बेटी की योनि चाटना ..उसकी छातियाँ चूसना ..आज ये मिलन बढ़ कर तन्वी की गांड़ का सुराख खोल चुका था ..यहाँ शर्मो हया खतम हो कर वासना मे परिवर्तित हो जाना चाहिये पर वासना तब होती जब जीत तन्वी के कुंवारे पन का खुल कर उपभोग करता ..आज तक उसने कभी अपने लंड को तन्वी के निच्चले धड़ से टच नहीं होने दिया था ..शायद यही वो प्यार था जो अब तक तन्वी दुनिया की नज़र मे सावित्री थी ]
" मुझसे शादी करेगी "
जीत ने उसके माथे पर हाथ फेर कर कहा ..तन्वी एक टक उसकी आँखों मे देख रही थी और अपने डॅड का लंड ज्यों का त्यों उसके मूँह के अंदर फसा था ..बिना किसी हलचल के उसने अपनी पलकें झपकाना छोड़ दिया ..जीत ने आज पेहली बार उसके अंदर ऐसा बदलाव मेहसूस किया ..जो सपने मे भी संभव नहीं आज वो हक़ीक़त मे हो रहा था ..एक बाप का लंड ..जिसे देखना तक बेटी के लिये अपराध समान है ..अभी तन्वी सुन्दर मुखड़े ..रसीले लाल होंठो के अंदर अपनी जगह बनाये हुये था
जीत ने देखा तन्वी की आँखों की किनोर छ्लकने वाली है ..उनमे हल्का पानी उभर आया था ..इस वक़्त दोनो शांत थे और तन्वी तो जैसे जिंदा लाश बनी लेटी थी
आखिर कार वो पल आ गया जब तन्वी की आँखों से मोती झड़ने शुरू हो गये ..जीत चाह कर भी बेबस था ..ना तो उसके हाथो ने तन्वी की गीली पलकें पोंछी ना ही अपने लंड को उसके मूँह से बाहर खीच पाया ..उसके हाथो मे जान ही नहीं बची थी ..एक - एक पल युगो समान बीतने लगा ..बस दोनो एक दूसरे की आँखों मे खोये थे ..तन्वी की आँखों से बहता पानी जीत की जांघो पर मेहसूस होते ही वो सिहर उठा और इसके पेहले उसके लब खुलते तन्वी ने अपने लब खोल दिये ..लंड उसके होंठो की गिरफ्त से आज़ाद हो गया
" डॅड ..प्लीज़ मुझे किसी ऐसी जगह ले चलो जहां मैं आप के अलावा किसी और को नहीं जानू "

तनवी ने अपनी पल्को को आराम दे कर कहा और इस वक़्त जीत की पलकें झपकना बंद हो गयी ..सीन ही कुछ ऐसा था

तनवी की चिन का लास्ट पॉइंट खड़े लंड की जड़ पर टच था और ऊपर सुपाड़ा उसकी माँग के पार निकल गया ..जीत के मूँह से करारी आह निकल गयी ..इतनी विकराल वस्तु तनवी कितने प्यार से अपने मूँह मे छुपा लेती है ..कितना दर्द होता होगा उसे ..' जब हम अपने मूँह मे पूरी उंगली एंटर नही कर पाते तो लंड लेने की औकात ही क्या है ' ..फिर तनवी हर ओरल पर पूरा विकसित लंड कैसे गले के नीचे उतारती होगी ..जीत के सारे सवाल यहाँ आ कर ख़तम हो गये ' यही तो वो प्यार है जो हर दर्द का एहसाह शून्य मे बदल देता है '

उसने तनवी को बाहो से पकड़ कर ऊपर उठने मे मदद की और अपनी छाति से चिपका कर सुबकने लगा

" मैं तो खुद चाहता हूँ तू मुझसे दूर ना जाए ..लेकिन समाज के हाथो मजबूर हूँ ..क्या जवाब दूँगा जब लोग हज़ारो सवाल करेंगे ..क्यों एक बेटी अपने पिता के घर से विदा नही लेना चाहती ..क्या उस बेटी मे कोई कमी है ..या पिता की नीयत मे खोट ..बोल तनवी उस वक़्त क्या जवाब दूँगा मैं ? "

जीत ने उसकी पीठ सहलाते हुए पूछा ..हर बाप की तरह उसे भी अपनी बेटी की फिकर थी ..बस कोई अपने जज़्बात कह कर बयान कर देता है तो किसी मे बोलने की हिम्मत नही होती

" डॅड हमारे पास काफ़ी पैसा है ..क्यों ना किसी ऐसी जगह चले जहाँ आप और मैं शादी कर के खुश रह सकें ..दुनिया की कोई ताक़त हमे अलग ना कर पाए ..फिर कौन करेगा सवाल ? "
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10-01-2018, 03:44 PM,
#79
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
तनवी की बात पूरी होने पर जीत की नज़र सामने दीवार की तरफ उठ गयी ..गौर से उसने दीवार पर लगी तस्वीर को देखा और अपना एक हाथ तनवी की पीठ से हटा कर उसी दिशा मे उठा दिया

