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RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--107
गतान्क से आगे.................
“रूको…” शालिनी चल कर उसके पास आई और बोली, “तुम भी अपना ख्याल रखना.”
“ओके…” रोहित मुस्कुरा कर आगे बढ़ गया.
रोहित वापिस मोहित के पास आ गया.
“कुछ दीखा ऐसा वैसा कुछ.” रोहित ने कहा
“इतने सारे लोग हैं यहाँ. सब पर कैसे फोकस करें.” मोहित ने कहा.
“मेरे लिए रीमा की शादी में ख़ास क्या हो सकता है?” रोहित सोच में पड़ गया.
“कही वो रीमा की आर्ट तो नही बना रहा.”
“ओ तेरी का तो मैने सोचा ही नही. चल देखते हैं कि रीमा कहाँ है.” रोहित ने कहा.
दोनो भाग कर पूछते हुए उस जगह पहुँचे जहा रीमा को शादी के लिए तैयार किया जा रहा था.
“एक्सक्यूस मी रीमा कहा है.” रोहित ने एक लेडी से पूछा.
“वो ज़रा फ्रेश होने गयी है. जयमाला के लिए अभी टाइम है. आप चिंता ना करें वो टाइम से पहुँच जाएगी.”
“कौन से कमरे में है वो” रोहित ने पूछा.
“जिसके सामने मैं खड़ी हूँ.”
रोहित ने तुरंत दरवाजा पीटना शुरू कर दिया. तब तक चौहान भी वहाँ पहुँच गया था.
“हे कॉन हो तुम और ये दरवाजा क्यों पीट रहे हो.”
“सर मैं रोहित हूँ. रीमा की जान को ख़तरा है.”
“क्या बकवास कर रहे हो. दफ़ा हो जाओ यहाँ से.”
मगर रोहित ने चौहान की एक ना सुनी. उसने वो दरवाजे पर इतनी ज़ोर से धक्का मारा कि वो गिर गया. जब रोहित अंदर घुसा तो उसके रोंगटे खड़े हो गये. वो देख नही पाया अंदर का द्रिस्य.
कमरे में खून से लथपथ रीमा की नंगी लाश पड़ी थी. सर से लेकर पाँव तक वो खून के रंग में रंगी थी. कमरे के शीसे पर साइको कुछ लिख गया था. जिसे पढ़ कर किसी की भी रूह काँप जाएगी
“मेरे हाथो से कोई बच जाता है तो मुझे बर्दास्त नही होता. लेकिन कोई एक बार बच सकता है दूसरी बार नही. दूसरी बार मेरा प्लान और भी ज़्यादा भयानक होता है. मिस्टर रोहित पांडे…रीमा को लाल साडी की बजाए लाल खून से रंग दिया है मैने. रीमा की शादी मुबारक हो तुम्हे.”
रोहित खुद को थाम नही सका और रो पड़ा. चौहान तो बेहोश हो कर गिर गया वही.
“सॉरी रीमा…कुछ नही कर पाया तुम्हारे लिए. मैने आने में देर कर दी.”
मोहित ने ध्यान दिया की कमरे कि खिड़की खुली पड़ी है.
“रोहित वो मर्डर करके खिड़की से भागा है.” मोहित ने कहा.
“छोड़ेंगे नही साले को….आओ देखते हैं” रोहित चिल्लाया.
दोनो खिड़की से कूद कर बाहर आते हैं. उन्हे एक साया भागता हुआ नज़र आता है.
रोहित और मोहित दोनो उसके पीछे भागते हैं.
“हे रुक जाओ वरना गोली मार दूँगा.” रोहित चिल्लाता है.
पर वो साया नही रुकता.
वो साया भागता हुआ किसी चीज़ से टकरा कर गिर जाता है और रोहित और मोहित उसे दबोच लेते हैं.
“अरे छोड़ो मुझे कॉन हो तुम लोग. इनस्पेक्टर सिकेन्दर पर हाथ डालने का अंज़ाम बहुत बुरा होगा जान लो.”
रोहित ने सिकेन्दर के सर पिस्टल रख दी और बोला, “क्या कर रहे थे तुम यहाँ और जब हम रुकने को बोल रहे थे तो रुके क्यों नही. जल्दी बोलो वरना भेजा उड़ा दूँगा. मेरा दिमाग़ घुमा हुआ है अभी.”
“सिकेन्दर का कोई बाल भी बांका नही कर सकता पांडे जी. पीछे हटिए बंदूक मेरे पास भी है.”
“पहले तुम ये बताओ यहाँ कर क्या रहे थे.”
“मैने किसी को खिड़की से कूद कर भागते देखा. उसी का पीछा कर रहा था मैं.”
“झूठ बोल रहे हो तुम. हमने किसी को नही देखा तुम्हारे आगे. तुम अकेले ही भागे जा रहे थे.”
“सिकेन्दर वॉक्स अलोन इन दा डार्क बट आज मैं अंधेरे में किसी का पीछा कर रहा था. मेरा यकीन करो.”
“रोहित ज़रूर कुछ गड़बड़ है. हमने किसी को भी नही देखा. बस ये अकेला भगा जा रहा था.” मोहित ने रोहित के कान में कहा.
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राज शर्मा और पद्मिनी अपने प्यार की खुमारी में खोए थे. उन्हे ज़रा भी अंदाज़ा नही था कि पूजा को किडनॅप कर लिया है साइको ने और रीमा को मार दिया है. दोनो दुनिया की हर बात से बेख़बर थे. राज शर्मा पद्मिनी को बाहर डिन्नर करवा कर आज फिर से अपने घर ले आया था.
“पूरे एक महीने बाद वापिस आए हैं हम इस छोटे से घर में. हमारी जंग अभी भी जारी है.”
“वो तो जारी रहेगी राज शर्मा…हार मान-ने वालो में से नही हूँ मैं.”
“मैने भी जिंदगी में हारना नही सीखा. मैं जीतूँगा ज़रूर एक दिन. हो सकता है आज ही जीत जाऊ.”
“कुछ भी हो राज शर्मा. आइ लव यू फ्रॉम दा बॉटम ऑफ माइ हार्ट.”
“आइ लव यू टू बेबी. अगर ऐसा है तो आज हार मान लो तुम…दूरी बर्दस्त नही हो रही तुमसे.”
“एमोशनल करने की कोशिस कर रहे हो. खूब समझ रही हूँ मैं. कुछ भी कर लो शादी से पहले कुछ नही.”
“उफ्फ…कब होगा डाइवोर्स तुम्हारा. मेरी तो जान पर बन आई है. कोई आशिक़ अपनी महबूबा के लिए इतना नही तडपा होगा जितना मैं तड़प्ता हूँ तुम्हारे लिए.”
“धीरज रखो मेरे दीवाने. डाइवोर्स फाइल कर तो दिया है ना. थोड़ा वक्त तो लगता ही है इन बातों में”
“तड़प तड़प कर मर ना जाए ये दीवाना.” राज शर्मा ने कहा.
पद्मिनी राज शर्मा से लिपट गयी और बोली, “ऐसे मत बोलो….आइ लव यू सो मच.”
राज शर्मा ने पद्मिनी के नितंबो को दोनो हाथो से थाम लिया और उसे ज़ोर से अपनी तरफ खींचा.
“क्या कर रहे हो.”
“जंग लड़ रहा हूँ और क्या….मेरा हथियार महसूस नही हो रहा क्या तुम्हे”
“उफ्फ फिर से शुरू हो गये…क्या करूँ तुम्हारा मैं.”
“अच्छा बस एक बात मान लो मेरी.”
“क्या?”
“जैसे हम दोनो चुंबन लेते हैं होंटो से होन्ट मिला कर. कम से कम एक बार एक चुंबन तो ले लेने दो दोनो को.”
पद्मिनी की साँसे तेज चलने लगी ये सुन कर.
“प्लीज़ राज शर्मा ऐसी बाते मत करो.”
“पर सच कह रहा हूँ…आज बहुत तड़प रहा हूँ मैं. तुम इसे हवस कहो या कुछ और…पर मैं तुम में समा जाना चाहता हूँ आज.”
पद्मिनी को राज शर्मा का लंड ठीक अपनी चूत के उपर महसूस हो रहा था. राज शर्मा की बातें और लंड की चुअन कुछ अजीब सा जादू कर रही थी पद्मिनी पर. मगर वो फिर भी खुद को संभाले हुए थी.
“आज कुछ ज़्यादा ही दीवाने लग रहे हो.”
“सब तुम्हारे कारण है. क्या लग रही हो तुम आज.कसम से तुम्हे कचा चबाने का मन कर रहा है. वैसे एक बात कहूँ.”
“हां बोलो.”
“तुम्हारे नितंबो को थामे खड़ा हूँ…कुछ बोल नही रही आज तुम.”
“ओह हां भूल गयी. हटाओ हाथ जल्दी.”
“नही हटाउँगा…कर लो जो करना है.”
“उफ्फ आज तुम ख़तरनाक मूड में हो. मुझे डर लग रहा है तुमसे.”
“डरना भी चाहिए हहहे.”
राज शर्मा ने अपने हाथो से पद्मिनी के नितंबो को मसनला शुरू कर दिया. पद्मिनी की साँसे उखाड़ने लगी.
“राज शर्मा नही……आआअहह” पद्मिनी ने कहा और राज शर्मा को धक्का दे कर उसकी बाहों से आज़ाद हो गयी.
“क्या हुआ जानेमन…इतना करीब तो हम रोज ही रहते हैं.”
“आज बर्दास्त नही हो रही ये नज़दीकियाँ.”
“मतलब आप जंग हार रही हैं…वेरी गुड”
“हार नही मानूँगी मैं.”
“ज़बरदस्ती मत करो अपने साथ पद्मिनी…कभी कभी खुद को आज़ाद छोड़ दिया करो.”
“वाह…वाह क्या शिक्षा दे रहे हो अपनी प्रेमिका को. अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कह सकते हो तुम” पद्मिनी कह कर वॉश रूम की तरफ चल दी.
“कहाँ जा रही हो.”
“नहाने जा रही हूँ”
“ये आग नहाने से नही बुझेगी. इस आग को बुझाने के लिए एक अलग ही पानी बनाया है भगवान ने. वो पानी मेरे पास है. फ्री ऑफ कॉस्ट तुम्हे देने के लिए तैयार हूँ.”
“मुझे नही चाहिए…”
राज शर्मा ने भाग कर पद्मिनी को पीछे से दबोच लिया और उसकी गर्दन पर किस करके बोला, “एक बार ट्राइ तो करो…सारी आग ठंडी हो जाएगी”
“मेरे अंदर कोई आग नही लगी. मैं तो वैसे ही नहाने जा रही थी. छोड़ो मुझे.”
राज शर्मा के दाई तरफ एक छोटी सी टेबल थी. वो पद्मिनी को खींच कर वहाँ ले आया और उसका नाडा खोने लगा.
