Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:23 PM,
#62
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की-- 57

गतान्क से आगे...........

"मैने पढ़ी है ये स्टोरी."

"क्या फिर तो आप सब जानती हैं."

"जी बिल्कुल आपको झीजकने की ज़रूरत नही है. एक खुब्शुरत कहानी पढ़ रहें हैं आप."

"लो जी एक और रेकमेंडेशन मिल गयी. एफ.जे. बडी, जावेद भाई, और मनीस भाई के साथ आपका नाम भी जुड़ गया."

"मैं कुछ समझी नही."

"इन लोगो ने जतिन भाई की ये स्टोरी मुझे रेकमेंड की थी और मैं बस इसी में उलझा हुआ हूँ."

"फिर तो वो इंट्रेस्टिंग लोग हैं."

"कोई इंट्रेस्टिंग नही हैं. दूर रहना आप इन लोगो से. इनका कोई भरोसा नही."

"चलिए आप पढ़िए. मुझे भी पढ़ने दीजिए."

"आपका नाम जान सकता हूँ?"

"रीमा." लड़की ने जवाब दिया.

"ऑम्ग कही आप रीमा थे गोल्डन गर्ल तो नही... " रोहित ने कहा.

"जी नही... वैसे कौन है ये?"

"आपने ये स्टोरी राज शर्मा के ब्लॉग पर नही पढ़ी."

"नही मेरी एक सहेली ने ये मुझे मैल की थी."

"तभी...पढ़ती तो पहले ही चॅप्टर में जान जाती उस रीमा को."

"आप पढ़िए. मैं अपना नॉवेल पढ़ना चाहती हूँ." रीमा ने कहा.

"मैने अभी पहला चॅप्टर फीनिस किया है. कुछ डिसकस करें इस बारे में. आपको क्या लगता है क्या ऋतु ग़लत है. और बिल्लू के बारे में क्या कहना है आपका."

"आप पढ़ लीजिए आराम से. मैं अपना नॉवेल पढ़ना चाहती हूँ."

"वैसे उस दोपहर क्या सीन बना था. बिल्लू ने बड़ी चालाकी से ऋतु को एमोशनल करके उसकी ले ली"

रीमा की तो साँसे अटक गयी ये सुन के, "एक्सक्यूस मी मैं सब पढ़ चुकी हूँ. आप आगे पढ़िए ना. पहले ही चॅप्टर पे अटके रहोगे क्या."

"ओह हां अब आगे ही बढ़ना है. क्या कभी आपके सामने ऐसी स्तिथि आई जैसी की ऋतु के सामने आई थी."

"क्या करेंगे जान कर. मैं अपनी पर्सनल लाइफ डिसकस नही करना चाहती. प्लीज़ अपनी कहानी पढ़िए और मुझे मेरी पढ़ने डीजजिए."

"ओके...ओके फाइन वित मी."

रोहित पढ़ने में खो गया. अब इतनी जबरदस्त एरॉटिका पढ़ेगा तो भड़केगा तो है ही. पढ़ते पढ़ते उसका हाथ अपने लिंग पर पहुँच गया और उसे सहलाने लगा.

रीमा की नज़र भी चली गयी रोहित पर और उसकी पॅंट में बने तंबू पर. वो देख कर हल्का सा मुस्कुरा दी.

रोहित ने देख लिया उसे हंसते हुए और तुरंत अपना हाथ हटा लिया अपने लिंग से.

"ओह सॉरी...ध्यान ही नही रहा की आप बैठी हैं सामने."

"कोई बात नही होता है ऐसा."

"तो क्या बाहर निकाल कर आराम से पढ़ लू"

"क्या मतलब?"

"कुछ नही मैं ये कह रहा था कि मुझे विस्वास नही हुआ कि आपने ये कहानी पढ़ी."

"पूरी पढ़ लेंगे तो विस्वास हो जाएगा. ये मेरी फेवोवरिट स्टोरी है."

"फिर कुछ डिसकस क्यों नही करती आप. क्या पता ऋतु और बिल्लू की तरह हम भी....."

"सोचिए भी मत ऐसा तो. मेरे भैया पोलीस में हैं. अंदर करवा दूँगी."

"सॉरी सॉरी मैं तो मज़ाक कर रहा था. पर आप मेरी हालत देख कर मुस्कुरा क्यों रही थी. अब ऐसी स्टोरी पढ़ुंगा तो लंड तो खड़ा होगा ही."

"व्हाट ऐसी बाते कैसे कर सकते हो तुम."

"छोड़िए भी ये तमासा आपने क्या इस स्टोरी में लंड शब्द को नही पढ़ा."

"पढ़ा है पर मैं आपसे क्यों सुनू ये सब."

"पढ़ लीजिए आप अपनी कहानी. मेरी हालत पर हँसना मत दुबारा. वरना आपके हाथ में पकड़ा दूँगा निकाल कर."

"अच्छा ऐसे मसलूंगी कि दुबारा नही पकड़ाओगे किसी को."