" तनवी वो करेगी सवाल "

जीत की आवाज़ स्थिर थी ..तनवी ने अपना चेहरा मोड़ कर उसके हाथ के इशारे पर ध्यान दिया ..तस्वीर उसकी मा की थी ..कुछ ना कहते हुए भी जीत आज बहुत गहरी बात कह गया ..अब तनवी के पास कोई और सवाल पूछ्ने को नही बचा

" सब को अपने गुनाह ऊपर कुबूलने पड़ते हैं ..हम दोनो दोषी हैं ..अब इससे ज़्यादा मैं कुछ नही कहूँगा "

जीत ने उसका फेस अपनी तरफ घुमाया ..उसके माथे का चुंबन लिया और तभी घर के मेन डोर पर दस्तक हुई

" लगता है डेलिवरी आ गयी है ..मैं पे कर के आता हूँ "

जीत ने तनवी को अपने बदन से अलग करते हुए कहा ..हल्की सी टाँग मुड़ने पर तनवी की चीख निकल गयी और अनायास ही उसका हाथ अपने चूतड़ो की दरार के अंदर चला गया ..ये वो दर्द था जो अभी थोड़ी देर पहले उसने आस फक्किंग के दौरान झेला था ..उंगली से गान्ड का छेद टच करते ही वो घबरा गयी ..छेद इतना खुल चुका था कि उसकी एक उंगली आराम से अंदर घुस जाती

" दर्द हो रहा है ना ..थोड़ा रुक मैं सब ठीक कर दूँगा ..अभी रिलॅक्स कर और अपना ध्यान उधर से हटाने की कोशिश कर "

तनवी के फेस एक्सप्रेशन से जीत उसके पेन को समझ गया ..वो जानता था कि चुदाई के तुरंत बाद तो दर्द महसूस नही होता ..लेकिन जब खुमारी पूरी तरह से छ्ट जाती है तो दर्द झिलाए नही झिलता ..आस फक करने के बाद ना तो तनवी ने अंदर भरा वीर्य सॉफ किया था ना कि कोई ख़ास बॉडी मूव्मेंट ..शायद वीर्य सूखने से छेद की स्किन टाइट हो गयी थी जो पेन होने मेन रीज़न भी था

" ओके "

तनवी ने अपना बदन ढीला छोड़ कर कहा और जीत वॉर्डरोब से पैसे निकाल कर रूम से बाहर जाने लगा

" डॅड टवल तो लपेट लो "

इसी उधेड़ बुन मे जीत को अहसास ही नही रहा था कि वो नंगा ही डेलिवरी लेने जा रहा था ..तनवी अपने मूँह पर हाथ रख कर हसणे लगी जिससे जीत के चेहरे पर भी स्माइल आ गयी ..लंड अभी भी काफ़ी कठोर अवस्था मे था ..हॅंगर से टवल उतार कर उसने निचला धड़ च्छुपाया लेकिन लंड का उबार च्छूपना असंभव जान पड़ा

" कोई बात नही अब रात मे इंसान की ऐसी हालत नही होगी तो कब होगी "

जीत ने तनवी को आँख मारी और मेन गेट की तरफ बढ़ गया

गेट खोल कर देखा तो एक नौजवान हाथ मे पार्सल लिए खड़ा था

" गुड ईव्निंग सर ..युवर कॉंटिनेंटल ऑर्डर ईज़ रेडी "

जीत के इस तरह काली टवल लपेटे होने से उसे झटका तो लगा लेकिन उसने अपने चेहरे पर कोई ख़ास भाव नही आने दिए

" हाउ मच ? "

जीत ने हाथ मे पकड़े पैसे दिखा कर पूछा

डी. बॉय :- " 2750/- सर "

जीत ने उसे 1000 के 3 नोट दिए तो वो चेंज वापस देने के लिए अपनी पॉकेट टटोलने लगा

" इट्स ओके &; कीप ते चेंज "

जीत ने उसे अच्छी ख़ासी टिप दे दी ..या यू कहिए उसे जल्दी थी तनवी के पास वापस जाने की

" थॅंक यू सर ..हॅव आ सेक्सी नाइट "

लड़के ने इतना बोला और तेज़ी से सीढ़ियाँ उतरने लगा ..वहीं उसके ग्रीट से जीत का मूँह खुला रह गया

" शायद इसी बात की इतनी टिप लेते हैं ..सेक्सी नाइट !!!!!!! "
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10-01-2018, 03:44 PM,
#80
RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
जीत के चेहरे पर स्माइल आ गयी और मेन डोर लॉक कर उसने पार्सल हॉल की टेबल पर रख दिया

" तनवी डिन्नर करेगी या पहले शवर लेना है ? "

जीत ने हॉल से तनवी को आवाज़ दी

" शवर ठीक रहेगा डॅड ..बट मुझे ले के तो जाओ ..मैं चल नही पाउन्गि "

तनवी की आवाज़ मे दर्द था जिसे सुन कर जीत बेडरूम मे आ गया

" ओके ले चलता हूँ "