“राज शर्मा नही प्लीज़…”
“नही रोक सकता खुद को मैं अब. चाहे कुछ भी सज़ा देना मुझे बाद में परवाह नही मुझे. अब मैं ये जंग जीतने जा रहा हूँ.”
“नही राज शर्मा प्लीज़….”
नाडा खोल चुका था राज शर्मा और हल्की से सलवार भी नीचे सरका चुका था. पद्मिनी ने अपने दोनो हाथो से अपनी सलवार को अपने कुल्हो पर थाम लिया और अपना नाडा वापिस बंद करने की कोशिस करने लगी. राज शर्मा ने पद्मिनी की परवाह किए बगैर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और बोला, “नही रोक पाओगि इस तूफान को मान लो. खुद को आज़ाद छोड़ तो इन हवाओं में…प्यार है ये कोई पाप नही.”
राज शर्मा ने एक झटके में सलवार नीचे सरका दी पद्मिनी की.
“राज शर्मा क्या अपनी पद्मिनी की बात नही मानोगे तुम. प्लीज़ रुक जाओ.”
राज शर्मा ने पॅंटी भी नीचे सरका दी और बोला, “प्लीज़ ऐसा मत कहो…तुम जानती हो मैं रुक नही सकता.”
राज शर्मा ने दोनो हाथो से पद्मिनी के नग्न नितंबो को थाम लिया.
“उफ्फ ये मखमली गान्ड….सच में तुम्हारा कोई मुक़ाबला नही पद्मिनी. यू आर मोस्ट ब्यूटिफुल वुमन इन दा वर्ल्ड.”
पद्मिनी कुछ भी बोलने की हालत में नही थी. कुछ अजीब सी मदहोशी छा रही थी उस पर. शायद सब राज शर्मा के प्यार का असर था.
“क्या हुआ पद्मिनी…कुछ करो यार ये जंग तुम हार रही हो.”
क्रमशः........................
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RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--109
गतान्क से आगे.................
रोहित जाते जाते मुड़ा और बोला, “आपके बहुत नज़दीक पहुँच गया था आज. ये रात कभी नही भूलूंगा मैं. पूर्णिमा का चाँद चमक रहा है उपर. बहुत सुन्दर दीख रहा है आज वो. लेकिन एक चाँद ज़मीन पर भी है. वो भी बहुत सुंदर दीख रहा है आज. उसके बहुत करीब पहुँच गया था मैं. साँसे टकरा रही थी हमारी. चूम लेना चाहता था अपने चाँद को. पर मेरा चाँद मुझसे रूठ गया. मूह फेर लिया उसने. भूला नही पाउन्गा इस चाँदनी रात को. अपने चाँद के नज़दीक आकर बहुत दूर हो गया मैं.जब-जब ऐसी रात आएगी…मुझे तेरी याद आएगी. खुश रहें आप हमेशा यही दुवा है. मेरी उमर आपको लग जाए. चलता हूँ अब…घर चली जाना…यहाँ मत रुकना.”
रोहित कह कर चल दिया.
शालिनी थाम नही पाई खुद को और रो पड़ी, “पता नही क्यों हो रहा है ऐसा मेरे साथ. पापा को बताया भी कि मुझे रोहित पसंद है पर वो सुन-ने को तैयार ही नही. उन्हे तो मुझे आइएएस के घर ही भेजना है. इतना पढ़ लिख कर, इतनी बड़ी ऑफीसर बन कर भी कोई कंट्रोल नही मेरा अपनी जिंदगी पर. सच ही कहा है किसी ने, नारी कुछ भी कर ले मगर अपनी औकात नही बदल सकती समाज में. उसकी किस्मत का फ़ैसला फिर भी दूसरे ही करते हैं.”
रोहित दिल में गम लिए चल पड़ा था शालिनी को वहाँ छोड़ कर. आँखे इतनी नम हो गयी थी की कभी भी ज़ोर शोर से बरस सकती थी. अपना गम तो वो जानता था पर उसे ये नही पता था कि वो शालिनी को रोते हुए छोड़ आया है अपने पीछे. प्यार हो तो जाता है दो दिलो को पर कभी कभी हालात ऐसे होते हैं की प्यार को ज़बरदस्ती दबा देना पड़ता है दिल के किसी कोने में. ऐसा ही कुछ रोहित और शालिनी के साथ हो रहा था.
मोहित ने जब रोहित को देखा ऐसी हालत में तो बोला, “क्या हुआ भाई…सब ठीक तो है.”
“भाई बस कुछ पूछो मत मुझसे अभी…कुछ भी नही बता पाउन्गा मैं.”
“समझ रहा हूँ कुछ-कुछ”
“छोड़ ये सब…अपनी पूरी टीम को इकट्ठा करना होगा हमें.”
“ऐसा करते हैं राज शर्मा के घर चलते हैं. वही बुला लेते हैं सब को.”
“ठीक है.”
कुछ देर बाद राज शर्मा के छोटे से कमरे में पूरी टास्क फोर्स इकट्ठा होती है.
“साइको का पता तो चल गया मगर अब उसे ट्रॅप करना भी एक चुनोती से कम नही है. एसपी साहिब के घर पर काफ़ी सुरक्षा इंतज़ाम हैं. हर तरफ गन्मन हैं. उसके घर में किसी भी परकार का आर्टिस्टिक मर्डर संभव नही है. किसी भी तरह उसे उसके घर से बाहर निकालना होगा. तभी हम कुछ कर पाएँगे. हमारे पास ज़्यादा वक्त भी नही है. जो भी करना है आज की रात ही करना है क्योंकि पूजा की जान ख़तरे में है. हमें साइको को भी मारना है और पूजा को भी बचाना है.” रोहित ने कहा.
“लेकिन उसे बाहर निकालेंगे कैसे.” मोहित ने कहा.
रोहित ने सभी को अपना प्लान बताया. उसका प्लान सुन कर सभी के होश उड़ गये. सभी एक दूसरे की तरफ देख रहे थे.
“यार रोहित बहुत ही चॅलेंजिंग है ये काम. पर इसे करेगा कौन. हम में से कोई भी वहाँ गया तो उसे शक हो जाएगा.”
“ये काम मिनी बहुत अच्छे ढंग से कर सकती है” रोहित ने कहा.
ये सुनते ही मिनी चोंक गयी. “ क्या?”
“हां मिनी इस वक्त तुम्ही हमारी होप हो”
“यार हम पोलीस को इन्वॉल्व क्यों नही करते…ये कोई बच्चो का खेल नही है.”
“पोलीस फोर्स उसके हाथ में है. उसके खिलाफ ऑपरेशन स्टार्ट करने से पहले ही उसे खबर मिल जाएगी. और हो सकता है हम सभी को जैल में डाल दिया जाए. ये काम सिर्फ़ हमें ही करना होगा.”
“मुझसे ये नही होगा…मैं वहाँ जा कर फँस गयी तो. मेरी पैंटिंग ना बन जाए कही इस चक्कर में.” मिनी ने कहा.
तभी अचानक कमरे का दरवाजा खड़का. सभी फ़ौरन हरकत में आ गये. राज शर्मा,रोहित और मोहित ने अपनी अपनी पिस्टल निकाल ली.
“कौन हो सकता है?”
“वैसे मैने भोलू को कुछ समान लाने को बोला था हो सकता है वो हो.”
“मैं देखता हूँ सर की कौन है.” राज शर्मा ने कहा.
“राज शर्मा….ध्यान से.” पद्मिनी ने कहा.
“शूकर है पद्मिनी कुछ तो बोली. राज शर्मा तो छा गया.” मोहित ने चुस्की ली.
“गुरु…” राज शर्मा ने मोहित की तरफ पद्मिनिन को लेकर मज़ाक ना करने का इशारा किया.
“हू ईज़ तीस.” राज शर्मा ने अंदर से आवाज़ लगाई.
“राज दरवाजा खोलो”
“ये तो ए एस पी साहिबा की आवाज़ है.” राज शर्मा ने कहा.
रोहित ने तुरंत आयेज बढ़ कर दरवाजा खोला. दरवाजे के बाहर सच में शालिनी खड़ी थी.
रोहित अपने पीछे दरवाजा बंद करके शालिनी का हाथ पकड़ कर उसे एक तरफ ले गया.
“आप यहाँ क्या कर रही हैं.”
“रोक नही पाई खुद को रोहित. प्लीज़ मुझे अपने साथ रहने दो. मैं घर जा कर भी तो बेचैन ही रहूंगी.”
“मेरे साथ क्यों रहना चाहती हैं आप.”
“आइ केर फॉर यू”
“काश झूठ ही सही एक बार तो कह देती मुझे वो बात जिसे सुन ने के लिए मैं दिन रात बेचैन रहता हूँ.”
“कहना तो बहुत कुछ चाहती थी पर……” शालिनी बोलते बोलते रुक गयी फिर गहरी साँस ले कर बोली, “खैर छोड़ो”
“अब आप यहाँ आ ही गयी हैं तो अकेले वापिस भी नही भेज सकता. आपने हर्ट किया है मुझे. मेरी कोई भी बात नही मानती हैं आप. हां भाई ए एस पी साहिबा जो हैं आप….क्यों मानेगी मेरी बात आप.”
“प्लीज़ रोहित ये ताना देना बंद करो…मैं साथ रहूंगी तो कुछ मदद ही करूँगी. कोई बोझ नही बनूँगी तुम पर.”
“ठीक है आओ अंदर.”
शालिनी रोहित के पीछे-पीछे अंदर आ गयी.
“हाई एवेरिवन…मुझे उम्मीद है की मेरी उपस्थिति किसी को परेशान नही करेगी.” शालिनी ने कहा.
“मैं आपको ब्रीफ में सारी सिचुयेशन बताता हूँ.” रोहित ने शालिनी को अपना प्लान बताया.
“ह्म्म मगर पहले हमें ये पता करना होगा कि साइको घर पर है कि नही.”
“वो मैने पता कर लिया है. वो घर पर ही है”
“ह्म्म लेकिन उसे घर से बाहर कॉन लाएगा.”
“मिनी से रिक्वेस्ट कर रहे हैं हम. पर ये डर रही है.”
“डरने की बात भी है. बहुत चालाक और धूर्त है साइको.वो आसानी से इस जाल में फस्ने वाला नही है.”
“लेकिन हम क्या करें. हमारे पास वक्त कम है. जो भी करना है तुरंत करना है.”
“लेकिन ये सीसी कॉन है. एसपी का नाम तो राहुल महाजन है.” शालिनी ने कहा.
“इसका जवाब तो साइको को ही देना होगा. हम बहुत परेशान रहे इस सीसी को लेकर. बस अब और नही. “ रोहित ने कहा.
