Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:56 PM,
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--109

गतान्क से आगे.................

रोहित जाते जाते मुड़ा और बोला, “आपके बहुत नज़दीक पहुँच गया था आज. ये रात कभी नही भूलूंगा मैं. पूर्णिमा का चाँद चमक रहा है उपर. बहुत सुन्दर दीख रहा है आज वो. लेकिन एक चाँद ज़मीन पर भी है. वो भी बहुत सुंदर दीख रहा है आज. उसके बहुत करीब पहुँच गया था मैं. साँसे टकरा रही थी हमारी. चूम लेना चाहता था अपने चाँद को. पर मेरा चाँद मुझसे रूठ गया. मूह फेर लिया उसने. भूला नही पाउन्गा इस चाँदनी रात को. अपने चाँद के नज़दीक आकर बहुत दूर हो गया मैं.जब-जब ऐसी रात आएगी…मुझे तेरी याद आएगी. खुश रहें आप हमेशा यही दुवा है. मेरी उमर आपको लग जाए. चलता हूँ अब…घर चली जाना…यहाँ मत रुकना.”

रोहित कह कर चल दिया.

शालिनी थाम नही पाई खुद को और रो पड़ी, “पता नही क्यों हो रहा है ऐसा मेरे साथ. पापा को बताया भी कि मुझे रोहित पसंद है पर वो सुन-ने को तैयार ही नही. उन्हे तो मुझे आइएएस के घर ही भेजना है. इतना पढ़ लिख कर, इतनी बड़ी ऑफीसर बन कर भी कोई कंट्रोल नही मेरा अपनी जिंदगी पर. सच ही कहा है किसी ने, नारी कुछ भी कर ले मगर अपनी औकात नही बदल सकती समाज में. उसकी किस्मत का फ़ैसला फिर भी दूसरे ही करते हैं.” 

रोहित दिल में गम लिए चल पड़ा था शालिनी को वहाँ छोड़ कर. आँखे इतनी नम हो गयी थी की कभी भी ज़ोर शोर से बरस सकती थी. अपना गम तो वो जानता था पर उसे ये नही पता था कि वो शालिनी को रोते हुए छोड़ आया है अपने पीछे. प्यार हो तो जाता है दो दिलो को पर कभी कभी हालात ऐसे होते हैं की प्यार को ज़बरदस्ती दबा देना पड़ता है दिल के किसी कोने में. ऐसा ही कुछ रोहित और शालिनी के साथ हो रहा था.

मोहित ने जब रोहित को देखा ऐसी हालत में तो बोला, “क्या हुआ भाई…सब ठीक तो है.”

“भाई बस कुछ पूछो मत मुझसे अभी…कुछ भी नही बता पाउन्गा मैं.”

“समझ रहा हूँ कुछ-कुछ”

“छोड़ ये सब…अपनी पूरी टीम को इकट्ठा करना होगा हमें.”

“ऐसा करते हैं राज शर्मा के घर चलते हैं. वही बुला लेते हैं सब को.”

“ठीक है.”

कुछ देर बाद राज शर्मा के छोटे से कमरे में पूरी टास्क फोर्स इकट्ठा होती है.

“साइको का पता तो चल गया मगर अब उसे ट्रॅप करना भी एक चुनोती से कम नही है. एसपी साहिब के घर पर काफ़ी सुरक्षा इंतज़ाम हैं. हर तरफ गन्मन हैं. उसके घर में किसी भी परकार का आर्टिस्टिक मर्डर संभव नही है. किसी भी तरह उसे उसके घर से बाहर निकालना होगा. तभी हम कुछ कर पाएँगे. हमारे पास ज़्यादा वक्त भी नही है. जो भी करना है आज की रात ही करना है क्योंकि पूजा की जान ख़तरे में है. हमें साइको को भी मारना है और पूजा को भी बचाना है.” रोहित ने कहा.

“लेकिन उसे बाहर निकालेंगे कैसे.” मोहित ने कहा.

रोहित ने सभी को अपना प्लान बताया. उसका प्लान सुन कर सभी के होश उड़ गये. सभी एक दूसरे की तरफ देख रहे थे.

“यार रोहित बहुत ही चॅलेंजिंग है ये काम. पर इसे करेगा कौन. हम में से कोई भी वहाँ गया तो उसे शक हो जाएगा.”

“ये काम मिनी बहुत अच्छे ढंग से कर सकती है” रोहित ने कहा.

ये सुनते ही मिनी चोंक गयी. “ क्या?”

