RE: Sex Chudai Kahani अफ़रोज़ की पड़ोसन संगीता
अफ़रोज़ की पड़ोसन संगीता - 03
संगीता की गंद पे अपना तगड़ा लंड और ज़ोर्से रगड़ते अफ़रोज़ बोला,"यह तू ही बता संगीता की तू कैसे तारे प्यार का इज़हार करेगि.ख्य मैने तारे जिस्म से खेलने के फेल तेरी पर्मिशन ली थी?अब जैसे मै तारे जिस्म के साथ खेकले मेरा तुझे कितना प्यार है यह दिखा रहा हून वैसे अब तू बता तू मुझे कितना प्यार करती है." अफ़रोज़ के दिल मै यह बात आए की 'साली आगर तू मेरा लंड मूह मै लेगी तो मै समझुगा की तू अब मुझे पसंद करने लगी है मेरी कमसिन छीनाल.'संगीता अब मोटे लंड के टच और निपल के दबने से बहुत मचलती है****की हालत बहुत ही खराब हो रही है.शन्गित बहुत मचल रही है और उससे बहुत बेचैनी हो रही है.Wओह सिसकारिया भरते बोली,"क्या करू अफ़रोज़ जिससे तुमको भरोशा हो जाए की मेरा भी तुमपे कितना प्यार है?अफ़रोज़ उम्म मात करो ना श कोई आज्एगा ना प्ल्ीएआआसस्स्सीईई."यह बात सुनके अफ़रोज़ संगीता की पनटी थोड़ी नीचे करते अपनी ज़िप खोलके लंड बहार निकलते उससे संगीता की कमसिन गंद पे रखक्के आहिस्ता-आहिस्ता रगड़ते उसके मम्मे ज़्यादा ज़ोर्से दबाते बोला,"सुनो मेरी संगीता रानी,अगर मै काहु की तू मेरा यह एक बार चूस(यह कहते अफ़रोज़ संगीता का हाथ अपने नंगे लंड पे ले जाता है)तो क्या मेरा यह चुस्के भरोसा दिलाएगी की तू मुझसे कितना प्यार करती है?बोल कविता क्या जवाब है तेरा?"पहले पंत के आंदार से रग़ाद रहे लंड का टच संगीता को बहाल बना चुका था और अब अफ़रोज़ के नंगे लंड को चूके जिसे उसके हाथ गर्म लोहा लगा हो वैसे संगीता हाथ हटती है.ळेकिन पहले बार नंगे लंड को टच करना उससे अक्चा भी लगता है****से अब जिस्म को अफ़रोज़ से मसल लाने मै और माज़ा आ रहा था पर क़िस्सी के आने का डर भी थ.आफ्रोz के लंड से हाथ हटते अपना स्कर्ट नीचे करते बहुत डारते बोली, "अफ़रोज़ मै बोल रही हून ना की ई लोवे उ.Mऐ तुमसे बहुत प्यार करती हून.टुम्को किस भी करूँगी,अब मुझे जाने दो.डेखो यह आइसे मुझे नंगी मत करो और वो मारे हाथ मै मत दो.Pलेअसे होश मै आ जाओ अफ़रोज़."अफ़रोज़ संगीता को अब झुकना चाहता था****से अपना लंड एक बार तो संगीता से आज किस करके लेना ही थ.शन्गित का हाथ दुबारा अपना लंड पे रखते अफ़रोज़ बोला,"हन किस कर पर जान तुझे हाथ रखा है उसको किस करके मुझपे तेरा कितना प्यार है इसका सबूत दो,डोगी मारे उसको एक किस संगीता रानी?दिखा देगी ना तारे दिल मै कितना प्यार है मारे लिए वो किस करके?"संगीता कैसे भी होके अपने आप को अफ़रोज़ के हाथ से चुराते स्कर्ट ठीक करती है.आफ्रोz का नंगा लंड उसके सामने थ.आफ्रोz अपना लंड सहलाते उससे देख रहा थँअzअर लंड पे रखते संगीता अपने मम्मे ब्रा मै डालके अफ़रोज़ का हाथ पकड़ते उसका गाल किस करते बोली,"देख अफ़रोज़ मैने अब तुझे किस भी दिया अब मुझे जाने दे प्लेअसे.Mऐ तुझे कल मिलने ज़रूर आयूंगी पर अब मुझे जाने दे."अफ़रोज़ ने फिर संगीता के मम्मे ब्रा से बाहर निकलते उससे नीचे बिताया और अपना लंड उसके चहेरे पे घूमते ज़रा रौब से बोला,"संगीता अगर तू मुझसे सूचा प्यार करती है तो मेरा लंड चूस रनि.आअज मेरा लंड चुस्के मुझे अहसास दिला की तू मुझे सच मै प्यार करती हैऑहल मूह खोल और मेरा चूसने लग जाओ."चहेरे पे घूम रहे लंड को देखके संगीता अंदर ही अंदर मचलती है. उससे बहुत मज़ा आरहा है इस नये फीलिंग से.Wओह अपना चहेरे पीछे लिए बिना एक बार लंड को किस करके बोली,"अफ़रोज़ यह क्या हुआ है तुझे?