“पद्मिनी कैसे पहचाना तुमने साइको को. कब और कैसे आई उसकी फोटो तुम्हारे सामने.” शालिनी ने पूछा
पद्मिनी की तो साँस अटक गयी ये सवाल सुन कर. उसने राज शर्मा की तरफ देखा. राज शर्मा मन ही मन हंस दिया पद्मिनी की हालत पर. उसे पता था कि पद्मिनी दुविधा में है इसलिए शालिनी के प्रश्न का जवाब खुद दे दिया, “पद्मिनी कुछ बुक्स उठा रही थी टेबल से. उठाते वक्त एक किताब नीचे गिर गयी. उसमें कुछ फोटोस थी. एक फोटो एसपी साहिब की भी थी उसमें.”
“लेकिन आप लोग एक बात का जवाब दे. एसपी से तो काफ़ी फ्रीक्वेंट्ली मिलते होंगे आप लोग. फिर आपने उसकी आवाज़ क्यों नही पहचानी कभी.” मिनी ने पूछा.
“क्योंकि साइको के रूप में, एसपी बिल्कुल डिफरेंट आवाज़ रखता होगा. तुम ये बताओ…ये काम तुम करोगी कि नही. रिपोर्टर होने के कारण तुम ये काम आसानी से कर सकती हो.” रोहित ने कहा.
“ठीक है मैं तैयार हूँ. मुझे कैसे…कैसे क्या करना है सब बता दो.
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“आअहह….” पूजा कराह रही थी ज़मीन पर पड़ी हुई. आँखे बंद थी अभी भी उसकी. बेहोसी अभी पूरी तरह टूटी नही थी. बेख़बर थी इस बात से वो कि वो साइको के कब्ज़े में है और एक अंजान जगह पर एक अंजान कमरे में पड़ी है. धीरे-धीरे वो होश में आ रही थी. बेहोसी में हाथ पाँव हिला रही थी वो.
धीरे से आँखे खोली उसने. एक पल को उसे लगा कि वो कोई सपना देख रही है. मगर अगले ही पल डर और ख़ौफ़ ने उसके पूरे अस्तित्व को घेर लिया. वो थर-थर काँपने लगी. उसे अहसाह हो गया था कि वो फर्श पर पड़ी है और उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नही है. बड़ी मुस्किल से उठ पाई वो फर्श से क्योंकि हाथ पाँव थर-थर काँप रहे थे. उठ कर चारो तरफ देखा उसने. कमरे में बस एक दरवाजा था. एक छोटी सी टेबल रखी थी कमरे में जिस पर की एक छोटे से पत्थर के नीचे एक पेपर रखा था.
“हे भगवान मैं यहाँ कैसे पहुँच गयी?” पूजा ने कहा.
कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी पूजा. मार्केट जाना था उसे एक ज़रूरी काम के लिए. पॉकेट मनी बचा रखी थी कुछ उसने. खर्च करना चाहती थी उसे आज वो. जिसे वो बहुत प्यार करती थी उसके लिए एक गिफ्ट लेना चाहती थी. एक पॅंट और शर्ट लेने का प्लान था उसका. सोच रही थी कि शाम को जब मोहित उसे कॉलेज लेने आएगा डिन्नर के लिए तो उसे सर्प्राइज़ देगी. बहुत ख़ूस्स थी गिफ्ट खरीद कर. दिल में प्यार और उमंग लिए शॉप से निकली थी वो. मगर अचानक उसे पीछे से दबोच लिया साइको ने और कोई नासीली चीज़ सूँघा कर बेहोश कर दिया. आगे क्या हुआ उसे कुछ याद नही.
पूजा को ये पूरा द्रिस्य याद आ गया था. ये सब याद आने के बाद उसकी हालत और नाज़ुक हो गयी.
“मोहित प्लीज़ मुझे बचा लो…कहा हो तुम…अब तो जीना शुरू किया था मैने तुम्हारे प्यार के कारण. मैं अब मरना नही चाहती. प्लीज़ मुझे बचा लो.” पूजा रो पड़ी.
रोते-रोते पूजा की नज़र टेबल पर रखे पेपर पर पड़ी. उसे दूर से ऐसा लग रहा था कि उस पर कुछ लिखा है. वो लड़खड़ाते कदमो से टेबल की तरफ बढ़ी. कांम्पते हाथो से उसने पेपर टेबल से उठाया.
वो उस पेपर को पढ़ने लगी तो चेहरे पर ख़ौफ़ और ज़्यादा उभर आया.
“हाई पूजा,
यही नाम है ना तुम्हारा. कैसी हो तुम. तुमसे पूछे बिना तुम्हे यहाँ उठा लाया. सॉरी नही बोलूँगा क्योंकि मैं अपनी मर्ज़ी का मालिक हूँ. तुम यहाँ मोहित की वजह से हो. मोहित की प्रेमिका ना होती तुम तो मेरा तुम पर ध्यान ही नही जाता. बहुत सुंदर हो तुम पूजा. मैने तुम्हारी खूबसूरती बड़े करीब से देखी है. तुम्हारे कपड़े मैने ही तो उतारे हैं. तुम्हारे बूब्स पर फिदा हो गया मैं. थे अरे अमेज़िंग पीस ऑफ टिट्स. तुम्हारी चूत के तो क्या कहने. एक दम चिकनी है. लगता है मोहित के लिए चूत सज़ा कर रखी हुई है तुमने हहहे. तुम्हारी गान्ड भी कम नही है. गान्ड पर खूब चाकू रडगा मैने तुम्हारी. तुम नींद में थी इसलिए जान नही पाई. मेरी आर्ट के लिए तुम पर्फेक्ट हो. एक सुंदर मौत दूँगा तुम्हे मैं. वो भी तुम्हारे आशिक़ के सामने. मोहित के सामने चूत मारूँगा मैं तुम्हारी. पूरा चाकू घुसा दूँगा तुम्हारी चूत में. घबरा गयी. अरे घबराओ मत ऐसा करने से एक खूबसूरत मौत मिलेगी तुम्हे. एक पर्फेक्ट आर्ट का हिस्सा बन जाओगी तुम. तुम्हे गर्व होगा कि तुम मुझसे चुदी. बस इस चुदाई में मज़े की बजाए दर्द होगा. उतना तो तुम सह ही सकती हो. आख़िर खूबसूरत मौत हर किसी को नही मिलती. ना ही मैं हर किसी को इस काबिल समझता हूँ. लेकिन इस मौत के लिए थोड़ा इंतेज़ार करना होगा तुम्हे. तुम्हारे आशिक़ को भी तो आना है यहाँ. तुम बस चेहरे पर ख़ौफ़ बनाए रखो…बाकी सब मुझ पर छोड़ दो. इंतेज़ार इस मौत को और ज़्यादा खूबसूरत बना देगा.”
हाथ कुछ इस कदर काँप रहे थे पूजा के की पेपर छूट गया उसके काँपते हाथो से. उसे विस्वास नही हो रहा था कि उसके साथ ये सब हो रहा है. वो दीवार के सहारे घुटने पर सर रख कर बैठ गयी.
“मोहित…क्या हमारे सपने, हमारी उम्मीदें सब बिखर जाएँगे. क्या हमारे प्यार का यही अंज़ाम लिखा है भगवान ने. बहुत डर लग रहा है मुझे. इतनी भयानक मौत भगवान किसी को ना दे. और ना ही किसी के प्यार को इस तरह से जुदा करे.” पूजा सुबक्ते हुए सोच रही थी.
42 इंच एलसीडी पर साइको सब कुछ देख रहा था. “बहुत खूब पूजा….बहुत खूब. मुझे तुमसे ऐसे ही ख़ौफ़ की उम्मीद थी.तुम्हारी जितनी तारीफ़ की जाए कम है. अब बस मोहित को लाना है तुम्हारे पास. तुम चिंता मत करो तुम्हे ज़्यादा इंतेज़ार नही करना पड़ेगा. तुम आ गयी हो तो वो भी आ ही जाएगा. मैं बस उसे तडपा रहा हूँ हाहहाहा.”
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राज शर्मा के घर सभी बैठे रोहित का इंतेज़ार कर रहे हैं.
“कहाँ रह गये रोहित सर…इतना टाइम नही है हमारे पास.” राज शर्मा ने कहा.
“रोहित आता ही होगा…कीप पेसेंस.” शालिनी ने कहा.
तभी कमरे का दरवाजा खड़का. राज शर्मा ने फ़ौरन दरवाजा खोला.
“कहाँ रह गये थे सर आप. हमें चिंता हो रही थी.”
“हां थोड़ा टाइम लग गया.”
क्रमशः..........................
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RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--111
गतान्क से आगे.................
बाते करते-करते रोहित और मिनी गेट से बाहर आ गये. वो गाड़ी में घुसे ही थे कि शालिनी ने कहा, “तुमने कॅमरा ठीक से लगाया था ना”
“हां क्यों क्या हुआ?”
“कोई वीडियो नही आ रही है. मुस्किल से एक मिनिट वीडियो आई फिर अचानक बंद हो गयी.” शालिनी ने कहा.
“क्या! ऐसा कैसे हो सकता है.” रोहित हैरान रह गया.
“एसपी ने ज़रूर कुछ गड़बड़ कर दी होगी कॅमरा में” मिनी ने कहा.
“मुझे भी यही लगता है. ” शालिनी ने कहा.
“अब क्या होगा रोहित. हम ये नही जान पाएँगे कि वो क्या कर रहा है.” मिनी ने कहा.
“तुम लोग चिंता मत करो उसकी जिंदगी हमारी मुट्ठी में है. हम……” रोहित बोलता बोलता रुक गया क्योंकि शालिनी बीच में बोल पड़ी,”ऑम्ग क्या ये पूजा है!”
रोहित ने तुरंत लॅपटॉप स्क्रीन पर देखा, “शायद… मैं पूजा से कभी नही मिला. वही होगी.”
“क्या हालत बना दी है उसने उसकी. ओह गॉड एक भी कपड़ा नही है उसके शरीर पर. मुझसे नही देखा जाता ये.” मिनी ने कहा.
“आख़िर ये चाहता क्या है. क्या उसे अपनी जान प्यारी नही है.” शालिनी ने कहा.
“साइको है वो. कब क्या करेगा कुछ भरोसा नही. लेकिन जो भी हो किल्लर07 से वो नही बचेगा.”
“मगर पूजा का क्या होगा?” शालिनी ने सवाल किया.
“हम उसे कुछ नही….” रोहित बोलते बोलते रुक गया क्योंकि तभी उसका फोन बजने लगा था.
“हेलो”
“आअहह…मिस्टर रोहित पांडे कमाल कर दिया तुमने. बहुत सुना था किल्लर07 के बारे में. तुमने ये मुझपे यूज़ किया. बहुत बढ़िया गेम खेली तुमने मेरे साथ.”
“अच्छी लगी ना गेम. अभी तो शुरूवात है बेटा आगे देख क्या क्या होता है तेरे साथ.” रोहित ने कहा.
