RE: Samuhik Chudai अदला बदली
मिनी – कोमल, बस डियर हो गया.. आ बैठ के बात करते हैं..
कोमल – मिनी, पता नहीं यार कुछ अलग सा लग रहा है..
मिनी – ईवन आई लव यू डार्लिंग.. पर ऐसा कुछ नहीं है.. हम एक दूसरे को इतने दिनों से जानते हैं.. तू भी जानती है की मैं लंड की कितनी बड़ी दीवानी हूँ, और मैं भी जानती हूँ की तुझे लंड से कितना प्यार है.. मुझे लगता है की हमारे अंदर कहीं ना कहीं एक दूसरे के लिए फीलिंग पहले से भी थी.. जो अब जा के सामने आई है, इसलिए तू ऐसा फील कर रही है.. सब ठीक है कोमल, वैसे भी देख ना, मान ले ऐसे दिन आ जाए की हम दोनों एक दूसरे से गुस्सा हो जाए, फिर भी डॉली और राज के वजह से हम वैसा नहीं कर पाएँगे.. हम दोनों अब एक दूसरे के रिलेटिव्स होंगे.. मुझे नहीं लगता कहीं कोई भी प्राब्लम है, हज़्बेंड से प्यार अपनी तरफ, हम दोनों का अपना रीलेशन अपनी तरफ.. जब भी मन होगा हम एक दूसरे के साथ सेक्स कर सकते हैं कोमल.. फिर तू ही बता की प्राब्लम कहाँ है..?..
कोमल – हाँ तू ठीक कह रही है, अजीब है ना हमने एक दूसरे से इतने दिनों तक क्यूँ सेक्स नहीं किया, पता नहीं ना..
मिनी – हाँ यार कोई एहसास करने वाला नहीं था.. धन्यवाद रूचि..
कोमल – हाँ मिनी, रूचि मस्त है ना..
मिनी – देख कोमल, हमारा अपना जो भी है, उसका प्रेशर मत ले, हमें मालूम है की हम आसानी से अपना ये सीक्रेट सेक्स कंटिन्यू कर सकते हैं.. हज़्बेंड ऑफीस गये और हम फ्री.. इसलिए इस बात से डरना की हमारे बीच ये सब होने से कहीं कुछ गड़बड़ ना जाए, बिल्कुल बेकार ही है..
कोमल – पता नहीं क्यूँ मिनी, कल जय लंड मुंह में डाल रहा था और मैं तेरी चूत याद कर रही थी..
मिनी – अच्छा, तो सुन मैं तुझे एक बात बताती हूँ, गुस्सा मत होना, बस एंजाय कर.. और बता की तुझे लंड चाहिए की नहीं..
कोमल – क्या बोल ना..?..
मिनी – अंकिता का बेटा याद है तुझे, अमन..
कोमल – हाँ..
मिनी – मैंने उसे 2 दिन पहले अपने घर बुला के चोदा..
कोमल – रियली ..?..?..
मिनी – सुन तो पहले, वो अंकिता को एक फेशियल कीट चाहिए था, जो मैंने उसके लिए खरीदा था.. उसे ही लेने अमन आया हुआ था.. मैंने उससे बीच वाली वो बात करी, उसे फिर से मेरे सामने मूठ मारने के लिए इन्वाइट किया और ऐसे ही फाइनली मैंने उसे जम के चोदा.. अचानक से हो गया था इसलिए तुझे बता भी नहीं पाई थी, पर मेरा नेक्स्ट प्लान ये है की मैं और तू मिल के उसे चोदे.. बोल क्या बोलती है अमन का लंड लेना है ..?..?..?..
कोमल – हाँ मिनी, उसका लंड क्या मस्त था ना.. जल्दी ही उसे फिर से किसी बहाने बुलाना पड़ेगा.. मेरे चूत में तो सोच के ही खुजली होने लगी..
मिनी – देख ले, फिर से लंड के लिए तेरी चूत गीली हो गई ना, इसलिए बोल रही थी की तू बस एंजाय करती रह और कोमल रही बात जय की तो ये सोच की हमारी दोस्ती से पहली रंगीला और जय दोस्त थे.. हम मिलें क्यूँ की जय और रंगीला ने हमें मिलवाया.. तो सोच ले ये वोही जय है, इसलिए जय का लंड कभी लेने का मन भी ना करे तो याद कर लेना की वो कितना हेल्पफुल और जरुरी है तेरे लिए..
