Raj sharma stories चूतो का मेला
12-29-2018, 02:38 PM,
#80
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला
जरा देर से आँख खुली पता चला की पिताजी और मम्मी गए है मामा के नानी की तबियत कुछ नासाज थी तो घर पर मैं चाचा और चाची थे , थोडा नाश्ता पानी करके दवाई लेके मैं नीचे आ गया तो देखा की घर में कोई दिख रहा नहीं था स्कूटर भी खड़ा था चाचा का तो मतलब है तो इधर ही फिर मेरे मन में खुराफात आई की क्या पता चोदु चाचा बिमला को पेल रहा हो कही पर तो मैं बिमला के घर की तरफ पहूँच लिया कमजोरी तो थी पर ठरक भी थी तो पहूँच लिया मैं वहा पर 

घर खुल्ला पड़ा था पर कोई दिखा नहीं अन्दर जाके भी देखा पर कोई नहीं था अब ये साली घर खुल्ला छोड़ के कहा मर गयी , वैसे अब मेरा बिमला पर इतना मन था नहीं मैं तो चाहता था की बस उसकी गांड तोड़ी जाये पर कोई मौका भी मिल रहा नहीं था मैंने बिमला का मेन गेट बंद किया और वापिस हुआ तो सोचा की मूत ही लेता हूँ तो मैं हमारे घर के पीछे की तरफ चला गया इधर हम लोग कटी हुई लकडिया गोबर के उपले जमा करके रखा करते थे , मैं बस मूतने वाला ही था की मैंने देखा बिमला ईंधन काट रही है और चोदु चाचा भी वही पर खड़ा है 

दोनों में कुछ गहन बाते चल रही थी पर मैं थोडा सा दूर था तो समझ नही आ रहा था की क्या कह रहे है पर उनके हाव भाव से ऐसे लगता था की कुछ खिचड़ी पक रही है अलग सी तो मैं एक साइड में कबाड़ पड़ा था उधर छुप के देखने लगा तो मैंने देखा की चाचा ने अपनी जेब से कुछ निकाल कर बिमला को दिया तो वो बहुत खुश हो गयी , हम्म्म उसके बाद इधर उधर देख कर चचा ने बिमला की गांड को दबा दिया और उसके कान में कुछ कहके वहा से चल दिया मैं छुप गया ताकि मुझे वो देख ना सके पर तभी उन्होंने अपनी जेब से कुछ निकाल कर जमीं पर फेक दिया और घर में घुस गए 

मैं गया और उस कागज को देखा , किसी सुनार की पर्ची थी मेरी आँखे चमक गयी तो चाचा ने एक सोने की चैन बनवाई थी बिमला रानी के लिए , मेरे कान खड़े हो गए भोसड़ी के चाचा चोदु मल अपनी लुगाई को तो मुह से दो बोल ना बोले जा रहे , और दुसरो की लुगाई के वास्ते टूम बनवा रहा है मेरा दिमाग सटक गया पर मैं कर भी तो क्या सकता था हमारे ही घर में बेवफाई की नयी इबारत लिखी जा रही थी मैं वही चबूतरे पर बैठ कर सोच विचार में डूबा था की चाची घास लेकर आई और बोली – इधर क्या कर रहा है 

- बस वैसे ही जी न लग रहा था तो इधर बैठ गया 

वो भी मेरे पास ही बैठ गयी और बोली- क्या बात है कुछ उदास लगती हो 

मैं- बस आपके ही बारे में सोच रहा था 

वो- क्या सोचा 

- आज घर पे कोई नहीं है मैं बहार जा रहा हूँ आप और चाचा घर पे अकेले है तो करलो कोशिश 
चाची अपनी आखो को गोल गोल घुमाते हुए आजकल तुम कुछ ज्यादा ही बोलने लगे हो 

मैंने चाची का हाथ पकड़ा और बोला- आपको दोस्त समझता हूँ , आपको दुखी नहीं देख सकता मैं सच में कभी कभी डर सा लगता है मुझे 

वो-किस बात का डर 

मैं- की आपके चेहरे की ये मुस्कान कही गुम ना हो जाये 

वो- क्या बात है आज कुछ टेंशन में लगते हो 

मैं- नहीं ऐसा तो कुछ नहीं है 

वो- तो फिर कैसा है 

- आप थोडा टाइम चाचा के साथ बिताओ घर पर कोई नहीं है क्या पता ये थोडा टाइम आपको कुछ खुशिया दे सके 

चाची ने बस हल्का सा मुस्कुराया मेरी तरफ और घर में चली गयी मैं कहा जाऊ अब तो ना चाहते हुए भी बिमला के घर की तरफ चला गया बिमला अपने आँगन में बैठी थी उसने मुझे देखा उअर फिर अपने काम में लग गयी 

मैं- क्या बात है भाभी आजकल बात नहीं करती हो 

वो- कुछ होता है तो करती हूँ, बाकि फ़ालतू का टाइम नहीं है मेरे पास 

मैं- पहले तो बड़ा टाइम होता था जब देखो मेरा रास्ता रोक लिया करती थी 

वो- तो क्या, देख हम देवर भाभी है हमे मर्यादा में रहना चाहिए अब गलती हो गयी तो बार बार नहीं करनी चाहिए 

