Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला
09-03-2018, 09:13 PM,
#89
RE: Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला
खानदानी चुदाई का सिलसिला--29


गतान्क से आगे..............

सखी जो कि अभी भी बीच बीच में मिन्नी के साथ फ्रेंच किस्सिंग कर रही थी आप फटी फटी आँखों से अपनी मा का ये नया रूप देखने लगी. मिन्नी और राखी भी मूह खोले सब नज़ारा देख रही थी.

(दोस्तों ये मेरी इमॅजिनेशन है पर अगर किसी को ऐसी पिक मिले तो ज़रूर शेर कीजिएगा.)

सोफे का नज़ारा देखते ही बनता था. सोफे के एक कोने से शुरू होते हुए बाबूजी नीचे झुक के अपने हाथों में सरला का सिर पकड़े उसकी ज़ुबान से ज़ुबान लड़ा रहे थे. दोनो के थूक का मिश्रण सरला के चेहरे पे सॉफ दिख रहा था और उसके होठों के किनारे से बहता हुआ बाबूजी की जांघों पे गिर रहा था. उसके बाद बैठा राजू बेतहाशा सरला के मम्मे चूस रहा था. ऐसा लग रहा था कि जैसे मौसम के पहले आम चूसने का मौका मिला हो किसी छ्होटे से बच्चे को. दोनो मम्मो को दोनो हाथों में जाकड़ के उपर की तरफ खींच खींच के निपल्स को काट रहा था. देखते ही देखते सरला के सफेद गोरे मम्मे लाल पड़ने लगे. उसके मम्मे भी राजू के थूक से चमक उठे थे. अब राजू को उनको पकड़ने में दिक्कत हो रही थी. सो अब वो अपनी हथेली से उन्हे दबा दबा के बीच बीच में चूस रहा था और निपल्स को पकड़ के खींच के लंबे कर रहा था.

उसके बाद बैठा सुजीत नीचे से चूत और गांद के बीच के हिस्से में अपना लंड सटाये बैठा था और सरला की करीब करीब चिकनी चूत को जोरदार तरीके से चाट रहा था. सरला की चूत करीब करीब चिकनी इसलिए थी क्योंकि उसकी बुर पे अभी सिर्फ़ 1 हफ्ते के बाल थे जिन्हे उसने बड़ी मेहनत से दोपहर को ट्रिम किया था और उनमे दिल की शेप बनाई थी. सुजीत तो जैसे उस दिल में ही खो के रह गया था. बीच बीच में वो 1 या 2 उंगलियाँ चूत में जड़ तक पेलता और अच्छे से घिसाई करता और साथ ही अंगूठे से सरला की चूत का उभरा हुआ दाना मसलता. इन सब के हमले से सरला 1 ही मिनट में झार चुकी थी और काँप रही थी पर उसके मूह से निकली हुई सभी आहें बाबूजी के गले में क़ैद हो रही थी. आख़िर में बैठा उसका प्यार दामाद उसके घुटने और पिंडलीओ (कॅव्स) को चाटने में लगा हुआ था. बीच बीच में वो उसके पैर का अंगूठा और उसकी उंगलिओ को भी मूह में भर के चूस रहा था. साथ ही साथ संजय उसके पैर के तले से अपने 11 इंच के लंड को सहला रहा था. सरला का बदन अब थूक और बदन की गर्मी से पैदा हुए पसीने में भीगा हुआ था.

बाबूजी से अब रहा नही जा रहा था और उन्होने राजू को थोड़ा साइड करके सरला का एक मम्मा मूह में भर लिया. उधर सरला की चूत का रस बह बह के उसकी गांद की दरार में घुसे जा रहा आता और सुजीत जो कि उसके बदन के हर हिस्से को बखूबी पहचानता था, उस रस का उपयोग करके उसकी गांद को गीला करने में लगा हुआ था. उधर 3नो बहुएँ भी उन सब को देख रही थी और बीच बीच में स्मूचिंग कर रही थी. कमरे में अब सभी नंगे थे और किसी के बदन पे एक भी कपड़ा नही बचा था.



अब बाबूजी और बाकी सभी मर्दों से रहा नही जा रहा था और अचानक से ही सब सीन बदल गया. जब तक 3नो बहुएँ आपस में किस करके हटी तब तक सरला 4रों लोड़ों का शिकार बन चुकी थी. सोफा पे नीचे लेटा हुआ सुजीत अपना मोटा काला लंड सरला की गांद में घुसाए हुए था. ये जगह आजकल वैसे भी उसके लंड की फेवोवरिट जगह थी. सरला की गांद तो जैसे सुजीत के लंड के इंतेज़ार में ही बैठी थी. उसके उपर राजू अपना 10 इंच का लोडा लिए चूत में एंट्री ले रहा था. सोफे की सपोर्ट लेते हुए उसने भी करीब 5 - 6 इंच की जगह सरला की हलकट चूत में बना ली थी. सोफा के एक तरफ से बाबूजी अपना 7 इंच का डंडा लहराते हुए सरला के हाथ में थमा रहे थे. बाबूजी के पुराने मजबूत लंड को हाथ में पकड़े हुए सरला चिहुनकने लगी थी. पर उसका चिहुक्कना बंद करने के लए उसका सगा दामाद तैयार बैठा था और उसने अपने 11 इंच लंड का निशाना बनाया सरला का मूह जो कि उसके टोपे को देखते ही खुद ब खुद खुल गया.



धीरे धीरे अपनी गांद और चूत में दोनो लोड़ों को अड्जस्ट करते हुए सरला ने बाकी दोनो लंड पे अपने मूह का हमला बोल दिया. सिर घुमा घुमा के कभी एक को चूस्ति तो कभी दूसरे को. देखते ही देखते दोनो लंड थूक से सरॉबार होके नहा लिए. बाबूजी की एक्सिट्म्न्ट आज चरम सीमा पे थी और बहुत ही मुश्किल से उन्होने अपने को कंट्रोल किया हुआ था. उधर राजू अब स्टेडी स्पीड से सतसट चूत में लंड अंदर बाहर कर रहा था. उसके लंड पे सुजीत के लंड की घर्षण गांद और चूत के बीच की दीवार से महसूस हो रही थी. सुजीत नीचे गांद में लंड लगाए चुप चाप सब मज़े ले रहा था. लंड को सुकून पहुचाने का काम उसका भाई जो कर रहा था चूत रगड़ के. सरला को अब कोई होश नही था कि उसकी चूत कितना रस छोड़ रही है. उसे तो बस इतना पता था कि आज वो तृप्त हो रही है. अगर 2 - 4 लोडा और होते आगे लाइन में तो और भी मज़ा आता.

यही सोचते सोचते उसने बाबूजी और संजय को लंड से पकड़ के अपने मूह की और खींचा और दोनो के सुपादे आपस में रगडवा दिए. थूक से सने सुपादे आपस में रगड़ खा के फिसल रहे थे. तभी सरला ने अपना मूह खोला और दोनो सुपादे एक साथ मूह में थूस लिए.
Reply


Messages In This Thread
RE: Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला - by sexstories - 09-03-2018, 09:13 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 14,604 06-26-2024, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 10,535 06-26-2024, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 20,006 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 9,559 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 6,591 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,767,383 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 578,812 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,348,697 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,032,942 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,812,731 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 9 Guest(s)