कोमल – हाँ यार, वो बस दिमाग़ में था.. तू टेंशन ना ले मैं आज रात जय का लंड मुंह से निकालूंगी ही नहीं.. चूसते ही रहूंगी..
मिनी – गुड.. तुझे मालूम है रूचि भी कुछ ऐसा ही बोल रही थी..
कोमल – रूचि, क्या बोली..
मिनी – पता नहीं उस दिन शायद हम दोनों ने कुछ ज़्यादा ही इंटिमेट सेक्स किया था, वो भी बोल रही थी की सेक्स नहीं प्यार लग रहा था.. और बोली की कहीं आप दोनों मुझे भूल मत जाना..
कोमल – हहा, रूचि भी ना, उसे नहीं मालूम की उसकी वजह से ही हमने ये लेस्बियन सेक्स शुरू किया..
मिनी – मैंने भी उसे यही बोला.. एक काम करते हैं उसे अच्छा फील करते हैं.. रूचि को भी बुला लेती हूँ.. हम दोनों आज बस उसे ही चोदेंगे.. खुश हो जाएगी..
कोमल – हाँ, कॉल करती हूँ..
ड्यूरिंग कॉल –
रूचि – हाय दी,
कोमल – हाय रूचि, क्या कर रही है..?..
रूचि – कुछ नहीं दी, अभी जस्ट मेरी चूत आपको ही याद कर रही थी..
कोमल – हाँ, आज कल याद करने का काम भी चूत ही करने लगी है तेरी..
रूचि – क्या करूँ दी, आज कल मेरी चूत बस आपको और मिनी दी को याद करती है.. अमन को कभी कभी हहेहे..
कोमल – चल मिनी भी यहीं है, आ जा तू भी जल्दी से..
रूचि – वाव, आती हूँ दी, आप दोनों क्या कर रहे हो अकेले..
कोमल – जी नहीं कुछ भी नहीं कर रहे, मिनी ने पहले तुझे बुलाने को बोला..
रूचि – मुझे मालूम था की मिनी दी ही मुझे याद करेगी आप तो खुद ही मिनी दी के पीछे पागल हो..
कोमल – चल अब बस भी कर, अपनी चूत को बोल जल्दी से यहाँ आ जाए..
रूचि – चूत क्यूँ दी, पूरी पूरी रूचि आ रही है.. चलिए, बाइ..
कोमल फिर से टेंशन फ्री हो के नॉर्मल हो गई थी..
कुछ देर में रूचि भी वहाँ आ पहुंची..
उसके आते ही हम दोनों उसे बेडरूम ले के गये और बेड पे पटका.
कोमल ने रूचि के नीचे वाली ड्रेस को उतारना चालू लिया और मैं उसके ऊपर के कपड़े उतारने लगी..
कोमल ने जल्दी ही उसकी स्कर्ट और पैंटी उतार दी और उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी..
मैंने भी उसके टॉप और ब्रा को फेंका और उसके एक चुचि को दबाने लगी और दूसरे चुचि की निप्पल को मुंह में ले के उसे चूसने लगी..
थोड़ी देर तक बिना रुके हम यही करते रहे, कोमल उसके चूत में उंगली करती रही और उसके क्लिट चूसती रही, और मैं उसकी चुचियाँ के मज़े ले रही थी..
इस से जल्द ही रूचि गरम हो गई..
रूचि – दी, आते ही आप लोग ने मुझे ये सर्प्राइज़ दिया, मज़ा आ गया..
कोमल – मिनी, नीचे आ ये झड़ रही है.. फिर मैंने 69 का पोजीशन बनाया रूचि को अपनी चूत दे दी और मैं उसके चूत को ऊपर से चूसने लगी.. उधर कोमल नीचे से उसकी चूत के रस को चाट रही थी..
हम दोनों ने मिल के रूचि की चूत का रस पूरा चाट गये..
फिर से कोमल उसकी चूत में उंगली करने लगी और कोमल ने उसके गाण्ड के छेद में जीभ से चुदाई करने लगी..
मैंने उसकी क्लिट को चूसना शुरू किया..
