Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला
09-03-2018, 08:56 PM,
#9
RE: Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला
आज वही सखी अपने जेठ के लंड पे सबके सामने कूदालिया मार रही थी. उसके लंबे घने बाल उसके और राजू के शरीर पे बिखरे हुए थे. बार बार वो बालों को पिछे करती और आख़िर में उसने बाल बाँध लए. अब उसने अपनी छाती को राजू के मूह पे रगड़ना शुरू कर दिया था और बड़बड़ा रही थी. '' ओओओह्ह्ह बड़े भैया क्या मज़ा दे रहा है आपका लोडा मुझे..उम्म्म्म भैया कस के चोदियेगा..क्या पता आज से 9 महीने बाद मैं आपके बच्चे को जनम दूं. अंदर बच्चेदानी तक ठोकर मारो अपने 10 इंची लंड की. ऊओह भैया आप मिन्नी भाभी को छोड़ दो और मुझे अपनी बीवी बना लो..आपका लंड खा खा के मैं निहाल हो गई..सारी ज़िंदगी ऐसे ही बना के रखो मुझे..आपनी प्यारी राअंदड़ड़...ऊऊओह बाबूजी..आपकी छ्होटी बहू को देखो कैसे मस्ती में है....मेरे प्यारे ससुर जी आओ मेरी प्यास भुजा दो अपना वीर्यापात मेरे मूह में करो.'' सखी सिसकियाँ ले रही थी और अपनी छ्होटी सी गांद गोल गोल घुमा रही थी.

राखी जो कि बाबूजी के नीचे लेटी हुई थी और उनके धक्के सहेन कर रही थी उसने बाबूजी को कस के पकड़ लिया. '' बाबूजी आप कहीं नही जाओगे..उस्च्छिनाल की बात मत सुनना.. आज आप सिर्फ़ मेरे हो और मेरे मोटे मम्मो का रस पान करो. आज मैं आपका मूत अपनी बच्चे दानी में लूँगी और इन तीनो भाईओं को एक चाचा दूँगी आने वाले 9 महीनो में. ओओओह्ह्ह्ह बाबूजी कस के चोदो मुझे और कस के..बहुत आनंद मिल रहहैई आपके लंड से...ऊऊओमम्माआआ आआहाआंन्न बाआबूजी...चूओदूओ अपनी बहू कूओ बाबूजी....ऊओह एससस्स मैं झाड़ जाउन्गा आपके लंड पे बाबूजी...जल्दी जल्दी पेलो मेरी भटकती आत्मा सी चूत को और इसे तृप्त कर दो...उउउम्म्म्म....हहाआंणन्न् मम्मे छ्ोसूऊओ...उउउम्म्म्मममम...हाआं
न्न ..हान्ंणणन् हाआंन्‍णणन् ऊओह बबुउजिइीइ मैं तो झरीई बाबूजी.....ऊओह हाआंन्‍णणन् आपका बीज भी महसूस हो रहा हाईईइ...ऊओमम्म्माआ ऊऊहह एसस्स्सस्स...बब्ब्ब्बबुउउुजिइइईईईईईईई........'''' सिसकियाँ और खुशी से पागल होते हुए राखी और बाबूजी झाड़ते चले गए..बाबूजी का लंड राखी की चूत में बुरी तरीके से अठखेलियाँ ले रहा था. उनके लंड में एक नया जोश सॉफ झलक रहा था. राखी की आधे उठे हुए चूतरो के नीचे उन्होने अपने हाथ रख दिए और अपने राइट हाथ की जुड़ी हुई उंगली उसकी गांद में घुसा दी. इससे रखी का झरना और बढ़ गया और उसने अपने उरोज उपर की तरफ कर दिए और बाबूजी को अपनी छातियो के बीच भींच लिया. दोनो के शरीर आपस में चिपके पड़े थे ऐसे जैसे की हवा भी बीच से ना गुज़र सके.