“आगे जो भी होगा मेरी मर्ज़ी से होगा. ये गेम अब मेरे तरीके से आगे बढ़ेगी. तुम्हे पूजा की लाइव वीडियो आ रही होगी. बहुत बेचैन नज़र आ रही है बेचारी मेरी आर्ट का हिस्सा बन-ने के लिए. 10 मिनिट में मैं पहुँच रहा हूँ उसके पास उसकी आर्ट बनाने के लिए. अगर उसे जींदा देखना चाहते हो तो आंटिडोट की सारी डोस मुझे दे दो चुपचाप. मैं वादा करता हूँ कि उसे कुछ नही करूँगा. अड्रेस तुम्हे बता ही दिया है मैने. वही पहुँच जाओ आंटिडोट ले कर. नही आए तो नतीजा बहुत बुरा होगा. मैं तो मारूँगा पर तुम्हारे लिए और तुम्हारे दोस्त मोहित के लिए ऐसी आर्ट छोड़ जाऊगा पूजा क़ी, जिसे तुम जिंदगी भर नही भूल पाओगे. चाय्स तुम्हारी है…” साइको ने फोन काट दिया.
“क्या हुआ रोहित…क्या ये एसपी का फोन था.” शालिनी ने पूछा.
“हां…वो ये गेम अपने तरीके से खेलना चाहता है. आंटिडोट चाहता है वो. इसके बदले पूजा को छोड़ने के लिए तैयार है. मुझे आंटिडोट लेकर उसी जगह बुलाया है जहा पूजा को क़ैद कर रखा है उसने.”
“कहाँ है पूजा?” शालिनी ने पूछा.
“मसूरी की तरफ जो रास्ता जाता है उसी पर एक फार्म हाउस पर छुपा रखा है उसने उसे. लोकेशन पता है मुझे.”
“तो क्या इरादा है तुम्हारा?” शालिनी ने कहा.
“देखो इस वक्त पूजा सबसे बड़ी प्राइयारिटी है. एसपी साइको है कुछ भी कर सकता है. फिलहाल तो वो भी यही है और हम भी यही हैं. हमें उस से पहले पहुँचना होगा फार्म हाउस. चलो जल्दी…मिनी तुम हटो मैं ड्राइव करता हूँ.” रोहित ने कहा. गाड़ी स्टार्ट करते ही रोहित ने मोहित को फोन मिलाया और सारी सिचुयेशन उसे बता दी.
“रोहित हम सब को वहाँ नही जाना चाहिए. पता नही क्या गेम है उसकी. हम दोनो चलते हैं वहाँ.” मोहित ने कहा.
राज शर्मा सब कुछ सुन रहा था, “ऐसा क्यों बोल रहे हो गुरु. मुझे एक दम से पराया कर दिया. मैं भी साथ चलूँगा.”
“राज शर्मा सिचुयेशन हमारे कंट्रोल में नही है. पता नही क्या गेम है उसकी. और पद्मिनी के साथ भी तो किसी का होना ज़रूरी है.”
“पद्मिनी को उसके घर ड्रॉप कर देते हैं. सेक्यूरिटी तो है ही वहाँ.” राज शर्मा ने कहा.
“नही मैं भी साथ ही रहूंगी. घर में मुझे ज़्यादा दर लगेगा. और ये टीम क्या मज़ाक में बनाई थी तुम लोगो ने. मैं कही नही जाऊगी सुन लो तुम दोनो. और जो ज़ख़्म साइको ने मुझे दिया है वो तभी भरेगा जब मैं उसे अपनी आँखो से मारते हुए देखूँगी.” पद्मिनी ने कहा.
“सोच लो पद्मिनी वहाँ बहुत ख़तरा है. वो ज़रूर कोई ख़तरनाक खेल खेलने के चक्कर में है.” मोहित ने कहा.
“कुछ भी हो मुझे राज शर्मा के साथ रहना है. मैने सपना देखा था….”
“छोड़ो भी उस सपने को पद्मिनी. मेरा वो बाल भी बांका नही कर सकता.” राज शर्मा ने कहा.
“सच में यार तुम दोनो तो पागल हो गये हो एक दूसरे के प्यार में.” मोहित ने कहा.
“क्या तुम पागल नही हो पूजा के लिए गुरु जो हमें बोल रहे हो.” राज शर्मा ने कहा.
“हूँ तो सही. यार उसे कुछ हो गया तो मैं मर जाऊगा.” मोहित ने कहा.
“उसे कुछ नही होने देंगे हम. चिंता मत करो.” राज शर्मा ने मोहित के कंधे पर हाथ रख कर कहा.
रोहित फोन पर सब सुन रहा था, “यार मेरे से भी बात कर लो कोई.”
“ओह सॉरी मैं भूल गया था कि तुम फोन पर हो. मैं राज शर्मा और पद्मिनी के साथ बातों में लग गया था.”
“हां मैने सुनी तुम लोगो की बातें. मैं भी यही चाहता हूँ कि हम सब वहाँ ना जायें. हम दोनो चलते हैं. बाकी लोग सुरक्षित जगह पर रुक जायें.” रोहित ने कहा.
“बहुत बढ़िया. मैं कही नही जा रही हूँ. भूल गये तुमने मुझे कहा था कि आप खुद गोली मारेंगी साइको को. आज वो मौका आया है तो मुझे साथ नही रखना चाहते.” शालिनी ने कहा.
“मेडम पर अप 100% फिट नही हैं. और आप साथ होंगी तो ध्यान आप पर ही रहेगा मेरा.” रोहित ने कहा.
“मेडम पर ध्यान क्यों रहेगा… ..” मिनी कन्फ्यूज़ हो गयी.
“अरे बॉस हैं मेरी…इन पर ध्यान नही रखूँगा तो सस्पेंड कर देंगी…समझा करो.” रोहित ने बात घूमने की कोशिस की.
“लेकिन मेडम ठीक कह रही हैं. हम सभी चलेंगे वहाँ. मेरे लिए ये स्टोरी बहुत इंपॉर्टेंट है. मीडीया में मेरा करियर सुरक्षित हो जाएगा इस स्टोरी के बाद.”
“रोहित अब क्या करें कोई भी रुकने को तैयार नही है. वहाँ बहुत ख़तरा है…कोई समझने को तैयार ही नही है.” मोहित ने कहा.
“हमारे पास किसी को कही ड्रॉप करने का वक्त है भी नही. हमे तुरंत पहुँचना होगा उस फार्म हाउस पर. फुल स्पीड से चलें तब भी हमें 20 मिनिट से ज़्यादा टाइम लगेगा. चलते हैं सभी…जो होगा देखा जाएगा.” रोहित ने कहा.
“ऐसा करते हैं फिर की सभी एक ही कार में हो जाते हैं. अलग अलग रहने से दिक्कत आ सकती है. तुम अपनी कार रोको हम उसी में आ जाते हैं. उसमे स्पेस भी काफ़ी है.” मोहित ने कहा.
“ह्म्म ठीक है मैं कार रोकता हूँ.” रोहित ने ब्रेक लगा दिए.
मोहित ने कार सड़क किनारे पार्क कर दी. तीनो भाग कर मिनी की कार में घुस गये.
कार में घुसते ही मोहित की नज़र लॅपटॉप स्क्रीन पर पड़ी. पूजा डरी सहमी एक कोने में बैठी थी. पूजा को देख कर मोहित चिल्लाया, “पूजा…ऑम्ग ये क्या हाल बना दिया उसने मेरी पूजा का. रोहित तुमने बताया नही कि लाइव वीडियो आ रही है लॅपटॉप पर पूजा की.” मोहित की आँखे नम हो गयी बोलते हुए.
“कैसे बताता यार. हमसे ही नही देखा गया ये सब. तुम्हे कैसे बताते.” रोहित ने कहा.
“तो किल्लर07 कुछ काम नही आया. हम उसके साथ गेम खेलने चले थे मगर अब खुद उसकी गेम में फँसते नज़र आ रहे हैं.” मोहित पूजा को देख कर डिप्रेस्ड हो गया था.
“ऐसा नही है. वो नेगोशियेशन कर रहा है उसके कारण.” रोहित ने कहा.
“हां पर हमारे कंट्रोल में कुछ नही है. ये गेम हमने शुरू की थी पर कंट्रोल वो कर रहा है.” मोहित ने कहा.
“हां क्योंकि हमें पूजा की चिंता है. अगर पूजा उसके कब्ज़े में ना होती तो उसे ग़मे खेलना सीखा देते आज हम.” रोहित ने कहा.
“जान ख़तरे में है उसकी…फिर भी गेम खेलना चाहता है. एक नंबर का कमीना है.” राज शर्मा ने कहा.
“साइको है ना. अपनी आदत से मजबूर है.” रोहित ने कहा.
“अरे स्क्रीन से वीडियो गायब हो गयी..” मोहित ने कहा.
“ये साइको साला कुछ ना कुछ करता रहता है. चैन से नही बैठता एक मिनिट भी.” रोहित ने कहा.
“उसने वीडियो क्योब बंद कर दी?” शालिनी ने पूछा.
“ये तो वही बता सकता है मेडम. वहाँ जाकर देखते हैं कि क्या माजरा है.”
“वो जगह बहुत सुनसान है रोहित. चारो तरफ खेत हैं. मसूरी की पहाड़ियाँ भी नज़दीक ही हैं. हमें बहुत ज़्यादा सतर्क रहना होगा.” मोहित ने कहा.
15 मिनिट में वो लोग उस फार्म हाउस के नज़दीक पहुँच गये. रोहित ने अचानक गाड़ी को राइट टर्न दिया और गाड़ी झाड़ियों में घुसा दी.
“क्या कर रहे हो रोहित” शालिनी ने तुरंत उसे टोका.
रोहित ने झाड़ियों के बीच गाड़ी रोक दी और बोला, “यहाँ से पैदल ही जाऊगा मैं. यहाँ से 10 मिनिट पैदल का रास्ता है. फार्म हाउस के ज़्यादा नज़दीक जाना ठीक नही होगा. तुम सब लोग अपने मोबाइल चेक करो, सिग्नल है कि नही. मोहित तुम झाड़ियों के रास्ते वहाँ पहुँचना और नज़र रखना चारो तरफ.”
“क्या! तुम वहाँ अकेले जाओगे?” शालिनी ने कहा.
“हां उसने मुझे ही बुलाया है आंटिडोट लेकर.मैं सामने के रास्ते से जाऊगा और मोहित झाड़ियों के रास्ते से.तुम सभी पिस्टल थाम लो हाथो में. हमारा सामना किस चीज़ से होने वाला है हमें कुछ नही पता. हर वक्त सतर्क रहना. मैं चलता हूँ.” रोहित ने आंटिडोट निकाल ली बेग से और गाड़ी का दरवाजा खोलने लगा.
“रोहित!” शालिनी ने आवाज़ दी.
“हां मेडम?”
“टेक केर”
“ऑफ कोर्स.” रोहित गाड़ी से बाहर आ गया. आंटिडोट्स उसने अपनी पॉकेट में डाल ली और झाड़ियों से बाहर आकर फार्म हाउस की तरफ चल दिया.