“हां मिनी इस वक्त तुम्ही हमारी होप हो”

“यार हम पोलीस को इन्वॉल्व क्यों नही करते…ये कोई बच्चो का खेल नही है.”

“पोलीस फोर्स उसके हाथ में है. उसके खिलाफ ऑपरेशन स्टार्ट करने से पहले ही उसे खबर मिल जाएगी. और हो सकता है हम सभी को जैल में डाल दिया जाए. ये काम सिर्फ़ हमें ही करना होगा.”

“मुझसे ये नही होगा…मैं वहाँ जा कर फँस गयी तो. मेरी पैंटिंग ना बन जाए कही इस चक्कर में.” मिनी ने कहा.

तभी अचानक कमरे का दरवाजा खड़का. सभी फ़ौरन हरकत में आ गये. राज शर्मा,रोहित और मोहित ने अपनी अपनी पिस्टल निकाल ली.

“कौन हो सकता है?”

“वैसे मैने भोलू को कुछ समान लाने को बोला था हो सकता है वो हो.”

“मैं देखता हूँ सर की कौन है.” राज शर्मा ने कहा.

“राज शर्मा….ध्यान से.” पद्‍मिनी ने कहा.

“शूकर है पद्‍मिनी कुछ तो बोली. राज शर्मा तो छा गया.” मोहित ने चुस्की ली.

“गुरु…” राज शर्मा ने मोहित की तरफ पद्‍मिनिन को लेकर मज़ाक ना करने का इशारा किया.

“हू ईज़ तीस.” राज शर्मा ने अंदर से आवाज़ लगाई.

“राज दरवाजा खोलो”

“ये तो ए एस पी साहिबा की आवाज़ है.” राज शर्मा ने कहा.

रोहित ने तुरंत आयेज बढ़ कर दरवाजा खोला. दरवाजे के बाहर सच में शालिनी खड़ी थी.

रोहित अपने पीछे दरवाजा बंद करके शालिनी का हाथ पकड़ कर उसे एक तरफ ले गया.

“आप यहाँ क्या कर रही हैं.”

“रोक नही पाई खुद को रोहित. प्लीज़ मुझे अपने साथ रहने दो. मैं घर जा कर भी तो बेचैन ही रहूंगी.”

“मेरे साथ क्यों रहना चाहती हैं आप.”

“आइ केर फॉर यू”

“काश झूठ ही सही एक बार तो कह देती मुझे वो बात जिसे सुन ने के लिए मैं दिन रात बेचैन रहता हूँ.”

“कहना तो बहुत कुछ चाहती थी पर……” शालिनी बोलते बोलते रुक गयी फिर गहरी साँस ले कर बोली, “खैर छोड़ो”

“अब आप यहाँ आ ही गयी हैं तो अकेले वापिस भी नही भेज सकता. आपने हर्ट किया है मुझे. मेरी कोई भी बात नही मानती हैं आप. हां भाई ए एस पी साहिबा जो हैं आप….क्यों मानेगी मेरी बात आप.”

“प्लीज़ रोहित ये ताना देना बंद करो…मैं साथ रहूंगी तो कुछ मदद ही करूँगी. कोई बोझ नही बनूँगी तुम पर.”

“ठीक है आओ अंदर.”

शालिनी रोहित के पीछे-पीछे अंदर आ गयी.

“हाई एवेरिवन…मुझे उम्मीद है की मेरी उपस्थिति किसी को परेशान नही करेगी.” शालिनी ने कहा.

“मैं आपको ब्रीफ में सारी सिचुयेशन बताता हूँ.” रोहित ने शालिनी को अपना प्लान बताया.

“ह्म्म मगर पहले हमें ये पता करना होगा कि साइको घर पर है कि नही.”

“वो मैने पता कर लिया है. वो घर पर ही है”

“ह्म्म लेकिन उसे घर से बाहर कॉन लाएगा.”

“मिनी से रिक्वेस्ट कर रहे हैं हम. पर ये डर रही है.”

“डरने की बात भी है. बहुत चालाक और धूर्त है साइको.वो आसानी से इस जाल में फस्ने वाला नही है.”

“लेकिन हम क्या करें. हमारे पास वक्त कम है. जो भी करना है तुरंत करना है.”

“लेकिन ये सीसी कॉन है. एसपी का नाम तो राहुल महाजन है.” शालिनी ने कहा.