सुजीत अपनी बीवी की इस ज़बरदस्त खूबसूरत चुदाई को देखते हुए बहुत उत्तेजित हो गया और उसने मिन्नी की चूत की सिकाई की स्पीड बढ़ा दी. मिनी को अपने एक्सपीरियेन्स से पता था कि अब जल्दी ही सुजीत उसकी चूत में वीर्य छोड़ेगा और उसने अपनी गदराई गांद को आगे पिछे करना शुरू कर दिया. सुजीत का भैंसे जैसा काला मोटा लंड उसकी चूत में फ़च्छर फ़च्छर करके आगे पिछे होने लगा. सुजीत की झाँटें पूरी गीली थी उसकी चूत के जूस से. काला लंड गोरी चूत में अंदर बाहर होते हुए किसी फॉरिन ब्लू मूवी की याद दिला रहा था. सुजीत अब छूटने की कगार पे था और उसने मिन्नी के मोटे चूतर पकड़ के बेरेहमी से धक्के लगाने शुरू कर दिए. उसके धक्के जितनी ज़ोर से लगते उतनी ही ज़ोर से मिन्नी का मूह संजय के लंड पे चलता. संजय का लंड सबसे पतला पर सबसे लंबा था. पूरे 11 इंच का. उसके लंड का सूपड़ा ही तकरीबन 3 इंच लंबा था. मिन्नी 6 - 7 इंच से ज़ियादा नही ले पाती थी पर उसके मूह से इतना थूक बहा था कि संजय के लंड, झाँटें और टटटे सब भरे हुए थे. संजय ने लंड के निचले हिस्से को जो कि मिन्नी के मूह की पहुँच से दूर था उसे पकड़ रखा था और लंड को मसल रहा था. उसके लंड की लंबाई और उसकी गरम जवानी के चलते उसका मूत बहुत दूर तक गिरता था. एक बार हँसी हँसी में सखी ने बेड के एक किनारे पे लेट के उसे दूसरे किनारे पे खड़े खड़े पिचकारी छोड़ने को कहा था. उस दिन उसकी पहली दो पिचकारियाँ सखी के बदन पे गिरी थी जो कि तकरीबन 4 फ्ट दूर थी.
संजय ने अब अपनी बड़ी भाभी का मूह अपने लंड पे से हिलने नही दिया और ज़ोर ज़ोर से अपन लंड मुठियाने लगा. उसे अपनी पिचकारी सीधे अपनी भाभी के गले के नीचे उतारनी थी. ''''ऊऊऊओह भाभिईिइ ये लूऊओ मेरी पिचकारीइ...ऊऊऊऊऊ एसस्स..........ऊओह..भाबभहिईईपीई जाऊओ मेरा प्यारा सा अमृत और फिर इसे राखी भाभी को भी चखाना और अगर उसके बाद भी बचे तो सखी के मूह में डाल देना.....आआररर्र्रघह ऊऊऊरर्रघह ऊऊओह उउउम्म्म्मम ईसस्स्सस्स....ऊओह'' और संजय एक के बाद एक कई पिचकारियाँ मिन्नी के मूह में छोड़ता चला गया. मिन्नी पूरे जोश में उसके वीर्य को गटकती चली गई पर वीर्य इतना था कि उसके बस की बात रही नही थी. उसका ये हाल देख के राखी बाबूजी से अलग हुई और जल्दी से संजय के पास आ गई. मिन्नी के मूह से उसने संजय का लंड निकाल दिया और उसे चूसने लगी. उसका चूसना और वीर्य का गटाकना एक साथ चल रहा था. संजय ने चूतर उठा के 2 - 3 वीर्य की धाराएँ उसके मूह में बहा दी और फिर शांत हो के लेट गया. पर राखी से रहा नही गया और उसने मिन्नी के साथ फ्रेंच किस्सिंग करना शुरू कर दिया. दोनो के मूह संजय के वीर्य से सने हुए थे और दोनो गोरी गोरी मोटे मोटे मम्मो की मालकिन कुतिया पोज़ीशन में एक दूसरे से जीभ लड़ाते हुए बहुत मादक लग रही थी. उनकी ये हालत देख के राजू और सुजीत से रुका नही गया और दोनो एक साथ सखी और मिन्नी की चूत में झरने लगे.
क्रमशः..............................
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