Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:58 PM,
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--121

गतान्क से आगे.................

दोनो भावनाओ में बह रहे थे. रोहित अपना चेहरा शालिनी के चेहरे के बहुत करीब ले आया. दोनो की गरम-गरम साँसे आपस में टकरा कर प्यार की गर्मी बढ़ा रही थी. एक पल के लिए वक्त थम गया. दोनो एक दूसरे से कुछ नही बोल रहे थे. बहुत धीरे से रोहित ने अपने होन्ट शालिनी के होंटो की तरफ बढ़ाए. इस बार शालिनी ने अपना चेहरा नही घुमाया. जब दोनो के होन्ट आपस में टकराए तो ऐसा लगा जैसे बरसो के मिलन की प्यास पूरी हो गयी. दोनो पूरी तरह डूब गये एक दूसरे में. उन्हे ये अहसास भी नही रहा की वो उस वक्त जंगल में हैं.

भावनायें भड़क रही थी दोनो की और ऐसा लग रहा था कि एक दूसरे के लिए जन्मो से प्यासे हैं. रोहित ने किस करते करते एक हाथ से शालिनी के उभार को थाम लिया और उसे ज़ोर से मसल्ने लगा. सब कुछ अपने आप हो रहा था. शालिनी को जब रोहित का हाथ अपने उभार पर महसूस हुआ तो उसने अपने होन्ट रोहित के होंटो से अलग करने की कोशिस की. पर रोहित ने उसके होंटो को काश कर दबा लिया अपने होंटो में. कुछ देर बाद उसने खुद को अपनी भावनाओं के हवाले कर दिया. प्यार करती थी वो रोहित से. बहुत ज़्यादा प्यार. उसे रोकना नही चाहती थी अब. बह जाना चाहती थी प्यार में वो. अचानक रोहित हट गया और शालिनी को गोदी में उठा लिया.

“क्या कर रहे हो.”

“घर चलते हैं…यहाँ हम एक दूसरे में खो नही पाएँगे.”

शालिनी ने बिना कुछ कहे अपनी आँखे बंद कर ली.

कार में बैठ कर वो घर की तरफ चल दिए. जंगल से बाहर निकल कर शालिनी ने चौहान को फोन करके जंगल में सड़क पर कार में पड़ी लाश का पोस्टमार्टम करने को बोल दिया. पूरा रास्ता शालिनी खामोश रही. रोहित ड्राइव कर रहा था. शालिनी उसके कंधे पर सर रख कर बैठी थी. दोनो खामोसी से अपने प्यार का जशन मना रहे थे. कयि बार खामोशी का जशन शोर शराबे वाले जशन से ज़्यादा सुंदर होता है.

रोहित ने घर के बाहर कार रोक कर कहा, “चलें…”

“पहली बार तुमसे डर लग रहा है मुझे.”

“ए एस पी साहिबा क्यों डर रही हैं?”

“मैं इस सब के लिए तैयार नही थी. आइ आम इन शॉक.”

“मैने भी कहाँ सोचा था. मुझे तो ये लगता था कि हमारी किस मुमकिन ही नही हैं क्योंकि आप डाँट डपट कर मुझे दूर ही रखेंगी.”

“हहेहेहहे….फिर क्यों किस किया मुझे.”

“एमोशनल हो गया था. रोक नही पाया खुद को.”

“सेम हियर. रोक पाती खुद को तो रोक लेती.”

“जो भी है तुमने बहुत अच्छे से प्यार किया मेरे होंटो को.”

शालिनी शर्मा गयी रोहित की इस बात पर.

“उफ्फ... ए एस पी साहिबा शरमाती भी हैं. सो क्यूट.”

“रोहित दुबारा मत बोलना ऐसा नही तो…”

“सस्पेंड ही करोगी ना….मैं रिज़ाइन कर चुका हूँ मेडम. बहुत सोच समझ कर फ़ैसला लिया था मैने.”

“रिज़ाइन क्या इसलिए किया था तुमने .”

“जस्ट किडिंग…. आओ ना मुझे तडपाओ मत. जल्दी आओ.. प्यार में ज़्यादा लंबा ब्रेक नही लेना चाहिए.”

रोहित शालिनी का हाथ पकड़ कर उसे घर के अंदर ले आया.

घर के अंदर आते ही शालिनी रोहित से चिपक गयी और बोली, “रोहित वैसे तुम्हे रोकना नही चाहती कुछ करने से. क्योंकि तुम्हारा हक़ है मुझ पर. जिंदगी भर तुम्हारी रहूंगी मैं. मैं भी खो जाना चाहती हूँ तुम्हारे प्यार में जबकि डर भी लग रहा है मुझे. बस एक बात कहना चाहती हूँ.”

“हां बोलो ना क्या बात है.” रोहित ने शालिनी के सर पर हाथ फिराते हुए कहा.