चाँदनी रात थी इसलिए सड़क पर काफ़ी रोशनी थी. मगर हर तरफ खौफनाक सन्नाटा था. वहाँ के सन्नाटे को देख कर किसी की भी रूह काँप सकती थी. दूर-दूर तक कोई भी दीखाई नही दे रहा था. सड़क पूरी तरह सुनसान थी.
मोहित झाड़ियों के रास्ते दबे पाँव फार्म हाउस की तरफ बढ़ रहा था. हाथ में पिस्टल थी उसके. उसकी आँखो में हर वक्त बस पूजा का चेहरा घूम रहा था. “मैं तुम्हे कुछ नही होने दूँगा पूजा. कुछ नही होने दूँगा.”
रोहित 10 मिनिट में तेज कदमो से फार्म हाउस के बाहर पहुँच गया. फार्म हाउस काफ़ी बड़ा था और चारो तरफ चार दीवारी थी उसके. “क्या यही वो फार्म हाउस है जहा उसने पूजा को च्छूपा रखा है. यहाँ तो बस एक छोटा सा कमरा दिख रहा है. कही हम ग़लत जगह तो नही आ गये,” रोहित ने सोचा.
जब मोहित झाड़ियों से होता हुआ चार दीवारी के नज़दीक पहुँचा तो उसने भी कुछ ऐसा हो सोचा जैसा कि रोहित सोच रहा था. “ये फार्म हाउस तो नही लगता. सिर्फ़ एक छ्होटा सा कमरा है.” मोहित ने सोचा.
मोहित दीवार फाँद कर अंदर आ गया और झाड़ियों में चूपते छुपाते उस छोटे से कमरे की तरफ बढ़ने लगा. रोहित भी पूरी सतर्कता से चारो तरफ देखता हुआ उसी कमरे की तरफ बढ़ रहा था. दोनो ने एक दूसरे को देख लिया था.
दोनो एक साथ कमरे के नज़दीक पहुँचे. मोहित उस कमरे के बाईं तरफ था और रोहित डायन तरफ. दोनो दबे पाँव कमरे की दीवार से आकर सॅट गये.
“तुम्हे क्या लगता है, क्या हम सही जगह पर हैं.” मोहित ने कहा.
“जगह तो यही होनी चाहिए. वैसे बहुत अजीब बिहेव कर रहा है ये साइको. ढूंडना तो उसे हमें चाहिए आंटिडोट लेने के लिए.” रोहित ने कहा.
“उसे मिल गयी होगी आंटिडोट तभी वो ऐसे बिहेव कर रहा है.” मोहित ने कहा.
“नही ऐसा नही हो सकता. मानता हूँ कि इंडिया में ये किसी ना किसी के पास मिल सकती है पर वक्त तो लगेगा ना ढूँडने में.”
“हां पर इस संभावना से इनकार तो नही किया जा सकता ना.” मोहित ने कहा.
“हां पॉसिबिलिटी तो है…इसमे कोई शक की बात नही है.”
“इस कमरे पर ताला लगा है, इसे खोल कर देंखे. अगर यही वो फार्म हाउस है तो पूजा को यही होना चाहिए” मोहित ने कहा.
“हां तुम ताला तोडो मैं तुम्हे कवर करता हूँ.”
“भाई मैं तोड़ने को नही बोल रहा हूँ. इसे मैं खोलने जा रहा हूँ.” मोहित ने धीरे से कहा.
ज़्यादा वक्त नही लगाया मोहित ने ताला खोलने में.
मोहित और रोहित दरवाजा खुलते ही बंदूक तान कर अंदर घुस गये.
"यहाँ तो कोई भी नही है." मोहित ने कहा.
"एक मिनिट लेकिन ये वही कमरा है जिसमे कि उसने पूजा को रख रखा था."
"ओह हां वो देखो दीवार पर कॅमरा लगे हैं"
"आख़िर क्या चाहता है ये हरामी. क्या उसे आंटिडोट नही चाहिए." रोहित ने कहा.
"मेरी बात मान उसे आंटिडोट मिल चुकी है. नही तो वो हमसे पहले मौजूद होता यहाँ"
"हमसे पहले तो वो आया ही था और कुछ करके गया है यहाँ. क्या करके गया है यही सोचने की बात है" बोलते बोलते रोहित की नज़र कमरे के एक कोने में रखे डस्टबिन पर गयी. "ऑम्ग मोहित निकलो यहाँ से उसने बॉम्ब रखा है शायद यहाँ," रोहित चिल्लाया.
क्रमशः..........................
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01-01-2019, 12:57 PM,
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RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--112
गतान्क से आगे.................
उन दोनो ने कमरे से कदम बाहर रखे ही थे की धदाम की आवाज़ के साथ पूरी धरती हिल गयी. ब्लास्ट बहुत भयानक था.
"ये कैसी आवाज़ थी?" पद्मिनी ने कहा.
"ऐसा लगता है जैसे की बॉम्ब ब्लास्ट हुआ है" शालिनी ने तुरंत जवाब दिया.
"हां मेडम मुझे भी ऐसा ही लगता है. मैं जा कर देखता हूँ" राज शर्मा उठने लगा तो पद्मिनी ने उसे रोक दिया. "नही अकेले वहाँ जाना ठीक नही है. रोहित को फोन मिलाओ और पूछो कि क्या बात है"
पद्मिनी के बोलने से पहले ही शालिनी रोहित के नंबर पर कॉल कर चुकी थी. "रिंग जा रही है पर वो उठा नही रहा."
पूरी रिंग जाने के बाद भी रोहित का कोई रेस्पॉन्स नही आया तो शालिनी ने दुबारा ट्राइ किया.
"फोन क्यों नही उठा रहे हो रोहित. कम ऑन पिक अप दा डॅम फोन." शालिनी ने कहा.
"मैं मोहित का फोन ट्राइ करता हूँ" राज शर्मा ने मोहित का नंबर डाइयल किया.
"गुरु भी फोन नही उठा रहा. ज़रूर कुछ गड़बड़ है. पद्मिनी मुझे जाना होगा वो ज़रूर किसी मुसीबत में हैं" राज शर्मा ने कहा.
पद्मिनी असमंजस में पड़ गयी. "मैं भी साथ चलूंगी फिर"
"अरे यार तुम्हारे प्यार ने तो बेड़ियाँ डाल दी मेरे पैरों में. तुम साथ क्यों चलोगि भला. वहाँ कोई पिक्निक मनाने नही जा रहा हूँ. यही रूको तुम मैं फोन करके बताउन्गा तुम्हे कि क्या सिचुयेशन है." राज शर्मा ने धीरे से कहा ताकि सिर्फ़ पद्मिनी को सुने.
"राज शर्मा तुम यहाँ सतर्क रहना मैं जा रही हूँ वहाँ." शालिनी ने कहा.
"नही मेडम आप रहने दीजिए मैं जाकर देखता हूँ कि आख़िर बात क्या है." राज शर्मा ने कहा.
"नही तुम यही रूको. मैं जा रही हूँ." शालिनी ने ऑर्डर दिया.
"मेडम मैं आपके साथ चलती हूँ." मिनी ने कहा.
"क्या तुम्हे बंदूक चलानी आती है?" शालिनी ने पूछा.
"हां बंदूक भी चलानी आती है और हाथ भी चलाने आते हैं." मिनी ने जवाब दिया.
"ह्म्म ठीक है फिर चलो." शालिनी ने कहा.
फार्म हाउस पर बहुत ही भयानक मंज़र था. खून से लथपथ पड़े थे रोहित और मोहित ज़मीन पर. कमरे से बाहर कदम तो रख लिया था दोनो ने मगर फिर भी ब्लास्ट की चपेट में आ ही गये थे. दोनो के ही हाथो से बंदूक छूट चुकी थी और उन्हे ये होश भी नही था कि वो इस वक्त कहाँ पड़े हैं.
मोहित ने आँख खोल कर देखी तो उसे कुछ ऐसा दीखा जिसे देख कर उसकी रूह काँप उठी. “रोहित! वो आ रहा है. तुम्हारी गन है ना तुम्हारे पास मेरी तो ना जाने कहाँ गयी.”
“आअहह…. मोहित मेरी गन भी पता नही कहा है. मुझसे तो उठा भी नही जा रहा है.” रोहित ने कहा.
“उठना होगा रोहित अपने दाई तरफ देखो वो हमारी तरफ आ रहा है.” मोहित ने कहा.
रोहित ने दाई तरफ गर्दन घुमा कर देखा,“ओह गॉड…तुम सही कह रहे थे. इसे आंटिडोट मिल गया है. ये सिर्फ़ नाटक कर रहा था हमें यहाँ बुलाने के लिए.”
साइको उनकी तरफ बढ़ रहा था. उसके हाथ में एक बेसबॉल बॅट था.
“कैसा लग रहा है आप दोनो को. उम्मीद करता हूँ कि आप यहाँ कंफर्टबल महसूस कर रहे होंगे. बॉम्ब ब्लास्ट का हिस्सा बन-ना भी किस्मत वालो को ही नसीब होता है…हिहिहिहीही.” साइको ने कहा.
“तो तू खुद क्यों नही हिस्सा बना इस ब्लास्ट का साले. कभी खुद को भी मौका दिया कर.” रोहित चिल्लाया.
“ह्म्म… रस्सी जल गयी पर बल नही गये. कोई बात नही…अभी बल निकाल देता हूँ सारे.” साइको ने बेसबॉल बॅट बरसाना शुरू कर दिया रोहित के उपर.
सबसे ज़्यादा उसे टाँगो पर वार किया ताकि वो उठ ना पाए. पेट में भी काई वार किए उसने. रोहित के मूह से खून बहने लगा पेट पर बेसबॉल के वार के कारण. मोहित पड़ा पड़ा चुपचाप सब देख रहा था. बहुत कोशिस की उसने उठने की पर उठ नही पाया. जब साइको का ध्यान मोहित पर गया तो वो रोहित को छोड़ कर उस पर टूट पड़ा. उसकी भी टाँगो पर बेसुमार वार किए उसने बेसबॉल बॅट के. पेट में भी अनगिनत बार मारा बॅट उसने. मोहित की हालत भी रोहित जैसी हो गयी. बॉम्ब ब्लास्ट के बाद साइको की ये मार एक तरह से डबल जेपर्डी थी उन दोनो के लिए.
“कहा से मिला आंटिडोट तुझे…आअहह..” रोहित ने पूछा
“बहुत बढ़िया गेम खेली थी तूने मेरे साथ. मैं तो ऑलमोस्ट फँस ही गया था. मगर मैने होश से काम लिया. तुम्हारा पेन हटाया सबसे पहले अपनी जेब से. फिर अपने दोस्त डॉक्टर अनिल को फोन मिलाया. वैसे किल्लर07, सीक्रेट वेपन है पर इसका तौड उसे पता था. मेरे घर के नज़दीक ही घर है उसका. उसने तुरंत आ कर मुझे मास्टर डोस दे दी. उसी से बात बन गयी… क्यों कैसी रही…हहेहहे.”
