RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--88
गतान्क से आगे.................
“हां रोहित मुझे सच में अब कुछ याद नही है. धीरे धीरे उसके चेहरे की छवि गायब हो गयी ज़हन से.”
“कोई बात नही ऐसा ही होता है हमारी मेमोरी के साथ. एक ही बार तो देखा था तुमने उसे.”
“ठीक है रोहित मैं चलती हूँ…अपना ख्याल रखना.”
“बहुत अच्छा लगा पद्मिनी जो कि तुम आई. अब सारे घाव भर जाएँगे.”
“टेक केर, बाइ.” पद्मिनी मुस्कुरा कर बोली और कमरे से बाहर आ गयी.
पद्मिनी के जाने के बाद राज शर्मा अंदर आया. “राज शर्मा अगर तुम्हे पद्मिनी के घर से हटा कर दूसरा काम दूं तो क्या कर पाओगे.”
“आप हुकुम कीजिए सर.”
“मेरे तकिये के पास से मेरा पर्स उठाओ. उसमे एक काग़ज़ का टुकड़ा है. उस पर किसी संजय नाम के व्यक्ति का अड्रेस है. संजय के सिमरन के साथ संबंध हैं जो की इसीसी बॅंक में काम करती है. सिमरन के पास ब्लॅक स्कॉर्पियो है. साइको भी ब्लॅक स्कॉर्पियो में घूमता है. सिमरन की ब्लॅक स्कॉर्पियो संजय के पास थी कल. तुम उसके घर जा कर उसकी इंक्वाइरी करो. कल रात वो कहाँ था ज़रूर पूछना उस से. पद्मिनी के घर मैं किसी और की ड्यूटी लगा देता हूँ. तुम अपना ये काम करके मुझे रिपोर्ट दे कर वापिस पद्मिनी के घर चले जाना.”
“राइट सर एइज यू विस. पर सर क्या मैं पहले पद्मिनी जी को घर छोड़ आउ सुरक्षित.”
“हां ऐसा कर्लो. मैं दूसरे को घर ही भेज दूँगा.” रोहित ने कहा.
“ओह ,मैं भूल गया, सर ये लीजिए आपका फोन. एक आदमी पद्मिनी जी के घर पकड़ा गया था मुझे.”
“अच्छा हुआ जो कि फोन ले आए. कोई भी बात हो तो तुरंत मुझे फोन करना. साथ में 4-5 कॉन्स्टेबल्स ले जाओ. अच्छे से पूछ ताछ करना.”
“ओके सर.” राज शर्मा ने पर्स से वो काग़ज़ निकाला और अड्रेस देख कर बोला, “अरे ये तो मोनिका जी का घर है. इसका मतलब मोनिका संजय की बीवी है.”
“कौन मोनिका?” रोहित ने पूछा.
“मोनिका का सुरिंदर के साथ संबंध था सर. वो उस रात सुरिंदर के ही साथ थी जिस रात उसने पोलीस स्टेशन आकर झूठी गवाही दी थी पद्मिनी जी को फसाने के लिए.”
“ह्म्म…मोनिका सुरिंदर को जानती थी. संजय मोनिका का पति है. संजय ब्लॅक स्कॉर्पियो लेकर घूम रहा है. क्या सुरिंदर ने झुटि गवाही मोनिका के कहने पे दी थी?. ये सब इत्तेफ़ाक है या फिर बेवजह की हमारा टाइम कराब करने की साजिश.” रोहित ने कहा.
“सर मोनिका से मिला हूँ मैं. वो कोई साजिस करने वाली वुमन नही है. शी ईज़ नाइस वुमन. फिर भी एक बार ओपन माइंड से फिर से एक बार फिर से उनसे भी पूछ ताछ कर लूँगा.”
“हां ज़रूर करो. किसी के बारे में अपनी जग्डमेंट मत बनाओ. लोग यहा पल पल में रंग बदलते हैं. वैसे तो मुझे इस वक्त सबसे ज़्यादा कर्नल देवेंदर सिंग पर शक है, मगर संजय की इंक्वाइरी ज़रूरी है. अभी कुछ भी क्लियर नही है हमें. फूँक-फूँक कर कदम रखने होंगे हमें.”
“बिल्कुल सर, अगर संजय ब्लॅक स्कॉर्पियो लेकर घूम रहा है शहर में तो उसकी इंक्वाइरी बहुत ज़रूरी है.”
“मुझे यकीन था तुम इंटेरेस्ट लोगे इस इंक्वाइरी में. इसलिए तुम्हे भेज रहा हूँ. ऑल दा बेस्ट.”
“ओके सर मैं चलता हूँ. पद्मिनी जी को घर छोड़ कर. मैं इस काम के लिए निकल जाउन्गा.”
बाहर आकर राज शर्मा ने पद्मिनी से कहा, “मेरी ड्यूटी चेंज हो गयी है. मुझे दूसरे काम पर लगा दिया है रोहित सर ने. आपको घर छोड़ कर मैं चला जाउन्गा.”
“दूसरा काम, कौन सा दूसरा काम?” पद्मिनी ने हैरानी में पूछा.
