RajSharma Stories आई लव यू
09-17-2020, 12:43 PM,
#77
RE: RajSharma Stories आई लव यू
गुड नाइट।" सुबह आठ बजे फोन की घंटी बजी। पापा का फोन था।

"हेलो पापा...गुडमॉर्निंग।"

“गुडमॉर्निंग बेटा, उठ गए थे?"

"हाँ पापा, थोड़ी देर पहले उठा।"

"अच्छा तुम्हें एक फोटो और बॉयोडाटा मेल किया है; काब्या नाम है उसका ... फोटो देख लो, फिर मैं कॉल करता हूँ।"

“ठीक है पापा, मैं ऑफिस जाकर देखूगा; शाम को बात करूंगा फिर आपसे।" पापा के फोन रखने के बाद मैंने मेल चेक किया। मुझे काव्या के फोटो देखने की नहीं, शीतल के रिप्लाई की जल्दी थी। पापा का मेल सबसे ऊपर था और उसके नीचे शीतल का मल था। उसने लिखा था __

“राज, तुम्हारे प्यार के लिए मेरा ये जन्म काफी नहीं। जब मेरी जिंदगी खत्म हो जाएगी, तो मैं अगले जन्म में फिर आऊँगी। उस जन्म में ऊपर वाले से बस तुम्हारा साथ माँगूंगी। न उम्र का अंतर होगा और न समाज का डर... बस मैं और तुम। एक साथ बचपन में खेलेंगे, एक साथ बड़े होंगे, एक साथ जवान होंगे, प्यार करेंगे, शादी करेंगे और बूढ़े हो जाएंगे। फिर एक दिन एक-दूसरे की बाँहों में इस दुनिया से विदा हो जाएंगे। तुम अपना ध्यान रखना और तुम्हें मेरे प्यार की कसम, इस मेल का कोई रिप्लाई मत करना।"

कॉफी बनाई और लैपटॉप उठाकर बालकनी में सोफे पर बैठ गया। शीतल को जवाब भी नहीं लिख पा रहा था मैं... उसने प्यार का वास्ता जो दिया था। थोड़ी देर बाद पापा का मेल खोला और पहला क्लिक बॉयोडाटा पर किया।

नाम- काव्या राणा, जन्म- देहरादून, एजुकेशन- ग्राफिक इरा यूनिवर्सिटी से एमबीए, हाइट- पाँच फीट पाँच इंच, फैमिली में पापा, मम्मी और एक छोटा भाई।

बॉयोडाटा देखकर इतनी खुशी तो हुई कि पापा ने एक पढ़ी-लिखी लड़की पसंद की है मेरे लिए। मेल में काव्या के तीन फोटो और अटैच थे। फोटो पर क्लिक किया, तो मैं बिना किमी भाव के काफी देर तक फोटो देखता रहा। मैं काव्या के फोटो में शीतल को तलाश रहा था। बारी-बारी से तीनों फोटो देखे और लैपटॉप बंद कर, मैं ऑफिस के लिए तैयार होने चला गया।

शाम के करीब चार बजे पापा का फोन फिर से आ गया। "हाँ राज...कैसे हो बेटा?"

"बढ़िया पापा...ऑफिस में हैं।"

"अच्छा अच्छा; तो फोटो देखी तुमने?"

"हाँ पापा, देखी।"

"क्या मन है तुम्हारा फिर?"

“मम्मी ने देखी फोटो?"

"हाँ, तुम्हारी मम्मी को पसंद है लड़की और घर में सभी को पसंद है।"

“ठीक है फिर पापा, आप आगे बात करिए।"

"अरे वाह! तब तुम ऐसा करो, इस संडे ऋषिकेश आ जाओ, काव्या के घर चलना है।"

"ठीक है पापा, मैं आ जाऊँगा।"

"ओके, तो हम लोग तैयारी करते हैं।"

"ओके पापा।" अपने परिवार के लिए मैंने अपनी सारी खुशियाँ कुर्बान कर दी थी। मेरी शादी की बात से पूरा घर खुश था। मम्मी खुश थीं, पापा खुश थे, भाई-बहन खुश थे... बस, मैं ही खुश नहीं था। लेकिन कर भी क्या सकता था। शीतल तो अब ऑफिस में दिखती भी नहीं थीं। नमित, शिवांग और ज्योति को फोन करके सारी बातें बता दी थी।

ऑफिस से निकल ही रहा था कि डॉली का फोन आया। "हाय राज! कहाँ हो तुम अभी?"

"डॉली मैं ऑफिस में हूँ...ऐसे क्यों पूछ रही हो? कोई प्रॉब्लम?"

"अरे नहीं बाबा, कोई प्रॉब्लम नहीं है; मैं यहाँ नोएडा आई हूँ, तो सोचा पूछ लूँ।"

"अच्छा , कहाँ हो तुम?"

“मैं जीआईपी मॉल में हूँ और बम निकल रही हूँ; साथ ही चलो फिर घर।"

"अरे वाह! आ जाओ फिर ऑफिस।"

"ओके आई एम कमिंग।" दस मिनट बाद ही डॉली, ऑफिस के बाहर कार लेकर आ गई। "तुम इराइब करोगे राज?"

"नहीं, तुम्ही करो।" हम दोनों घर के लिए निकल चुके थे। मैं थोड़ा चुप ही था।

"क्या हुआ राज, चुप क्यों हो?"

"बस ऐसे ही।"

"अरे बताओ न क्या हुआ?"

"कुछ नहीं, सुबह पापा का कॉल आया था; एक लड़की की फोटो भेजा था उन्होंने... काव्या नाम है, देहरादून से है।"

“दिखाओ फोटो मुझे।"

"ओके, ये देखो।" डॉली ने कार साइड लगाई और फोटो देखना शुरू कर दिया। फोटो देखने के बाद डॉली ने मोबाइल तो वापस कर दिया, लेकिन कुछ कहा नहीं।

"डॉली, कैसे लगी तुम्हें काव्या?"

"अच्छी है राज ...मुंदर है, तुम्हें मैच करेगी।"

“आर यू श्योर?"

"हाँ,अच्छी है।"

“मैं संडे को जा रहा हूँ ऋषिकेश; काव्या के घर जाना है मिलने।"

"अरे वाह ! ग्रेट...विश यू ऑल द बेस्ट।"

घर आ गया था। मैं कार से बाहर आ चुका था। फोटो देखने के बाद डॉली का रिएक्शन मुझे कुछ अटपटा लगा था। वो मुस्कराई तो थी, लेकिन रास्ते भर उसने कोई बात नहीं की थी।

तीन दिन बीतने के बाद भी उसका कोई फोन नहीं आया। आज शनिबार था और मैं ऑफिस में था।

डॉली का मैसेज आया- “राज, आई वांट टू मीट यू इन द ईवनिंग। ऑफिस से जल्दी आ सकते हो?"

"कुछ स्पेशल?" - मैंने रिप्लाई किया।

"हाँ, समथिंग बेरी स्पेशल ।"

“कितने बजे और कहाँ?”

"सात बजे...कॉफी हाउस।"

"ओके...आई बिल बी देयर।"

फोन रखकर मैं सोचने लगा कि तीन दिन बाद डॉली ने ऐसे अचानक से मैसेज क्यों किया। खैर इस बात का जवाब थोड़ी देर बाद ही मिलने वाला था, तो सोचने में ज्यादा दिमाग नहीं लगाया।
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RE: RajSharma Stories आई लव यू - by desiaks - 09-17-2020, 12:43 PM

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