“बहुत बढ़िया रही सर. लेकिन जो भी है सर आज आपने साबित कर दिया कि आप सच में नपुंश्क हैं. धोके से बॉम्ब से उड़ा दिया हमें…और अब कायर की तरह हमारे शरीर का कचूमर बना दिया…आअहह.” रोहित ने कहा.
“चुप कर ज़्यादा बकवास मत कर तुझे नही पता कि मुझे नपुंश्क कहने पर क्या हाल किया था मैने अपनी बीवी का.”
“तुम्हारी बीवी भी थी…किस बेवकूफ़ ने शादी की तुमसे...हाहहाहा,” रोहित ने कहा.
“हां थी. मेरी पीठ पीछे मेरे ही छ्होटे भाई से गान्ड मरवाती थी. मैने रंगे हाथो पकड़ लिया तो उसने नपुंश्क कहा मुझे. बस कुल्हाड़ी ले कर काट दिया मैने उसे और अपने छोटे भाई को. बहुत मज़ा आया था मुझे पहला खून करते वक्त. बहुत देर तक उन दोनो के खून से खेलता रहा था मैं. आज भी वो दिन याद करता हूँ तो दिल झूम उठता है. वो मेरा अब तक का बेस्ट मर्डर था.” साइको बड़ी करूरता से सब कुछ बता रहा था.
“तो मेरा शक सही निकला तू सच में नपुंश्क है. बल्कि नपुंश्क से बढ़कर बुजदिल और कायर भी है.” रोहित ने कहा.
“तेरी ज़ुबान तुझे बहुत भयानक मौत दिलवाएगी आज.” साइको ने बात रोहित के सर पर वार करने के लिए उपर आकाश की ऑर उठा लिया. मगर तभी कुछ सोच कर वो रुक गया, “नही तडपा-तडपा कर मारूँगा तुझे मैं. क्यों ना एक गेम हो जाए. पूजा को लेकर आता हूँ. तुम लोग उसे कमरे में ढूंड रहे थे और वो पेड़ के पीछे छुपी थी. एक नंबर की कमिनि है साली. अभी लेकर आता हूँ रंडी को. गेम का मुख्य हिस्सा उसे ही बनाएँगे. लेकिन पहले ये बंदूकें हटा लूँ यहाँ से. गेम का मज़ा खराब कर सकती हैं ये… हहेहहे. तुम्हारे पास मोबाइल भी होंगे वो भी मुझे दे दो जहन्नुम में मोबाइल का क्या काम…हिहिहीही. ” साइको गन्स और मोब्लेस ले कर वहाँ से चला गया.
“मोहित…तू ठीक तो है ना” रोहित ने कहा.
“यार हाथ पाँव काम नही कर रहे. अब वो पूजा को ला रहा है. मेरी आँखो के सामने कोई घिनोनी गेम खेलगा वो और मैं कुछ भी नही कर पाउन्गा.” मोहित ने कहा.
“ऐसा मत सोचो मोहित. जब हम सोचते हैं कि हम कुछ नही कर पाएँगे, वही से एक नयी संभावना तैयार होती है कुछ अलग और बेहतर करने की.”
“मेरा शरीर बॉम्ब ब्लास्ट के कारण बुरी तरह ज़ख्मी है, उपर से उसने मार-मार कर रही सही जान भी निकाल दी. मैं अपनी मर्ज़ी से हाथ की उंगलियाँ भी नही हिला पा रहा हूँ, क्या बेहतर और अलग कर पाउन्गा.”
“मेरा भी यही हाल है दोस्त वरना तो क्या वो मेरी जेब से मोबाइल निकाल कर ले जाता. लेकिन मैं उठुंगा ज़रूर तू देखना. साइको के हाथो मौत मुझे मंजूर नही. मुझे यकीन है कि कुछ तो बचा हुआ है मेरे अंदर अभी भी जिसके सहारे मैं उठ सकता हूँ.” रोहित ने उठने की पूरी कोशिस की पर उठ नही पाया.
साइको पूजा को वहाँ ले आया. एक हाथ से उसने पूजा को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ में कुल्हाड़ी थाम रखी थी उसने. रोहित को उठने की कोशिस करते देख साइको ने कहा, “बहुत खूब मिस्टर पांडे. अभी भी बहुत जान बाकी है तुम में. मेरा बॉम्ब ज़्यादा कामयाब नही रहा लगता है. चलो कोई बात नही. दूसरा बॉम्ब हाज़िर है. मुझे यकीन है कि पूजा नाम का ये आइटम बॉम्ब ज़रूर काम करेगा. क्यों पूजा डेरलंड सही कहा ना मैने. चल जा पहले अपने यार से मिल जाकर, देख तो ले वो जींदा है या मर गया. बिल्कुल परवाह नही करती तुम अपने आशिक़ की. मेरे कहने से पहले ही मोहित से चिपक जाना चाहिए था तुम्हे.” साइको ने पूजा को मोहित के उपर धकैल दिया.
“मोहित…तुम ठीक तो हो” पूजा ने रोते हुए पूछा.
“कुछ मत पूछो…कॉलेज से कैसे उठा लिया इसने तुम्हे पूजा.”
“कॉलेज से नही उठाया इसने मुझे. मैं कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी.”
“क्यों”
“तुम्हारे लिए कुछ खरीदना था. एक पॅंट शर्ट गिफ्ट देना चाहती थी तुम्हे. शॉपिंग करके कॉलेज वापिस आ ही रही थी कि इसने मुझे किडनॅप कर लिया.” पूजा ने सुबक्ते हुए कहा.
“बस मुलाक़ात का वक्त समाप्त हुआ. अब गेम खेलने का वक्त आ गया है. गेम बहुत ही ज़्यादा सिंपल है तुम दोनो प्रेमियों के लिए. आओ पूजा ये कुल्हाड़ी लो और इस कामीने रोहित पांडे की गर्दन काट दो इस कुल्हाड़ी से. सिर्फ़ 5 मिनिट का वक्त है तुम्हारे पास ये काम करने का. ये काम नही किया तो ये बंदूक देख रही हो….तुम्हारे आशिक़ का भेजा उड़ा दूँगा मैं…हहेहेहहे…लेट्स स्टार्ट.” साइको ने कहा.
“नही प्लीज़ मैं ये नही कर सकती.” पूजा गिड़गिडाई.
“ठीक है फिर मैं इस कुल्हाड़ी से मोहित की गर्दन काट देता हूँ. देखा मोहित कितनी दगाबाज़ निकली ये लड़की. इस लड़की के ज़रूर रोहित के साथ नज़ायज़ संबंध हैं नही तो ये ऐसा कभी ना कहती. ये साली रोहित से चूत मरवाती है तेरी पीठ पीछे और प्यार का नाटक तेरे साथ करती है.” साइको ने कहा.
“बकवास बंद कर साले.” मोहित चिल्लाया.
“चल पूजा दूसरी गेम खेलते हैं. रोहित की ज़िप खोल कर इसका लंड निकाल बाहर और उसे अपने मूह में लेकर प्यारी सी ब्लो जॉब दे. दर्द से राहत मिलेगी बेचारे को. मोहित को पता चलना चाहिए कि तू कितनी स्किल्लफूल्ल है लंड चूसने में. लंड को खूब चिकना करके बाद में चूत में लेकर भी दीखाना अपने आशिक़ को. मोहित के सामने ही चूत मरवा अपनी आज तू… कब तक छुपाती रहेगी ये राज हहेहेहहे.”
“शट अप योउ बस्टर्ड. तुम इंसान नही हैवान हो.” पूजा चिल्लाई.
“ओह रियली.” साइको ने बाल पकड़ कर पूजा को मोहित से अलग किया और बोला, “अब तेरी आँखो के सामने तेरे आशिक़ के टुकड़े-टुकड़े करूँगा मैं. कितनी बेशरम है तू अपने आशिक़ के लिए ये छ्होटा सा काम भी नही कर सकती. धिक्कार है ऐसे प्यार पर. छी…”
साइको ने पूजा को एक तरफ धकैल दिया और मोहित की गर्दन पर कुल्हाड़ी रख दी, “मिस्टर मोहित कैसा लग रहा है तुम्हे. देखा धोका दे दिया तुम्हारी प्रेमिका ने तुम्हे. ये औरत जात बड़ी धोकेबाज होती है. इन पर विस्वास करना ठीक नही. अगले जनम में ये बात याद रखना. वैसे इतनी भयानक मौत दूँगा तुम्हे मैं की तुम शायद ही अगले जनम की कामना करो हहेहेहहे. गुड बाइ मिस्टर मोहित…..” साइको ने कुल्हाड़ी वार करने के लिए उपर उठा ली.
“रूको…” पूजा चिल्लाई.
“क्यों रुकु… हिहिहीही. गेम खेलोगी तो ही रुकुंगा.”
“हां मैं खेलूँगी.” पूजा ने सुबक्ते हुए कहा.
“कोन सी गेम खेलोगी जान से मारने वाली या चूत मारने वाली हिहिहीही.”
“मुझे थोड़ा वक्त दो सोचने के लिए….”
“एक सेकेंड है तुम्हारे पास डिसाइड करने के लिए. जल्दी बोलो वरना गर्दन धड़ से अलग हो जाएगी.”
“पूजा भाग जाओ यहाँ से. रन.” मोहित चिल्लाया.
“तुझे बीच में बोलने को किसने कहा. गेम के बीच में डिस्टर्बेन्स पसंद नही मुझे. और ये नंगी कहा भागेगी बेचारी. लोग सड़क पर घेर कर गान्ड मार लेंगे इस कुतिया की.” साइको ने मोहित के मूह पर लात मार कर कहा.
“उसे मत मारो प्लीज़…” पूजा गिड़गिडाई.
“दॅन डिसाइड फास्ट यू बिच.”
“ओक आइ गो फॉर सेकेंड वन.” पूजा ने कहा.
“पता था मुझे तू वही चुनेगी. जो काम छुप छुप कर करती हो वो खुले आम करने में क्या दिक्कत है. तू सच में रंडी है. चल अब शुरू हो जा. वरना मेरा दिमाग़ घूम गया तो एक मिनिट में 100 टुकड़े कर दूँगा तेरे आशिक़ के.”
पूजा झीजकते हुए रोहित की तरफ बढ़ी और उसके पास बैठ गयी.
“पूजा मुझे मार देती तो ज़्यादा अच्छा था. ये तो मौत से भी ज़्यादा भयानक सज़ा हो जाएगी मेरे लिए. तुमसे कभी मिला नही पर मोहित अक्सर तुम्हारे बारे में बताता रहता था. तुम्हे छोटी बहन की तरह मानता हूँ मैं. प्लीज़ ऐसा अनर्थ मत करना.” रोहित ने कहा.
