Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:21 PM,
#54
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की-- 49

गतान्क से आगे...........

मोहित अब बिल्कुल ठीक था. लेकिन उसका दिल बीमार हो गया था शायद. बिके लेकर वो पूजा के कॉलेज के सामने खड़ा था. कॉलेज की लड़किया अंदर बाहर जा रही थी लेकिन पूजा उसे कही नज़र नही आ रही थी. उसके चेहरे पर निराशा उभरने लगी थी.

"कहाँ हो पूजा तुम. हर वक्त क्लास में बैठी रहती हो क्या." मोहित ने सोचा.

तभी उसे दो लड़कियों के साथ कॉलेज के गेट से पूजा निकलती हुई दिखाई दी. मोहित का चेहरा खिल उठा. उसने तुरंत बाइक स्टार्ट की और पूजा के आगे रोक दी. अचानक अपने सामने बाइक देख कर लड़किया थीतक गयी. पूजा की आँखो में खून उतर आया.

"तुम! तुम यहाँ क्या कर रहे हो?" पूजा ने पूछा.

"तुम जानती हो इसे." एक लड़की ने पुछस.

"हां हमारे पड़ोस में रहता है."

"दिल में भी तो नही रहता कहीं...हे...हे...हे." दूसरी लड़की ने चुस्की ली.

"ऐसा कुछ नही है. आइ हटे हिं."

मोहित सब सुन रहा था. "नफ़रत में भी उनकी प्यार नज़र आता है, मैं लाख संभालू दिल को ये उनकी ओर खींचा जाता है."

"ये तो कोई शायर लगता है हे..हे..हे." दोनो लड़किया हँसने लगी.

"चलो यहाँ से ये पागल है." पूजा दोनो को लेकर आगे बढ़ गयी. लेकिन दोनो लड़किया पीछे मूड के मोहित को देखती रही.

"हमें छोड़ के जा रही हो, हम तड़प कर रह जाएँगे

तुम्हारे साथ तो दो कलियाँ हैं हम अकेले रह जाएँगे."

"वाउ सो रोमॅंटिक. देखा वो हमें कलियाँ कह रहा है. रूको ना यार अच्छा बंदा लगता है." एक लड़की ने कहा.

"बहुत बड़ा फ्लर्ट है वो. चलो हमें मूवी के लिए देर हो जाएगी." पूजा ने कहा.

ये बात मोहित ने भी सुन ली. उन तीनो ने एक ऑटो पकड़ा और थियेटर के लिए निकल पड़ी. पीछे पीछे मोहित ने भी अपनी बाइक लगा दी.

"अगर तुम्हे पटा नही पाया तो जिंदगी बेकार है मेरी." मोहित ने सोचा.

थियेटर पहुँच कर तीनो लड़किया अंदर घुस्स गयी. उन्होने मोहित को नही देखा. मोहित भी टिकेट ले करूके पीछे पीछे आ गया.

"हाई...ये तो दीवाना लगता है. तुम्हारे पीछे यहाँ तक आ गया."

"मज़ाक कर रही हो ना कविता?" पूजा ने पूछा.

"मूड के तो देख वो बिल्कुल तेरे पीछे बैठा है." कविता ने कहा.

अभी पिक्चर शुरू नही हुई थी. इसलिए लाइट जली हुई थी.

पूजा ने तुरंत पीछे मूड कर देखा, "तुम यहाँ भी आ गये. क्या चाहते हो तुम."

मोहित पूजा की ओर झुका और बोला, "मुझे जो चाहिए वो तुम्हे पता है. इनके सामने कैसे कहु समझा करो."

"शट उप." पूजा ने डाँट दिया.

"क्या कह रहा था वो चुपके से तुझे?" कविता ने पूछा.

"कुछ नही...तू उस पर ज़्यादा ध्यान मत दे...पागल है वो." पूजा ने कहा.

लाइट बंद हो गयी और पिक्चर शुरू हो गयी. मोहित पूजा की तरफ झुका और बोला, "हम दोनो साथ में देखे ये रोमॅंटिक पिक्चर तो ज़्यादा अच्छा लगेगा. पीछे आ जाओ ना मेरे साथ. मेरे साथ की सीट खाली पड़ी है."

"क्या समझते हो खुद को तुम. तुम बुलाओगे और मैं आ जाउन्गि हा. तुम्हारे पास आएगी मेरी जुत्ति. चुपचाप बैठे रहो वरना चप्पल मारूँगी निकाल के."

"नही नही ऐसा काम मत करना. आज तक मैने चप्पल नही खाई." मोहित ने कहा.

"नही खाई तो अब खाओगे. मुझे गुस्सा मत दिलाओ चुपचाप बैठे रहो"

मोहित वापिस चुपचाप सीट पर बैठ गया.

"क्या करू ये तो आग उगल रही है?" मोहित बड़बड़ाया.

कुछ देर बाद कविता को पता नही क्या सूझी, वो अपनी सीट से उठ कर मोहित के पास आ कर बैठ गयी. पूजा भी ये देख कर हैरान रह गयी. लेकिन वो कुछ नही बोली. मोहित तो हैरान था ही.