“मुझे यकीन है कि एक ना एक दिन घर वाले मान ही जाएँगे. क्योंकि मैं कही और शादी नही करूँगी तो उनके पास भी कोई चारा नही रहेगा. देखना वो राज़ी हो ही जाएँगे. इसलिए चाहती थी कि हम थोड़ा रुक जायें तो अच्छा रहेगा. मैं भी बहक रही हूँ और हर हद पार कर जाना चाहती हूँ आज तुम्हारे साथ. पर दिल के एक कोने में ये अहसास भी है कि हमें इंतेज़ार करना चाहिए.”

“मैं तुम्हारे साथ हूँ पूरी तरह. मुझे भी कोई जल्दी नही है. वो हम किस करते-करते बहक गये थे नही तो ऐसा सोचते भी नही अभी.”

“थॅंक्स रोहित…”

“तुम बैठो मैं चाय लाता हूँ तुम्हारे लिए.” रोहित शालिनी से अलग हो गया.

“यू नो व्हाट…मुझे किचन का कोई काम नही आता. यहाँ तक की गॅस चलानी भी नही आती.”

“क्या ...गयी भँस पानी में. मुझे ऐसी बीवी चाहिए थी जो खाना अच्छा बनाती हो.”

“तो प्यार सोच समझ कर करना चाहिए था तुम्हे… ..मुझे किचन में घुसना भी पसंद नही है.”

“क्या बात है…. ए एस पी साहिबा की हर अदा निराली है.”

“ये तारीफ़ है या मज़ाक.”

“तारीफ़ है जी…आपकी हर अदा वाकाई में निराली है.” रोहित ने हंसते हुए कहा.

“मैं सीख लूँगी रोहित ज़्यादा ताने मत मारो…”

“अरे बुरा मत मानो…जस्ट किडिंग…वैसे गुस्से में क्या कमाल लगती हो तुम.”

“आज अचानक तुमने मुझे आप से तुम कहना शुरू किया…अच्छा लगा मुझे.”

“तुम्हारे अंडर नही हूँ ना अब. सस्पेन्षन का डर नही है. इसलिए आप से तुम पर उतर आया ...”

“वेरी फन्नी…वैसे कल कहाँ गायब हो गये थे. तुम्हारे कारण पूरा दिन और पूरी रात परेशान रही मैं. पता है दिन भर मैने कुछ नही खाया. रात को बस एक सॅंडविच लिया था.”

“तुमने मुझे ‘गेट आउट’ बोला तो बहुत बुरा लगा मुझे. यकीन नही हो रहा था कि तुम ऐसा बोल सकती हो मुझे. फोन स्विच्ड ऑफ करके मसूरी चला गया था. वहाँ एक होटेल में पड़ा रहा चुपचाप.”

“सॉरी रोहित. कल सुबह पापा से हुई बहस के कारण मूड खराब था. सारा गुस्सा तुम पर उतर गया.”

“कोई बात नही… मेरी बाहों में आ जाओ…अब सब समझ रहा हूँ मैं.” रोहित ने शालिनी को बाहों में भर लिया और उसके होंटो पर होन्ट रख दिए.

उनकी ये दूसरी किस पहले से भी ज़्यादा कामुक थी. रोहित ने शालिनी को काश कर भींच रखा था अपनी बाहों में और उनके होन्ट बड़े कामुक अंदाज़ से एक दूसरे से खेल रहे थे. अचानक रोहित ने शालिनी के नितंबो को पकड़ कर अपनी ओर दबाव बनाया. शालिनी को अपनी चूत के थोड़ा उपर कुछ महसूस हुआ तो वो सिहर उठी. उसकी साँसे तेज चलने लगी. वो फिर से रोहित के साथ बहक रही थी और फिर से खुद को रोकना नही चाहती थी. ऐसा लग रहा था जैसे कि दोनो ही थोड़ी देर पहले किए अपने फ़ैसले को भूल गये थे. बहुत देर तक चूमते रहे दोनो एक दूसरे को.

अचानक रोहित, शालिनी के होंटो को छोड़ कर हट गया और उसे गोदी में उठा कर बेडरूम में ले आया.

शालिनी ने अपनी आँखे बंद कर रखी थी. रोहित ने उसे प्यार से बिस्तर पर लिटाया और उसके उपर चढ़ गया. "

"हम फिर से बहक गये रोहित...ये ठीक नही है."

"अगर प्यार सच्चा है अपना तो ये बातें मायने नही रखती. आइ लव यू फ्रॉम दा बॉटम ऑफ माइ हार्ट."

"आइ लव यू टू रोहित."

दोनो के होन्ट एक दूसरे पर बरस पड़े. रोहित के लिए एक पल भी रुकना मुस्किल हो रहा था. रोहित ने शालिनी की सलवार का नाडा खोलने की कोशिस की तो शालिनी ने उसका हाथ पकड़ लिया.शालिनी के हाथ पैर काँपने लगे थे.

"रुक जाओ मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है."

"अजीब क्यों लग रहा है तुम्हे...ये प्यार ही तो है."

शालिनी वर्जिन थी और सेक्स के बारे में कोई अनुभव नही रखती थी. उसका डर स्वाभाविक था.