मैं- बात तो सही है पर जब नाता जोड़ा था तब इस बात का एहसास ना हुआ 

वो- अब हो गया तो बस 

मैं- ना भाभी मुझे नहीं पता आज तो देनी पड़ेगी 

बिमला- क्यों देनी पड़ेगी , ज्यादा आग लगी है तो ब्याह करवाले 

मैं- आप तो शादीशुदा होके भी चुदती हो 

वो- कहा ना हो गयी गलती , अब मुझसे नहीं होगा 

मैं- कोई और मिल गया क्या 

वो थोडा सा सकपकाते हुए- कोई और ............. कोई और से क्या मतलब तेरा 

मैं- तुम्हे भी पता है आजकल क्या खेल खेल रही हो तुम

पर बिमला ने कोई खास रिएक्शन दिया नहीं और बोली- तुम अभी इसी वक़्त यहाँ से ना निकले तो मैं शोर मचा दूंगी की तुमने मुझे पकड़ लिया और जबरदस्ती करने की कोशिश की 

मैं- बहन की लौड़ी , दिन भूल गयी क्या तू, तू मुझे पकड़ वाएगी साली जी तो करता है की अभी तेरी गांड पे दू पर तू भी क्या याद करेगी, तुझ से दुश्मनी पूरी निभाऊंगा मैं उलटे दिन गिन ने शुरू कर दे आज से तू साली तेरा वो हाल होगा की तू ना इधर की रहेगी और ना उधर की 

बिमला- पहले तो तू इधर से निकल , और जो कर सके तू कर ले मैं क्या तुझसे डरती हूँ वैसे भी तेरे पास कोई सबूत है नहीं 

मैं- उछल मत ज्यादा, तेरा नया यार भी कुछ ना कर पायेगा , वैसे सोने की चैन कहा से लायी तू बड़ी चमक रही है तेरे पति ने तो अभी एक रुपया ना भेजा है 

बिमला अब थोड़ी से सकपका गयी उसने थूक गटका और बोली- तुझे क्या लेना देना , कही से भी लाऊ 
मैं- नए यार ने दी है ना 

वो- तेरा मुह तोड़ दूंगी अभी ना गया तो 

मैं- अब तो गहने भी आ गये, कल को पता नहीं क्या दे देगा कहा से बनवाई है 

वो- तू निकल जा मैं बोल रही हूँ 

मैं- अच्छा कितनी के आई इतना तो बता दे 

वो- सात हज़ार की 

मैं- भोसड़ी की, रसीद पे तो नो हज़ार लिखा है देख 

मैंने उसको वो रसीद दिखाई तो बिमला के चेहरे का रंग उड़ गया 

मैं- अब बता भी दे हर रात किसका लंड ले रही है जो हमारी याद ना आती 

बिमला चुप रही 
मैं- तो ठीक है ये सुनार जिसकी रसीद है वो बता देगा कौन तेरा यार है जो तुझे इतना चाहता है 

मैं जान बुझ कर चाचा का नाम नहीं ले रहा था क्योंकि मैं उसके मुह से सुनना चाहता था बेशक बिमला घबरा गयी थी पर उसने मुझे कुछ न बताया और इतना कहा की सुनार से ही पता कर लिए 
मैं- रांड, उलटे दिन गिन ले लग गए है तेरे ये दुश्मनी लम्बी जाएगी ध्यान रखियो 
कहकर मैं उसके घर से आ गया बिमला को सारी टेंशन देके

पर ये अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने का था क्योंकि बिमला तो हर बात चाचा को बता देने वाली ही थी और मेरे लिए और परेशानी होने वाली थी मैं घर के अन्दर गया तो सब कुछ नार्मल सा ही लग रहा था तो मैं नीचे ही बैठ गया घर में एक सन्नाटा सा था जो मुझे अच्छा नहीं लग रहा था , मैंने सोचा सो जाता हूँ थोड़ी देर के लिए पर तभी ऊपर से आवाजे आने लगी तो मैं ऊपर गया तो देखा की दोनों लोग फिर से झगड़ रहे है चाचा भन्नाए से लग रहे थे मैं कुछ कहता उस से पहले ही चाचा ने चाची को तीन चार थप्पड़ लगा दिए, मेरा खून खौल उठा चाची बिस्तर पर गिर गयी और रोने लगी 


मैं तेजी से अन्दर गया और बीच बचाव करने लगा पर एक तो मेरी कमज़ोर हालात तो गुस्से गुस्से में भी उन्होंने मुझे भी पेलना शुरू कर दिया चाचा का मुक्का मेरी बगल वाली चोट पर पड़ा तो मेरा बैलेंस बिगड़ गया और मैं ड्रेसिंग से जा टकराया चाची मुझे बचाने लगी पर वो उनको और मारने लगे चाची के होठ से खून निकलने लगा मुझे भी गुस्सा चढ़ गया पर मेरी हालात उस टाइम ऐसी थी नहीं की मैं प्रतिकार कर सकू , तो और मार खाई मैं दर्द से कराह रहा था चाची रो रही थी चाचा हमे पेल कर चला गया 
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