"तुम्हारा शायराना अंदाज मुझे बहुत अच्छा लगा. मेरा नाम कविता है. क्या मुझपे कविता लिखोगे." कविता मोहित के घुटने पर हाथ रख कर बोली.

"मैं कोई शायर नही हूँ देवी जी. वो तो मैं यू ही कुछ जोड़-तोड़ कर बोल रहा था आपकी सहेली के लिए. पूजा से मेरा टांका भिड़वा दो ना." मोहित ने कहा.

"मुझे लगता है उसका तुम्हारे में कोई इंटेरेस्ट नही है. तुम किसी और पर ट्राइ क्यों नही करते."

"किस पर ट्राइ करू आप ही बता दो."

"मैं हूँ ना. तुम शायर हो. मैं तुम्हारी कविता बन जाउन्गि." कविता का हाथ धीरे धीरे मोहित की जाँघ की तरफ बढ़ रहा था.

"ये आप क्या कह रही है." मोहित तो भोंचक्का रह गया. लेकिन उसने कविता का हाथ नही हटाया. हटाता भी क्यों. ऐसा रोज रोज थोडा होता है किसी के साथ.

"आपका हाथ ग़लत जगह पर पहुँच रहा है. आपकी सहेली ने देख लिया तो मुसीबत हो जाएगी."

"छोड़िए ना उसे अपनी बात कीजिए." कविता का हाथ मोहित के लंड पर पहुँच गया. लंड पर कविता का हाथ पड़ते ही वो तुरंत हार्ड हो गया.

"आअहह आप तो शीतम ढा रही हैं मुझ पर." मोहित ने कहा.

कविता ने मोहित की पॅंट की ज़िप खोल दी और उसके तने हुए मोटे लंड को बाहर खींच लिया.

"ओह माइ गॉड इट्स आ वंडरफुल कॉक. इट्स ह्यूज. मैने इतना बड़ा नही देखा आज तक."

"देवी जी कितने देखे हैं आप ने ये भी बता दीजिए."

"मेरे अब तक तीन बाय्फ्रेंड रहे हैं और मैने तीनो के देखे हैं."

"बहुत खूब. देखे ही हैं या लिए भी हैं आपने." मोहित ने चुस्की ली.

"तुम्हे क्या लगता है?"

"नही लिए होंगे. आप सिर्फ़ देखती होंगी उन्हे हैं ना." मोहित ने मज़ाक में कहा.

"नही जनाब तीनो पूरे के पूरे लिए हैं. तुम्हारा क्या विचार है. मुझसे दोस्ती करोगे?"

"मैं पूजा को चाहता हूँ." मोहित ने कहा.

कविता ने मोहित के लंड को ज़ोर से दबाया और बोली, "पूजा को मारिए गोली. वहाँ तुम्हे कुछ नही मिलेगा. देखा नही वो तुमसे बात भी नही कर रही. वो तुम्हे पागल कह रही थी. खुद पागल है वो."

पूजा और दूसरी लड़की रीमा पिक्चर देखने में मगन थे. उन्हे इस बात का अंदाज़ा भी नही था की उनके पीछे कविता मोहित का लंड हाथ में लिए बैठी है.

"मैं तुम्हे वो ख़ुसी दूँगी कि भूल जाओगे सब कुछ." कविता ने कहा और आगे झुक कर मोहित के लंड को अपने होंठो में दबा लिया.

"आअहह पहली बार ये किसी के मूह में गया है."

कविता ने मोहित के लंड से मूह हटाया और बोली, "क्या? इतने सेक्सी डिक को अभी तक ब्लो जॉब नही मिली. आइ कॅंट बिलीव इट."

"नही मिली तो नही मिली अब क्या कर सकते हैं. हर लड़की मूह में नही लेती है."

"मुझसे दोस्ती करोगे तो मज़े में रहोगे. आइ लव टू सक. कोई शायरी कहो ना."

"मेरे लंड को लिया आपने मूह में तो मच्छल उठा हूँ मैं

मगर अगर पूजा ने देख लिया तो बर्बाद हो जाउन्गा."

"ये कैसी शायरी है. पूजा को बीच में क्यों लाते हो." कविता ने कहा और फिर से मोहित के लोंड को मूह में घुसा लिया.

वो दोनो धीरे धीरे बोल रहे थे लेकिन फिर भी डिस्टर्बेन्स हो रही थी पूजा को. उसे समझ तो कुछ नही आ रहा था लेकिन ख़ुसर फुसर से परेशान हो रही थी.

"क्यों बाते कर......" पूजा पीछे मूड कर बोली लेकिन बोलते बोलते रुक गयी क्योंकि वो भोंचक्की रह गयी थी.

