Raj sharma stories चूतो का मेला
12-29-2018, 02:45 PM,
RE: Raj sharma stories चूतो का मेला
बुरी तरह से थकन से चूर जब मैं सो कर उठा तो शाम के चार बज रहे थे आँखे मलते हुए मैं अपने कपडे पहने और कमरे से बाहर आया तो देख की सुमन टीवी देख रही है मुझे देख कर वो शर्मा गयी और फिर चाय के लिए पुछा पर मैंने उसको मना कर दिया और उसको अपनी गोदी में बिठा कर किस करने लगा पेशाब आने की वजह से लंड खड़ा ही था तो मैंने उस से पूछ लिया चुदने के लिए पर वो बोली की उसकी चूत सूज गयी है और उसमे दर्द हो रहा है तो फिर मैं कुछ देर बाद चाची के घर आ गया 

चाची ने गरमा गरम नाश्ता करवाया तब थोडा चैन मिला फिर उन्होंने बताया की नाना का फ़ोन आया था वो लोग कल आ रहे है तो परसों अपन लोग वापिस घर चलेंगे 

मैं- ठीक है जैसा आप कहे 

चाची उठ कर मेरे पास आई और बोली- सुमन कह रही थी पूरी रात उसको खूब रगडा है तूने उसकी आँखे भी सूजी थी और निचे वाली भी क्या कर दिया तूने 

मैं- मैं क्या कर सकता हु 

वो- मुझे तो कभी नहीं पेला तूने ऐसा 

मैं चाची से स्तनों को मसलते हुए- आज की रात आप को भी खूब पेलूँगा आज की रात यादगार 

चाची- देखूंगी, कितना जोर है मेरे पतिदेव में 

मैं- कहो तो अभी शुरू हो जाऊ 

चाची- अभी नहीं , मुझे सुमन के साथ कही जाना है तो तू घर ही रहना मैं जल्दी ही लौट आउंगी 

मैं- ठीक है 

मैंने टीवी चलाया और टाइम पास करने लगा करीब घंटे भर बाद चाची वापिस आ गयी थी सुमन भी उसके साथ ही थी चाची फिर रसोई में चली गयी डिनर की तयारी के लिए सुमन मेरे पास बैठी थी हरी साडी में गजब पटाखा लग रही थी मैंने अपनी चैन खोली और लंड को बाहर निकाल लिया सुमन –क्या कर रहे हो 

मैं- जरा चुसो ना इसे तुम्हारे होंठो का स्पर्श पाने को बेताब हो रहा है 

मैं लंड को मसलने लगा 

सुमन- सुनीता है यहाँ 

मैं- उस से क्या शर्मना वो तो अभी तुम्हारे सामने इस पर आके बैठ जायेगी आओ ना यार परसों तो हम चले ही जायेंगे जब तक है साथ दो ना 

मैं सोफे पर बैठा था अपनी टाँगे फैलाये मैंने निक्कर उतार दी मेरा लंड हवा में झूलने लगा सुमन फर्श पर घोड़ी की तरह बैठ गयी उसने अपने होंठो पर जीभ फेर कर गीला किया और फिर अपने मुह को मेरे लंड पर झुका दिया और मुह खोलते हुए लंड चूसने लगी उसके गीले मुह में जाते ही लंड बेकाबू होने लगा सुमन धीरे धीरे लंड को पी रही थी मैं उसके बालो को सहलाने लगा मैंने देखा की चाची रसोई में व्यस्त है और ना भी होती तो क्या फरक पड़ना था मुझे 

सुमन की लिजलिजी जीभ ने मुझे पागल ही कर डाला था मैंने अब उसको खड़ी किया उसकी साड़ी को ऊपर किया और उसकी कच्छी को खीच डाला , मैंने उसको अपने लंड पर बिठा लिया और धीरे धीरे ऊपर निचे करवाने लगा उसको सुमन की आँखों में नशा बढ़ने लगा मैंने उसके ब्लाउज को उतार दिया और उसको चोदने लगा जल्दी ही हमारी आहे गूंजने लगी तो चाची भी आ गयी सुमन को मेरे लंड पर बैठे देख कर चाची थोडा जल सी गयी उन्होंने जल्दी से अपने कपडे उतारे और मेरे पास बैठ कर मुझे किस करने लगी हाय रे किस्मत आज दो दो औरतो को साथ चोदने वाला था मैं कुछ देर किस करने के बाद चाची ने सुमन को मेरे लंड से हटा इया तो वो बिफरने लगी 

अब बीच चुदाई में कोई किसी को ऐसे रोकेगा तो मजा तो किरकिरा होगा ही ना, चाची में सुमन की चूत रस से सने लंड को अपने मुह में भर लिया और मजे से चूसने लगी इधर सुमन का बुरा हाल हुआ पड़ा था तो मैंने उसे अपनी और आने को कहा और उसको अपने मुह पर बिठा के उसकी चूत को चाटने लगा तो उसको भी थोडा करार आ गया , दोनों औरतो की मादक सिसकिया मुझे दीवाना बना रही थी अब चाची ने मेरे लंड को अपने मुह से निकाल दिया और सोफे पर बैठ गयी मैंने सुमन को फर्श पर घोड़ी बनाया और उसको पेलने लगा चाची अपने बोबो को सहलाते हुए हमारी चुदाई देख रही थी 

