Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:57 PM,
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--115

गतान्क से आगे.................

रोहित मोहित के पास से सीधा उस पेड़ की तरफ बढ़ा जिसकी तरफ पद्‍मिनी ने इशारा किया था. वहाँ से उसने कुल्हाड़ी उठा ली और लड़खदाता हुआ वापिस साइको के पास आ गया. सभी वहाँ साइको को घेर कर खड़े थे. साइको ज़मीन पर पड़ा था. राज शर्मा खड़ा नही हो सकता था. पद्‍मिनी नीचे बैठ गयी थी और उसके घुटने पर राज शर्मा सर टिकाए पड़ा था.

“कैसा लग रहा है आपको सर….ओह मैं भूल गया आपको तो अच्छा ही लग रहा होगा. बल्कि आप तो ये सोच कर खुश हो रहे होंगे कि आपके दोनो हाथ एक लड़की ने तलवार से काट दिए. आप खुद को किस्मत वाले समझ रहे होंगे. अब आप ये बतायें कि क्या सज़ा दी जाए आपको.” रोहित ने कहा.

“रोहित मैं अपना गुनाह कबूल करता हूँ. मुझे क़ानून के हवाले कर दो. मुझे गिरफ्तार कर लो. जैल में डाल दो मुझे. मुझे अपने सभी गुनाह काबुल हैं.” साइको गिड़गिदाया.

“सॉरी टू से एसपी साहिब. मगर मैं तो अंडर सस्पेन्षन हूँ…आपको गिरफ्तार नही कर सकता. ए एस पी साहिबा ने अभी जाय्न ही नही किया है वापिस क्योंकि आपके दिए घाव अभी भरे ही नही थे ठीक से. यहाँ कोई नही है ऐसा जो गिरफ्तार कर सके आपको. कोई और रास्ता बतायें इंसाफ़ का.” रोहित ने कहा.

“दूसरे पोलीस वालो को बुला लो. शिकेन्दर को बुला लो….या फिर चौहान को बुला लो.”

“बुला लेंगे पहले एक गेम हो जाए. आपने बहुत गेम खेली हमारे साथ अब हमें भी थोड़ा सा मौका दीजिए.” रोहित ने कहा.

“गेम कैसी गेम…” साइको के चेहरे का रंग उड़ गया.

“मैं कुछ सवाल करूँगा तुम जवाब देते जाना. अगर एक मिनिट में जवाब नही दिया तो ये कुल्हाड़ी चल जाएगी और तुम्हारे शरीर से कुछ कट कर अलग हो जाएगा.” रोहित ने कहा.

“मैं किसी सवाल का जवाब नही दूँगा. मेरे हाथ काट गये हैं. आइ नीड मेडिकल अटेन्षन फर्स्ट. जैल में पूछ लेना जो पूछना है.” साइको चिल्लाया.

“सीसी… कोन है?” रोहित ने सवाल किया.

“मुझे नही पता.”

“बस एक मिनिट है तुम्हारे पास. दुबारा नही पूछूँगा मैं. जवाब नही दिया तुमने एक मिनिट में तो तुम्हारा बायाँ पाँव काट दूँगा इस कुल्हाड़ी से.” रोहित ने कहा.

“एक मिनिट बीत गया पर साइको ने कोई जवाब नही दिया.”

रोहित ने कुल्हाड़ी उठाई पाँव काटने के लिए तो साइको तुरंत बोला, “मैं ही सीसी हूँ.”

“वो कैसे…तुम्हारा नाम तो राहुल महाजन है ना.” रोहित ने आश्चर्य में कहा.

“हां मेरे कुछ दोस्त मुझे कॉलेज टाइम से सीसी बोलते हैं.”

“तो क्या सुरिंदर और कर्नल देवेंदर सिंग तुम्हारे कॉलेज के दोस्त थे.”

“हां….”

“तो क्या तुमने ही सुरिंदर को कहा था पद्‍मिनी के खिलाफ गवाही देने के लिए. और वो राज़ी क्यों हुआ.” मोहित ने पूछा.

“मैने उसे कन्विन्स किया कि पद्‍मिनी ही साइको है…तुम गवाही दे दो क्योंकि मैं एसपी होने के नाते गवाही देता अच्छा नही लगूंगा. दोस्त था मेरा मेरी बात मान गया.”

“अपने ही दोस्त को फिर तुमने मार दिया.” रोहित ने कहा.

“मारना ज़रूरी था उसे नही तो मेरा राज खुल सकता था कभी भी.” साइको ने कहा.