मोहित का लंड तो पूजा को नही दिखा. वो तो कविता के मूह में छिपा था. वैसे भी अंधेरा था. पूजा को समझने में देर नही लगी कि उसके बिल्कुल पीछे ब्लो जॉब दी जा रही है. मोहित की आँखे बंद थी. वो तो पहली ब्लो जॉब के सरूर में खोया था. लेकिन कोयिन्सिडेन्स था कि जब पूजा पीछे मूडी उसकी आँखे खुल गयी.

"अरे हटो क्या कर रही हो. मेरी तो आँख ही लग गयी थी. ये सब क्या हो रहा है यहाँ." मोहित ने कविता के सर को धक्का दिया.

कविता ने लंड को मूह से निकाल दिया और बोली, "ये क्या बोल रहे हो?"

तभी उसकी नज़र पूजा पर गयी, "अच्छा पूजा ने देख लिया ह्म्म. हे..हे...हे...पूजा तुम्हे तो कोई दिक्कत नही है ना."

"तुम दोनो भाड़ में जाओ मुझे कुछ नही लेना देना." पूजा वापिस मूड गयी.

"करवा दिया मेरा काम खराब तुमने. अब दुबारा ऐसा मत करना लीव मी अलोन."

"मैं बाहर टाय्लेट में जा रही हूँ. आ जाओ पूरा अंदर ले लूँगी." कविता ने कहा.

"तू तो मुझे भी अंदर ले लेगी पूरा. मुझे माफ़ करो मेरा कोई इंटेरेस्ट नही है. आपने बहुत मनोरंजन कर दिया मेरा अब प्लीज़ मुझे अकेला छोड़ दो. मुझे मूवी देखनी है."

"मूवी देखने तो नही आए थे तुम. झूठ बोल रहे हो."

मोहित ने अपने लंड को वापिस पॅंट में डाल लिया और चुपचाप बैठ गया. कविता भी चुपचाप वही बैठी रही.

"पूजा सॉरी, ये सब कविता ने किया. सच में मेरी कोई मर्ज़ी नही थी." मोहित ने पूजा की तरफ झुक कर कहा.

"आइ डोंट गिव ए डॅम अबौट इट. लीव मी अलोन." पूजा ने गुस्से में कहा.

कविता ये देखते हुए भी की मोहित उसमे कोई इंटेरेस्ट नही ले रहा है फिर भी उसके पास से नही उठी. मोहित तो हैरान और परेशान बैठा था. पूजा के सामने उसकी छवि और खराब हो गयी थी.

"लगता है कोई चान्स नही है मेरा अब. अब तो और भी मुस्किल हो गयी है. क्या करू अब?" मोहित सोच में डूबा था.

"तुम कहा खो गये? इस पूजा की चिंता आप मत कीजिए, ये ऐसी ही है तुनक मिज़ाज़."

"फिर किसकी चिंता करू अगर उसकी नही करू तो" मोहित इरिटेटेड टोन में बोला.

"मुझमे क्या कमी है. मुझे तुम्हारा शायराना अंदाज़ पसंद आया. मुझे लगा कि हम अच्छे दोस्त बन सकते हैं. लेकिन तुम तो खफा ही हो गये."

"देखो मैं सिर्फ़ पूजा के लिए यहाँ बैठा हूँ वरना कब का चला जाता. मुझे अकेला छोड़ दो प्लीज़."

"मज़ा तो तुम्हे खूब आ रहा था जब मैं सक कर रही थी. पूजा ने देख लिया तो तुम अपना मज़ा भूल गये. मैं हर किसी को ब्लो जॉब नही देती हूँ. रही बात पूजा की तो सुनो उसका अफेर है एक लड़के से. खूब अच्छे से देती है ये उसे. तुम उस पर वक्त बर्बाद मत करो. मेरा ब्रेकप हो चुका है और मैं अभी फ्री हूँ. मुझे यकीन है कि हमारी खूब जमेगी."

"किसके साथ अफेर है पूजा...विक्की के साथ?" मोहित ने पूछा.

"हां हां, तुम्हे कैसे पता?"

"तुम्हे उस से कोई लेना देना नही है."

"उफ्फ यही अदा तुम्हारी जान ले रही है. जालिम हो एक नंबर के तुम तो."

"मेरी मा छोड़ दे अकेला मुझे तू अब. मुझे पूजा के साथ सेट्टिंग करनी है जो कि तुम्हारे होते नही हो पाएगी."

"पूजा के चक्कर में तुम वेट आंड हॉट पुश्सी से हाथ धो बैठोगे. आइ आम रेडी फॉर यू. टेक मी."

"माइ गॉड...तुम्हारे जैसी लड़की नही देखी मैने आज तक जो खुद अपनी चूत पारोष दे बिना माँगे."

"अब पारोष दी है तो ये बताओ कि खाओगे की नही."

ना चाहते हुए भी इन बातो से मोहित के अंदर बेचैनी होने लगी थी. उसका लंड हरकत करने लगा था. कविता शायद ये समझ रही थी. उसने मोहित के घुटने पर हाथ रख कर धीरे धीरे हाथ को मोहित के लंड तक सरका लिया था. उसके उत्तेजित लंड को वो महसूस कर रही थी.

क्रमशः.........................
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