RE: Samuhik Chudai अदला बदली
तब तक जय भी इन सब बातों से गरम हो चुका था और उसका लंड फिर से तैयार दिख रहा था.
मैंने बोला की चुदाई से पहले थोड़ा चूस लेती हूँ… – और फिर से जय के लंड को मुंह में लेके दमदार चुसाई देने लगी.
सच बताऊं तो बातों का असर ये हुआ की सच में इस बार जब में उसका लंड चूस रही थी तब मैं ये इमेजिन करने लगी की मैं राज का लंड चूस रही हूँ.
कुछ देर में, उसका लंड पूरी तरह से तैयार था.
मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी.
बस, अब चूत और लंड को मिलना था.
जय ने अपने लंड को सहलाया, थोड़ी देर मुझे बेड पे लिटाया और पोज़िशन बनाने लगा.
मैंने भी उसे अपने पैरो से कस लिया और चूत को थोड़ा ऊपर करके लंड को बुलावा दे दिया.
जय ने अपने लंड को मेरी चूत के पास रखा और धीरे से अंदर डालने लगा.
लंड का सुपाड़ा अंदर गया, उसकी मोटाई से मुंह से आ निकल गई.
मिनी – डाल दो जय, पूरा अंदर डालो…
फिर जय ने एक और धक्के से अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर दे दिया.
चूत को भी एहसास था की आज कोई दूसरा लंड मिला है, भर भर के पानी छूट रहा था.
मैं अपनी गाण्ड उठा उठा के, उसके लंड को अपने अंदर ले रही थी.
जय ने भी अपनी स्पीड बधाई और बिना रुके, मेरी चूत को चोदता रहा.
मैं भी अपनी “आ आ” से उसके लंड के मोशन का साथ दे रही थी.
अपनी चुचि को कस के दबा के रखा था, मैंने..
फिर जय ने, एक चुचि अपने मुँह में ले ली..
चोदने की स्पीड को और बढ़ाया और चुचि भी उतनी ही ज़ोर से दबाने लगा.
उसका लंड हालाँकि रंगीला से थोड़ा छोटा था, पर शायद अपनी बीवी के सिवा और बीबी की मर्ज़ी से, किसी और को चोदने के जोश उसका लंड मेरी चूत में तूफान मचा रहा था.
मैं पूरी तरह से, झड़ने वाली थी.
मां की चूत… बहन चोद… करते करते मैं झड़ गई.
जय, अभी भी ज़ोर दार धक्के लगा रहा था.
फिर अचानक से, उसके लंड का बाँध टूट गया और उसने ढेर सारा रस मेरी चूत में छोड़ दिया.
उसे मालूम था की मुझे रसपान करना है तो फिर से, वाइन ग्लास ले के आया और मेरी चूत के पास रखा..
मैं भी मूतने की पोज़िशन में आके धीरे धीरे रस को अपनी चूत से निकल के वाइन गिलास में डालने लगी.
इस बार का रस केवल जय का नहीं था, उसमे मेरा चूत स्पर्म भी मिक्स था..
दोनों रस मिला के पीने से, मुझे और भी ज़्यादा आनंद आया.
चुदाई के सेशन से जय फिर से थक गया था.
सच में उसने जी जान लगा दी थी, मेरी चूत को फाड़ने में..
थक तो जाएगा ही.
मैं अपने ड्रिंक का मज़ा ले रही थी और वो बेड पे चित्त हो गया था.
थोड़ी देर बाद, मैंने उसे आराम करने दिया और उसके बाद मैंने बोला की रेडी होते हैं बीच पे जाने के लिए.
जय – मिनी, ऐसी चुदाई बड़े दिन बाद हुई… थक गया हूँ… आराम करते हैं… उन्हें मेसेज कर देते हैं की हम नहीं आ रहे…
मिनी – वो ठीक नहीं रहेगा, जय… जैसी प्लानिंग करी है वैसा ही करते हैं… तुम बीच पे लेट जाना… क्या पता वहाँ रंगीला और कोमल की भी यही हालत हो सब से सब लेट जाएँगे वहीं…
जय – हाँ, ठीक है… चलो, मैं रेडी होता हूँ…
फिर जय ने हाफ पैंट और टी शर्ट डाला..
मैंने स्विमिंग बिकनी पहनी और उसके ऊपर लोवर और टॉप डाल लिया.
हमारा प्लान था की यदि, बीच में मौका मिले तो ओपन स्काइ में कुछ मज़े करेंगे.
जय को देखने से लग नहीं रहा था की वो, अभी कुछ करने की हालत में है.
सच में, उसने अच्छी चुदाई की थी.
यदि वो थक गया था तो मैं उसे टाइम देना चाहती थी..
5 बजे से हम लोग रूम से बाहर निकले..
सामने वाले रूम से रंगीला और कोमल भी निकल ही रहे थे..
एक दूसरे हाय बोल के हम बीच जाने लगे.
बीच होटेल का “प्राइवेट बीच” था..
छोटे से एरिया में प्राइवेट बीच को होटेल वालों ने काफ़ी क्लीन रखा हुआ था.
जब हम वहाँ पहुचे, वहाँ कुछ दूसरी फैमिली भी थी..
हमें वहाँ 4 आराम कुर्सी दिखी, अभी सब थके हुए थे इसलिए सब आराम करने के लिए बैठ गये.
दूसरी फैमिली जो बीच में थी, उनके बच्चे खेल रहे थे.
मैं और कोमल साथ साथ ही थे, बिकनी में.
हमारे अलावा 2 और लड़की बिकनी में आराम कर रही थी.
मर्द लोग मोस्ट्ली हाफ पैंट में थे.
प्राइवेट बीच होने से ज़्यादा रश भी नहीं था.
लोग अच्छे से एंजाय कर रहे थे.
हमारी आँख लग गई थी..
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