“एक ज़रूरी इंक्वाइरी है. मुझे ही करनी होगी.”
“क्या कोई और नही कर सकता ये…मैं रोहित को बोल देती हूँ.”
“रहने दीजिए….मुझे ही करनी होगी ये इंक्वाइरी. मैं खुद करना चाहता हूँ.”
“तो ये कहो ना तुम थक गये हो मेरे घर के बाहर खड़े रहकर. तुम्हारे 10-10 लड़कियों से संबंध भी तो सफ़र हो रहे हैं. जाओ जहा मर्ज़ी मुझे क्या लेना देना.”
“प्यार करते हैं आपसे कोई मज़ाक नही. और आज लग रहा है कि आप भी प्यार करती है मुझे. शाम तक लौट आउन्गा मैं वापिस. तब तक कोई और ड्यूटी करेगा मेरी जगह.”
“मुझे तुमसे कोई प्यार नही है. बस चिंता कर रही थी कि कहाँ भटकोगे बेवजह.”
“ठीक है फिर मैं शाम को भी नही आउन्गा. रोहित सर से बोल कर ड्यूटी पर्मनेंट्ली चेंज करवा लेता हूँ.”
“तो करवा लो चेंज…मेरे उपर क्या अहसान करोगे मेरे घर रह कर. तुम चाहते हो मुझे मैं नही.”
पद्मिनी गुस्से में जीप में चल दी जीप की तरफ. राज शर्मा ने तुरंत हाथ पकड़ लिया.
“हाथ छोड़ो लोग देख रहे हैं.”
“पहले आप ये बतायें कि आपको मुझसे प्यार है कि नही. अब मैं चुप नही बैठूँगा. बहुत हो लिया आपका नाटक.”
“छोड़ो पागल हो क्या. लोग देख रहे हैं. घर चल कर बात करेंगे.”
“मैं जा रहा हूँ काम से बताया ना. अभी बताना होगा आपको कि क्या है आपके दिल में मेरे लिए.”
“तुम शाम को तो आओगे ना. फिर बात करेंगे, मेरा हाथ छोड़ो प्लीज़.” पद्मिनी गिड़गिडाई.
“शायद शाम तक जिंदा ना रहू मैं, जींदगी का क्या भरोसा है. चलिए छोड़ रहा हूँ हाथ आपका. शाम को भी नही आउन्गा मैं. अपनी ड्यूटी अभी हटवा लूँगा मैं.”
पद्मिनी ने कुछ नही कहा और जीप में आकर बैठ गयी. वापसीं का सफ़र बिल्कुल शांत रहा. पद्मिनी ने तीर्चि नज़रो से कयि बार राज शर्मा की तरफ देखा. पर वो कुछ बोल नही पाई क्योंकि बहुत गुस्सा था राज शर्मा के चेहरे पर.
पद्मिनी को घर छोड़ कर जीप से उतरे बिना राज शर्मा जीप घुमा कर वापिस चला गया. पद्मिनी बस उसे देखती रह गयी.
“क्या मैं ये प्यार भी खो दूँगी…राज शर्मा प्लीज़ शाम को आ जाना वापिस.” पद्मिनी ने मन ही मन कहा और अपने घर में घुस गयी. उसकी आँखे नम थी.
पद्मिनी ने घर में घुस कर राज शर्मा का फोन मिलाया मगर रिंग जाने से पहले ही काट दिया, “उसने जाते वक्त मूड कर भी नही देखा मुझे. समझता क्या है वो खुद को.जीप घुमा कर निकल गया चुपचाप. अगर शाम को नही आया वो तो कभी बात नही करूँगी उस से.”
राज शर्मा को कयि दिनो बाद गुस्सा आया था ऐसा. बहुत तेज चला रहा था जीप. पहले वो थाने गया और रोहित के कहे अनुसार 4 कॉन्स्टेबल्स लिए साथ में और चल दिया मोनिका के घर की तरफ. 20 मिनिट में ही उसके घर पहुँच गया वो.
राज शर्मा ने दरवाजा खड़काया. दरवाजा मोनिका ने खोला, “आप…आज मैं आपको ही याद कर रही थी.”
“मुझे याद कर रही थी…क्यों भला.” राज शर्मा ने कहा. उसका मूड अभी भी ऑफ था.
“वैसे ही…अच्छे लोगो को अक्सर याद करके दिल खुश हो जाता है.”
“आपके पति का नाम संजय है?” राज शर्मा ने मोनिका की बात इग्नोर करके पूछा.
“जी हां, शायद आपको बताया था मैने पहले.”
“बताया होगा, मुझे याद नही है अभी. कहाँ हैं आपके पति” राज शर्मा ने कहा.
“बात क्या है, आप तो पूरी पोलीस फोर्स ले आए हैं घर पर मेरे. क्या जान सकती हूँ कि बात क्या है.”
“मोनिका जी…मेरा मूड बहुत खराब है अभी…प्लीज़ जल्दी से ये बतायें कि संजय कहा है?”
“वो तो देल्ही गये हुए हैं पीछले 2 दिन से. उनकी जॉब ऐसी है कि उनका घूमना फिरना लगा रहता है.” मोनिका ने कहा.