हाथ मे उस नाज़ुक कली को उठाने मे आज जीत को पसीने आ गये

" ह्म्‍म्म्मम....... तू अब बहुत भारी हो गयी है "

जैसे - तैसे ताक़त लगा कर जीत ने उसे अपनी गोद मे उठाया और बाथ रूम की तरफ जाने लगा

" अच्छा !!!!!!!!! अभी जो मेरी आस फक की तब तो कुछ नही बोला ..उस वक़्त तो मैं आप के ऊपर बैठी थी "

तनवी ने अपनी बाहें जीत के गले मे डाल कर कहा साथ ही वो अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसकी बियर्ड चाटने लगी

" उस वक़्त मैं जोश मे था ..लेकिन अब नही "

जीत बाथ - रूम के अंदर आ कर बोला

" झुटे !!!!!!! ..वो तो टवल के अंदर दिख रहा है मुझे कितना जोश अभी बाकी है "

तनवी ने शरारत भरे अंदाज़ मे उसका टवल खीच दिया और खिल खिला कर हसणे लगी

" शैतानी मत कर और आराम से खड़ी हो जा ..मैं टब मे हल्का गरम पानी भरता हूँ "

जीत ने उसे गोद से उतार कर दीवार के सहारे खड़ा कर दिया साथ ही उसका हाथ टॅप पर रखा ..ताकि वो गिरने से बची रहे

कुछ देर बाद तनवी की टाँगो मे बेहद दर्द होना शुरू हो गया और वो अपने चूतड़ो को बाहर की तरफ निकाल कर खड़ी होने लगी ..हल्का झुकने पर गान्ड की दरार खुल गयी और ऐसे खड़े होने मे उसे पहले से ज़्यादा रिलॅक्स महसूस हुआ

" डॅड बी क्विक ..मुझसे अब और खड़ा नही रहा जाएगा ..आप ने सच मच मेरी गांद फाड़ दी है "

तनवी ने चीखते हुए कहा ..चाहे ये उसका नया नाटक हो या सच मे उठ ता दर्द

जीत तुरंत उसके पास आया और फ्लोर पर घुटनो के बल बैठ कर उसके आस चीक'स चूमने लगा ..ऐसा करने की वजह तनवी का ध्यान कुछ पल के लिए दर्द से हटाना था और वो गिर ना पड़े इसलिए जीत ने उसे अपने हाथो से थाम भी रखा था

" तेरे चूतड़ो पर तो मैं फिदा हो गया तनवी ..मन कर रहा है इन्हे कच्चा चबा जाउ "

मज़ाक शुरू करते हुए जीत उसके चूतड़ो पर जीभ से गुदगुदी करने लगा लगा ..टब फुल होने मे अभी वक़्त था

" औचह !!!!!!!!! .......अच्छा जी तो आप आदम खोर भी हैं ? "

तनवी चूतड़ो को और भी ज़्यादा बाहर निकालते हुई बोली

" तू भी कम नही है ..मुझसे पूछ मेरा क्या हाल होता है ..एक बार लंड चूसना चालू कर दे तो तब तक नही छोड़ती जब तक उसे पूरी तरह से निच्चोड़ कर ना रख दे ..कभी - कभी तो लगता है लंड अगली बार खड़ा ही नही हो पाएगा ..अब बोल असली आदम खोर मैं हू या तू ? "

जीत ने चूतड़ो पर चपत लगा कर कहा ..सच ही तो कहा था उसने ..तनवी एक बार उसके लंड से चिपक गयी तो मज़ाल है जीत उसे रोक पाए ..झाड़ा - झाड़ा कर उसके प्राण लेने पर उतारू हो जाती है

" तो मैं क्या करूँ ..कोई और ऑप्षन तो आप ने छोड़ा नही सकिंग के अलावा ..तभी अपने मूँह से इतना प्यार करती हूँ ..डॅड मैं ये तो नही जानती कि आप उस वक़्त कैसा फील करते होंगे बट मुझे आप का लंड चूसने मे बड़ा मज़ा आता है "

तनवी अपना चेहरा दीवार की तरफ मोड़ कर बोली ..ब्लो जॉब देते वक़्त तो मज़ा आता है लेकिन बोलते वक़्त शरमाहट और शायद यही वो फील है जो इन्सेस्ट सेक्स को एक अलग चर्म देता है

" हे हे हे हे ..अब तो मेरे पास दो ऑप्षन हो गये "

जीत ने अपनी मिड्ल फिंगर गान्ड के छेद से टिका कर कहा तो तनवी उच्छल पड़ी ..एका एक उसने अपने आस चीक बंद कर लिए और स्ट्रेट खड़ी होने लगी

" नो वे डॅड ..लंड चुसवाने मे सुखी रहना हो तो बोलो क्यों कि अब मैं आप की कोई और बात नही मान ने वाली "

तनवी ने चेहरा तो पीछे नही घुमाया बस अपनी उंगली दिखा कर जीत को डराने का नाटक करने लगी

" चल जैसी तेरी मर्ज़ी ..लेकिन अगर कल से गान्ड मे खुजली होने लगे तो फिर मत कहना कि मैं तैयार हूँ "
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