“वाह क्या नाटक है. पूजा जल्दी खेल शुरू करो क्योंकि मेरे सब्र का बाँध टूट गया तो पच्ताओगि तुम.” साइको चिल्लाया.
पूजा उठी और मोहित के उपर लेट गयी. “मुझे नही खेलना कुछ भी. डू वॉटेवर यू कॅन.” पूजा ने कहा.
“ये हुई ना बात. मुझे यकीन था कि मेरी पूजा इतनी कमजोर नही हो सकती. चल बे नपुंश्क कर जो करना है तुझे.” मोहित ने कहा.
साइको का चेहरा गुस्से से लाल हो गया ये सुन कर. उसने पूजा के बाल पकड़ कर मोहित के उपर से खींचा और ज़मीन पर पटक दिया. फिर उसके पेट में इतनी लात मारी उसने की बेहोश हो गयी पूजा.
“साली रंडी…मेरी गेम खराब कर दी हराम्जादि ने.”
“छोड़ दे उसे कामीने.” मोहित चिल्लाया.
“बस अब कोई गेम नही होगी. तुरंत तुम लोगो के टुकड़े टुकड़े करके तुम्हे जहन्नुम पहुँचा दूँगा. मिस्टर रोहित पांडे से शुरू करता हूँ.” साइको ने रोहित की गर्दन काटने के लिए कुल्हाड़ी उपर उठा ली.
“जहाँ हो वही रुक जाओ वरना गोली सर के आर-पार हो जाएगी तुम्हारे.” शालिनी साइको से कोई 10 कदम दूर थी और उसने उसके सर को निशाना बना रखा था. उसके साथ मिनी भी बंदूक ताने खड़ी थी.
“ओह ए एस पी साहिबा. आप भी हैं यहाँ. बहुत खूब. अब और मज़ा आएगा.” साइको ने कहा.
“ये कुल्हाड़ी एक तरफ गिरा दो और हाथ उपर करो अपने.” शालिनी ने कहा.
क्रमशः..........................
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01-01-2019, 12:57 PM,
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RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--114
गतान्क से आगे.................
मुस्किल वक्त में इंसान सबसे पहले भगवान को याद करता है. पद्मिनी भी वही कर रही थी. कुछ सोच कर पद्मिनी उठी और दीवार के साथ झुक कर उस जगह से आगे बढ़ गयी. उसने कुछ करने की ठान ली थी.
राज शर्मा फार्म हाउस में कूद कर दीवार के साथ ही खड़ा रहा.
“क्या कहा तुमने मुझे…चूतिया…हा…ये बंदूक वही गिरा कर चुपचाप यहाँ आजा. मैं तुझे बताता हूँ क़ि चूतिया किसे कहते हैं.” साइको कठोर शब्दो में कहा.
“ओके फाइन… ये लो गिरा दी बंदूक मैने. और मुझे पता है चूतिया किसे कहते हैं. तुझसे बड़ा चूतिया मिलेगा क्या कही. बिना मतलब लोगो को मारता फिरता है. तुझे मिलता क्या है ये सब करके?”
“एक आर्टिस्ट को जो मिलता है…वही मुझे मिलता है. मैं लोगो को ख़ास तरीके से मारता हूँ. एक खूबसूरत मौत देता हूँ उन्हे. आज मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है. आज एक साथ इतने लोगो को मारने का मौका मिल रहा है. तुम नही समझ सकते कि क्या मज़ा है इस आर्ट में. ये सिर्फ़ मैं ही जानता हूँ. चुपचाप यहाँ आओ तुम्हारी खातिरदारी करता हूँ. तुम्हारे हर सवाल का जवाब मिलेगा तुम्हे…हिहिहीही.”
राज शर्मा बिना कुछ कहे चुपचाप साइको के करीब आ गया.
“बहुत दिन से मैने किसी की खोपड़ी नही उड़ाई अपनी बंदूक से. सोचता हूँ आज ये कमी पूरी कर दी जाए. मेरे सर पर निशाना लगाया था तूने हा. मेरे कान को ज़ख्मी कर दिया तूने. तुम्हारा निशाना तो चूक गया पर मेरा नही चूकेगा. उड़ती चिड़िया को गिरा सकता हूँ मैं ज़मीन पर गोली मार कर. तो सोचो तुम्हारी खोपड़ी कैसे बचेगी…हिहिहिहीही.”
ये सुन कर एक पल को राज शर्मा के होश उड़ गये. “इस से पहले ये मेरी खोपड़ी उड़ाए मुझे इसकी उड़ा देनी चाहिए.” राज शर्मा ने फुर्ती से गन निकाली पीठ के पीछे से. लेकिन फाइयर नही कर पाया क्योंकि बंदूक उसके हाथ से छूट चुकी थी.
“हाहहहाहा…अब बताओ कॉन है चूतिया. मेरे सामने कोई बंदूक लेकर खड़ा नही हो सकता. कोई डाउट हो तो अपनी ए एस पी साहिबा से पूछ लो. या फिर इस रिपोर्टर से पूछ लो. कोई और बंदूक हो तो वो भी निकाल कर ट्राइ कर लो.”
“होती तो ट्राइ ज़रूर करता” राज शर्मा ने कहा.
साइको ने राज शर्मा के हाथ से छूटी बंदूक उठा ली और उसमें से गोलिया निकाल कर उसे दूर फेंक दिया.
“बहुत खूब…तुम्हारे साथ गेम खेलने में मज़ा आएगा. तुम्हारी खोपड़ी उड़ाने के लिए तड़प रहा हूँ मैं. तुरंत तुम्हे गोली मारने का मन कर रहा है. लेकिन तुम एक काम करोगे तो मैं ये तड़प भूल जाऊगा और तुम्हे यहाँ से जाने दूँगा. ये देखो तुम्हारे सामने ए एस पी साहिबा पड़ी हैं. इनके उपर मिस्टर रोहित पांडे पड़ें हैं. हद है ना बेशर्मी की. इन दोनो की इन्ही हर्कतो की वजह से सहर में क्राइम बढ़ रहा है. ये तो मैने मिस्टर पांडे को किसी लायक छोड़ा नही है वरना तो ये अभी हमारे सामने ही चूत मार रहा होता ए एस पी साहिबा की.” साइको ने कहा.
“शट अप यू बस्टर्ड. शरम आनी चाहिए तुम्हे ऐसा बोलते हुए.” बहुत ज़्यादा दर्द था शालिनी की आवाज़ में. इतना दर्द की राज शर्मा की आँखे भी नम हो गयी उसकी आवाज़ सुन कर.
“अगर तुम जींदा रहना चाहते हो तो तुम्हे इन दोनो बेशार्मो को मारना होगा. ये बेसबॉल बॅट लो और मार डालो इन दोनो को. जितना ज़्यादा खून बहेगा उतना अच्छा रहेगा. मुझे यकीन है अपनी खोपड़ी बचाने के लिए तुम इतना तो कर ही सकते हो. बहुत मज़ा आएगा चलो शुरू हो जाओ.”
साइको ने बेसबॉल बॅट राज शर्मा की तरफ फेंका और बोला, "उठाओ इसे और जल्दी शुरू हो जाओ. सिर्फ़ 10 मिनिट का टाइम है तुम्हारे पास इन दोनो को मारने का. नही मार पाए इन दोनो को तो तुम्हारी खोपड़ी में अपनी बंदूक की सारी की सारी गोलिया उतार दूँगा.और हां अब कोई चालाकी मत करना...हर वक्त तुम्हारी खोपड़ी मेरे निशाने पर है हिहिहिहीही."
राज शर्मा अजीब असमंजस में पड़ गया. उसे मरना मंजूर नही था. ना ही वो शालिनी और रोहित को मार सकता था. वो बात उठाने के लिए नीचे झुका.
"क्या हुआ बुजदिल.... कायर...खुद क्यों नही मारते हमे. तू नपुन्शक है और नपुन्शक ही रहेगा." रोहित ने कहा
साइको गुस्से से तिलमिला उठा ये सुन कर. उसने तुरंत रोहित के सर को निशाना बनाया. राज शर्मा ने जब देखा कि साइको का ध्यान चूक गया है, उसने बड़ी फुर्ती से साइको की तरफ बढ़ कर बेसबॉल बॅट से उसके उसी हाथ पर वार किया जिसमें उसने गन पकड़ रखी थी. वार इतनी ज़ोर का था कि बंदूक ना जाने कहाँ गिरी जाकर और साइको का हाथ खून से लथपथ हो गया.
"अब इस बेसबॉल बॅट से पीट-पीट कर मैं तुझे जहन्नुम पहुँचा दूँगा. चल कुत्ते की तरह पिटने के लिए तैयार हो जा. पागल कुत्तो को ऐसे बेसबॉल बॅट की मार की ही ज़रूरत होती है." राज शर्मा ने कहा.
“हाहहहाहा….तू मुझे मारेगा. अपनी औकात से कुछ ज़्यादा ही सोच लिया तूने. अब देख मैं तेरा क्या हाल करता हूँ.” साइको ने अपनी जेब से एक बड़ा से चाकू निकाल लिया.
पद्मिनी इस सब से अंजान दीवार के सहारे चलते-चलते काफ़ी दूर आ गयी वहाँ से. वो चुपचाप बिना आवाज़ किए दीवार पर चढ़ कर अंदर कूद गयी. वो उस कमरे के पीछे पहुँच गयी थी जिसके आगे साइको का घिनोना खेल चल रहा था.
साइको ने चाकू बायें हाथ में लेकर बहुत ज़ोर से राज शर्मा की तरफ फेंका. चाकू सीधा उसके पेट में लगा जाकर. राज शर्मा दर्द से कराह उठा.
“क्यों कैसी रही…मुझे मारने चले थे हा….”
साइको राज शर्मा की तरफ आगे बढ़ा. राज शर्मा ने दर्द की परवाह किए बिना उसके सर को निशाना बना कर बॅट घुमाया पर साइको झुक गया और झुक कर उसने राज शर्मा के पेट में लात से वार किया. वार इतनी ज़ोर का था कि राज शर्मा संभाल नही पाया और वो हाथ में बॅट लिए रोहित और शालिनी के उपर गिर गया पीठ के बल. साइको ने तुरंत आगे बढ़ कर चाकू राज शर्मा के पेट से निकाल कर उसके पेट में दूसरी तरफ गाढ दिया पूरा का पूरा. राज शर्मा की चीन्ख गूँज गयी चारो तरफ.
"रोहित...रोहित...हमें राज की मदद करनी चाहिए." शालिनी ने कहा.
मगर रोहित की कोई आवाज़ नही आई. वो बेहोश हो चुका था. शालिनी भी इस हालत में नही थी कि उठ कर कुछ कर सके. बहुत बेरहमी से पीटा गया था उसे.
पद्मिनी उस वक्त जस्ट पहुँची ही थी वहाँ. उसने पेड़ के पीछे से राज शर्मा को गिरते हुए देखा और फिर साइको को उसे चाकू मारते हुए देखा. ना चाहते हुए भी पद्मिनी की चीन्ख निकल गयी, “नहियीईईईईई.” चीख के साथ ही उसकी आँखे भी बरस पड़ी. उसे लगा की राज शर्मा मर गया है.