आइसे कैसे बिहेव कर रहा है?क्यों नंगा होके यह मारे मूह पे घुमा रहा है?देख अब मैने किस किया ना इससे अब मुझे जाने दे ना,देख कोई आएगा प्लीज़ अब जाने दे मुझे."अफ़रोज़ किस से खुश होके अब थोड़ी जबरदस्त करते लंड संगीता के मूह पे दबाता है.ळुन्द का प्रेकुं संगीता के होतो पे लगता है.शन्गित की गर्दन पकड़के लंड उसके होतो पे रगड़ते उसके नंगी मम्मे मसालते अफ़रोज़ बोला, "आरे रानी सिर्फ़ किस नही,मेरा पोरा लंड मूह मै लेक चुसेगी तो ही तुझे यहा से जाने दुन्ग.शन्गित अब कौन आएगा यहा अब इतने अंधेरे मैऑहलो लेलो मेरा लंड एक बार मूह मै तो जाने दूँगा तुझे मेरी रानी,लेकिन पहले एक बार मेरा लंड चूस."संगीता अब अफ़रोज़ का लंड हाथ मै पकड़के उससे देख रही थि.वोह अब एकद्ूम गर्म हुई थी और उससे यह पता थी की अब अफ़रोज़ छोड़ना भी चाहे तो वो छुड़वा के लेगि.ःओथो पे लगे लंड का प्रेकुं झेब से चटके वो बोली,"आ नही अफ़रोज़ यह तुम क्या कर रहे हो?तुमको भरोसा क्यों नही है?मेने कहा ना मै तुमसे प्यार करती हू फिर मुझे ये करने के लिए बोलके परेशन क्यो करते हो?उउंम नही दूर रहो प्लेअसे.Yएह अब नही कर सकती मै."अफ़रोज़ संगीता की कोई बात माने बिना अब संगीता का मूह खोलके लंड मूह मै डालते सोचा की यह साली छीनाल बहनचोड़ ज़्यादा नखरे करने लगी है साली रंडी. आज तो इससे लंड चुस्वके लूँगा ही. अपना लंड मूह मै दबाते अफ़रोज़ बोला, "हन संगीता,मै जानती हून तू मुझे प्यार करती है लेकिन तू मेरा लंड चूस के मुझे उसका यकीन दिला मेरी रनि.डेख अब लंड मूह मै घुस तो गया है, अब चूस मेरा लॉडा मेरी जान."संगीता लंड मूह से निकलते शर्माके बोली,"उम्म नही,अफ़रोज़ यह मुझे गंदा लग रहा है,मुझे शर्म भी आती है.Yएह काम मुझसे मत कारवओ." लंड मूह पे दबाते संगीता के मम्मे दबके उससे और गर्म करते अफ़रोज़ बोला, "आरे अब शरम कैसे संगीता?तू मेरी बीवी बननेवाली है ना रानी,अपने होने वेल पति का लंड चूसने मै कैसे शर्म?चल मूह खोलके मेरा लॉडा चूस." संगीता अपना मम्मे मसलवाने से और भी मचलती है,पर मूह बंद करके लंड घुसने नही देति.शन्गित की इस हरकत से अफ़रोज़ को गुस्सा आता है और वो संगीता के दोनो निपल्स ज़ोर्से पिंच करते बोला,"ले रानी और अंदर ले मारे मुसलमानी लॉडा,देखो अब अगर तूने मेरा लंड नही चूसा तो मै तुझे पूरी नंगी करके अभी यही छोड़ूँगा." संगीता दर्द से हल्के से चिल्लती हैऑहुदै की बात सुनके वो डार्ती है और अफ़रोज़ को उससे जाने दाने बोलती है.आफ्रोz अब लंड फिरसे संगीता के मूह मै डालते,निपल से खेलते बोला,"हन चूर दूँगा संगीता, लेकिन मेरा लंड चूसने के बाद."और कोई रास्ता नही यह देखके आख़िर मै संगीता मूह खोलके अफ़रोज़ का लंड मूह मै लेती है.आफ्रोz का गर्म सकता लंड उसके मूह मै घुसता है****की टेस्ट ज़रा खराब लगती है पर अब चूसने के बिना उसके पास कोई रास्ता नही थ.आफ्रोz संगीता का सिर पकड़के लंड उसके मूह मै डालते बोला,"चूस मेरा लंड मेरी रानी,कितना गर्म मूह है तेरा,एकद्ूम तारे जिस्म जैस.आcचे से मेरा लॉडा चूस के तू अपने प्यार का भरोसा दिला मुझे.खैसे है मेरा लॉडा संगीता?" अफ़रोज़ संगीता के छोटे-छोटे मम्मे ज़ोर्से दबा रहा था. संगीता के मूह मै बहुत दर्द होता है.ळुन्द बहुत मोटा और लंबा था****से लगा की लंड और मूह मै गया तो मूह फाट जाएगा. जब अफ़रोज़ उसके मम्मे दबाते है तब संगीता उचक जाती है और लंड अcचे से चूसने लगती है
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