“देवेंदर सिंग के घर पर तुम ही रह रहे थे…है ना.” मोहित ने पूछा.

“हां…देवेंदर ज़्यादातर शहर से बाहर ही रहता था. इसलिए उसका घर किराए पर ले लिया.”

“कर्नल है कहाँ?”

“उसने एक दिन पैंटिंग देख ली थी मेरी. इसलिए मारना पड़ा उसे भी. मार कर जंगल में गाढ दिया उसे.”

“क्या सब इनस्पेक्टर विजय से तुम्हारा कोई रिश्ता था?” रोहित ने पूछा.

“रागिनी को जंगल के ठिकाने पर ले जा रहा था मैं तो विजय ने देख लिया था मुझे. वो जंगल में एक लड़की के साथ रंगरलिया मना रहा था. मैं उसे और उसके साथ जो लड़की थी दोनो को मार देना चाहता था पर विजय मेरे पैरो में गिर गया. बोला मुझे अपने साथ मिला लो. मैने उसे उसके साथ जो लड़की थी उसे मारने को कहा. उसने तुरंत उसका गला काट दिया. मैने रागिनी के मर्डर की वीडियो उसे दी थी ताकि वो आर्टिस्टिक मर्डर सीख पाए.”

“हां देखी है मैने वो सीडी…लेकिन वो अधूरी ही थी.” रोहित ने कहा.

“2 सीडी दी थी मैने उसे.” साइको ने कहा.

“ब्लॅक स्कॉर्पियो किसकी यूज़ करते थे. तुम्हारे नाम तो कोई ब्लॅक स्कॉर्पियो नही थी.”

“अपने नाम की गाड़ी यूज़ क्यों करता भला. मैं कर्नल की गाड़ी यूज़ कर रहा था.”

“बहुत खूब…कॉलेज के दोस्त की गाड़ी भी हथिया ली और घर भी हथिया लिया.” रोहित ने कहा.

“और फिर बेचारे को मार कर जंगल में गाढ दिया.” मिनी ने कहा.

“तुम पर कोई हमला नही हुआ था है ना. तुम ज़बरदस्ती नाटक करके हमें गुमराह करने के लिए हॉस्पिटल में रहे ताकि तुम पर शक ना जाए. डॉक्टर अनिल तुम्हारे दोस्त हैं, इसलिए ज़्यादा दिक्कत नही हुई तुम्हे. आइक्यू में पड़े रहे बिना मतलब. पद्‍मिनी के घर पर हमला तुमने ही किया था ना. और जब सब कुछ तुम्हारे कंट्रोल में था तब तुम भाग क्यों गये थे वहाँ से.” रोहित ने पूछा.

“हां मैं ही गया था डॉक्टर अनिल को बोल कर कि सीक्रेट ऑपरेशन पर जा रहा हूँ. मगर जब पद्‍मिनी के घर सब अंडर कंट्रोल था तभी डॉक्टर अनिल का फोन आया और उसने मुझे बताया कि जल्दी वापिस आ जाओ तुम्हारा कोई जूनियर तुम्हे ढूंड रहा है यहाँ. बाद में पता चला कि चौहान आया था मुझसे मिलने. खैर मुझे सब कुछ छोड़ कर बीच में ही जाना पड़ा. काश उस दिन इस रंडी को उठा लाता तो ये नौबत ना आती.”

“मिनी ये बेसबॉल बॅट देना मुझे” रोहित ने मिनी से कहा. मिनी बॅट थामे खड़ी थी.

रोहित ने बात से साइको के घुटने पर ज़ोर दार वार किया. उसकी चीन्ख गूँज उठी चारो तरफ. “दुबारा किसी को भी गाली दी तो अंजाम बुरा होगा. समझ लो तुम.”

“जंगल में ए एस पी साहिबा पर गोली किसने चलाई थी…तुमने या विजय ने.” रोहित ने पूछा.

“विजय ने चलाई थी. डिपार्टमेंट की गोलिया यूज़ की थी साले ने…जंगल का मेरा ठिकाना ख़तरे में आ गया था उसके कारण. तुम लोगो को उसी घटना के बाद जंगल पर शक हुआ. खैर मेरे पास ठिकानो की कमी नही थी पर जंगल का कोई मुक़ाबला नही था.” साइको ने कहा.

