RE: Samuhik Chudai अदला बदली
राज का रूम चेक किया तो अभी तक सो ही रहा था. शायद नाइट में वीडियो गेम खेल रहा होगा.
मिनी – रंगीला, राज सो रहा है तो प्लीज़ एक बार…
रंगीला – जैसी तुम्हारी इच्छा मिनी, लेकिन बस चूस लो… अभी मेरी ताक़त नहीं की मैं तुम्हें चोदू…
मिनी – चूत की चुदाई की ताक़त तो मुझमे भी नहीं है अभी… बस, चूस लेने दो…
फिर हम अपने बेड रूम पे गये और मैंने रंगीला का पैंट खोला..
मिनी – रंगीला, मैं अपनी टॉप और ब्रा निकल दूँ, तुम नेकेड चुचि देखना चाहोगे या ऐसे ही काफ़ी है…
रंगीला – हाँ निकाल दो, तभी तो लंड जल्दी से तैयार हो पाएगा… नहीं तो मेरा लंड भी काफ़ी थका हुआ है…
फिर मैंने अपना टॉप निकाला और ब्रा भी खोल के बेड पे रख दी.
रंगीला बेड पे बैठा हुआ था और मैं नीचे बैठ कर उसके लंड के साथ खेलने लगी.
मेरा फेस बेडरूम के दरवाज़े की और था.
मैंने देखा की हम जल्दी जल्दी में बेडरूम का दरवाज़ा लगाना भी भूल गये हैं.
फिर सोचा की राज तो सो ही रहा है तो मैंने लंड के साथ खेलना कंटिन्यू रखा.
उसके लंड की हालत देख के लग रहा था की उसने कोमल की जम के गाण्ड मारी है.
फिर मैंने उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
उसके बॉल्स को हाथो से सहलाते हुए मैं उसके लंड चूस रही थी.
उसके लंड के सुपाड़े से जो भी पानी निकल रहा था उसे चूस चूस के सॉफ कर रही थी.
फिर मैंने एक सिगरेट जलाई और उसका धुआँ रंगीला के लंड पे डालने लगी.
सिगरेट का एक कश लेती थी.. उसके धुँए को लंड में डाल थी और फिर कुछ देर तक उसके लंड को चूसती थी और फिर ये सिलसिला सिगरेट ख़त्म होने तक चलता रहा.
रंगीला भी गरम हो चुका था, तब तक.
वो भी अपने हाथों से मेरी चुचियों को दबा रहा था. बीच बीच में मेरी सिगरेट ले के वो भी अपने लंड पे ही डाल रहा था.
अचानक से मेरी नज़र दरवाज़े की और गई तो देखा की राज चुप के सब देख रहा था.
मुझे लगा काफ़ी मुश्किल सिचुयेशन है, हमें गेट लगा ही लेना चाहिए था.
अब यदि मैं रंगीला के लंड को छोड़ देती तो रंगीला को मालूम चल जाता की क्यूँ मैंने लंड चूसना बंद किया फिर पता नहीं वो कैसे रिक्ट करता और लंड चूसना चलो रखूं तो राज वहाँ से हट भी नहीं रहा था..
वो च्छूप के सब देखने की कोशिश में था.
फिर मैंने सोचा अब तो उसने देख ही लिया अपनी मां का ये रूप.
मैंने रंगीला के लंड को चूसना चालू रखा पर अब और भी स्पीड में चूसने लगी.
रंगीला भी मेरी स्पीड से गरम हो गया और आवाज़े निकालने लगा.
मैं बोल भी नहीं पा रही थी की हमारा बेटा हमें देख रहा है.
वो भी मस्त हो के अपनी लंड चुसवा रहा था और मैं भी अब भूल गई की अपने अपने बेटे को शो कर रही हूँ और मैं चूसने में लग गई.
वैसे ये एहसास की मेरा बेटा, मुझे देख रहा है मेरी चूत फाडे दे रहा था..
जी कर रहा था नंगी हो जाऊं और अपना बदन उसे दिखाऊं.. ना जाने, क्या क्या गंदे विचार आ रहे थे मेरे मन में…
इधर, थोड़ी देर में रंगीला झड़ने लगा और उसने अपना सारा रस में मेरे मुंह में ही डाल दिया.