“इसका जवाब तो साइको को ही देना होगा. हम बहुत परेशान रहे इस सीसी को लेकर. बस अब और नही. “ रोहित ने कहा.

“पद्‍मिनी कैसे पहचाना तुमने साइको को. कब और कैसे आई उसकी फोटो तुम्हारे सामने.” शालिनी ने पूछा

पद्‍मिनी की तो साँस अटक गयी ये सवाल सुन कर. उसने राज शर्मा की तरफ देखा. राज शर्मा मन ही मन हंस दिया पद्‍मिनी की हालत पर. उसे पता था कि पद्‍मिनी दुविधा में है इसलिए शालिनी के प्रश्न का जवाब खुद दे दिया, “पद्‍मिनी कुछ बुक्स उठा रही थी टेबल से. उठाते वक्त एक किताब नीचे गिर गयी. उसमें कुछ फोटोस थी. एक फोटो एसपी साहिब की भी थी उसमें.”

“लेकिन आप लोग एक बात का जवाब दे. एसपी से तो काफ़ी फ्रीक्वेंट्ली मिलते होंगे आप लोग. फिर आपने उसकी आवाज़ क्यों नही पहचानी कभी.” मिनी ने पूछा.

“क्योंकि साइको के रूप में, एसपी बिल्कुल डिफरेंट आवाज़ रखता होगा. तुम ये बताओ…ये काम तुम करोगी कि नही. रिपोर्टर होने के कारण तुम ये काम आसानी से कर सकती हो.” रोहित ने कहा.

“ठीक है मैं तैयार हूँ. मुझे कैसे…कैसे क्या करना है सब बता दो.

............................................................

.........

“आअहह….” पूजा कराह रही थी ज़मीन पर पड़ी हुई. आँखे बंद थी अभी भी उसकी. बेहोसी अभी पूरी तरह टूटी नही थी. बेख़बर थी इस बात से वो कि वो साइको के कब्ज़े में है और एक अंजान जगह पर एक अंजान कमरे में पड़ी है. धीरे-धीरे वो होश में आ रही थी. बेहोसी में हाथ पाँव हिला रही थी वो.

धीरे से आँखे खोली उसने. एक पल को उसे लगा कि वो कोई सपना देख रही है. मगर अगले ही पल डर और ख़ौफ़ ने उसके पूरे अस्तित्व को घेर लिया. वो थर-थर काँपने लगी. उसे अहसाह हो गया था कि वो फर्श पर पड़ी है और उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नही है. बड़ी मुस्किल से उठ पाई वो फर्श से क्योंकि हाथ पाँव थर-थर काँप रहे थे. उठ कर चारो तरफ देखा उसने. कमरे में बस एक दरवाजा था. एक छोटी सी टेबल रखी थी कमरे में जिस पर की एक छोटे से पत्थर के नीचे एक पेपर रखा था.

“हे भगवान मैं यहाँ कैसे पहुँच गयी?” पूजा ने कहा.

कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी पूजा. मार्केट जाना था उसे एक ज़रूरी काम के लिए. पॉकेट मनी बचा रखी थी कुछ उसने. खर्च करना चाहती थी उसे आज वो. जिसे वो बहुत प्यार करती थी उसके लिए एक गिफ्ट लेना चाहती थी. एक पॅंट और शर्ट लेने का प्लान था उसका. सोच रही थी कि शाम को जब मोहित उसे कॉलेज लेने आएगा डिन्नर के लिए तो उसे सर्प्राइज़ देगी. बहुत ख़ूस्स थी गिफ्ट खरीद कर. दिल में प्यार और उमंग लिए शॉप से निकली थी वो. मगर अचानक उसे पीछे से दबोच लिया साइको ने और कोई नासीली चीज़ सूँघा कर बेहोश कर दिया. आगे क्या हुआ उसे कुछ याद नही.

पूजा को ये पूरा द्रिस्य याद आ गया था. ये सब याद आने के बाद उसकी हालत और नाज़ुक हो गयी.

“मोहित प्लीज़ मुझे बचा लो…कहा हो तुम…अब तो जीना शुरू किया था मैने तुम्हारे प्यार के कारण. मैं अब मरना नही चाहती. प्लीज़ मुझे बचा लो.” पूजा रो पड़ी.

रोते-रोते पूजा की नज़र टेबल पर रखे पेपर पर पड़ी. उसे दूर से ऐसा लग रहा था कि उस पर कुछ लिखा है. वो लड़खड़ाते कदमो से टेबल की तरफ बढ़ी. कांम्पते हाथो से उसने पेपर टेबल से उठाया.