"ये चॅलेंज है क्या? मुझे चॅलेंज बहुत अच्छा लगता है."

"कुछ भी समझ लो." रीमा मुस्कुरा कर बोली.

"पता नही क्या मतलब है इसकी बात का. कही सच में ना कीमा निकाल दे मेरे बेचारे लंड का." रोहित सोच में पड़ गया.

रीमा अपने नॉवेल में खो गयी. रोहित भी वापिस अपनी कहानी पढ़ने में व्यस्त हो गया.

पर रीमा बार बार रोहित की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.

"क्या करू यार ये तो हंस रही है देख कर. पकड़ा दू क्या इसके हाथ में. क्या करू." रोहित सोच रहा था.

"कौन सा सीन चल रहा है." रीमा ने पूछा.

"क्या करेंगी जान कर. कुछ डिसकस करना है नही आपको. रहने दीजिए."

"वैसे ही पूछ रही थी. कीप रीडिंग."

"लगता है ये लड़की दिखावा कर रही है. मरी जा रही है डिसकस करने के लिए पर करना नही चाहती. कुछ करना पड़ेगा इसका."

रोहित उठा और बेट से बाहर जाने लगा.

"क्या हुआ..." रीमा ने पूछा.

"कुछ नही...मुझे आपके सामने नही बैठा. कही और जा कर पढ़ता हूँ कहानी. आप तो हँसे जा रही हैं. क्या लंड खड़ा नही होगा ऐसी कहानी पढ़ कर. क्या आपकी गीली नही हुई थी पढ़ते वक्त."

"जैसी आपकी मर्ज़ी...सॉरी अगर मैने आपको डिस्टर्ब किया तो."

रोहित, रीमा के पास बैठ गया और बोला, "सॉरी की बात नही है. आप हमें यू देख कर तडपा रही हैं. हम बहक गये तो संभाल नही पाएँगे खुद को."

"अब नही देखूँगी. पढ़ लीजिए आप बैठ कर."

"क्या हम दोनो साथ में पढ़े"

रीमा मुस्कुराइ और बोली, "मुझे क्या पागल समझ रखा है. मैं छोटी सी भूल नही करूगी."

रोहित ने रीमा का हाथ पकड़ लिया और बोला, भूल तो हो चुकी है आपसे मेरी तरफ हंस कर. अब ऋतु की तरह आपको भी भुगतना पड़ेगा."

"यहाँ झाड़िया नही हैं."

"सादे 11 बज रहे हैं. बर्त में हम अकेले हैं. परदा लगा लेते हैं. वही माहॉल बन जाएगा."

"उफ्फ आप तो बहुत बड़े फ्लर्ट निकले."

"ईमानदारी रखता हूँ. जिंदगी में. लड़की की मर्ज़ी के बिना कुछ नही करता. इज़ात करता हूँ पूरी वोमेन की."

"कोई आ गया तो. यहाँ 2 सीट्स खाली हैं. कोई तो आएगा इस बर्त में."

"जब आएगा तब धखेंगे अभी तो हम एक दूसरे में खो सकते हैं."

"क्या आप मॅरीड हैं."

"बस 26 का हूँ अभी. अभी मेरे हँसने खेलने के दिन है. शादी नही करना चाहता अभी. क्या आप मॅरीड हैं."

" मैं 20 की हूँ. क्या शादी शुदा लगती हूँ तुम्हे.?"

"नही नही वैसे ही पूछ रहा था. क्या आप कुँवारी हैं."

"उस से कुछ फरक पड़ेगा क्या."

"कुछ फरक नही पड़ेगा लेकिन किसी कुँवारी कन्या को मैं हवस के जंजाल में नही फँसा सकता. एक बार लंड ले लिया तो आदत पड़ जाती है. बिगड़ जाते हैं लोग."

"जैसे आप बिगड़े हुए हैं."

"हाँ बिल्कुल. हम तो बिगड़ ही चुके हैं. किसी और को क्यों बिगाड़े. वैसे आप कुँवारी भी होंगी तो भी चोदने वाला नही आपको. भड़का दिया है आपके हुसन ने मुझे."

"मेरा बॉय फ्रेंड है"

"ओके थ्ट्स मीन आप पहले ले चुकी हैं...गुड. नाउ इट्स माइ टर्न "

"पर यहाँ ख़तरा है."

"ख़तरे को मारिए गोली वो मैं संभाल लूँगा. आप ये लंड पकडीए बस." रोहित ने रीमा का हाथ अपने तंबू पर टिका दिया.

"उफ्फ ये तो भारी भरकम लग रहा है."

"ऐसा कुछ नही है दारिये मत ... निकाल देता हूँ आपके लिए. ये नॉवेल एक तरफ रख दीजिए अब. कुछ बहुत इंपॉर्टेंट करने जा रहे हैं हम."

रीमा ने नॉवेल एक तरफ रख दिया. रोहित ने अपनी पॅंट की ज़िप खोली और लंड को बाहर निकाल लिया और उसे रीमा के हाथ में थमा दिया.