मेरा लंड सुमन के चूतडो को छुते हुए उसकी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था मैंने देखा की चाची ने अपनी चूत में दो उंगलिया घुसेड ली है और उनको अन्दर बाहर कर रही थी उनकी आँखे बंद थी इधर मेरे हर धक्के पर सुमन का बदन बुरी तरह से लरज रहा था कुछ देर बाद मैंने उसे लिटा दिया और उस पर चढ़ कर उसको चोदने लगा तो चाची हमारे पास आ गयी और सुमन की चूची को पिने लगी सुमन पर चुदाई का दोहरा रंग चढ़ गया था वो अपने बदन को फर्श पर पटकने लगी चाची एक चूची को मुह में लिए हुए थी तो दूसरी को कस कस के दबा रही थी उसकी चूत बुरी तरह से बह रही थी फच फच की आवाज अलग से ही सुन रही थी


सुमन ऊपर चाची को और निचे मुझे ज्यादा देर तक नहीं सह पायी और ठंडी आहे भरते हुए स्खलित हो गयी , उसके झाड़ते ही मने उसको हटाया और अब चाची को अपने निचे लिटा लिया चाची की गीली चूत में सर्रर्रर से लंड अन्दर घुस गया मैंने चाची को किस करना चालू किया सुमन थोड़ी ही दूरी पर बेहोश सी पड़ी थी आँखे बंद करके चाची के गुलाबी होंठो को अपने होठो से जोड़े हुए मैं चाची को चोद रहा था जल्दी ही वो भी निचे से झटके मारने लगी जन्नत का सुख बरस रहा था चारो तरफ से चाची की चूत पर दे धक्के दे धक्के पूरा मजा प्राप्त हो रहा था मैंने इस बात पर भी गौर किया की चाची सुमन से ज्यादा कामुक महिला है 


पर अपनी भी लिमिट थी तो कुछ देर और चोदने के बाद मैंने अपना पानी चाची की चूत में छोड़ दिया और फर्श पर ही सुमन के बाजु में लेट गया मैंने उसके सीने पर हाथ रखा और उसके उभारो से खेलने लगा तो उसने मेरा हाथ हटा दिया चाची ने अपने कपडे समेटे और बाथरूम में चली गयी सुमन ने भी अपनी साड़ी को सही किया और पहन लिया मैं वैसे ही पड़ा रहा नंगा का नंगा ही कुछ सांस लेने के बाद मैंने भी बाथरूम में जाकर अपने लंड को साफ़ किया और फिर एक निक्कर पहन ली बिना कच्छे के ही तब तक चाची नाश्ता ले आई थी चाय के साथ गरमा गर्म पकौडे खाकर मजा ही आ गया 


बस हमारा खाना खाना-पीना हुआ ही था की नाना-नानी आ गए चाची उनके लिए भी चाय ले आई , चुस्कियो के साथ ही बाते होने लगी फिर कुछ देर बाद सुमन अपने घर चली गयी , हमे भी कल निकलना था तो मैं बैग पैक करना शुरू कर दिया उस रात हम लोग कुछ नहीं कर पाए क्योंकि चाची अपनी मम्मी के पास सो रही थी फिर अगले दिन दोपहर तक हम लोग भी घर के लिए निकल पड़े

एक लम्बा और थका देने वाला सफ़र करके हम लोग गाँव पहुचे सब से दुआ सलाम किया चाय पानी के बाद मैं तो सो गया फिर जब उठा तो अगला दिन हो चूका था नहा धोकर मैं घर से बाहर निकला तो मैंने देखा की बिमला और चाचा बडे हंस हंस कर बाते कर रहे है तो मेरी गांड जल गयी मुझ को देख कर भी उनको कोई फर्क नहीं पड़ा मैं उनको इगनोर करते हुए उनके पास से निकल गया मोहल्ले की तरफ गया तो देखा की रतिया काका की दूकान पर राहुल बैठा था 

मैं- तू दुकान पर 

वो- हाँ , भाई अब दुकान तो खोलनी ही पड़ेगी ना वर्ना काम कैसे चलेगा 

मैं- हम्म, काका कैसे है 

वो- ठीक है जल्दी ही छुट्टी मिल जाएगी 

मैं- कल जाता हु मिलने 

वो- ठीक है 

कुछ देर उस से बातचीत की फिर मैं आगे की और जा निकला तो मैंने देखा की अवंतिका और गीता ताई पानी के नलके पर बाते कर रही थी मेरी नजरे दोनों से मिली दोनों के लिए अलग अलग फीलिंग थी अवंतिका के होंठो पर एक मुस्कान आ गयी मैं उधर से आगे बढ़ गया दरअसल आज मैंने पिस्ता से मिलना चाहता था बहुत दिन उए उस से बात हुई नहीं थी और किस्मत की बात देखो की वो अपने दरवाजे पर ही कुर्सी डाले बैठी थी मुझे देखते ही उसने मुझे आने को कहा मैं नजर बचा कर उसके घर में घुस गया 
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