रूचि – हाए दीदी, मर गई.. आज तो आप दोनों मुझे मार ही डालोगे..
मैं उसके क्लिट लगातार चूस रही थी, कोमल ने अब रूचि की गाण्ड में उंगली डाल दी और जीभ से चूत की चुदाई और चुसाई करने लगी..
दोनों के लगातार अटैक से रूचि फिर से झड़ने लगी..
उसने मेरी चूत को चूसने स्पीड बधाई और हमने रूचि की चूत के रस को फिर से चाटना शुरू किया..
मैंने उसके रस को थोड़ा मुंह में कलेक्ट किया, मैंने अपनी पोजीशन फिर चेंज की उसे किस करने लगी..
उसके चूत का पानी उसकी मुंह में ही डाल कर मैं रूचि के लिप्स और जीभ खाने लगी..
उधर कोमल पागलो की तरह रूचि की चूत चूस रही थी और मैं भी पागलों की तरह उसे किस कर रही थी..
फिर कोमल ने उसे सोफे पे कुतिया के पोजीशन में किया, और पीछे से उसके चूत में अपना मुंह डाला और गाण्ड में उंगली करने लगी..
मैं नीचे से उसकी चुचि तक गई और ज़ोर ज़ोर से उसकी चुचि को एक एक करके चूसने लगी..
फिर मैंने अपनी पोजीशन चेंज करी नीचे से ही मैं रूचि की चूत अ पहुंची, अब मैं और कोमल दोनों मिल के रूचि की चूत को जीभ से चोदने लगे.. मैं नीचे से और कोमल पीछे से..
रूचि – दी, हाए दीदी.. मज़ा आ गया दीदी..
फिर कोमल ने दो मुंहा डिल्डो निकाला और और दोनों सिफ़े बे बैठ के अपने अपनी पीठ को पीछे की तरफ करके एक दूसरे के चूत को आस पास करके बैठ गई..
मैंने पहले रूचि की चूत में लंड डाला और फिर कोमल की चूत में डिल्डो का दूसरा वाला कोना डाल दिया..
फिर दोनों उस डिल्डो को राइड करने लगे..
मैंने थोड़ा छोटा वाला दो मुंहा डिल्डो लिया, एक पार्ट अपने मुंह में डाला तो दूसरा रूचि की मुंह में डाला.. अब मैं और रूचि एक ही डिल्डो को ब्लो जोब दे रहे थे, और कोमल और रूचि एक ही डिल्डो से अपनी चूत चुदवा रही थी..
फिर मैंने अपनी पोजीशन चेंज करी..
मैं दोनों के बीच में से नीचे गई और अब मैंने दोनों की चूत को एक एक करके चूसना शुरू किया..
वो दोनों एक दूसरे की चूत को डिल्डो से चोद रहे थे और मैं दोनों की चूत बारी बारी से चूस रही थी..
इस तरह कोमल और रूचि एक ही साथ झड़ गये.
दोनों की चूत बारी बारी से चाटी और दोनों की चूत के रस को चूसी..
मैं दोनों की चूत को बारी बारी चूस रही थी तो मैंने देखा की दरवाज़े पे डॉली खड़ी खड़ी सब देख रही है..
डॉली भी अपने अपने स्कर्ट को उठा के पैंटी के अंदर उंगली कर रही थी..
मैंने उसे हटने का इशारा किया..
मिनी – कोमल तू रूचि के साथ कंटिन्यू कर, शायद डॉली आ गई है.. कुछ आवाज़े आ रही थी..
कोमल – जा ना उसे इधर आने मत देना..
फिर रूचि और कोमल दोनों ने अपना खेल कंटिन्यू रखा..
मैं अपना पर्स ले के बाहर आई.. डॉली अपने रूम के दरवाज़े पे खड़ी थी.. मैं उसके बेडरूम में गई.. दरवाज़ा लॉक किया..
मिनी – बेटा, अच्छा हुआ तू आ गई.. चल तुझे गाण्ड की चुदाई के बारे में बताती हूँ..
डॉली – आंटी, आप लोग लेस्बियन सेक्स कर रहे थे..
मिनी – हाँ बेटा, पर तू अभी ये सब मत सोच.. अभी काफ़ी वक़्त है.. अभी तो एंजाय कर.. उम्र के साथ वक़्त आता है जब सब करना पड़ता है..