“ह्म्म…ब्लॅक स्कॉर्पियो में गये हैं क्या वो देल्ही?”राज शर्मा ने पूछा.
“ब्लॅक स्कॉर्पियो!...हमारे पास कोई ब्लॅक स्कॉर्पियो नही है.” मोनिका ने कहा.
राज शर्मा ने सभी कॉन्स्टेबल्स को बाहर जीप के पास रुकने को कहा और मोनिका से बोला, “आपके पास नही है. मगर सिमरन के पास ब्लॅक स्कॉर्पियो है और आपके पति के उसके साथ संबंध हैं.”
“सिमरन…कौन सिमरन?”
“वो सब छोड़िए और ये बतायें कि देल्ही में कहा गये हैं आपके पति.”
“इतना सब कुछ वो मुझे नही बताते हैं. और ना ही मैं पूछती हूँ.”
“अच्छा…इट्स वेरी स्ट्रेंज…आपको आपके पति के बारे में नही पता. पत्नियाँ तो अक्सर पूरी जानकारी रखती हैं पति के बारे में.”
“मुझे कभी उन पर नज़र रखने की ज़रूरत नही पड़ी”
“क्या काम करते हैं आपके पति.”
“इसीसी बॅंक में हैं वो”
“ह्म्म…ठीक है…मैं इसीसी बॅंक ही जा रहा हूँ यहाँ से सीधा. आप ये बतायें कि क्या अक्सर आपके पति घर से गायब रहते हैं”
“अक्सर तो नही हां कभी कभी वो घर नही आते. पर वो अपने काम के सिलसिले में ही बाहर जाते हैं.”
“ये तो इसीसी बॅंक जाकर ही पता लगेगा कि काम के शील्षिले में जाते हैं या यू ही.” राज शर्मा ने कहा और चल दिया वाहा से.
राज शर्मा सीधा इसीसी बॅंक पहुँचा और बॅंक में घुसते ही सिमरन के कॅबिन में घुस गया, “क्या आपकी ब्लॅक स्कॉर्पियो आपके पास है अब.”
“देखिए मैने रोहित को सब बता दिया था. प्लीज़ डॉन’ट वेस्ट माइ टाइम.
“रोहित सर ने ही भेजा है मुझे. संजय के पास थी ना आपकी ब्लॅक स्कॉर्पियो, कहाँ है संजय बुलाओ उसे.”
“वो आज ड्यूटी पर नही आया.”
“क्या बॅंक के किसी काम से बाहर भेजा गया है उसे?”
“नही बॅंक के किसी काम से बाहर नही भेजा गया उसे. वो शायद घर होगा.”
“घर पर उसकी बीवी ने बताया कि वो देल्ही गया है…काम के सिलसिले में.”
“नही हमने उसे देल्ही नही भेजा…उनकी पत्नी को कोई ग़लतफहमी हुई होगी.”
राज शर्मा ने सारी बात फोन पर रोहित को बताई, “सर मोनिका कह रही है कि संजय देल्ही गया है मगर इसीसी बॅंक में मैने ब्रांच मॅनेजर सिमरन से बात की. उसके अनुसार उसे देल्ही नही भेजा गया. कही ये संजय ही तो साइको नही. ”
“ह्म्म…खैर सब कुछ इत्तेफ़ाक भी हो सकता है. मगर इंपॉर्टेंट जानकारी हाँसिल की है तुमने. सिमरन को फोन दो.” रोहित ने राज शर्मा से कहा.
राज शर्मा ने फोन सिमरन को पकड़ा दिया.
“सिमरन जब भी संजय आए या तुम्हे उसके बारे में कुछ भी पता चले, तुरंत मुझे फोन करना.”
“ठीक है रोहित…जैसे ही वो आएगा मैं तुम्हे इनफॉर्म कर दूँगी.”
राज शर्मा को फोन वापिस दे दिया सिमरन ने.
“सर एक रिक्वेस्ट थी आपसे.” राज शर्मा ने कहा.
“हां बोलो राज शर्मा”
“मेरी ड्यूटी पद्मिनी जी के वहाँ से हटवा दीजिए.”
“राज शर्मा वैसे तो मैं तुरंत तुम्हारी बात मान लेता. मगर पद्मिनी के साथ तुम्हारी ड्यूटी मेडम ने लगाई थी.”
“कोई बात नही सर, वैसे कैसी हैं मेडम अब सर.”
“ऑपरेशन तो हो गया है..मगर अभी उनको आइक्यू में रखा गया है. अभी उन्हे होश नही आया है. डॉक्टर कह रहा था कि शायद सुबह तक होश आ जाएगा. तुम अब पद्मिनी के घर जाओ. बाद में देखेंगे कि क्या करना है. और हां बहुत ज़्यादा सतर्क रहना होगा तुम्हे इन दिनो.”
“ओके सर.”
राज शर्मा ने सभी कॉन्स्टेबल्स को पहले थाने छोड़ दिया और फिर पद्मिनी के घर की तरफ चल दिया.
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क्रमशः........................
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