रोहित ने शालिनी के हाथ एक तरफ हटाए और एक झटके में उसका नाडा खोल कर उसकी सलवार नीचे सरका दी. शालिनी ने अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा ढक लिया. वो वाकाई इस सब के लिए मेंटली प्रिपेर नही थी. रोहित को रोकना उसके लिए मुस्किल हो रहा था. शालिनी का एक मन था कि बह जाए भावनाओ में और एक मन था की रोहित को रोक दे वही. मगर वो कोई फ़ैसला नही कर पा रही थी. जब रोहित ने उसकी पॅंटी नीचे सर्काई तो उसने अपनी चूत को अपने दोनो हाथो से ढक लिया. लेकिन शरम से लाल चेहरा अब रोहित के सामने था.

"वाह ए एस पी साहिबा तो शरम से लाल हो गयी...हिहिहीही"

"हँसो मत नही तो मारूँगी तुम्हे मैं..."

"देखने तो दीजिए क्या छुपा रखा है हाथो के पीछे...हिहीही." रोहित ने शालिनी के हाथ हटाने की कोशिस की. मगर शालिनी ने नही हटाए.

"प्लीज़..."

"ऐसे नही चलेगा...मुझे हक़ है तुम्हे देखने का." रोहित ने शालिनी के हाथ पकड़ कर उसकी चूत से हटा दिए.

"वाउ...ब्यूटिफुल...कॅन'ट वेट टू प्लंडर दिस ब्यूटी."

"शट अप."

रोहित ने शालिनी की चूत पर हाथ रखा तो पाया कि वो पूरी तरह भीगी हुई है.

"ह्म्म...आप तो तैयार हैं प्यार के लिए मेडम...क्या ख्याल है."

शालिनी ने दोनो हाथो से अपना चेहरा ढक लिया. उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी.

रोहित मन ही मन मुस्कुराया शालिनी को शरमाते देख. उसने देर करना उचित नही समझा क्योंकि शालिनी का मूड कभी भी बदल सकता था और वो अपने प्यार को पाना चाहता था.

रोहित ने फुर्ती से अपने कपड़े उतारे और शालिनी के उपर आ गया. शालिनी ने अभी भी अपने चेहरे को हाथो से ढक रखा था.

रोहित ने शालिनी की टाँगो को अपने कंधे पर रखा और अपने लंड को शालिनी की चूत पर लगा दिया. शालिनी अपनी चूत पर लंड को महसूस करते ही काँपने लगी. साँसे और ज़्यादा तेज हो गयी उसकी.

रोहित ने ज़ोर से धक्का मारा और उसका आधा लंड शालिनी की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया.

“नूऊऊऊओ……..रोहित….स्टॉप इट.” शालिनी ने सोचा भी नही था कि इतना दर्द होगा.

“वेट ए मिनिट…थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा.” रोहित ने कहा.

“स्टॉप इट आइ से…आआअहह...इसे बाहर निकालो.” शालिनी दर्द से कराहते हुए बोली.

"थोड़ा धैर्य रखो सब ठीक हो जाएगा." रोहित ने हल्का सा धक्का मारा और उसका लंड थोड़ा और शालिनी के अंदर सरक गया.

"नूऊऊ....इट्स टू मच..." शालिनी ने रोहित को ज़ोर से धक्का मारा. धक्का इतनी ज़ोर का था कि वो बेड से नीचे जाकर गिरा.

“क्या हुआ शालिनी?”

“इतना दर्द हो रहा है..और तुम वेट ए मिनिट बोल रहे हो. पास मत आना मेरे तुम.” शालिनी चिल्लाई.

रोहित ने अपने कपड़े वापिस पहन लिए. शालिनी ने भी अपने कपड़े पहन लिए और बोली, “मैं जा रही हूँ.”

“नाराज़ हो गयी मुझसे.” रोहित ने शालिनी का हाथ पकड़ लिया.

शालिनी रोहित का हाथ झटक कर बाहर आ गयी. रोहित वही बिस्तर पर सर पकड़ कर बैठ गया और बोला, “हे भगवान ये किस कयामत से प्यार कर लिया मैने. ये सच में कयामत है.”

शालिनी घर से बाहर निकल कर अपनी कार में बैठ कर अपने घर की तरफ चल दी.वो बहुत गुस्से में थी.

“क्या यही प्यार है? मुझे नही चाहिए ऐसा प्यार.” शालिनी ने मन ही मन सोचा.

रोहित थोड़ी देर बाद बेडरूम से बाहर आया तो उसने शालिनी को हर तरफ देखा. उसे नही पता था कि शालिनी जा चुकी है. घर में हर तरफ देखने के बाद उसने बाहर देखा.

“उसकी कार यहाँ नही है. मतलब की वो चली गयी. बिना कुछ कहे…बिना कुछ बोले. दिस ईज़ नोट लव. ये प्यार नही ज़हर है मेरे लिए जो मुझे बर्बाद कर देगा.”

……………………………………….

क्रमशः..........................
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