"ऑम्ग ये तो सच में बहुत बड़ा है."

"मज़ाक मत कीजिए आप. ऐसा कुछ नही है. प्यार कीजिए इसे दरिये मत. मूह में लेती हैं तो थोड़ा चूस भी सकती हैं."

"आप ध्यान रखो चारो तरफ. आइ डोंट सक. बट दिस मॅग्निफिसेंट डिक डिज़र्व्स आ ब्लो जॉब."

"धन्य हो गया मैं तो ये सुन कर. प्लीज़ फील फ्री टू सक इट दा वे यू लाइक."

रीमा बैठे बैठे ही रोहित के लंड पर झुक गयी और उसे मूह में ले लिया.

"वाउ...सिंप्ली ग्रेट. अच्छी एंट्री दी है मूह में मेरे लंड को...आहह" रोहित कराह उठा.

बर्थ का परदा लगा हुआ था और रीमा रोहित का लंड इतमीनान से चूस रही थी.

"अच्छा चूस लेती हैं आप. अब ज़रा ओरिजिनल गेम हो जाए. उतार दीजिए ये जीन्स."

"जीन्स नही उतारुँगी मैं. कोई अचानक आ गया तो. "

"थोड़ा सरकाना तो पड़ेगा ही. या वो भी नही करेंगी..."

रीमा मुस्कुराइ और अपनी जीन्स के बटन खोलने लगी. वो जीन्स सरका कर लेट गयी और रोहित उसके उपर आ गया.

"उफ्फ ट्रेन में सेक्स करना बहुत मुस्किल काम है." रोहित ने किसी तरह रीमा की टांगे उपर करके उसकी चूत पर लंड रख दिया. उसे रीमा की जीन्स परेशान कर रही थी.

"आआआअहह लगता है ये नही जाएगा."

"जाएगा तो ये ज़रूर ये जीन्स परेशान कर रही है. आप ऐसा कीजिए घूम कर डॉगी स्टाइल में आ जाओ. जीन्स के साथ वही पोज़िशन ठीक रहेगी."

"ठीक है..." रीमा घूम गयी सीट पर रोहित के आयेज और झुक कर डॉगी स्टाइल में आ गयी.

रोहित के सामने अब रीमा की सुंदर गान्ड और चूत थी. उसने गान्ड को पकड़ा और रीमा की चूत में आधा लंड घुसा दिया.

"म्‍म्म्ममममम न्‍न्‍ननणणन् इट्स पेनिंग."

"आवाज़ धीरे रखिए कोई सुन लेगा." रोहित ने कहा और एक झटके में पूरा लंड रीमा की चूत में उतार दिया.

"आआहह... मैं चिल्ला भी नही सकती..जान निकाल दी आपने मेरी."

"थोड़ा धैर्य रखें रीमा जी अभी आपको अद्वित्य आनंद भी देंगे" रोहित ने चूत में लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

"ऊओह....एस आअहह."

"कृपया करके ऊओह आअहह कम करें हम ट्रेन में हैं. आस पास लोग सो रहे हैं."

"क्या करू आपने हालत ही ऐसी कर दी है आअहह."

एक ट्रेन की हलचल उपर से रोहित के झटके लंड चूत में बहुत अच्छे तरीके से घूम रहा था.

रीमा तो कयि बार झाड़ चुकी थी.

"अब रुक भी जाइए. या फिर देहरादून जा कर ही रुकेंगे. आपने तो रेल बना दी मेरी आअहह."

"चलिए आपने कहा हम रुक गये.....आआआहह ऊओ" और रोहित ने अपने वीर्य से रीमा की चूत को भर दिया.

"दिस वाज़ फर्स्ट फक ऑफ माइ लाइफ इन ट्रेन." रोहित ने कहा.

"मेरी पहली और आखरी अब ऐसी भूल नही करूगी. छोटी सी भूल ने मुझे ही फँसा दिया."

रोहित ने लंड बाहर निकाला और रीमा फ़ौरन जीन्स उपर चढ़ा कर सीट पर लेट गयी.

रोहित भी उसके उपर चढ़ गया और उसके होंठो को चूम कर बोला, "आइ विल ऑल्वेज़ रिमेंबर यू. अच्छा तुम्हारे भैया का क्या नाम है."

"रंजीत चौहान....क्यों? " रीमा ने जवाब दिया.

"कुछ नही वैसे ही पूछ रहा था...एक बार और खेल सकते हैं हम ये गेम आप चाहें तो."

"एक बार में ही जान निकाल दी मेरी. दुबारा की गुंजायस नही है अब."

"ओके नो प्राब्लम....कूल"

क्रमशः........................

.
Reply


Messages In This Thread
RE: Raj sharma stories बात एक रात की - by sexstories - 01-01-2019, 12:23 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 11,066 06-26-2024, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 7,986 06-26-2024, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 18,769 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 8,965 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 6,196 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,765,106 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 578,521 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,347,611 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,031,846 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,811,153 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 26 Guest(s)