पद्मिनी उसी जगह खड़ी थी जहाँ साइको ने पूजा को छुपा रखा था. वही उसने बहुत सारे हथियार भी रख रखे थे. पद्मिनी की नज़र एक तलवार पर पड़ी. उसने अपने आँसू पोंछे और तलवार उठा ली, “नही छोड़ूँगी मैं तुम्हे. तुमने मेरा सब कुछ छीन लिया.”
साइको चीन्ख सुन कर चोंक गया और उसने चारो तरफ नज़र दौड़ाई. मगर उसे कोई नही दीखा.
“अब कों है जो मेरे हाथो मरना चाहता है. आज तो जॅकपॉट लग गया मेरा. आवाज़ तो किसी लड़की की लगती है. अगर ऐसा है तो मज़ा ही आ जाएगा.” साइको ने सोचा. उसने अपनी बंदूक की तलाश शुरू कर दी.
“रोहित…” शालिनी ने रोहित के सर पर हाथ रख कर कहा.
शालिनी के हाथो की चुअन को रोहित ने अपने सर पर महसूस किया तो तुरंत उसकी आँख खुल गयी, “आपने कुछ कहा…मेरे उपर कॉन पड़ा है ये.?”
“राज है. साइको ने उसे चाकू मार दिया.”
“ओह गॉड ये क्या हो रहा है.”
“रोहित हम हार नही सकते…कुछ करना होगा हमें.” शालिनी ने कहा.
“मेरा शरीर साथ नही दे रहा है…नही तो मैं कुछ भी कर जाता.” रोहित ने कहा.
“खाई में गिरे थे हम तब भी कुछ ऐसी ही हालत थी हमारी. तुम मुझे बचाने के लिए उठ गये थे. क्या याद है तुम्हे वो सब?”
“वो कैसे भूल सकता हूँ मैं.”
“हमें उठना होगा रोहित. वो बंदूक ढूंड रहा है. इस से पहले बंदूक उसके हाथ आए हमें उठना होगा.” शालिनी ने कहा.
“राज शर्मा…” रोहित ने राज शर्मा को आवाज़ दी.
“हां सर….आअहह” राज शर्मा ने कहा.
“तुम्हारे पास कोई हथियार है क्या?”
“मेरे हाथ में बेसबॉल बॅट है…”
“गुड…अब मेरे उपर से तोड़ा सा हट जाओ…मैं उठने की कोशिस करता हूँ. ए एस पी साहिबा का ऑर्डर है..उठना तो पड़ेगा ही.” रोहित ने कहा.
राज शर्मा का पेट बुरी तरह से ज़ख्मी था. वो धीरे से रोहित के उपर से सरक गया.
“राज हम अभी हारे नही है. वी विल डू सम्तिंग.” शालिनी ने कहा.
पद्मिनी ने तलवार तो उठा ली थी पर बहुत ज़्यादा सदमें में थी. बार-बार राज शर्मा का चेहरा उसकी आँखो में घूम रहा था. उसने किसी तरह अपने एमोशन्स को काबू में किया और तलवार को दोनो हाथो से मजबूती से थाम कर साइको की तरफ चल पड़ी. तब तक साइको को अपनी बंदूक मिल गयी थी. जब पद्मिनी उसके नज़दीक पहुँची तो उसने उसे पहचान लिया.
“अरे मैं खवाब तो नही देख रहा. ऑम्ग… नही ये तो हक़ीक़त है. आओ पद्मिनी आओ. स्वागत है तुम्हारा यहाँ.
“मैं तुम्हे जींदा नही छोड़ूँगी…तुमने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी.” पद्मिनी चिल्लाई.
“हाहहहाहा….अति सुंदर. एक हसीना के मूह से ये सुन-ना कितना अच्छा लग रहा है. तुमने आज साबित कर दिया कि तुम मेरी बेस्ट आर्ट का हिस्सा बन-ने के लायक हो. ये तलवार किसी काम नही आएगी तुम्हारे क्योंकि मेरे पास बंदूक है. इसलिए ये गिरा कर मेरे पास आ जाओ चुपचाप.”
“पद्मिनी क्यों आई तुम यहाँ…तुम्हे वही रुकने को कहा था ना मैने.” राज शर्मा दर्द भरी आवाज़ में बोला.
राज शर्मा की आवाज़ सुनते ही पद्मिनी की जान में जान आई.
“राज शर्मा तुम ठीक हो ना?” पद्मिनी ने पूछा.
“बस कुछ पल का महमान है बेचारा. वैसे तुम्हे इतनी चिंता क्यों है उसकी. तेरा यार है क्या ये.” साइको ने कहा.
“हां मेरा यार भी है और मेरा प्यार भी है…मेरा सब कुछ है. मेरे प्यार को ज़ख़्मी करने की सज़ा मैं दूँगी तुम्हे.”
“हाहहहाहा…क्या बात है. पद्मिनी मान गये. जब पहली बार मिली थी तो गान्ड फॅट रही थी तुम्हारी. आज बिना ख़ौफ़ के मेरे सामने खड़ी हो. ऐसे मज़ा नही आएगा बात का. कुछ ख़ौफ़ पैदा करो अपने अंदर. रूको एक गोली मारता हूँ तुम्हे…जब तुम्हे दर्द मिलेगा तो खूबसूरत ख़ौफ़ अपने आप पैदा हो जाएगा….हिहिहिहीही.”
अचानक साइको की चीन्ख गूँज उठी और वो लड़खड़ा कर नीचे गिर गया. रोहित ने उसकी टाँगों पर घुटनो के नीचे बेसबॉल बॅट से वार किया था. साइको के गिरते ही रोहित भी गिर गया. बड़ी मुस्किल से उठा था वो और अपनी पूरी ताक़त उसने साइको की टाँग पर बॅट मारने में लगा दी थी.
जैसे ही साइको नीचे गिरा पद्मिनी ने बिना वक्त गवायें उसके दायें हाथ पर तलवार से वार किया. हाथ बंदूक सहित साइको की कलाई से अलग हो गया. साइको की चीन्ख गूँज उठी चारो तरफ.
“साली…कुतिया…रंडी…आआहह… मेरा हाथ….नही छोड़ूँगा तुझे मैं.” साइको दर्द से कराहता हुआ उठ खड़ा हुआ और अपनी जेब से एक और चाकू निकाला उसने बायें हाथ से.
“तेरे आशिक़ की तरह तुझे भी टपका दूँगा मैं.”
तभी साइको फिर से नीचे गिर गया. इस बार शालिनी ने वार किया था बात से साइको के टाँग पर घुटनो के ठीक नीचे.
पद्मिनी ने तुरंत बिना मौका गवायें पहली बार की तरह साइको के बायें हाथ पर वार किया और साइको का बायाँ हाथ चाकू सहित उसकी कलाई से अलग हो गया. फिर से दर्दनाक चीन्ख गूँज उठी वहाँ साइको की.
“जो ख़ौफ़ तुमने लोगो को दिया वही ख़ौफ़ आज तुम्हारी आँखो में दिख रहा है. बहुत सुंदर ख़ौफ़ है ये. मैं तुम्हे एक मिनिट के लिए भी जींदा नही देखना चाहती.” पद्मिनी ने तलवार साइको के पेट में गाढ़ने के लिए उपर उठाई.
“नही पद्मिनी…रुक जाओ. इतनी जल्दी मौत नही देनी है इसे.” रोहित चिल्लाया.
पद्मिनी ने तलवार एक तरफ फेंक दी और दौड़ कर राज शर्मा के पास आ गयी. “राज शर्मा तुम ठीक हो ना.”
“जिसके पास तुम्हारे जैसी प्रेमिका हो उसे क्या हो सकता है.”
“मैने उसके दोनो हाथ काट दिए. उन्ही हाथो से उसने तुम्हे मारा था ना. उन्ही हाथो से मेरे मम्मी-पापा को बेरहमी से मारा था. उन्ही हाथो से सभी को इतना दर्द दिया उसने आज. मैने काट दिए उसके हाथ राज शर्मा… अब वो हमें कोई नुकसान नही पहुँचा सकता.”
“ठीक किया तुमने. मुझे नही पता था कि मेरी पद्मिनी ऐसा भी कर सकती है.”
“सब कुछ तुम्हारे लिए किया. तुम पर वार किया इसने तो बर्दास्त नही कर पाई. प्यार करती हूँ तुमसे कोई मज़ाक नही.”
“जानता हूँ मैं…”
रोहित बड़ी मुस्किल से उठा दुबारा और बोला, “सभी थोड़ी सी हिम्मत करो और यहाँ आ जाओ. हमने बहुत कुछ सहा है आज. पर अब वो वक्त आ गया है जिसके लिए हम सब एक साथ जुड़े थे. मोहित आ जाओ भाई…अब एक गेम हो जाए इस पागल कुत्ते के साथ.”
शालिनी ने तलवार उठा ली और साइको के पास खड़ी हो गयी ताकि वो भागने की कोशिस ना करे. “ज़रा भी हिलने की कोशिस की तो काट डालूंगी तुम्हे मैं.” शालिनी ने कहा.
रोहित पद्मिनी के पास आया और बोला, “पद्मिनी तुमने बहुत बहादुरी से काम लिया आज. ये तलवार कहाँ से मिली तुम्हे.”
“वहाँ उस पेड़ के पीछे पड़ी थी. और हथियार भी पड़े हैं वहाँ.” पद्मिनी ने हाथ के इशारे से बताया.
“क्या वहाँ कुल्हाड़ी भी है.”
“हां शायद है.”
“राज शर्मा बस थोड़ी देर और फिर हम हॉस्पिटल चलेंगे. हॅंग ऑन.” रोहित ने कहा.
“मेरी चिंता मत करो…इसे ऐसी मौत देना की दुबारा किसी जनम में ऐसी हरकत करने की सोचे भी नही.” राज शर्मा ने कहा.
रोहित ने मिनी को भी उठाया. “ठीक हो ना तुम.”
“कम्बख़त ने सर में ऐसी लात मारी कि सर घूम रहा है. पेट में भी बहुत दर्द है.” मिनी ने कहा.
“मेरे शरीर का बुरा हाल है पर किसी तरह से उठ ही गया हूँ. आओ साइको के साथ एक गेम हो जाए.” रोहित ने कहा.
मिनी को उठाने के बाद रोहित, मोहित के पास गया और उसे बोला, “उठो दोस्त. गेम तुम्हारे बिना अधूरी रहेगी.”
मोहित उठा बड़ी मुस्किल से . उसने अपनी शर्ट उतार कर पूजा को दे दी. “ये पहन लो फिलहाल. ये शर्ट तुम्हारे शरीर को घुटने तक ढक लेगी.”
क्रमशः..........................
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