वो उस पेपर को पढ़ने लगी तो चेहरे पर ख़ौफ़ और ज़्यादा उभर आया.

“हाई पूजा,

यही नाम है ना तुम्हारा. कैसी हो तुम. तुमसे पूछे बिना तुम्हे यहाँ उठा लाया. सॉरी नही बोलूँगा क्योंकि मैं अपनी मर्ज़ी का मालिक हूँ. तुम यहाँ मोहित की वजह से हो. मोहित की प्रेमिका ना होती तुम तो मेरा तुम पर ध्यान ही नही जाता. बहुत सुंदर हो तुम पूजा. मैने तुम्हारी खूबसूरती बड़े करीब से देखी है. तुम्हारे कपड़े मैने ही तो उतारे हैं. तुम्हारे बूब्स पर फिदा हो गया मैं. थे अरे अमेज़िंग पीस ऑफ टिट्स. तुम्हारी चूत के तो क्या कहने. एक दम चिकनी है. लगता है मोहित के लिए चूत सज़ा कर रखी हुई है तुमने हहहे. तुम्हारी गान्ड भी कम नही है. गान्ड पर खूब चाकू रडगा मैने तुम्हारी. तुम नींद में थी इसलिए जान नही पाई. मेरी आर्ट के लिए तुम पर्फेक्ट हो. एक सुंदर मौत दूँगा तुम्हे मैं. वो भी तुम्हारे आशिक़ के सामने. मोहित के सामने चूत मारूँगा मैं तुम्हारी. पूरा चाकू घुसा दूँगा तुम्हारी चूत में. घबरा गयी. अरे घबराओ मत ऐसा करने से एक खूबसूरत मौत मिलेगी तुम्हे. एक पर्फेक्ट आर्ट का हिस्सा बन जाओगी तुम. तुम्हे गर्व होगा कि तुम मुझसे चुदी. बस इस चुदाई में मज़े की बजाए दर्द होगा. उतना तो तुम सह ही सकती हो. आख़िर खूबसूरत मौत हर किसी को नही मिलती. ना ही मैं हर किसी को इस काबिल समझता हूँ. लेकिन इस मौत के लिए थोड़ा इंतेज़ार करना होगा तुम्हे. तुम्हारे आशिक़ को भी तो आना है यहाँ. तुम बस चेहरे पर ख़ौफ़ बनाए रखो…बाकी सब मुझ पर छोड़ दो. इंतेज़ार इस मौत को और ज़्यादा खूबसूरत बना देगा.”

हाथ कुछ इस कदर काँप रहे थे पूजा के की पेपर छूट गया उसके काँपते हाथो से. उसे विस्वास नही हो रहा था कि उसके साथ ये सब हो रहा है. वो दीवार के सहारे घुटने पर सर रख कर बैठ गयी.

“मोहित…क्या हमारे सपने, हमारी उम्मीदें सब बिखर जाएँगे. क्या हमारे प्यार का यही अंज़ाम लिखा है भगवान ने. बहुत डर लग रहा है मुझे. इतनी भयानक मौत भगवान किसी को ना दे. और ना ही किसी के प्यार को इस तरह से जुदा करे.” पूजा सुबक्ते हुए सोच रही थी.

42 इंच एलसीडी पर साइको सब कुछ देख रहा था. “बहुत खूब पूजा….बहुत खूब. मुझे तुमसे ऐसे ही ख़ौफ़ की उम्मीद थी.तुम्हारी जितनी तारीफ़ की जाए कम है. अब बस मोहित को लाना है तुम्हारे पास. तुम चिंता मत करो तुम्हे ज़्यादा इंतेज़ार नही करना पड़ेगा. तुम आ गयी हो तो वो भी आ ही जाएगा. मैं बस उसे तडपा रहा हूँ हाहहाहा.”

………………………………………………..

..........................................................................

राज शर्मा के घर सभी बैठे रोहित का इंतेज़ार कर रहे हैं.

“कहाँ रह गये रोहित सर…इतना टाइम नही है हमारे पास.” राज शर्मा ने कहा.

“रोहित आता ही होगा…कीप पेसेंस.” शालिनी ने कहा.

तभी कमरे का दरवाजा खड़का. राज शर्मा ने फ़ौरन दरवाजा खोला.

“कहाँ रह गये थे सर आप. हमें चिंता हो रही थी.”

“हां थोड़ा टाइम लग गया.”

क्रमशः..........................
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