डॉली – आंटी आप लोग कितना एंजाय करते हो ना सेक्स..
मिनी – तू क्यूँ टेंशन ले रही है, तू भी हमेशा एंजाय करेगी..
डॉली – मम्मी ने मुझे देखा क्या ..?..
मिनी – नहीं, मैंने उसे ये नहीं बोला की तू अंदर देख रही थी.. मैंने बस ये बोला की शायद तू आ गई है और मैं यहाँ आ गई.. अब बता की उस दिन जब गाण्ड में राज लंड डाल रहा था तो क्या प्राब्लम हो रही थी..
डॉली – आंटी, मेरी गाण्ड का छेद इतना छोटा है और राज का लंड इतना बड़ा, उसने काफ़ी कोशिश करी फिर भी लंड मेरी गाण्ड में नहीं गया..
मिनी – देखो बेटा, गाण्ड में लंड डालने से पहले उसे रेडी करना बहुत ज़रूरी है.. मेरे पर्स में एक लोशन है वो निकाल.. देख ये जो लोशन है ख़ास अनल सेक्स के लिए है.. वैसे तो कोई भी आयिल इस्तेमाल कर सकते हैं.. पर मैं तुझे ये दे देती हूँ.. इसे इस्तेमाल करना.. काफ़ी अच्छा काम करता है..
डॉली – कैसे आंटी, मैं नंगी हो जाऊं.. आप दिखाओगे..
मिनी – हाँ उतार..
डॉली – आंटी मेरी गाण्ड में दर्द तो नहीं होगा..
मिनी – थोड़ा होगा बेटा, पर आदत हो हो जाएगी तो फिर एंजाय ही करोगी..
फिर मैंने थोड़ा लोशन डॉली की गाण्ड के छेद में डाला, उसकी गाण्ड की छेद में उंगली डाल के लोशन को अच्छे से गाण्ड में मिलाया..
मिनी – अब गाण्ड को छेद को तू ढीला करना सिख, जैसे नॉर्मल साँस लेती हो ना, सोचो गाण्ड से हवा अंदर ले रही हो और बाहर छोड़ रही हो..
डॉली ने भी अपने गाण्ड की छेद को सिकोडा और फिर फैलाया..
मिनी – हाँ अब जान राज अपना लंड डालेगा तो इस छेद को फैला के रखना..
डॉली – आंटी ये उंगली ही मुझे टाइट लग रही है, लंड कैसे लूँगी..
मिनी – रुक अभी मैं एक डिल्डो डाल के दिखती हूँ.. ये डिल्डो भी तू रख लेना.. राज को बोलना की पहले इसे इस्तेमाल करके गाण्ड की छेद को थोड़ा तैयार करे, फिर अपना लंड पेल..
फिर मैंने डॉली की गाण्ड की छेद में डिल्डो को सुपाड़ा रखा..
उसे छेद फैलने को बोला..
मैंने फिर प्रेशर दिया उस सुपाड़े को अंदर डालने के लिए.. थोड़ी मुश्किल से पर सुपाड़ा डॉली की गाण्ड में चला गया..
डॉली – मम्मी !!! आंटी नहीं जाएगा..
मिनी – जाएगा बेटा, मेन पार्ट जा चुका है.. अब तो बस तू छेद को और फैला और इस डिल्डो को अंदर खींचने की कोशिश कर..
फिर डॉली ने डिल्डो और अंदर लेने की कोशिश करी. मैंने भी और धक्का लगाया और आधा से ज़्यादा डिल्डो उसकी गाण्ड में घुस गया..
डॉली – आंटी, और नहीं..
मिनी – ओ के .. बेटा, इतना काफ़ी है, मैंने इसे अंदर बाहर करती हूँ.. थोड़ा दर्द होगा पर तू कंट्रोल कर..
फिर मैंने डिल्डो को डॉली की गाण्ड के अंदर बाहर करना शुरू किया.. धीरे धीरे डिल्डो ने स्पीड पकड़ ली और अब डॉली की गाण्ड का छेद खुलने लगा था.. मैं धीरे धीरे उसकी गाण्ड को चोदना कंटिन्यू रखा..
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