मैंने फिर जब चुपके से गेट की और देखा तो राज वहाँ से जा चुका था.
मैंने भी आराम से सारा स्पर्म पी लिया.
रंगीला को बताना नहीं चाहती थी की जल्दी जल्दी में हमने अपने बेटे को सीधा सेक्स दिखा दिया है. इसलिए मैंने उस बारें में कोई बात नहीं करी.
रंगीला ने अपना पैंट फिर से पहना और खुले दरवाज़े की और देख के बोला की मिनी हमें दरवाज़ा बंद कर लेना चाहिए था, यदि राज देख लेता तो…
मैंने बोले दिया की जल्दी जल्दी में मैं देखना ही भूल गई…
हम नेक्स्ट टाइम से और भी ध्यान रखेंगें…
फिर मैंने राज से भी आम बिहेवियर ही किया..
वो भी ऐसा ही कर रहा था.
मैंने उसे पता नहीं लगने दिया की मैंने देखा था जब वो हमें देख रहा था और राज भी नॉर्मल था की उसने चुपके से ये सब देख लिया था और किसी को कुछ मालूम भी नहीं पड़ा.
एक अजीब से कसक भी थी की मैं रंगीला का लंड चूस रही थी, मेरे चुचियाँ बाहर थी और राज देख रहा था.
पता नहीं क्यूँ पर एक रोमांच था, इस वजह से.
रह रह कर मेरा मन होता था की राज मेरा नंगा बदन देखे…
अगले दिन सुबेह छुट्टियाँ ख़त्म थी.
रंगीला ऑफीस गये, राज कॉलेज.
अंकिता का कॉल भी आया.
मैंने उसे लंच टाइम पे इन्वाइट किया.
काफ़ी दिनों बाद हम एक दूसरे से मिले थे.
बातें करने को तो बहुत था.
फोन पे कुछ नॉर्मल बात करी एक दूसरे के बारें में.
फिर उसने मेरे इन्विटेशन स्वीकार किया.
मैंने उसे थोड़ी जल्दी आने को बोला ताकि हम स्विमिंग भी जा सके.
करीब 11 बजे अंकिता ने घर की घंटी बजाई.
हमने एक दूसरे को गले लगा के हाय किया. फिर मैंने हम दोनों के लिए कॉफी बनाई और बैठ के बात करने लगे.
हमने एक दूसरे की स्कूल के बाद की लाइफ, शादी, फैमिली सबके बारें में बात करी.
मिनी – चल अंकिता… स्विमिंग के लिए चलते हैं… तू रेडी हो के आई है ना…
अंकिता – हाँ बिकनी पहना तो है. पर क्या यहाँ प्राब्लम नहीं होगी… कॉलोनी के और भी लोग तो होंगे… बिकनी में कोई और भी होता है या नहीं…
मिनी – वैसे तो इस वक़्त स्विमिंग पूल खाली रहता है और काफ़ी लेडी बिकनी में ही आती . उतना मत सोच. चल में भी चेंज कर लेती हूँ.
अंकिता – चल ठीक है तू बोलती है तो… मेरे लिए भी एक तौलिया ले लेना…
मिनी – हाँ है एक नया तौलिया… वो तुझे देती हूँ और स्विमिंग के बाद के लिए पैंटी लाई है ना.
अंकिता – हाँ लाई हूँ…
मिनी – आ जा फिर इस बाग में डाल ले, चेंज करने वाले कपड़े…
फिर, मैं अंकिता के सामने ही चेंज करने लगी..
पूरी नंगी हो के मैंने अपनी बिकनी पहनी और ऊपर से एक लंबी टॉप पहन ली.
अंकिता – वाव मिनी, तूने अभी तक खुद को अच्छे से मेनटेन किया है…
मिनी – धन्यवाद, अंकिता… तू भी तो काफ़ी सेक्सी है… डोंट माइंड तुम काफ़ी गरम माल हो…
अंकिता – हाँ यार, पर मोटी हो गई हूँ…
मिनी – हाँ पर सही सही जगह पे मोटी हुई हो…
फिर दोनों हंसने लगे..
फिर दोनों स्विमिंग के लिए चले गये.
|