“वैसे तो मेरा मन तुम्हारे 1000 टुकड़े करने का है पर कुछ कारण से खुद को रोक रहा हूँ. एक तो मैं तुम्हारे जितना गिरना नही चाहता और हमारे एक साथी को तुरंत हॉस्पिटल पहुँचना होगा. वैसे तो हम सभी को ज़रूरत है मेडिकल अटेन्षन की पर राज शर्मा को सबसे ज़्यादा है. ये गेम खेलने के लिए शुक्रिया एसपी साहिब. नाउ गेम ओवर….जिसे याद करना है कर लो मैं कुल्हाड़ी से तुम्हारी गर्दन काटने जा रहा हूँ.”

“मैने सभी सवालो के जवाब दिए हैं. प्लीज़ मुझे क़ानून के हवाले कर दो.” एसपी गिड़गिदाया.

“क़ानून तो आपका है एसपी साहिब. मैं खूब समझ रहा हूँ आपकी बात. मगर मुझे न्याय में देरी बिल्कुल बर्दास्त नही है. यहाँ जो लोग भी मौजूद हैं वो ज्यूरी का हिस्सा हैं. तो मैं सभी से पूछता हूँ कि ज्यूरी का क्या फ़ैसला है.”

“इसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी जाए….” मोहित ने कहा.

बाकी सब ने भी मोहित का साथ दिया, “हां इसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी जाए.”

“सॉरी एसपी साहिब ज्यूरी का फ़ैसला टाला नही जा सकता. गो टू हेल…………………” रोहित ने कुल्हाड़ी उपर की तो एसपी ने उठने की कोशिस की. मोहित ने तुरंत बॅट उठाया और एक ज़ोर दार वार किया उसके माथे पर. बार्ब वाइयर के कारण एसपी का माथा छिल गया और पूरा चेहरा खून से सन गया.

एसपी वापिस ज़मीन पर गिर गया.

“अब दुबारा उठने की कोशिस मत करना मिस्टर साइको…. आक्सेप्ट दा फॅक्ट दट युवर गेम ईज़ ओवर….नाउ इट्स टाइम टू गो टू हेल…..बाइ….” रोहित ने एक झटके में साइको की गर्दन धड़ से अलग कर दी.

“मिनी कल सुबह ये न्यूज़ आनी चाहिए कि साइको ने एक और मर्डर कर दिया. एसपी पर साइको पहले भी हमला कर चुका है. इस बार उसने एसपी को जान से मार दिया.” रोहित ने कहा.

“ठीक है काम हो जाएगा.” मिनी ने कहा.

“पर इस नये इनस्पेक्टर सिकेन्दर का क्या करेंगे. उसे कही शक ना हो जाए हम लोगो पर. हमें यहाँ कोई निशान नही छोड़ना चाहिए अपनी मौजूदगी का.” मोहित ने कहा.

“मोहित ठीक कह रहा है. साइको को ज़मीन में गाढ दो और यहाँ पर मौजूद हर निशान मिटा दो. कोई नही समझेगा कि हमने ऐसा क्यों किया.” शालिनी ने कहा.

“ठीक है मैं और मोहित ये काम करते हैं तुम लोग तुरंत हॉस्पिटल पहुँचो.” रोहित ने कहा

“पर मेडिकल अटेन्षन की तुम्हे भी तो ज़रूरत है.” शालिनी ने कहा.

“मुझे आपकी अटेन्षन मिल गयी….बस वही काफ़ी है…सब घाव भर जाएँगे.” रोहित ने हंसते हुए कहा.

“मज़ाक मत करो.”

“अरे हम भी आ जाएँगे हॉस्पिटल आप लोग चलिए. यहाँ का काम निपटाना ज़रूरी है. मिनी न्यूज़ वाला प्लान कॅन्सल. एसपी साहिब को गायब हो जाने दो.”

“ओके एज यू विश.” मिनी ने कहा.

इस रात में बहुत कुछ देखा हमने. साइको की हैवानियत और दरिंदगी की इंतेहा देखी हमने. मगर हमने बेन्तेहा प्यार भी देखा इस चाँदनी रात में. ये ऐसा प्यार था जो कि साइको की दरिंदगी के आगे सीना ताने खड़ा रहा. अगर प्यार ना होता तो शायद सभी पात्र बिखर जाते. प्यार ने उन्हे हिम्मत दी और कुछ करने का जज़्बा दिया. अगर पद्‍मिनी राज शर्मा से सच्चा प्यार ना करती तो वो शायद ही तलवार उठाती. जिस तरह से उसने साइको के दोनो हाथ काटे तलवार से उस से यही लगता है कि वो अपने प्यार के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.

इस चाँदनी रात में इंसाफ़ होते हुए भी देखा हमने. साइको को कुछ उसी तरह की मौत मिली जैसी की वो लोगो को देता आया था.

पूरी टास्क फोर्स हॉस्पिटल में मौजूद थी. राज शर्मा का ऑपरेशन सक्सेस्फुल रहा था और वो ख़तरे से बाहर था. शालिनी के हाथ में पट्टी बाँधी गयी. उसके पेट में कोई नया जखम नही बना था. हां दर्द हो रहा था, उसके लिए उसे पेनकिलर दे दिया गया था. उसे हॉस्पिटल में स्टे की कोई ज़रूरत नही थी पर वो सभी के कारण रुकी हुई थी. मिनी के हाथ में भी पट्टी बाँधी गयी. अपने सीनियर की कॉल के कारण उसे तुरंत वहाँ से जाना पड़ा. उसे कोई न्यूज़ कवर करनी थी. रोहित और मोहित की हालत बॉम्ब ब्लास्ट के कारण नाज़ुक थी. रोहित बेसबॉल की मार के कारण और ज़्यादा घायल था. उसकी पीठ बुरी तरह छिली हुई थी. मगर वो दोनो भी ख़तरे से बाहर थे. माइनर स्टिचस लगे दोनो को. रोहित को पीठ पर थोड़े ज़्यादा लगे. हां काई जगह पट्टी बाँधी गयी. हाथ पाँव पूरी तरह पट्टी से ढक गये.

2 दिन बाद सभी हॉस्पिटल में राज शर्मा के कमरे में बैठे थे.

“यार राज शर्मा ये तो बता कि एसपी की फोटो तेरे घर में क्या कर रही थी.” मोहित ने पूछा.

“अरे ग़लती से आ गयी थी. एक फंक्षन में मेरी भी कयि फोटो खींची थी फोटोग्राफर ने. मैने फोटोग्राफर से अपनी स्नॅप्स के ऑर्डर दिए थे. उसने ग़लती से एक फोटो एसपी की भी दे दी मुझे. मैने घर पर एक बुक में रख दी थी एसपी की फोटो. उसमें कुछ और फोटोस भी थी. वापिस देनी थी मुझे एसपी की फोटो फोटोग्राफर को पर बार-बार भूल जाता था.”

“वैसे कितना बड़ा कोयिन्सिडेन्स है कि पद्‍मिनी से वो किताब गिर गयी. ना वो किताब गिरती ना हमें पता चलता कि साइको कोन है.” शालिनी ने कहा.

“श्ह्ह्ह…धीरे बोलिए…दीवारो के भी कान होते हैं.” रोहित ने कहा.

“हाहहहाहा….” मोहित हँसने लगा.

“क्या हुआ भाई मैने कोई चुटकुला बोला क्या?”

“राज शर्मा दीवारो के भी कान होते हैं…कुछ याद आया…हिहिहीही…” मोहित ने कहा.

“तुम बस मेरी फ़ज़ीहत करने पर लगे रहा करो. आगे कुछ मत बोलना.” राज शर्मा ने कहा.

“अरे यार बात क्या है कोई हमें भी तो बताए.” रोहित ने कहा.

“पद्‍मिनी से पूछो…वो बताएगी…” मोहित ने कहा.

“कोई बात नही है…और मुझे अब कुछ याद भी नही है.” पद्‍मिनी ने गुस्से में कहा.

“सॉरी पद्‍मिनी मैं बस मज़ाक कर रहा था.” मोहित ने कहा.

“दुबारा ऐसा मज़ाक मत करना…” पद्‍मिनी ने कहा.

सभी एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे. दोस्ती में प्यार और तकरार चलता रहता था.

साइको को भूलने लगे थे लोग क्योंकि 2 महीने से बिल्कुल शांति थी सहर में. किसी को नही पता था कि साइको मर चुका है. एसपी की तलाश की जा रही थी हर तरफ. यही अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि शायद साइको ने एसपी को किडनॅप कर लिया है और उन्हे मार दिया है. मीडीया में भी यही चर्चा थी. टास्क फोर्स के लिए ये अच्छी बात थी. मगर एक और अच्छी बात होने जा रही थी. शादी हो रही थी पूजा और मोहित की. मोहित बिना किसी दहेज के शादी कर रहा था पूजा से. पूजा के बापू बहुत खुश थे. नगमा भी फूली नही समा रही थी.

क्रमशः..........................
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